ही दोस्तों, मेरा नाम लॉविश है, और मैं पुंजब का रहने वाला हू. मेरी आगे 22 साल है, और मैं कॉलेज में पोस्ट ग्रॅजुयेशन कर रहा हू. हाइट मेरी 5’9″ है, और लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. चलिए अब मैं सीधे कहानी पर आता हू.
मेरे बेस्ट फ्रेंड का नाम आदित्या है, और मैं उसको आदि बुलाता हू. हम लोग 6त क्लास से साथ में स्टडी कर रहे है. वो मुझे आचे से जानता है, और मैं उसको. उसकी हाइट 5’10” है, और लंड मेरे लंड जितना ही है.
ये बात 6 महीने पहले की है. मेरे घर के बगल वाले घर में जो फॅमिली रहती है, उसमे हज़्बेंड, वाइफ और उनके 2 बच्चे है. वो लोग 2 साल पहले गाओं से शहर आए थे. उनकी बाकी फॅमिली गाओं में ही है. भैया का नाम समीर है, और भाभी का नाम ज्योति है.
भैया हॉस्पिटल में जॉब करते है, और उनकी कभी दे शिफ्ट होती है, और कभी नाइट शिफ्ट. बच्चे उनके दोनो स्कूल में पड़ते है. भाभी कोई 35 साल की होगी. उनका रंग सावला है, लेकिन बॉडी बिल्कुल गड्राई हुई है.
भाभी का फिगर तकरीबन 36-30-38 है. अब आप खुद ही सोच लीजिए की वो कितनी सेक्सी होगी. मैने उनको कभी गंदी नज़र से नही देखा था. लेकिन ये जो आदि है, उसकी वजह से सब चेंज हो गया. चलिए बताता हू सब कैसे हुआ.
हमारे यहा विनटर्स में पतंगे (काइट्स) काफ़ी उड़ती है. मुझे और आदि को भी पतंगे उड़ाना काफ़ी पसंद है. एक दिन ऐसे ही हम च्चत पर पतंगे उड़ा रहे थे. तभी भाभी च्चत पर कपड़े सूखने आई. भाभी ने सलवार-सूट पहना हुआ था.
वो जैसी ही आई, आदि की नज़र उन पर पड़ी. उसने मुझसे पूछा की ये कों है, तो मैने उसको भाभी के बारे में सब बताया. तभी भाभी बाल्टी से कपड़े निकालने के लिए झुकी, तो उनके शर्ट के गले में से उनके बूब्स लटकते हुए नज़र आने लगे. तभी आदि मुझे बोला-
आदि: यार ये तो माल है यार. इस्पे ट्राइ किया की नही?
मैं: तू पागल है क्या. पड़ोसी है. घर पे पता चल गया तो जूते बहुत पड़ेंगे.
आदि: अर्रे बे पॉज़िटिव. ये सोच की अगर ये मान गयी तो जब चाहे इसको छोड़ सकता है.
मैं: रहने दे, मेरे को पंगा नही लेना.
आदि: मैं तो ले सकता हू. अगर बात बिगड़ी, तो तू बोल देना की मेरे दोस्त को अकल नही है.
मैं: देख ले ट्राइ करके, पर ध्यान से.
फिर वो उनके पास गया, और बात शुरू की-
आदि: नमस्ते भाभी जी.
भाभी: नमस्ते जी.
आदि: आप बहुत अची लग रही है.
भाभी: अछा, थॅंक योउ.
पता नही आदि ने क्या जादू किया, की भाभी उससे हस्स-हस्स के बातें करने लगी. फिर बात ख़तम होते हुए उसने उनसे उनका नंबर भी माँग लिया. भाभी ने भी अपना नंबर दे दिया. फिर आदि मेरे पास आया, और मुझसे बोला-
आदि: भाई ये तो बहुत प्यासी है. ये तो जल्दी ही दे देगी. दोनो भाई मज़े से छोड़ेंगे इसको.
मैं: तुझे कैसे पता.
आदि: अर्रे उसके देखने और बात करने से पता चल जाता है.
अगला एक हफ़्ता नॉर्मली ही निकल गया. एक हफ्ते बाद आदि मुझसे बोला-
आदि: भाई वो भाभी पट्ट गयी है, और वो हम दोनो से चूड़ने को तैयार है. उसने कहा की वो तो कब से चाहती थी की तू कुछ करे. लेकिन तूने कुछ किया ही नही.
मुझे उसकी बात पर यकीन नही हो रहा था. फिर मैने उसकी एक हफ्ते की छत पढ़ी तो मुझे यकीन आया. भाभी हम दोनो के साथ सेक्स करने के लिए रेडी थी. फिर 4 दिन बाद की डटे डिसाइड हुई. भैया के जाने के बाद हमे उसने घर जाना था.
मैने घर पर पढ़ाई का बहाना करके आदि को अपने पास ही रोक लिया. फिर रात के 11 बजे जब सब सो गये, तो मैं और आदि उठ कर च्चत पर गये. वाहा जाके आदि ने भाभी को मेसेज किया-
आदि: भाभी हम दोनो रेडी है.
भाभी: च्चत के दरवाज़े की कुण्डी खुली है, नीचे आ जाओ.
फिर हम अपनी च्चत से उनकी च्चत पर गये. उसके बाद दरवाज़ा खोल कर नीचे चले गये. नीचे भाभी हमारा इंतेज़ार कर रही थी. उन्होने ब्लॅक टाइट लेगैंग्स और उपर रेड त-शर्ट पहनी हुई थी. टाइट कपड़ों में वो बहुत सेक्सी लग रही थी.
भाभी ने हमे आवाज़ ना करने का इशारा किया, क्यूंकी उनके बच्चे सोए हुए थे, जो आवाज़ करने से जाग सकते थे. फिर वो हमे अपने रूम में ले गयी, और अंदर जाके दरवाज़ा बंद कर दिया. उसके बाद वो बोली-
भाभी: अब हम बोल सकते है, क्यूंकी बाहर आवाज़ नही जाती.
तभी आदि बोला: भाभी हम यहा बोलने नही करने आए है.
और ये बोलते ही आदि ने भाभी को अपनी तरफ खींच कर किस करना शुरू कर दिया. भाभी भी उसका साथ दे रही थी. फिर किस करते हुए आदि ने मुझे भी आयेज बढ़ने का इशारा किया. मैं भाभी के पीछे गया, और उनके साथ चिपक कर उनके शोल्डर्स पर किस करने लगा.
फिर मैं नीचे बैठ गया, और मैने उनकी लेगैंग्स नीचे खींच कर निकाल दी. उसके बाद मैने उनकी पनटी भी निकाल दी, और उनके चूतड़ खोल कर छूट चाटने लगा. छूट पर मेरा मूह लगते ही भाभी और वाइल्ड हो गयी, और ज़ोर-ज़ोर से आदि को किस करने लगी.
क्या मस्त स्वाद आ रहा था भाभी की छूट का. कुछ देर ऐसा ही चलता रहा. भाभी की छूट एक-दूं गीली हो चुकी थी. फिर हम तीनो पुर नंगे हो गये, और बेड पर आ गये. मैं बेड पर सीधा लेट गया, और भाभी मेरी टाँगो के बीच अपना मूह लाके मेरा लंड चूसने लगी.
तभी आदि ने पीछे से भाभी की छूट में अपना लंड डाल दिया, और उनको छोड़ने लगा. अब भाभी ह्म ह्म की आवाज़े निकालते हुए लंड चूस रही थी. मैं भी कमर उठा-उठा कर उनके मूह में धक्के दे रहा था.
फिर कुछ देर बाद भाभी मेरे लंड के उपर आके बैठ गयी, और लंड छूट में ले लिया. क्या जन्नत का मज़ा आया मुझे उनकी छूट में लंड जाते ही. फिर वो मेरे लंड पर उछालने लग गयी. उनके बूब्स हवा में उछाल रहे थे, जिनको मैं दबा रहा था.
फिर पीछे से आदि आया, और भाभी की गांद में लंड घुसने लगा. भाभी की चीखें निकालने लगी. वो उसको माना करने लगी लेकिन मैने भाभी को टाइट पकड़ लिया. फिर हम दोनो भाभी के दोनो च्छेदो की जाम कर चुदाई करने लगे. थोड़ी देर में उनको भी मज़ा आने लगा. तकरीबन आधे घंटे की चुदाई के बाद हमने अपने माल से भाभी को नहला दिया. उसके बाद भी हमने 2 बार भाभी को छोड़ा.
अब भाभी हमारी पक्की रंडी है. हम जब चाहे उसको जाके छोड़ लेते है.
दोस्तों अगर मेरी कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे.