गेस्ट हाउस मे बाय्फ्रेंड से चुदी

ही, मेरा नाम रीमा है. मेरी आगे 24 यियर्ज़ की है. मेरा फिग 38 32 36 का है और हाइट 5 फीट 9इंच की है. जिससे मैं देखने में बहुत ही मस्त दिखती हू. और हर कोई मेरा दीवाना हो जाता है.

बात यूयेसेस टाइम की है जब मैं अपने बॉय फ्रेंड के साथ उसके फ्रेंड के गेस्ट हाउस गयी थी. हम शाम के 6 ब्जे गेस्ट हाउस पहुँच जाते है.

यह गेस्ट हाउस एक माउंटन पर बना हुआ है. जिससे नज़ारा देखने के लायक बनता है. गेस्ट हाउस के आस पास कोई भी घर नही है. यहा एक नौकर होता है, जिसका नाम बलराम है. देखने में वो काफ़ी हॅंडसम और हेल्ती है. लगता है यहा का खा खा के पाला है.

थोड़ी टाइम के लिए मैं और मेरा बॉय फ्रेंड जिसका नाम अरणाव है, हम रेस्ट करते है. तभी अरणाव को किसी का फोन आता है.

अरणाव – मुझे थोड़े टाइम के लिए जाना पड़ेगा, कुछ अर्जेंट काम है.

मैं चेंज करके एक सेक्सी जी निघट्य में होती हू. मेरी ब्रा सॉफ नज़र आती है इश्स निघट्य से. ब्लॅक ब्रा पहनी होती है मैने और रेड निघट्य.

मैं – अभी जाना है? मैं यहा अकेली कैसे रहूंगी, मेरा दिल कर रहा है जान प्यार करने का.

अरणाव – तोड़ा टाइम वेट करो मैं बस अभी आता हू जान. और बलराम यही है डरने की कोई जरूर्त नही है. वो तुम्हारा ख्याल रखेगा और कुछ पहन लो उपर से ऐसे मत चले जाना बाहर.

अरणाव स्माइल देता है और एक किस करके मेरी बूब प्रेस करके चला जाता है.

अरणाव कार ले के चला जाता है और मैं अकेली रूम में बेती रहती हू. मुझे गुस्सा आता है अरणाव पे.

तभी बाहर से आवाज़ आती है – मेडम आप कुछ लेगी?

मैं गुस्से से बोलती हू – नही, कुछ नही चाहिए मुझे!!!

मुझे तोड़ा फील होता है के मैं बलराम को ऐसे ही गुस्से में बोल गयी. उसका तो कोई कसूर भी नही है. मैं उपर से एक शर्ट पहन लेती हू जो रूम की अलमारी में पड़ी होती है. और फिर बाहर आती हू.

मैं – बलराम, सॉरी जो मैं तुम्हे ऐसा बोली.

बलराम – नही मेडम कोई बात नही, आपका मूड तोड़ा ऑफ हो गया सिर के जाने से, कोई ना जल्दी आ जाएँगे. कुछ लेंगे आप, आपने तो कुछ खाया भी नही है ना कुछ पिया है अभी तक.

मैं- क्या पिलाओगे तुम बलराम, वाउ यहा का मौसम तो बहुत ही बाड़िया है,इतनी तन्ड़ी हवा, बहुत मज़ा है यहा तो.

बलराम- जी मेडम बहुत अछा मौसम है यहा माउंटन पे हाउस होने की वजह से.

बलराम मेरे लिए कॉफी ले के आता है.

मैं – आओ बेतो यहा मेरे पास.

वो चुप करके बेत जाता है.

बलराम – अपने शर्ट अलमारी से ली, कुछ और पहन लेते ठंड ना लग जाए आप को, हवा बहुत तेज़ है बाहर.

मैं- क्यू शर्ट क्या तुम्हारी है, मुझे यह मिली मैने पहन ली.

बलराम – हन मेडम मेरी शर्ट है, बुत आप पहने रखो आप पे इश्स ग़रीब की शर्ट अची लग रही है.

मैं शर्ट उतार देती हू जिससे बलराम मुझे देखता रह जाता है.

मैं- क्यू पहले कोई लड़की नही देखी क्या ऐसे देख रहे हो तुम मेरी तरफ?

बलराम – सॉरी मेडम आप तो गुस्सा कर गयी, आपने शर्ट उतार दी.

मैं – नही गुस्सा नही बस ऐसे ही उतार दी, ठंडी हवा का मज़ा लेना चाहती हू. बलराम तुम्हे यहा दर्र नही लगता क्या जब अकेले होते हो तुम?

बलराम- नही मेडम मैं तो यही का हू, हममे आदत हो गयी है ऐसे मौहाल में रहने की.

मैं बलराम के पास आ के बेत जाती हू, बलराम चोरी चोरी मेरी तरफ देखता है, पता नही वो कंट्रोल कैसे कर रहा है अपने आप पे, मैं यही सोच रही थी.

तभी अरणाव का फोन आता है:

अरणाव- हेलो जान मुझे आने में टाइम लग जाएगा कार कराब हो गयी है.

मैं- क्या, तो क्या करू यहा पे?

अरणाव- सॉरी जान तोड़ा टाइम वेट करो मेरा.

और फोन कट्ट जाता है.

बलराम- यहा नेटवर्क की बहुत प्राब्लम है, और इतनी जल्दी कार ठीक करने वाला भी नही मिलेगा, यहा पास कोई भी मेकॅनिक नही है, साहिब सुबा से पहले नही आ सकेंगे.

मैं इतना सुनते ही अपना हाथ बलराम की थाइ पे रख देती हू, और कहती हू – अछा तो आज रात हम दोनो ही रहेंगे यहा पर..

बलराम स्माइल देता हुआ – हन मेडम जी हम दोनो को ही रहना पड़ेगा यहा अकेले.

मेरे हाथ रखने से उसका लंड खड़ा हो रहा था सॉफ नज़र आ रहा था बलराम के पाजामे से. मैं बाते करते करते अपना हाथ उसके लंड पे रख देती हू. काफ़ी बड़ा और मोटा होता है बलराम का लंड.

बलराम जल्दी से उठता है और अपना पजमा नीचे कर देता है. नीचे से उसने कुछ भी नही पहना होता है. मैं उसका लंड देखती रह जाती हू, काफ़ी बड़ा था.

वो स्माइल करता है और मेरे पास आ जाता है. मैं उसके लंड पे किस करती हू और कहती हू वाउ तुम तो बहुत बड़े शिकारी लगते हो.

बलराम मेरा सिर पकड़ के अपना लंड मेरे मूह में डाल देता है और कहता है आप को अभी पता चल जाएगा मेडम.

मैं उसका लंड सक करने लग जाती हू, पूरा मेरे मूह में आ रहा था मेरे गले तक जा रहा था. मज़ा आने लगा था मुझे भी.

मैं बलराम का लंड चूसे जा रही थी बाहर ओपन में ही. ठंडी ठंडी हवहा चल रही थी.
बलराम अपना लंड मेरे मूह से बाहर निकलता है और मुझे घास पे लिटा देता है.

मैं- अब यहा क्या करोगे?

बलराम- यही बतौँगा के मैं कितना बड़ा शिकारी हू.

यह कहते वो मेरे उपर आ जाता है और अपना लंड मेरी छूट पे लगता है और फिर अंदर धकेल देता है. जिससे मेरी आ की आवाज़ निकल जाती है. और फिर बलराम मुझे रूम के बाहर ही ओपन गार्डेन में छोड़ने लगता है.

ठंडी हवा में चूड़ने का अलग ही मज़ा आ रहा था, बहुत मज़ा आ रहा था मुझे.

मैं अपनी टांगे फिलाई लेती हुई थी गास पे और मेरे उपर बलराम चड़ा हुआ था. वो मुझे छोड़े जेया रहा था. उसका बड़ा लंड मेरे अंदर तक जेया रहा था.

मैने अपनी एक और देखा वाहा एक बंदर हमे देख रहा था. मैं दर्र जाती हू और बलराम से कहती हू-

मैं – बलराम वो बंदर हममे देख रहा है!

बलराम हेस्ट हुए – उसे भी मज़ा लेने दो ऐसी चुदाई का, वो सोच रहा होगा के क्या माल छोड़ रहा है आज यह हरामी.

यह कहते हुए बलराम मुझे छोड़े जा रहा था. बलराम ने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे उपर आ के मेरे मूह में दे दिया. मेरा सिर ज़मीन से लगा हुया था. बलराम अंदर बाहर करने लगा अपना लंड. कुछ टाइम मेरे मूह छोड़ने के बाद बलराम उठा और मुझे भी उठाया.

रात हो चुकी थी और हम दोनो ऐसे ही लॉन में घूम रहे थे. मैं अब भी निघट्य में थी. बलराम अब मुझे रेस्ट हाउस के रास्ते में ले जाता है गाते के बाहर.

मैं – यहा क्यू लाए?

बलराम – अब यही छोड़ुगा तुम्हे, अपनी कुटिया बना कर.

मैं- क्यू यहा कोई आ गया तो?

बलराम – कोई नही आएगा, तुम्हारा बाय्फ्रेंड सुबह से पहले नही आ सकेगा, बेचारा..

यह कहते हुए बलराम मेरी निघट्य उतार देता है. अब मैं बस ब्रा में ही होती हू. और बीच रोड में मुझे डॉगी स्टाइल में आने को कहता है. मैं बिना कुछ कहे ज़मीन पर अपने हाथ रख कर और घुटनो के बाल हो जाती हू.

बलराम पीछे से आ के मेरी छूट में अपना लंड डालता है. पहले तो धीरे धीरे से छोड़ता है, फिर फास्ट फास्ट छोड़ने लगता है. उसका लंड जब अंदर बाहर होता है तो ऐसा फील होता है के पता नही क्या चीज़ मेरे अंदर तक जेया रही है. बहुत नशा है बलराम के लंड में. बलराम ज़ोर ज़ोर से झटके मार के छोड़े जा रहा है और मैं भी उसका पूरा साथ दे रही हू.

मैं – अया.. आह बलराम तुम तो पूरे सांड़ हो, मुझे तो जन्नत की सैर करा रहे हो. आ आअहह बहुत मज़ा आ रहा है..

बलराम अपना लंड बाहर निकलता है और अंदर ले जाता है उठा के मुझे.

बलराम – तुम जैसी जबरदस्त माल की चुदाई मैने आज तक कभी नही की है. पता नही कैसे तुम्हारा बाय्फ्रेंड तुम्हे यहा अकेला छोड़ के चला गया.

अंदर ले जेया के बलराम मुझे बेड पे फेकटा है और फिर मेरी निघट्य उतार देता है. अब बस ब्रा में हू मैं, मेरे सेक्सी बूब्स देख के ब्रा के उपर से ही दबाने लगता है.

अब मुझे बेड पे घुमा के मेरी ब्रा भी उतार देता है. और खिच कर मेरी गांद बाहर को निकल के मुझे डॉगी स्टाइल में ले आता है. फिर मेरी छूट में लंड डाल देता है और ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगता है. जैसे के उस में कोई आ हैवान आ गया हो.

मेरी – अया अया एआः बेबी आह – की आवाज़े निकल रही थी.

बहुत मज़ा आ रहा था मुझे चूड़ने में, ऐसी चुदाई आज तक मेरी कभी ना हुई थी. रात के 11 भाज चुके थे. मुझे बहुत भूख लगी थी. 8 भजे से मेरी लगातार चुदाई जारी थी. मैं तक चुकी थी.

मैने बलराम से कहा मुझे भूख लगी है, कुछ खाने को दो अब, फिर चुदाई करना मेरी.

वो फ्रिड्ज से शेक ले के आया जो शायद उसने हमारे आने पर बनाया था. हुँने उस टाइम पिया नही था.

बलराम- मेरा काम होने वाला है, पहले यह कर लू फिर तुम पी लेना शेक.

मैं- ओक ठीक है, जल्दी करो अपना काम.

बलराम मेरे उपर आ गया फिर से और ज़ोर ज़ोर से झटके मानरे लगा, बहुत मज़ा आ रहा था मुझे.

बलराम – मैं झरने वाला हू कहा करू?

मैं- मेरे अंदर ही कर दो.

बलराम – नही.

उसने अपना लंड बाहर निकाला और शेक के ग्लास में अपना काम कर दिया. बलराम ने अपना लंड ग्लास में डाल दिया और अया आअहह करने लगा, बहुत सकूँ मिला हो जैसे.

और ग्लास मेरी तरफ करके कहता-

बलराम – पियो मेरी जान, अब और भी मज़ा आएगा तुम्हे पीने में.

मेरी जीतने मज़े से चुदाई हुई थी, मैने बिना कुछ कहे पी लिया शेक, बहुत टेस्टी था शेक. और बलराम के लंड पे शेक लगा हुया था. मैने उसका लंड चूस के सॉफ कर दिया.

मैं – बलराम बहुत मज़ा आया शेक पीने में, और तुमसे चूड़ने में भी.

बलराम- अभी तो मैं और भी छोड़ुगा, तोड़ा वेट करो मेरी रंडी जान.

मैं – अछा मैं तो तक चुकी हू अब.

बलराम- कोई ना ऐसे चुदाई का और पता नही तुम्हे कब मोका मिलेगा, चुड लो याद रखोगी मुझे सारी ज़िंदगी.

थोरे टाइम बाद उसका फिर से खड़ा हो गया था. बलराम ने मुझे इशारा किया लंड की तरफ आने को. मैने बिना देरी किए उसका लंड मूह में लिया और सक करने लगी. लंड एक दूं से बड़ा हो गया जो मेरे गले से टकरा रहा था.

बलराम ने मुझे अपने उपर आने को कहा. मैं उपर आ के लंड पर बेत गयी और उपर नीचे होने लगी. बलराम का लंड मुझे चीरे मेरे पेट तक जा रहा था. बलराम भी नीचे से मुझे छोड़ने लगा.

फिर कभी मुझे घोड़ी बना के कभी बेड पे लेता के कभी मेरी टांगे उठा के छोड़ता. बहुत मज़ा आया मुझे चूड़ने में. और फिर हम 3 भजे सो गये होंगे, बहुत दर्द कर रही थी बॉडी मेरी. ऐसे चुदाई तो मेरी कभी आज तक ना हुई थी, ना ही कभी होगी. बहूय मज़ा आया.

सुबह 8 भजे मेरा ब्फ आया, मैं सोई हुई थी तब तक बलराम जेया चुका था. मैने कहा अब हम चलते है मेरा नही दिल लग रहा यहा. ब्फ का सपना ही रह गया मुझे छोड़ने का. मैं अब ब्फ से चुड के अपना मूड नही कराब करना चाहती थी. बिकॉज़ बलराम की चुदाई ज़बरदस्त थी.