फियॉन्से के साथ होटेल मे सुहागरात

यह स्टोरी मूज़े किसी ने सेंड की है .

हेलो मेरा नाम नाज़िया है, आज मैं आप सब को बटूँगी की केसे मैं और मेरे फियान्से ने सुहग्रात मनाई.

मैं पटना से हूँ और जब मैने इंटर एग्ज़ॅम पास करके ग्रॅजुयेशन मे अददमीससिओं लिया था. उसके कुछ टाइम बाद मेरे एक रिश्तेदार ने मेरे पापा से मेरी शादी उसके लड़के के साथ करने की बात करी.

वो भी हुमारी ही सिटी मे हुमारे बहोट ही पास रहते है, और मेरा फियान्से एक ऑफीस मे काम करता था. इसलिए हम सब को लड़का पसंद आ गया.

बात फाइनल हुई की मेरी ग्रॅजुयेशन करने के बाद हुमारी शादी होगी. मेरे कॉलेज जाने के टाइम हम कभी कभी मिलते थे, कभी हम पार्क मे भी मिलते थे.

उन्होने मुझे किस भी किया पर मैं बुर्क़ा पहने रहती थी, इसलिए काभ लिप्स किस हम न्ही कर पाए थे. उन्होने एक बार मेरे बूब्स पर भी हाथ र्खने की कोशिश करी, मैने उनका हाथ हटा दिया.

हम उसके बाद एक साथ मोविए देखने जाने लग गये, वो बहोट कुछ करने की कोशिश करते थे. पर मैने उन्हे हर बार कुछ भी करने से रोक देती थी.

इसी तरह से टाइम बीतता गया और एक दिन उन्होने मुझे रात को होटेल मे मिलने के लिए बोला. पहले तो मुझे उनकी नियत पर शक हुआ तो वो बोले.

वो – अरे यार कसम से कुछ न्ही करूँगा, सिर्फ़ टाइम पास ही करेगें.

मैं – पर रात को ही क्यो?

वो – यार दिन मे बहोट टेन्षन होती है, रात मे आराम से टाइम पास करेगें.

तो मैं रेडी हो गयइ और फिर मैं बोली – पर मेरे घर वेल रात को मुझे से बाहर न्ही जाने देगें?

वो – उसकी चिंता क्यो करी हो मेरी सूफ़िया ( मेरी एक सहेली को वो भी जानते है) तुम उसे कह देना. वो तुम्हारे घर वालो को दोल देगी की उसके घर पर रात को पार्टी है, और तुम्हे उसके घर जाना ही होगा.

अगले दिन कुछ ऐसा ही हुआ, और मेरे पेरेंट ने मुझे उनके घर जाने की इज़ाज़त दे दी. मैं बहोट आचे से सजी धजी, जेसे मेरी शादी ही हो.

जब मैने जाने लगी तो मेरी अम्मी बोली – बेटी बुर्क़ा पहें कर दो.

कसम से उस टाइम मैं अपने मान मे बोली – क्या अमि आपकी बेटी पहली बारर अपने फियान्से से अकेले रूम मे मीलगी, और आप उसे बुर्क़ा पहना चाहती हो.

खैर मैने बुर्क़ा पहें लिया और मैं घर से निकल गयइ, थोड़ी देर पर ही उन्होने मुझे बिके पर बैठा लिया और वो मुझे अपने साथ एक होटेल मे ले गये.

जब हम रूम मे पहुचे तो मैं देख कर हैरान रह गयइ, क्योकि वो रूम पूरा सुहग्रात की तरह की सज़ा हुआ था. तब तक उन्होने डोर को लॉक कर दिया था.

मैं – ये सब क्या है?

वो – मैने तुम्हे ये सब अछा फील करवाने के लिए किया है. क्योकि आज हम दोनो पहली बार अकेले रूम मे मिल जो रहे है.

फिर उन्होने एक रोमॅंटिक मूसीस लगा दिया, इससे पूरा रूम रोमॅंटिक हो गया और आस पास के रूम से भी सेक्स की आवाज़ेंन आ र्ही थी. एक आवाज़ जो मैं साँझ आई वो कुछ इस तरह से थी ” फक मे अयू राजा लोवे मे.”

ये सब चीज़े मुझे रोमॅंटिक बनाने के साथ गरम भी कर र्ही थी. उस टाइम मैं बेड पर बैठी हुई थी, मैने अभी भी अपना फेस ढाका हुआ था.

फिर वो मेरे पास आए और उन्होने मेरे चेहरे से मेरा बुर्क़ा हटाया, और फिर वो झुक कर मुझे लीप्सस किस करने लग गये. मौसम इतना रोमॅंटिक और गरम था की मैं भी अब केसे शांत रहती.

मैं भी खड़ी हो कर उनको बाहों मे ले कर उनके किस का रिप्लाइ देने लग गयइ. अब उन्होने और प्यार से मुझे किस करना शुरू कर दिया, वो अपने हाथो से मेरी गंद को सहलाने लग गये.

अब तो मैं पूरी गरम हो गयइ थी, पर मैं इतने होश मे थी की किस से ज़्यादा मैं और कुछ न्ही होने दूँगी. वो मुझे किस करते हुए दीवार के पास ले गये और मेरा फेस दीवार की तरफ करके मेरे पीछे वो आ गये.

उन्होने मेरे बुर्क़े के हाज़ीब को उपेर किया और वो मेरी गर्दन पर किस करने लग गये. इस टाइम वो कोशिश कर र्हे थे की उनका लंड मेरी गंद पर फील हो.

और ऐसा ही हो रा था और ये मुझे बहोट मदहोश कर रा था. क्योकि इतना रोमॅंटिक मौसम और गंद पर लंड और बगल वेल रूम से सेक्सी आवाज़ें आ र्ही थी.

ऐसी हालत मे कोई भी कंट्रोल बना कर रखे वो करीब इंपॉसिबल था, फिर भी मैने माइंड सेट करके र्खा की मैं इससे आयेज कुछ न्ही होने दूँगी.

जो मज़ा मुझे आ रा था, मैं उसे भी खोना न्ही चाहती थी. इसलिए मैं इतना करने से उन्हे न्ही रोक र्ही थी. कुछ टाइम बाद उन्होने एक हाथ मेरे बूब्स पर र्खा और मैं उन्हे रोकना चाहा तो वो बोले.

वो – जानू प्लीज़ आज मत रोको.

तो मैने अपना हाथ हटा लिया, फिर उन्होने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरे दोनो हाथ उपेर करके अपने एक हाथ से उन्हे पकड़ कर वो बोले – सॉरी जान पर ये प्यार का टाइम है, इस मे कोई भी रुकवट अची बात न्ही है.

फिर वो एक हाथ से मेरे बूब्स को प्रेस करने लग गये, बगल वेल रूम से अभी आवाज़ें आ र्ही थी उधेर से वो लड़का बोला – जानू कैसा लगा?

लड़की – बहोट अछा.

अब आप सब साँझ ही स्केट है, की उस टाइम मेरे अंदर क्या हाल हो रा होगा. अब धीरे धीरे मैं अपने विर्दोध धीरे करती गयइ, वो साँझ गये की अब विरोध न्ही करूँगी.

तो उन्होने मेरे हाथ छ्चोड़ दिए, मैं भी अपना हाथ उनकी पेत पर दल कर बोली – प्लीज़ ज़्यादा कुछ मत करना.

वो – चिंता मत करो तुम्हे थोड़ी सी भी तकलीफ़ न्ही होने डुगा.

इस बात का मे दो मीनिंग निकले, पर उस टाइम अब मैं उनका साथ दे र्ही थी. अब उन्होने अपनी शर्ट निकल दी और अब वो मेरा बुर्क़ा निकालने की कोशिश करने लग गये.

पर मैने उन्हे रोक दिया, फिर उन्होने मुझे किस करना शुरू कर दिया और साथ ही वो मेरे बूब्स को दबा र्हे थे. अब मैं सिसकिया लेने लग गयइ, अब मैं लोगो की रोमॅंटिक आवाज़ सुन र्ही थी. पर अब बाकी सब मेरी आवाज़ें सुनने वाले थे.

उन्होने किस करते और बूब्स दबाते हुए, कब अपनी पंत और अंडरवेर निकल दिया मुझे पता तक न्ही चला. मुझे ऐएहसास हुआ की उनका लंड मेरे बुर्क़ेके उपेर से मेरी छूट को टच कर रा था.

उन्होने फिर बुर्क़ा निकालने की कोशिश करी पर मैने उन्हे निकालने न्ही दिया. अब उन्होने बुर्क़े को धीरे धीरे उपेर किया और कुछ टाइम बाद बुर्क़ा मेरे बूब्स के भी उपेर तक हटा दिया.

अंदर मैने लहंगा चोली पहनी हुई थी, वो देख कर वो बोले – तुम तो सुहग्रत मानने के मूड मे आई हो.

मैं – हुमारी सुहग्रात शादी के बाद होगी.

इस बात पर वो मुस्कुराए, फिर वो मेरे बूब्स को दबाने लग गये. फिर मैने सोचा की अब इतना बुर्क़ा उपेर हो ही गया है, तो क्यो ना मैं इसे पूरा ही उतार देती हूँ.

मैने कुछ ऐसी आक्टिविटी की जिससे उनको साँझ आ गया, की मैं बुर्क़ा उतरना चाहती हूँ. तो उन्होने उसे बहोट प्यार से उतार दिया, अब हम दोनो एक दूसरे की बाहों मे थे.

वो मेरे बूब्स और पूरे बदन को प्रेस कर र्हे थे, फिर वो मुझे चूमने लग गये और मेरी सिसकिया निकालने लग गयइ. मुझे बहोट ही मज़ा आ रा था, और अब तो मैं इस हालत मे बिल्कुल भी न्ही थी की मैं उनको रोकून.

कहीं ना कहीं आज मैं भी उनकी पूरी तरह से वाइफ बनने के मूड मे थी. उन्होने मेरे मूह के सामने अपना लंड र्खा और वो बोले – इसको प्यार करो.

मैने उन्हे माना कर दिया, फिर उन्होने मुझे एक पॉर्न वीडियो अपने मोबाइल मे देखाई. तो वो फिर से वो ही सब करने लग गये जो वो कर र्हे थे.

अब तो मैं पूरा गरम हो चुकी ही, पॉर्न वीडियो मैने पहले भी देखी थी. पर आज वेसए ही कुछ मेरे साथ होने जा रा था, मैं तो पूरी मदहोश चुकी थी.

जब पॉर्न वीडियो मे वो सीन जब लड़की अपने मूह मे लंड ले र्ही थी, तब मुझे मे भी ये शॉंक आ गया. मैने उनको इशारा किया और जब मैने उनके लंड को हाथ मे लिया तो वो साँझ गये, और अब वो मेरे सामने ऐसे आ गये की मैं उनका लंड आराम से चूस स्कौन.

पहले तो मैने उनके लंड को हाथ मे लिया, और फिर कुछ टाइम बाद मूह मे ले लिया. ये मेरा पहली बार था इसलिए मैं आचे से उनके लंड को चूस न्ही पा र्ही थी. पर जहाँ तक हुआ मैने उनको खुश करना चाहा.

थोड़ी देर बाद वो हटे और पहले की तरह वो मुझे किस और मेरी बॉडी को सहलने लग गये. कुछ टाइम बाद उन्होने मेरी चोली को खोल दिया, मैने उन्हे रोका पर मैं उन्हे रोक न्ही पाई.

कुछ देर बाद उन्होने मेरा घग्रा उतार दिया, अब तो मुझे भी इस बात का एहसास हो गया था की आज मैं बिना सुहग्रात मनाए घर न्ही जा स्काती हूँ.

पर मैं इसे रोकना चाहती थी, फिर मुझे अगला झटका तब लगा जब मुझे एहसास हुआ की उन्होने मेरे जिस्म के साथ खलेटे हुए मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और वो उसे उतरने की कोशिश करने लग गये.

मैने उनको रोका पर उनके आगे मिर एक न्ही चली, अब मैं उपेर से पूरी नंगी हो गयइ थी. अब ँझे अपने आपको बचाने के लिए अपनी पनटी को उतरने से बचना था.

पर थोड़ी देर किस करने के बाद उन्होने अपने एक पैर को इस तरह से मोड़ कर मेरे पैरो को पकड़ा की मेरे पैर भी लॉक रहे और मैने तोड़ा उपेर भी उठी रहूं.

इससे पहले की मैं कुछ समझती उन्होने मेरे दोनो हाथ को अपने हाथो से दबा दिए. और अपने एक पैर से उसे उतरने लग गये, मैं चाह कर भी उन्हे रोक न्ही पा र्ही थी.

आख़िर कर पनटी मेरी गंद के नीचे आ गयइ, अब तो विदॉर्द का कोई फ्यदा भी न्ही था. इसलिए मैने अपना विरोध बंद कर दिया, और उन्होने भी मुझे अपनी पकड़ से छ्चोड़ दिया.

मैं खुद अपने पैरो से पनटी को बाहर निकल दिया. फिर उन्होने मेरी छूट पर हाथ र्ख कर उसे सहलना शुरू कर दिया, मैं सिसकिया लेने लग गयइ.

फिर उन्होने एक उंगली मेरी छूट मे डाल दी, और वो मुझे हल्का सा दर्द हुआ. वो उंगली को अंदर बाहर करने लग गये, फिर उन्होने अपनी दो उंगलिया मेरी छूट मे डाल दी.

मुझे दर्द हुआ, तो मैं बोली – मुझे दर्द हो रा है.

वो – तोड़ा सा दर्द बर्दाश कर लो फिर मज़ा आएगा.

उन्होने उंगली निकली और मेरे नीचे एक तकिया र्ख कर अपना लंड मेरी छूट पर र्ख दिया. फिर से उन्होने मुझे लॉक कर दिया, यानी मेरे दोनो हाथ और दोनो पैर उन्होने अपने हाथ पैर से दबा दिए थे.

फिर उन्होने एक ढाका मारा और मुझे तोड़ा सा पाईं हुआ, थोड़ी देर बाद उन्होने मुझे फिर से ढाका दिया. इस बार मुझे बहोट ज़्यादा दर्द हुआ. थोड़ी देर तक वो लंड को अंदर बाहर करते रहे, कुछ टाइम बाद मेरा दर्द कम हो गया.

अब मुझे अछा लगने लग गया, उन्होने इस तरह कुछ टाइम किया. और फिर थोड़ी देर बाद उन्होने अपना सारा पानी मेरी छूट मे ही निकल दिया. इस नीच मैं भी काफ़ी बार झाड़ चुकी थी.

तो ये थी मेरी चुदाई, उस रात हुँने और प्यार किया. जिस के बारे मे मैं आपको नेक्स्ट स्टोरी मे बटूँगी. आपको मेरी ये कहानी केसी लगी, प्लीज़ मुझे एमाइल और कॉमेंट्स बॉक्स मे लिख कर ज़रूर बताएँ.