दोस्त की खूबसूरत भाभी को चोद कर रंडी बनाने की

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सलीम है. मैं लुक्कणोव का रहने वाला हू. मेरा एक दोस्त है पंकज, जिसके घर मेरा आना-जाना बहुत है. पंकज अपने भैया और भाभी के साथ रहता है, और पंकज का एक भतीजा है.

उसकी भाभी का नाम सुनीता है. देखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी है. अक्सर सुनीता भाभी मुझसे मज़ाक किया करती थी. ऐसे ही हम लोगों में हस्सी-मज़ाक होता रहता था. एक दिन मैने भाभी से बोला-

मैं: दिल तो करता है आपको पकड़ कर रग़ाद डू.

तो सुनीता भाभी हस्स के बोली: तू मुझे रग़ाद पाएगा?

मैने भाभी से बोला: एक बार मौका तो दो.

तो भाभी ने हस्स के कहा: अछा चल देखती हू तुझे भी.

इस तरह थोड़ी देर मज़ाक होता रहा मेरा और भाभी का. फिर मैं अपने घर चला गया. एक दिन मैं पंकज के घर गया तो वाहा पर केवल उसकी भाभी थी. तो मैने भाभी से पूछा-

मैं: पंकज कहा है?

भाभी बोली: दोनो भाई और भतीजा कही काम से गये है.

तो मैने भाभी से बोला: अछा मैं चलता हू.

सुनीता भाभी बोली: अर्रे रूको सलीम, छाई तो पी लो.

मुझे थोड़ी शरम आ रही थी. फिर मैं अंदर चला गया. भाभी किचन में जेया कर छाई बनाने लगी. फिर मैने और भाभी ने छाई पी. उसके बाद हमारी थोड़ी बातें होने लगी.

भाभी बोली: तू मुझसे लड़ना चाहता है?

तो मैने कहा: क्यूँ भाभी?

वो हासणे लगी. फिर मैं भाभी की बगल में जेया कर बैठ गया, और भाभी के कंधो पर अपना हाथ रखा. भाभी ने मेरा हाथ नही हटाया. फिर मैने धीरे से तोड़ा सा हाथ आयेज बढ़ाया, और भाभी की चूचियों को टच करने लगा.

भाभी हासणे लगी. फिर मैने अपने दोनो हाथो से भाभी की 36″ साइज़ की चूचियों को दबाना शुरू किया. थोड़ी देर दबाने के बाद मैने भाभी का ब्लाउस खोला.

भाभी बोली: देखती हू तू कैसे रगड़ता है मुझे.

फिर मैने भाभी की ब्रा उतरी, तो उनके गोल-मटोल 36″ की चूचे मेरे सामने आ गये. मैं उन्हे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. उसके बाद मैने भाभी के लिप्स पर किस किया और भाभी मेरा साथ देने लगी. फिर भाभी ने मेरी शर्ट पंत सब उतरी, और मेरे सीने को चूमने लगी. मैने भी भाभी की सारी खोल दी.

अब वो केवल मेरे सामने पेटिकोट में थी. फिर मैने पेटिकोट का नाडा खोला, और भाभी बस पैंटी में थी. मैने भाभी की पनटी उतरी, और उनकी छूट पर कोई बाल नही था. फिर भाभी मेरा अंडरवेर उतरा, और मेरा लंड हाथ में पकड़ कर बोली-

भाभी: सलीम ये तो बहुत लंबा और मोटा है.

तो मैने भाभी को कहा: जो है वो आपके सामने है.

फिर भाभी नीचे बैठ गयी, और मेरे लंड को चूसने लगी. 5 मिनिट के बाद मैने भाभी को खड़ा किया. फिर मैने भाभी से बोला-

मैं: भाभी अब आप लेट जाओ.

भाभी बिस्तर पर लेट गयी. फिर मैने भाभी की दोनो पैर खोले, और बीच में आ कर अपना लंड भाभी की छूट पर लगाया. मैने एक शॉट मारा हल्के से, और मेरा आधा लंड भाभी की छूट में चला गया. भाभी के मूह से आहह की आवाज़ आई.

फिर मैं भाभी की चूची दबाने लगा. थोड़ी देर के बाद मैने एक और शॉट मारा, और मेरा पूरा लंड भाभी की छूट में चला गया. भाभी की आँखों से हल्के आँसू निकालने लगे. फिर मैने भाभी के लिप्स पर किस करना शुरू किया. थोड़ी देर के बाद मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया. उसके बाद भाभी भी मेरा साथ देने लगी.

मैने फिर थोड़ी स्पीड बधाई, और भाभी अपनी गांद उठा-उठा कर मुझसे छुड़वाने लगी. फिर मैं भाभी को ज़ोर-सोर से छोड़ने लगा.

भाभी बोली: और ज़ोर से छोड़ो सलीम, और ज़ोर से छोड़ो. बहुत मज़ा आ रहा है.

फिर मैं भाभी की फुल स्पीड में चुदाई करता रहा, और कमरे में पच पच पच की आवाज़े आने लगी. भाभी की आहें निकल रही थी. 15 मिनिट चुदाई के बाद में डिसचार्ज हो गया. मैने अपना सारा माल भाभी की छूट में छ्चोढ़ दिया. फिर हम दोनो लेट गये.

थोड़ी देर बाद भाभी बोली: बहुत मज़ा आया सलीम तुम्हारे साथ. सलीम अब से मैं तुम्हारी रॅंड हू, जब चाहो मुझे छोड़ो.

थोड़ी देर लेते रहने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. फिर मैने भाभी से कहा घोड़ी बनने को. भाभी घोड़ी बन गयी. फिर मैने अपना पूरा लंड एक ही बार में उनके अंदर डाल दिया.

भाभी चिल्लाने लगी: सलीम एक ही झटके में क्यूँ डाला पूरा? दर्द हो रहा है.

मैं: मेरी रानी, अब तो तेरी ऐसी चुदाई ही चलेगी.

फिर मैं भाभी को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा, और भाभी भी अपनी कमर हिला-हिला कर मेरा साथ देती रही. 25 मिनिट की चुदाई के बाद मैने लंड बाहर निकाला, और भाभी से बोला-

मैं: इसे मूह में लो.

और भाभी चूसने लगी. फिर मैं डिसचार्ज हो गया उनके मूह में. भाभी उसके बाद बातरूम में गयी. अपना मूह धोया. फिर बाहर आके बोली-

भाभी: बहुत कमीने हो सलीम. तुम इतनी बुरी तरह से छोड़ते हो.

फिर थोड़ी देर हम लोग साथ बैठे रहे. फिरसे मेरा लंड खड़ा हुआ, तो मैने भाभी को बोला-

मैं: आओ भाभी.

तो भाभी बोली: नही बस, अब बहुत हो गया. तुम कल आ कर कर लेना. आज रहने दो.

फिर मैं भाभी के करीब गया, और मैने भाभी को पकड़ा.

भाभी बोली: सलीम रहने दो आज.

मैने कहा: तुम जैसी खूबसूरत हसीना मेरे सामने हो, तो मॅन नही भरता.

भाभी बोली: मान जाओ ना सलीम.

मैने भाभी की एक नही सुनी, और उन्हे टेबल के उपर बिताया. फिर दोनो पैर खोल कर अपना लंड उनकी छूट पर लगाया, और एक झटके में अंदर डाल दिया. फिर भाभी को मैने छोड़ना शुरू किया. भाभी भी मेरा साथ देने लगी. 15 मिनिट की चुदाई के बाद मैने भाभी को टेबल से उतरा, और उल्टी होने को कहा.

फिर मैने पीछे से उनकी चुदाई करनी शुरू की. मैं 40 मिनिट के बाद डिसचार्ज हो गया, और भाभी वही ज़मीन पर बैठ गयी. मैने बातरूम में जेया कर अपना लंड धोया, उसको सॉफ किया, और कपड़े पहन लिए. थोड़ी देर के बाद भाभी जब उठी, तो वो चल नही पा रही थी. फिर भाभी बातरूम में जेया कर, खुद को सॉफ करके, और कपड़े पहन कर मेरे पास आई. फिर मैने भाभी के होंठो को चूसा.

मैने भाभी को कहा: भाभी आपकी छूट तो बहुत टाइट है. अब इसका मैं भोंसड़ा बनौँगा.

फिर थोड़ी देर बैठने के बाद मैं अपने घर चला गया. अब जब भी मेरा मॅन होता है, मैं भाभी के पास जाता हू, और उन्हे खूब छोड़ता हू.