गान्डू बाप बना मेरे लंड का शिकार

हेलो दोस्तों, मैं हार्दिक फिरसे आ गया अपनी अधूरी कहानी को पूरा करने. जैसे की आपने जाना की मैने कैसे रॉनी को छोड़ा और उसका बाप यानी अबीर भी गान्डू था पता लगाया. अब चलिए आयेज कहानी में बढ़ते है.

तो रॉनी का मैने सेलेक्षन कर दिया. अब रॉनी की पर्फॉर्मेन्स भी बहुत अची होता थी. इसलिए मैं उसको अपने साथ-साथ ही रखता था. ताकि जब भी मौका मिले मैं उसको छोड़ साकु.

जब कोई नही रहता था आस-पास, तो मैं उसके मूह में अपना लंड घुसा देता, और कभी-कभी गांद का भोंसड़ा भी बना देता.

ऐसे ही 15 दिन हो गये थे. तो उस दिन अबीर आए थे अपने बेटे रॉनी को लेने. लेकिन अबीर उस दिन शॉर्ट्स में आया था.

सच में, अबीर शॉर्ट्स में इतना हॉट दिख रहा था, की क्या बतौ मैं. रॉनी जितना भी सेक्सी क्यूँ ना हो, लेकिन बाप तो आख़िर में बाप होता है.

अबीर की गोल-गोल गांद और उसके माममे देख के मैं तो पागल हो उठा. लेकिन कुछ कर भी नही सकता था. अबीर को सिर्फ़ देखा और वो रॉनी के साथ चला गया. अगले दिन मैं रॉनी को जब बातरूम में छोड़ रहा था, तब मैं उसके पापा अबीर को ही इमॅजिन कर रहा था. उसी दौरान मेरे मूह से “ऊ अबीर” आवाज़ भी आ गयी. तो रॉनी समझ गया की मैं उसके पापा की गांद मारना चाहता था.

जब छोड़ने का काम ख़तम हुआ, तो मैं रॉनी को बोला-

मे: तुम्हारे पापा सेलेक्षन को लेकर मुझे पूछे थे उस दिन. अब तो तुम सेलेक्षन भी हो गये हो. लेकिन तुम्हारे पापा मुझे एक शुक्रिया भी नही बोले.

रॉनी: सॉरी सिर, मैं पापा को पूछूँगा.

और वो चला गया. अगले दिन-

रॉनी: सिर, पापा को मैं जब पूछा, तो उन्होने आपको सॉरी बोला.

रॉनी: आपको सनडे के दिन दावत पे बुलाया है.

मे (खुश हो कर): सच में?

रॉनी: हा सिर, लेकिन मुझे चार दिन के लिए मम्मी के यहा जाना है. मामा की शादी है ना.

मे: अची बात है. एंजाय करना.

मैं तो बहुत खुश हो गया था, की रॉनी की तरह उसके पापा की भी गांद मारूँगा. बस इंतेज़ार था सनडे का.

फिर सनडे आ गया. जब मैं अबीर के घर पहुँचा, तो दरवाज़ा खुला था.

मैं जब अंदर गया, तो देखा की अबीर के कुछ दोस्त वाहा पे ही थे. वो सोफा पे बैठ कर बातें कर रहे थे. अबीर देख कर मुझे बोला-

अबीर: अर्रे सिर, आप आ गये.

मे: हेलो अबीर जी, जस्ट अभी आया.

अबीर: ई’म सॉरी सिर, आपको शुक्रिया नही बोल पाया.

मे: इट’स ओक, मैने बस मज़ाक में बोला था रॉनी को.

अबीर: सॉरी अगेन, आंड थॅंक्स सो मच सिर, मेरे रॉनी को सेलेक्ट करने के लिए.

मे: ये तो मेरा काम है सिर.

फिर हम खाने के लिए तैयार हो गये.

खाने के वक़्त मैने जब टच करने की कोशिश की, तो वो तोड़ा डाउट करने लगा. लेकिन मैं कुछ ज़्यादा नही कर पाया, क्यूंकी सब थे वाहा. मेरा सब प्लान पानी में चला गया. तो मैं घर चले जाने का सोचा.

मे: थॅंक्स फॉर दावत, अभी चलता हू सिर.

अबीर: इतनी जल्दी क्यूँ सिर? रुकिये ना, थोड़ी बात करेंगे.

लेकिन मैं समझ गया था कुछ नही हो पाएगा. इसलिए

मैं बोला-

मे: इट’स ओक सिर, आप एंजाय कीजिए. मैं जाता हू.

अबीर: ओक सिर.

फिर मैं चला आया घर. लेकिन बहुत तडपा. इसलिए मैने शाम को अबीर को फोन किया और छाई पे बुलाया.

मे: हेलो अबीर जी, आइए घर. छाई के साथ बात भी करेंगे.

अबीर: ठीक है सिर, आता हू.

मैने पूरा प्लान सोच लिया था. इसलिए मैने सिर्फ़ एक अंडरवेर पहन लिया और एक त-शर्ट पहन ली.

मैं तो अकेला रहता हू, तो कोई प्राब्लम नही थी. जब वो आया तो मुझे देख कर वो चौंक गया.

मे: क्या हुआ सिर?

अबीर: आप ऐसे ही?

मे: अकेला रहता हू. मैं अछा नही दिख रहा हू क्या?

अबीर: बहुत अछा है. मस्त बॉडी है.

फिर वो अंदर आया, और मुझे ताड़ता ही रह गया. फिर मैं छाई ले आया और प्लान के हिसाब से मैने थोड़ी छाई उसके उपर डाल दी.

मे: सॉरी सिर, आप कपड़े निकाल दीजिए.

उसने त-शर्ट उतार दी तो उसके बड़े-बड़े माममे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. उसकी नज़र मेरे लंड पे पद गयी. लेकिन मैं तोड़ा और तड़पाना चाहता था.

इसलिए मैने कंट्रोल कर लिया खुद को और बोला: स्टोर रूम में से तोड़ा समान निकालना था, तो हेल्प चाहिए थी.

उसने हा बोल दिया, और हम स्टोर रूम में चले गये.

स्टोर रूम बहुत छ्होटा होने की वजह से हवा नही आ रही थी. तो मैने अपना त-शर्ट निकाल दी. अब सिर्फ़ हम दोनो नीचे का ही पहने थे. मैं अंडरवेर में और वो टवल में था.

मेरा हाथ नही पहुँच पा रहा था, तो मैने उसे उपर की तरफ पकड़ा. फिर वो जब समान निकाल रहा था, तब मेरी साँसे फुल तेज़ हो गयी थी, और मेरा लंड उसकी गांद को फील कर रहा था.

उसने समझ लिया मेरा इरादा. अब वो भी रेडी था. तो वो नीचे हो गया समान उठाने, और मेरे लंड की तरफ उसका मूह आ गया.

मैं अब आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका था. और मैने मेरा लंड निकाल लिया, और उसके मूह में डाल दिया.

अबीर (तोड़ा शॉक हो कर): ये क्या कर रहे है?

मे: चुप भोंसड़ी के, मैं सब जानता हू. रॉनी ने सब बता दिया है तुम्हारे बारे में.

अबीर: क्या बताया सिर?

मे: तुम गान्डू हो, ये भी बहनचोड़.

अभी अबीर भी फुल आक्षन में आ गया.

अबीर: अछा, तो चलो आचे से बताता हू.

अभी वो मेरा लंड पूरा मूह में ले लिया, और पुर 20 मिनिट तक चूस्टा रहा. मेरा पूरा माल भी पी लिया.

दोनो ही पुर पसीने से भीग चुके थे, तो मैं उससे बाहों में उठा कर बातरूम ले गया.

वाहा मैं उसको साबुन लगते-लगते ही गांद में लंड घुसेध के छोड़ता रहा. करीब 50 मिनिट तक छोड़ने के बाद फिरसे मैं झाड़ गया.

फिर हम बाहर आ गये और नंगे ही बेड पे लेट कर सो गये. फिर रात को 10 बजे आँखें खुली तो मैने देखा की वो मुझे देख कर हल्की स्माइल दे रहा था.

मे: क्या हुआ अबीर. हस्स क्यूँ रहे हो?

अबीर: तुम जानवर की तरह छोड़े मुझे. लेकिन अभी एक बच्चे की तरह सो रहे हो. बस हस्सी आ गयी.

तभी मैने उसको अपने पास खींच लिया.

मे: इस बच्चे को भूख लगा है, तुम्हारा डूडू पिलाओ.

अबीर: लो पी लो मेरा डूडू.

फिर मैने उसके पुर माममे खा लिए, और फिरसे लंड खड़ा हो गया, और फिर से एक रौंद चला. रॉनी के गाओं से वापस आने तक हम ऐसे ही दिन-रात सेक्स करते रहे छुट्टी लेकर.

अभी मैं कॉलेज में रॉनी (गान्डू बेटा) को और कभी-कभी रात में अबीर (गान्डू बाप) को बुला कर छोड़ता हू.

तो गाइस ये था मेरा एक सक्चा एक्सपीरियेन्स. कैसा लगा, कॉमेंट करके बताइएगा. थॅंक्स गाइस.