कज़िन बेहन की ननद की बुझाई प्यास-2

नमस्ते दोस्तो, मुझे उमीद है की ये स्टोरी भी आपको बाकी सब स्टोरीस की तरह पसंद आएगी. जो लोग नये है मेरी स्टोरी पर, उन लोगो को मेरा नमस्ते.

पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मेहंदी वाले दिन रानी और मेरे बीच की दूरिया बिल्कुल कम हो गयी थी और मैने उसके रसीले होंठो को चूसने और सेक्सी जिस्म को छूने का मज़ा लिया था. अब आयेज-

दूसरे दिन रात की बारात थी. हम लोग मॅरेज हॉल मे गेस्ट्स की खातिर-डारी मे लगे थे. कुछ वक़्त के बाद बारात आ गयी और मई बस रानी को ही ढूँढ रहा था. तभी मैने देखा, की दूल्हे की गाड़ी से रानी उतरती है. उसको देखते ही मेरे दिल मे हुलचल सी होने लगी.

रानी एक गोलडेन लहँगे मे थी और क्या माल लग रही थी. सच पूछो, तो वो अकेले ही क़यामत ढा रही थी. जब उसने मुझे देखा, तो बस एक हल्की सी स्माइल देकर अंदर चली गयी.

उसके बाद मई काम मे बिज़ी हो गया, पर रह-रह कर मई उसको ही देख रहा था. उसकी भी नज़र मुझ पर ही थी. काफ़ी देर के बाद, जब उसने खाना खा लिया और बाकी लोग सब रस्मो मे बिज़ी थे. तब मैने देखा, की वो अपनी मा के पास कुछ बाते कर रही थी.

मई उसको इग्नोर करके नीचे सिगरेट पीने चला आया. अभी मेरी आधी सिगरेट बाकी थी, की रानी की कॉल मेरे फोन पर आई. फिर जब मैने फोन रिसीव किया, तो दूसरी तरफ रानी की मों थी फोन पर. वो मुझसे बोलने लगी-

रानी की मों: विकी अगर तुम फ्री हो, तो रानी को घर छोढ़ सकते हो? उसकी तबीयत ठीक नही है. उसके सिर मे बहुत दर्द है.

जिस पर मई राज़ी हो गया और रानी को फोन देने को बोला. फिर रानी मुझे बोली-

रानी: कहा हो आप?

जिस पर मैने कहा: बस मई नीचे ही हू, तुम आ जाओ.

2 मिनिट मे ही रानी मेरे पास आ गयी और मई अपनी बिके लेकर उसके सामने आ गया. फिर वो मेरी बिके पर बैठ गयी. तब मई रानी से उसके सिर दर्द के बारे मे पूछने लगा, तो वो कुछ बोली नही. मई भी उसके आन्सर ना देने की वजह से आयेज कुछ नही बोला.

हलाकी मेरे मॅन मे बस रानी की खूबसूरती और कल रात हुए रोमॅन्स का सीन चल रहा था. तब तक रानी का घर आ गया, तो रानी बोली-

रानी: मई अम्मी के घर नही जौंगी.

तो मई बोला: फिर कहा जाना है?

जिस पर वो बोली: अर्रे मुझे मेरे घर पर जाना है, क्यूकी इस घर पर काफ़ी गेस्ट्स आए हुए है, इसलिए अभी मई और मेरी बेहन यही रह रही है.

वैसे मई आप लोगो को ये बताना भूल गया, के रानी का भी एक अपना फ्लॅट था, जहा पर वो अपने हज़्बेंड के साथ रहती थी. लेकिन डाइवोर्स के बाद, वो वाहा कभी-कभी जाती थी.

फिर मैने उसको उसके घर पर ड्रॉप कर दिया और वाहा से बिके घुमाने लगा. तभी रानी बोली-

रानी: अंदर नही आओगे क्या ?

तो मई बोला: रात के 1 बाज रहे है और हॉल मे मुझे काम भी होगा.

फिर रानी ज़िद करने लगी, तो मई उसको मस्ती मे ही बोला-

मई: इतनी रात मे मई घर गया, तो कुछ गड़बड़ हो जाएगी .

तब रानी मुझे बोली: सच मे तुम बहुत बुद्धू हो. मई अपने भाई की शादी के बीच से चली आई, वो भी सिर दर्द के बहाने से. और अपने खाली फ्लॅट पर तुम्हे बुला रही हू. और अब तक तुम कुछ समझ नही रहे. अब क्या मई खुल कर सब कुछ तुम्हे बोलूँगी, की मई क्या चाहती हू?

ये सुन कर मानो मेरी लॉटरी लग गयी. मैने फ़ौरन बिके को साइड किया और और उसके साथ बिल्डिंग के अंदर आ गया. सेकेंड फ्लोर पर रानी का फ्लॅट था. रानी ने गाते खोला और मेरे हाथ को पकड़ कर अंदर ले गयी. रूम मे बिल्कुल अंधेरा था. फिर रानी ने पहले लाइट ओं की, और फिर गाते को लॉक कर दिया.

उसके बाद उसने सीधा मुझे हग कर लिया. मैने उसको बोला-

मई: काफ़ी चालाक हो तुम तो. ये बात मुझे पहले बतानी चाहिए थी.

तो रानी बोली: मई कल रात से ही तुम्हारे लिए बेचैन हू. पर क्या करू, सब कुछ बोलने मे शर्मा रही थी. और कल वाहा सब कुछ पूरा करना पासिबल नही था.

मैने उसकी कमर को पकड़ा हुआ था और उसकी बाते सुनते-सुनते उसको एक ज़ोरदार किस कर लिया. शायद उसको इस बात का अंदाज़ा नही था, की मई उसको अचानक से किस कर लूँगा .

वो इससे तोड़ा चौंक गयी, पर फिर किस मे मेरा साथ देने लगी. कुछ देर हम दोनो वैसे ही खड़े-खड़े एक-दूसरे को किस करते रहे. उसके बाद रानी मेरा हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम मे ले गयी और मेरी शर्ट की बटन खोलने लगी.

मुझे यकीन ही नही हो रहा था, की मई इतनी खूबसूरत लड़की के साथ एक अकेले रूम मे था. फिर रानी ने मुझे बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और मुझ पर चढ़ कर मेरी चेस्ट पर और गले पर पागलो की तरह किस और बीते करने लगी.

एक हाथ से वो मेरे लंड को कपड़े के उपर से ही मसालने लगी और फिर उसने मेरी पंत उतार दी. फिर वो मेरे लंड से खेलने लगी. वो कभी मेरे लंड को पकड़ के हिलाती, तो कभी सहलाती. मई बस चुप-छाप मज़ा ले रहा था.

फिर रानी ने मेरे घुटनो पर बैठ कर, अपने लहँगे के उपर का टॉप उतार दिया. उसने अंदर एक वाइट ब्रा पहन रखी थी, जिसको देखते ही मैने रानी के बूब्स अपने हाथ से पकड़ लिया और उसके बूब्स को ब्रा के उपर से ही मसालने लगा.

मई अब रानी के सामने पूरा नंगा था . फिर मैने भी रानी की ब्रा को खोल दिया और उसकी ज्यूयलरी को खोलने लगा. फिर आहिस्ते-आहिस्ते मैने भी रानी को पूरा नंगा कर दिया. क्या बतौ दोस्तो, क्या नज़ारा था मेरे सामने. मई लफ़ज़ो मे नही बता सकता. अगर आपको रानी को देखना है, तो आप मुझे मैल करके उसकी पिक माँग सकते है.

फिर रानी मेरे लंड को अपने हाथ मे लेकर हिलाने लगी. तो मई उसको बोला-

मई: क्या बात है? तुम्हे मेरा लंड हिलाने मे ज़्यादा मज़ा आ रहा है?

तो रानी मुझसे बोली: 2 साल से मई इसके लिए तरस रही हू. आज 2 साल के बाद ये मेरे हाथ लगा है. इसलिए मई इसको छोढ़ना नही चाहती.

मैने रानी को कहा: तो इसको खा लो ना. मई कहा बोल रहा हू, इसको छोढ़ दो. इसको अपने मूह मे लेकर चूसो, तुम्हे मज़ा आएगा.

तब रानी मुझे बोली: इससे पहले मैने कभी मूह मे नही लिया है.

और ये बोल कर वो मुझे माना करने लगी. फिर वो मेरे लंड को अपने दोनो बूब्स के बीच मे डाल कर हिलाने लगी. ऐसा लग रहा था, मानो उसको लंड नही, कोई ख़ज़ाना मिल गया हो. तब मैने उसको दोबारा से लंड चूसने को कहा.

इस बार उसने माना नही किया और मेरे लंड की साइड-साइड पर किस करने लगी और आहिस्ता-आहिस्ता अपनी ज़ुबान से सहलाने लगी. मई तो पागल हो रहा था और उसके खुले हुए बालो को पकड़ रहा था.

फिर जब मुझसे बर्दाश्त नही हुआ, तो मैने रानी के सिर को पकड़ कर उसके मूह मे अपना लंड डाल दिया और उसको अपना लंड चुसवाने लगा. शुरू-शुरू तो वो ठीक से नही चूस रही थी, पर कुछ ही देर मे वो लंड को काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.

मई अब सातवे आसमान पर था. कुछ देर चूसने के बाद, वो मेरा लंड मूह से नकाल कर बोली-

रानी: यार काफ़ी टेस्टी है तुम्हारा लंड. तुम्हारे लंड के छेड़ से समंदर की पानी की तरह एक कटरा पानी निकला, जो बहुत सुकून दे रहा है.

तो मई बोला: वो तो फर्स्ट कम वॉटर था. तुम बस चूस्टी रहो. मई तुम्हे पूरा समंदर पीला देता हू.

ये सुनते ही उसने एक कातिलाना स्माइल दी और फिरसे मेरे लंड को मूह मे भर कर चूसने लगी. 15 मिनिट ऐसे ही लंड चुसवाने के बाद, मेरा पानी गिरने के बिल्कुल करीब था. तो मई रानी के सिर को पकड़ कर अपना लंड उसके मूह मे घुसाने लगा, जिससे मेरा लंड उसकी हलाक तक चला गया. और मेरे लंड ने अपना पानी उसके मूह मे ही गिरा दिया.

रानी भी मेरे लंड के पानी को मज़ा ले ले कर पी गयी और फिर उसने मेरे पुर लंड को चाट-चाट कर सॉफ कर दिया. मई शांत हो चुका था और फिर रानी बोली-

रानी: ये क्या? मेरी प्यास अधूरी ही है और तुम शांत हो गये?

तो मई बोला: तुम इतना घबरा क्यू गयी हो? अभी मई तुम्हारी प्यास बुझता हू. आज तो तुम्हे मई ऐसे छोड़ूँगा, के कल तुम्हे चलने मे दिक्कत होगी.

जिस पर वो मुझे ये कह कर उकसाने लगी-

रानी: देखती हू, की तुम्हारे केले मे कितना दूं है. जो मेरे मूह की गर्मी से ही पिघल गया, वो मेरे अंदर की गर्मी कैसे सहेगा?

उसकी बाते सुन कर मई जज़्बाती हो गया और उसको बेड पर लिटा कर उस पर चढ़ गया और बोला-

मई: रुक साली, आज देख मई कैसे तेरी छूट फाड़ता हू.

और ये बोल कर मई उसके होंठो पर किस और बीते करने लगा. मई उसके गले पर दाँत चुभाने लगा और रानी बूब्स को मूह मे भर कर चूसने लगा. मई उसकी चेस्ट पर दाँत के निशान डाल चुका था और उसके बूब्स को बुरी तरह चूस रहा था.

रानी के बूब्स से दूध निकल रहा था, जिसका टेस्ट बहुत मस्त था. वो बोल रही थी-

रानी: पी जाओ मेरे दूध को. आज से ये सब कुछ तुम्हारा है. निचोड़ लो सारा दूध मेरा.

उसके मूह से ऐसी आवाज़े मुझमे और भी जोश भर रही थी. फिर मई रानी के दोनो पाओ के बीच आया और उसकी छूट को फर्स्ट टाइम देखा, जो बिल्कुल गुलाबी थी. मुझसे रहा नही गया और मई उसकी छूट मे मूह लगा कर उसकी छूट ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.

रानी की छूट से पानी निकल रहा था, जिससे उसकी छूट बहुत नमकीन हो चुकी थी. मई मज़े ले ले कर रानी की छूट पी रहा था. रानी भी अजीब-अजीब आवाज़े निकाल रही थी.

रानी: आअहह… ऊओह.. उउंम्म..

खा लो इसको और घुस जाओ मेरे अंदर. आज से तुम विकी नही, तुम मेरे राजा हो. और ये सब खाते-खाते, वो झड़ने लगी और मई रानी की छूट का सारा अमृत-रस्स पी गया.

अब बारी थी रानी को असल मज़ा देने की, जिसके लिए वो तड़प रही थी. मैने एक तकिया उसकी कमर के नीचे सेट किया और उसके दोनो पाओ फैला कर अपना लंड उसकी छूट की छेड़ पर सेट कर लिया. रानी मेरी कमर पर हाथ फेर रही थी, मानो उसको बहुत जल्दी थी अपनी छूट मे मेरे लंड को लेने की. फिर रानी बोली-

रानी: आराम से करना, काफ़ी दीनो के बाद मई सेक्स कर रही हू.

मैने रानी की बातो का कोई जवाब नही दिया और लंड झटके से अंदर डाल दिया. रानी ऐसे चीख पड़ी, जैसे की मैने उसकी सील तोड़ डाली हो. पर मई रुका नही और धक्के पर धक्का लगता रहा.

रानी कुछ धक्को के बाद ही शांत हो गयी और कमर को उपर उठा-उठा कर मेरे लंड को अपनी छूट के बिल्कुल अंदर तक ले रही थी. उसके मूह से बस आहह आहह उउउहह की आवाज़े निकल रही थी. उसकी आँखें उपर की तरफ चढ़ि हुई थी. मई एक ही पोज़िशन मे रानी छूट छोड़ता रहा.

20 मिनिट गुज़र चुके थे और रानी भी अब तक काई बार झाड़ चुकी थी. अब मेरा भी पानी निकालने वाला था, तो मैने रानी से पूछा-

मई: कहा निकालु?

तो वो बोली: तुम्हारी मर्ज़ी.

मैने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और रानी मेरे सिर को पकड़ कर मेरे लीप पर ऐसे किस करने लगी, जैसे की मुझे खा लेना चाहती हो. ऐसे ही करते-करते 20 झटको के बाद, मई अपना कंट्रोल खो बैठा और रानी की गुलाबी छूट के अंदर अपना सारा पानी गिरा दिया.

रानी भी शांत हो चुकी थी और रूम मे एक-दूं सन्नाटा छा गया था. उसके बाद भी हम दोनो का मॅन कर रहा था, के दूसरा रौंद शुरू करे. लेकिन मुझे हॉल भी वापस आना था.

इसलिए रानी ने मुझे दूसरी बार करने का वादा लिया और फिर मुझे ढेर सारे किस दिए. उसके बाद मैने कपड़े पहने और तैयार हो कर निकल गया.

तो दोस्तो मेरी स्टोरी कैसी थी? ये आप लोग कॉमेंट या मैल मे ज़रूर बताना और कोलकाता से जिन लड़कियो या भाभियो को मेरी ज़रूरत हो, वो मुझे मैल कर सकती है. मई उनकी हर बात प्राइवसी मे रखूँगा.

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