देसी गर्ल को कॉलेज हेड ने लेज़्बीयन बना दिया

ही दोस्तो, मेरा नाम है प्रिया. मैं कॉलेज में पढ़ती हू. मेरी आगे 21 साल है, और मैं 2न्ड एअर की स्टूडेंट हू. मेरा फिगर 34″28″36″ है, और मैं एक लेज़्बीयन हू.

लेकिन मैं शुरू से ऐसी नही थी. मेरे लेज़्बीयन बनने में मेरी टीचर रेखा माँ का बहुत बड़ा हाथ है. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

मेरी फॅमिली में मों, दाद, और एक बड़ा भाई है. मुझे बचपन से ही काफ़ी रिस्ट्रिक्षन्स में रहना पड़ा था, इसलिए मेरा कभी कोई बाय्फ्रेंड नही था. मेरी स्टडी गर्ल्स स्कूल में ही हुई, और आयेज भी मुझे गर्ल्स कॉलेज में ही दाखिल करवाया गया.

ये बात पिछले साल की है. फाइनल एग्ज़ॅम्स के ड्यूरिंग मेरी तबीयत काफ़ी खराब हो गयी थी. इस वजह से मैं एग्ज़ॅम्स के लिए प्रिपेर नही कर पा रही थी. मुझे पता था, की मैं फैल होने वाली थी. मैं ये भी जानती थी, की अगर मैं फैल हो गयी, तो मेरे पापा मुझे जान से मार देंगे.

अब मैं क्या करती, मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था. फिर मेरे दिमाग़ में हमारी होड़(हेड ऑफ डिपार्टमेंट) रेखा माँ का ख़याल आया.

रेखा माँ का कॉलेज में काफ़ी होल्ड है, और एग्ज़ॅमिनेशन की सारी ड्यूटीस वही डिसाइड करती है. मैं जानती थी, की अगर वो चाहे, तो एग्ज़ॅम में मेरी हेल्प हो सकती थी.

आयेज बढ़ने से पहले मैं आपको रेखा माँ के बारे में बता देती हू. रेखा माँ 30 साल की एक डिवोर्स्ड लेडी है. वो दिखने में बहुत खूबसूरत है, और कॉलेज का हर प्रोफेसर उन पर मरता है. लेकिन रेखा माँ किसी के हाथ नही आती है.

उनका फिगर 36″28″38″ है. वो ज़्यादातर सारी ही पहनती है. जब वो चलती है, तो उनके बूब्स और गांद मस्त तरीके से हिलते है. अब कहानी पे वापस आती हू.

फिर मैं उनके ऑफीस में गयी. मैने दरवाज़े पर नॉक किया, और अंदर जाने की पर्मिशन माँगी-

मैं: मे ई कम इन मेडम?

रेखा माँ: एस, कम इन.

मैं: गुड मॉर्निंग मेडम.

रेखा माँ: गुड मॉर्निंग. वॉट दो योउ वॉंट?

मैं: माँ मैं एक प्राब्लम में हू, और मुझे आपकी हेल्प चाहिए.

रेखा माँ: हा बोलो क्या प्राब्लम है?

मैं: माँ मेरी तबीयत खराब होने की वजह से मैं एग्ज़ॅम्स के लिए प्रिपेर नही कर पाई. अब मैं फैल हो जौंगी. और अगर मैं फैल हुई, तो मेरे पापा मुझे जान से मार देंगे. तो क्या आप मेरी कुछ हेल्प कर सकती है?

रेखा माँ: कैसी हेल्प?

मैं: माँ टीचर्स को ड्यूटीस आप असाइन करते हो. अगर एग्ज़ॅमिनेशन हॉल में अगर मेरी कुछ हेल्प….

और ये बोल कर मैं चुप हो गयी. फिर वो बोली-

रेखा माँ: अछा तो तुम ये चाहती हो, की मैं एग्ज़ॅम में तुम्हारी हेल्प कार्ओौ, जिससे तुम पास हो जाओ?

मैं: प्लीज़ माँ, प्लीज़.

रेखा माँ: वैसे तो मैं ये नही करने वाली. लेकिन अगर फिर भी मैं ये करू, तो मुझे क्या मिलेगा?

ये बोल कर रेखा माँ अपनी चेर से खड़ी हो गयी, और मेरे पास आके खड़ी हो गयी. उन्होने ब्लू कलर की सारी पहनी हुई थी, और उनके ब्लाउस में से उनकी क्लीवेज दिख रही थी.

मैने ब्लॅक लेगैंग्स के साथ रेड कलर का शर्ट पहना था. फिर वो मेरे फेस के बिल्कुल पास आ गयी, और उन्होने दोबारा पूछा-

रेखा माँ: बोलो मुझे क्या मिलेगा?

मैं: मेडम, मैं आपको क्या दे सकती हू?

तभी उन्होने मेरे होंठो पर एक हल्की सी किस की, और बोली-

रेखा माँ: अब तो तुम समझ गयी होगी, की मैं तुमसे क्या चाहती हू?

उनकी एक किस से मेरी साँसे तेज़ हो गयी. ये मेरी लाइफ की पहली किस थी, और मुझे बहुत मज़ा आया था. फिर मैने भी अपने होंठ उनके होंठो से चिपका दिए.

उन्होने मुझे कस्स के अपनी बाहों में पकड़ लिया, और हम दोनो ने पागलो की तरह एक-दूसरे को किस करना शुरू कर दिया. वो मुझे किस करते हुए अपने हाथ मेरी गांद पर ले गयी.

मैने भी उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए. अब हम दोनो की साँसे तेज़ हो चुकी थी. फिर वो मुझसे डोर हुई, और उन्होने अपने ऑफीस के दरवाज़े की कुण्डी लगा दी. उसके बाद वो मेरे पास आई, और उन्होने अपना दुपट्टा अपने बूब्स से हटा दिया.

वो मुझे किस करने लगी, और किस करते हुए उन्होने मेरे मूह को अपनी क्लीवेज में दबा दिया. क्या खुश्बू थी उनकी ब्रेस्ट की, एक-दूं मस्त. फिर उन्होने मेरा शर्ट और लेगैंग्स उतार दी. अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी.

उन्होने भी अपना ब्लाउस और पेटिकोट उतार दिया. फिर उन्होने मुझे टेबल पर बिताया, और मेरी पनटी निकाल दी. मेरी कुवारि छूट को देखते ही वो खुश हो गयी. उन्होने मेरी छूट को चाटना शुरू कर दिया.

ये पहली बार था, जब मेरी छूट कोई चाट रहा था. मुझे स्वर्ग जैसा फील हो रहा था, और मैं उनके सिर को अपनी छूट में दबा रही थी. फिर उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरी ब्रा उतार दी. उन्होने अपनी भी ब्रा उतार दी.

फिर उन्होने मुझे गले से लगाया, और मुझे किस करते हुए अपने बूब्स मेरे बूब्स के साथ रगड़ने लगी. मैं तो मज़े से पागल हो रही थी. साथ में वो मेरी गांद दबाए जेया रही थी.

फिर उन्होने भी अपनी पनटी उतार दी, और मुझे घुटनो पर बिता लिया. उसके बाद उन्होने अपनी छूट मेरे मूह के सामने कर दी. मैं समझ गयी, की मुझे अब क्या करना था. मैने अपनी जीभ मूह से निकाली, और उसको उनकी छूट पर लगा लिया.

जीभ लगते ही उनकी सिसकी निकल गयी. फिर मैं उनकी छूट को ज़ोर-ज़ोर से चाटना शुरू कर दिया. वो मेरे सिर को अपनी छूट में दबा रही थी, और उनकी छूट से धड़ा-धड़ पानी बह रहा था.

फिर उन्होने मुझे नीचे लिया, और खुद मेरे उपर आ गयी. अब हम 69 की पोज़िशन में थे. वो मेरी छूट चाटने लग गयी, और मैं उनकी छूट चाट रही थी. उन्होने अपनी उंगली मेरी छूट के दाने पर रखी, और उसको मसालने और हिलाने लग गयी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मेरी बॉडी में वाइब्रेशन हो रही थी. मैं भी फिर उनके साथ वैसा ही करने लगी. इससे उनकी भी ज़ोर की आहें निकल रही थी.

20 मिनिट हम ऐसे ही एक-दूसरे की छूट के साथ खेलते रहे. हमारी छूट से इतना पानी निकल रहा था, की हमारी जांघे तक गीली हो गयी थी. फिर रेखा मेडम का शरीर काँपने लगा, और उनकी छूट ने एक ज़ोर की पिचकारी छोढ़ी.

मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. मैने उनकी छूट से उनका सारा माल चाट कर सॉफ कर दिया. उन्होने भी मेरा सारा पानी पी लिया. फिर हमने कपड़े पहने, और रेखा मेडम बोली-

रेखा मेडम: एग्ज़ॅम की टेन्षन मत लेना. तुम पास हो जाओगी.

ये सुन कर मैं खुश हो गयी. उस दिन से हम दोनो का रिलेशन्षिप स्टार्ट हो गया, और हम थोड़े दीनो बाद एक-दूसरे के साथ सेक्स करते है.

तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.