दुकान वाले के गान्डू लड़के को चोदने की कहानी

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की कैसे दुकान वाले अंकल और मेरे बीच सेक्स शुरू हुआ. अब आयेज की कहानी.

मेरे पुर बदन में हॉट लेहायर भर गयी. मेरी दोनो जांघें अंकल की गर्दन पे अपने आप लिपट गयी. मेरे होंठो से आहह आ की गरम सिसकारिया निकलने लगी.

अंकल आँखें बंद करके मेरी लुल्ली चूज़ जेया रहे थे, और पूछ-पूछ की आवाज़े आ रही थी. फिर थोड़ी देर बाद वो उठे, और मेरी त-शर्ट निकाल दी, और मेरे गुलाबी सॉफ्ट निपल्स से अपने होंठ सत्ता दिए और खींच-खींच कर सीप करने लगे.

मेरे होंठो से आ आई की सिसकारियाँ निकल पड़ी. सिसकारियाँ लेते-लेते मैने कहा-

मैं: मैं आहह आ समझ गया था अंकल, की तुम मेरे साथ कुछ करना चाहते हो.

अंकल: मैने जिस पल से तुम्हे देखा था, मैं तुम्हे प्यार करना चाह रहा था. आज तुम्हारा ये अंकल तुम्हे बहुत प्यार करेगा.

ये कहते हुए अंकल मुझे यहा-वाहा किस करने लगे. मेरे निपल्स उनकी थूक से पुर भीग गये थे. फिर अंकल उठे, और अपनी शर्ट उतार दी. फिर उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरी हाफ पंत की हुक खोल दी.

उन्होने मेरी पीठ अपनी तरफ करके मेरी पंत नीचे कर दी. फिर मुझे हल्का खड़ा करके मेरी पंत पूरी उतार दी. अब मैं पूरा नंगा उनके सामने खड़ा था. अंकल पीछे से मेरी जांघों को और पुर नंगे बदन को देख कर हैरान रह गये.

उनके मूह से निकला: हाए ग़ज़ब! क्या चीज़ है तू? इतना सेक्सी बदन तो परियो का भी नही होगा.

अपनी तारीफ सुन कर मुझे शरम सी आ गयी. फिर अंकल आयेज बढ़ कर मेरी नंगी गांद पर हाथ फेरने लगे. अंकल खड़े हुए और पीछे से मेरी गांद से चिपक गये, और आयेज हाथ करके मेरे निपल्स चुलबुलाने लगे. साथ ही मेरी गर्दन पे किस्सिंग भी कर रहे थे.

मेरी आँखें बंद थी. फिर अंकल खड़े हुए, और अपनी पंत उतारनी शुरू की. उन्होने अपनी पंत उतार कर निकाल दी. अब वो सिर्फ़ अंडरवेर में थे. अंकल ने आयेज बढ़ कर मुझे अपने से लिपटा लिया, और मुझे झुका कर मेरे फेस को अपने अंडरवेर के उपर रगड़ने लगे.

मुझे भी एक अजीब सा मज़ा आने लगा. मैं भी अंकल के अंडरवेर पर अपने फेस को रगड़ने लगा. फिर अंकल ने मुझे इशारा किया. उनका इशारा था की मैं अब उनके अंडरवेर को उतार डू. मैने उनके अंडरवेर में हाथ फसाया, और उसको नीचे खींचना शुरू किया.

फिर धीरे-धीरे मैने उनके पुर अंडरवेर को बाहर निकाल दिया, और अंडरवेर बाहर निकालते ही उनका बड़ा तन्ना हुआ लॅंड बाहर आ गया. क्या ग़ज़ब का बड़ा लंड था.

मेरी आँखें फैली रह गयी, क्यूंकी मैने इतना बड़ा और चौड़ा लंड बहुत कम देखा था. फिर अंकल ने मुझे कहा-

अंकल: ज़रा इसको अपने होंठो से प्यार तो करो.

मैं उनका मतलब समझ गया, और धीरे से उनके लंड को अपने मुलायम हाथो में थाम लिया. फिर मैने उनके टोपे पर किस किया. उसके बाद उनके टोपे को मैने अपने मूह में भरा, और उसको धीरे-धीरे चूसने लगा.

अंकल की आँखें मस्ती में बंद होने लगी थी, और उनके मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी. फिर धीरे-धीरे मैं उनके लंड को चूसने लगा, और चूस्टा गया. उनके लंड से एक भीनी सी खुश्बू आ रही थी, जो मुझे अची लगने लगी. और मैं उनके लंड को और भी चूस्टा गया.

अंकल मज़े में थे, और मुझे भी मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर के बाद अंकल उठे, और मुझे घोड़ी बना दिया. अब मैं समझ गया क्या होने वाला था. एक लेहायर सी थी, लेकिन अंकल के मुसंद लंड को देख कर घबराहट भी हो रही थी की इतना बड़ा लंड मेरी छ्होटी सी गांद में जाएगा कैसे?

फिर अंकल उठे और पहले से जुगाड़ की हुई तेल की बॉटल उठा कर लाए. पहले उन्होने मेरी गांद के छ्होटे से छेड़ को तेल से भर दिया, और अपनी उंगली से गांद में पेलने लगे. मेरी गांद के छेड़ को आचे से खोल कर वो अपने लंड पर तेल लगाने लगे.

उनका लंड पूरी तरह से भौकल बन गया था. फिर मेरी जांघों को हल्का फैलाया, और अपने लंड को मेरे छ्होटे से च्छेद पर भिड़या. मैने पलट कर अंकल की आँखों में देखा, तो अंकल समझ गये, और मुस्कुरा कर बोले-

अंकल: घबराव मत मेरी जान, मैं तुमसे प्यार करने लगा हू. तुम्हे बहुत प्यार से करूँगा. तुम्हे तकलीफ़ नही, सिर्फ़ मज़ा आएगा.

मैने चेहरा आयेज बढ़ा लिया, और खुद को उनके मुसंद लंड के लिए तैयार करने लगा. उन्होने अपने लंड का टोपा मेरी छ्होटी सी छेड़ पे सेट किया, और एक शॉट मारा. टोपा और गांद दोनो चिकने थे, तो टोपा अंदर फ़ासस गया.

मैं: उंह… उंह… औह… औह…

मेरे मूह से सिसकारी निकल गयी. वो तोड़ा सा रुके, मुझे देखा और मेरे कुल्हो को थाम कर फिर तोड़ा कस्स कर शॉट मार दिया. इस बार पूरा टोपा अंदर घुस गया. मैं:, आआअहह… उईईइ… उईईइ… अँह…

मेरी गर्दन उपर को उठ गयी, और मेरी सिसकारी फिरसे निकल गयी. वो मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगे, और मेरी नरम गांद को भींचने लगे. हाथ नीचे ले-जेया कर वो मेरी लुल्ली सहलाने लगे.

थोड़ी देर में मुझे हल्की राहत मिली. उन्होने मुझे देखा, और फिर मौका देख कर फाइनली एक ज़ोरदार शॉट दे मारा तुप करके. और अंकल का पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया. अंकल के टटटे पुर ज़ोर से मेरी गांद की फांको से आ टकराए.

मैं: आहह ह अंकल…

मेरी चीख निकल गयी. अंकल के भी मूह से आहह निकल गयी. अंकल को मेरी गांद में लंड डाल कर बहुत मज़ा आया होगा. और आता भी क्यू नही, कहा अंकल का मुसंद लंड और कहा मेरा मुलायम छ्होटा छेड़.

मैं: ह… अंकल… इस्श… इष्ह… बहुत बड़ा है आपका.

मेरे मूह से सिसकारी निकली.

अंकल: तुम्हारी गांद भी बहुत मस्त है. कितना टाइट छेड़ है. मैने आज तक तेरे जैसी गांद नही मारी. तू तो मेरी जान बन गयी है (अंकल मस्ती में बोले).

इसी के साथ अंकल ने ज़बरदस्त शॉट मारने शुरू कर दिए. मेरे गोरे मुलायम कुल्हो को थमा, और ज़बरदस्त शॉट मारने लगे तुप तुप तुप करके.

मेरे होंठो से आवाज़ पुर कमरे में गूंजने लगी. अंकल मेरी गांद मार रहे थे, और बोले जेया रहे थे-

अंकल: आहह यॅ, क्या मस्त गांद है रे.

और वो पुर जोश के साथ मेरी गांद मारने लाए. उनके हर झटके के साथ मैं आयेज को हो जाता था. मेरी आँखें बंद थी. मैने गद्दे की आयेज की साइड कस्स कर दोनो हाथो से भींच ली थी, और पीछे मेरी गांद की ज़बरदस्त चुदाई हो रही थी.

फिर अंकल मुझे छोड़ते हुए मेरी गांद पर पताक-पताक तमाचे भी मारने लगे. मेरे सिसकारी सुनते ही उन्होने मेरे चेहरे को पीछे पलताया, और मेरे गुलाबी होंठो पे किस करने लगे. और इधर पीछे वो मेरी गांद मारे जेया रहे थे.

कुछ देर ऐसे ही गांद मारने के बाद अंकल बिस्तर पर लेट गये, और मुझे अपने उपर खींच लिया. हम एक-दूसरे को किस करने लगे. अंकल ने मुझसे अपने निपल चुस्वाए.

फिर अंकल ने मुझे अपने उपर बिता लिया. मेरा फेस उनकी लेग्स की तरफ था. मुझे उठा कर उन्होने लंड मेरे छ्होटे छेड़ पर सेट किया, और शॉट मारा.

फिर से मेरी आहह निकल गयी. अंकल का लंड बहुत ही बड़ा था, और टोपा बहुत ही चौड़ा. चूड़ने के बाद भी मेरी गांद के छेड़ में फ़ासस रहा था. अब मेरी गोरी गांद अंकल के फेस की तरफ थी. मेरे मुलायम हाथ उनके जांघों पर थे.

अंकल मेरी मुलायम गांद पर हाथ फेरते हुए मुझे अपने लंड पर उछाल-उछाल कर पेल रहे थे. धाप-धाप और पट्ट-पट्ट की आवाज़े आ रही थी. और फिर अंकल ने मेरी मुलायम गांद पर छानते बरसा दिए पताक-पताक करके.

उनके चांतो ने मुझमे एक लेहायर दौड़ा दी. अंकल मेरी गोरी गांद को पीछे से देखते हुए छोड़ रहे थे. थोड़ी देर में अंकल उठे, और मेरी गांद से निकाल कर लंड मेरे मूह में दे दिया. मैने लंड चूसा. फिर अंकल ने मेरी गांद पे किस किए, और मेरे टटटे भी छाते.

फिर अंकल ने मुझे एक छ्होटे टेबल पे झुका दिया. मैने हाथ टेबल पर रख लिए, और पीछे अंकल ने मेरी टांगे थोड़ी चौड़ी की, और मेरे गुलाबी छेड़ पर अपने टोपे को रगड़ने लगे.

मेरी सिसकारी फिर गूँजी. मैने मस्ती में आँखें बंद किए टेबल पर सर रख दिया. और पीछे अंकल जैसे चाहे मेरी मस्त गांद के साथ मनमानी कर रहे थे. फिर तभी मैं चौंक पड़ा. पीछे अंकल ने अपने भाले को मेरी गांद में घुसा दिया था.

अंकल मस्ती में बोले: मैं ज़ोर की सिसकारी ले उठा. बहुत क़ास्सी गांद है.

उनको मेरी क़ास्सी गांद में लंड पेल कर बहुत मज़ा आया था.

फिर अंकल ने लंड बाहर निकाला, और फिर पूरा एक साथ पेल दिया. मैं फिर चौंक पड़ा.

फिर अंकल ने मेरे गोरी पीठ को थमा, और तूफान की तरह शॉट्स मारने शुरू कर दिए.

दर्द ही सही, पर अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. इसलिए अब सिसकारियों के साथ हल्ला करते हुए मैं चूड़ने लगा.

मैं: आ आ आ छोड़ो मुझे, मारो मेरी गांद आहह, ज़ोर से मारो.

अंकल: मेरी रंडी, ले-ले मेरा लोड्‍ा, पूरा ले. आहह मेरी रंडी.

वो ये बोलते हुए मुझे ज़ोर से पेलने लगे.

फिर मेरा लंड तंन गया, और मेरा कम निकल गया. लेकिन अंकल थे की पीछे लगे पड़े थे. उनमे ग़ज़ब का स्टॅमिना था.

फिर एक घंटे लगातार तूफ़ानी स्पीड में छोड़ने के बाद अंकल की स्पीड बहुत ज़्यादा बढ़ गयी. वो भेड़िए की तरह मुझे छोड़ने लगे. वो इतने ज़ोर से छोड़ने लगे, की मुझे लगा आज वो मेरी गांद का भरता बना देंगे.

और तभी अचानक वो चीखते हुए मेरी गांद में ही झड़ने लगे. अब मेरी समझ में आया, की उनकी स्पीड इतनी बढ़ क्यू गयी थी.

एक मोटी धार मेरी गांद में झाड़ते हुई मुझे सॉफ महसूस हुआ.

मुझे इतना प्यारा लगा की क्या बतौ. पुर बदन में एक शरशारी सी दौड़ गयी. जितना मज़ा चूड़ने में आया, उतना ही मज़ा उस धार का मेरी गांद में गिरने का आया. मेरी गांद पूरी उस धार से भर गयी थी. अंकल के कम से मेरी पूरी गांद भर गयी थी.

फिर अंकल औंधे मूह मेरी पीठ पर ही गिर गये, और गहरी साँसे लेने लगे. उन्होने अपना लंड अभी भी मेरी गांद से नही निकाला था. उनकी जांघें मेरी जांघों से सट्टी हुई थी. लेकिन कम इतना ज़्यादा था की गांद से लीक हो कर बाहर निकल रहा था. कम मेरी जांघों में बह रहा था.

अंकल मेरी पीठ पर किस कर रहे थे, और मेरे गालो को भी किस कर रहे थे. फिर अंकल ने अपना लंड धीरे से मेरी गांद से निकाला, और गद्दे पर गिर गये.

मैं थोड़ी देर वैसे ही रहा. फिर मैं भी लड़खदाता हुआ उन पर गिर गया. मेरे गिरते ही उन्होने मुझे खुद से लिपटा लिया, और हम एक-दूसरे में गहरी साँसे लेते रहे.

ये एक सॅकी घटना है, और अभी तो ये शुरुआत थी. आयेज और भी काई सेक्सी कारनामे हुए. अगर आपको मेरी सॅकी घटना पसंद आई, तो मुँझे यहा बताए. आपको और भी बहुत कुछ सुनौँगा.