चुदक्कड़ औरत की जीजा से शादी का सच

तीन चार दिन पहले ही मेरे एक दोस्त ने रेखा को चोदने की बात की थी। विनोद ने रेखा को चोदा कि नहीं मुझे नहीं मालूम, लेकिन मैंने उसके ही घर में उसके ही बेड पर रेखा को चोदा। मुझसे चुदवाने के लिए रेखा ने अपने पति को गहरी नींद आने वाली कोई दवा दे दी थी। हमने पहली चूदाई अरविंद सर के बग़ल में ही की।

पहली चुदाई में हम दोनों झड़े। मेरे कहने पर वो कुतिया के पोज़ में भी चुदवाने को रेडी हो गई। वो लिविंग रूम के सोफ़ा पर दोनों हाथ के सहारे कुतिया के पोज में हो गई। सामने से रेखा बहुत सुंदर तो थी, लेकिन कुतिया के पोज में उसकी चिकनी पीठ, मस्त सुडौल कसे हुए चूत्तड़, और बहुत ही आकर्षक जांघें थी।

मैं: उफ़ रेखा कितनी सुंदर हो! ज़रूर ही बहुत से लोगों ने तुझे चोदा होगा। मेरे दोस्तों में से भी किसी ने चोदा है क्या?

मैं उसके पीछे बैठ कर चूत्तड़ों को सहलाया और चूत्तड़ों पर लगातार कई चांटा मारा। रेखा ने पीछे घूम कर नहीं देखा।

रेखा: मादरचोद पहली बार औरत को चोदा है इसलिए छोड़ देती हूं। लेकिन अपने दिमाग़ में इस बात को बिठा ले। मुझसे पूछ लिया सो पूछ लिया, फिर कभी किसी से भी, अपनी घरवाली और बेटी से भी मत पूछना, कि उसे किसने चोदा है, या कुतिया किससे चुदवाती है। औरत के लिए इससे ज़्यादा गंदी गाली और कुछ नहीं है। तुम्हें कितना भी प्यार करती होगी, लेकिन अगर तुमने उससे उसकी चुदाई या उसके यारों के बारे में पूछ लिया, तो वो फिर तेरा चेहरा भी नहीं देखेगी। जैसा चांटा मारा था फिर से मार, बढ़िया लगा था।

बोल कर रेखा चूत्तड़ों को हिलाने लगी। मैंने दुबारा उसे कई चांटा मारा और फिर दोनों चूत्तड़ों को सहलाते हुए, गांड की फांक को फैलाते हुए, बहुत देर क्लिट से लेकर गांड के छेद तक बहुत देर तक चाटा और चाटते हुए बीच-बीच में चूत्तड़ पर चांटा मारता रहा। लंड पूरा टाईट हो गया। मैंने एक हाथ से रेखा के एक कंधे को पकड़ा और दूसरे हाथ से लंड को पकड़ कर बूर के छेद पर दबाया। तीन चार धक्के में ही लंड की पूरी लंबाई बूर के अंदर हो गई।

रेखा: अमित, सही में जिसने भी तुमसे कहा है ठीक ही कहा है। इस पोज में लंड की ज़्यादा लंबाई बूर के अंदर तक जाती है। आह, सच बहुत मज़ा आ रहा है।

मैं चिकने बदन को सहलाते हुए अपनी पूरी ताक़त से पेलता रहा। मैं रेखा के बारे में जानना चाहता था लेकिन उसने जिस तरह मुझे डांटा, मैं चुप रह कर ही चोदता रहा।

रेखा: बग़ल से दोनों हाथ घुसा कर चूचियों का भी मज़ा लो। मुझे मालूम है कि मेरी चूचियां तुम्हारे साथ पढ़ने वाली संगीता और रचना से ज़्यादा टाईट है। मैं गारंटी के साथ कह सकती हूं, कि वो दोनों चुदवाती है। तुमसे पूछना ही बेकार है कि तुमने उन दोनों में से किसी को चोदा है कि नहीं। अरे यार, सुंदर दिखते हो, कॉलेज के स्वीमिंग चैम्पियन हो, कोशिश करोगे तो आराम से वही दोनों नहीं, कई दूसरी भी तुमसे पट जायेगी।

रेखा: अगर मुझे कमीशन दो, इनाम दो, तो बहुत जल्दी कॉलेज कंपाउंड में रहने वाली औरतों को मालूम पड़ जायेगा कि अमित कुमार झा बहुत बढ़िया चूदाई करता है। उसका लंड 7 इंच से भी ज़्यादा लंबा है, और संगीता की कलाई से ज़्यादा मोटा है।

रेखा की बातों से मेरा एक्साइटमेंट बहुत बढ़ गया। मैंने कस कर 4-5 चांटे चूत्तड़ों पर मारे।

मैं: कुतिया बन कर चुदवा रही हो तो क्या सच में कुतिया ही बन गई हो। अपने को और अरविंद सर को बदनाम करोगी?

मैंने बाडी के नीचे से दोनों हाथों को नीचे घुसाया और मस्त मांसल चूचियों को दबाते हुए चुदाई करने लगा।

रेखा: नहीं यार इतनी बेवकूफ नहीं हूं, कि तुम्हें इतनी आसानी से छोड़ दूंगी। अभी तुम यहां 10 महीने और हो। पूरी तरह से चूस कर ही तुम्हें जाने दूंगी। तैयार रह, जल्दी सिर्फ़ लड़कियां ही नहीं औरतें भी तुम्हारे आगे पीछे घूमेंगी। अमित बहुत मज़ा दे रहे हो यार।

हमारे जैसे लड़के के लिए इससे ज़्यादा तारीफ़ और क्या हो सकती है, कि 8 साल से चुदवा रही औरत मेरी चुदाई की तारीफ़ कर रही थी। मैंने उसे खुश करने के लिए कहा-

मैं: मेरी प्यारी रेखा रानी, तुम मेरी पहली प्रेमिका, पहली घरवाली हो, और जब तक देहरादून में रहूंगा, मेरा लंड सिर्फ़ इसी प्यारी बूर में घुसेगा।

उसके बाद हमने 5-7 मिनट चुप-चाप चुदाई की। पहली राउंड की चुदाई में रेखा ने कुछ ही शब्द बोले होंगे। लेकिन कुतिया बन कर चुदवाने में साली बहुत बोल रही थी।

रेखा: मेरा अपना घर मेरठ में है। मेरे बाबू जी एक स्कूल मास्टर थे। उनका दो ही काम था पढ़ाना और मां को चोदना। मेरी मां ने 7 बच्चों को जन्म दिया। 3 बहन और 4 भाई। मेरा नंबर 5 वां है। बहनों में सबसे छोटी हूं। हम बच्चे मां से मज़ाक-मज़ाक में पूछ लेते थे कि क्या उन्हें मालूम था कि उनके किस बच्चे का बाप कौन था। तो मां बाबू जी के तरफ़ इशारा करके बोलती कि हम सभी नमूनों को एक ही आदमी, हमारे बाबू जी ने ही बनाया था। तुम ही बोलो, जो औरत शादी के एक साल के बाद से हर डेढ़ साल पर बच्चा पैदा करती रही, उसे दूसरा कौन चोदता?

मैं जो जानना चाहता था रेखा ख़ुद बताने लगी थी।

मैं: लगता है कि तुम्हारी मां भी तुम्हारे जैसे ही सुंदर थी।

रेखा: मेरी जैसी नहीं मुझसे कहीं ज़्यादा सुंदर थी। लेकिन बाबू जी उसके पेट में बच्चा डालते रहे और 30 साल में ही वो 50 से ज़्यादा दिखने लगी। मां को छोड़ो, में अपनी बता रही हूं। सबसे बढ़ी दीदी सपना की शादी सही समय पर हुई और उनकी किस्मत ख़राब। सुहाग रात की सुबह ही उनका पीरियड शुरू हो गया। दीदी ने सुहाग रात नहीं मनाया, लेकिन जीजा जी ने मेरे साथ जम कर सुहाग रात मनाया।

रेखा: मैं कुंवारी थी और पहली ही रात में हमने तीन बार चुदवाया। फिर मैं रेगुलरली जीजा जी से चुदवाने लगी। तीन साल गुजर गए। मुझसे बड़ी बहन की शादी हो गई और शादी होने के बाद उसने मुझे धमकाया कि मैं अगर गलती से भी मैं उसके घरवाले से मिली, तो वो ज़हर खा कर मर जायेगी।

मैं: इसका मतलब कि सबको मालूम था कि रेखा नाम की कुतिया अपनी दीदी का ही काट रही थी, और जीजा जी से चुदवा रही है।

इस बात-चीत में हमारी चुदाई चल रही थी।

रेखा: हमें, घर में सबको मालूम हो गया था कि मैं जीजा जी की रखैल थी। फिर भी किसी ने कभी मुझे रोका टोका नहीं। ना ही मैंने ही जीजा जी से चुदवाना बंद किया। छोटी दीदी के शादी के साल भर के अंदर ही बड़ी दीदी मर गई। अब भी घर वाले, गांव वाले कहते है कि दीदी मेरे कारण ही मर गई। लेकिन मैं बहुत मजबूर थी। जीजा जी से अलग होना मेरे लिए संभव नहीं था। और जानते हो मेरा जीजा जी कौन थे?

मैं: कौन, अरविंद सर!

रेखा: बहुत बुद्धिमान हो, तुरंत समझ गये। मैं अरविंद को बहुत प्यार करती हूं। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि तुमसे एक बार ही मिली और मैंने पहली ही मुलाक़ात में तुमसे चुदवा भी लिया। अब अरविंद को क्या ज़बाब दूंगी?

मैं: सर से साफ़-साफ़ कह देना कि 11 साल पहले उन्होंने किसी के साथ शादी करने के बाद भी किसी दूसरी कुंवारी लड़की के साथ सुहागरात मनाई थी, उसी तरह आज किसी कुंवारे लड़के ने तुम्हारे साथ सुहाग रात मना ली। रेखा रानी, विश्वास रखो, अरविंद सर हम दोनों के प्यार के बीच नहीं आयेंगे।

रेखा: पहली बार एक औरत को चोद रहे हो इसलिए पागल हो रहे हो। तैयार रहना किसी भी दिन कॉलेज से तुम्हें निकाल दिया जायेगा। और मैं यहां से कहीं और चली जाउंगी। उफ़ अमित बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है। और जमा-जमा कर चोदो।

और उसके बाद मैं रेखा की चूचियों को दोनों हाथों से मसलते हुए अपनी पूरी ताक़त से पेलता रहा। कुछ देर के बाद रेखा ज़ोर से चिल्ला कर बोली,

“उफ़ अमित, तुमने मुझे स्वर्ग की सैर करवा दी। बहुत मज़ा आया यार। आहह, मज़ा आ गया। इस रंडी को तुमने पूरा ठंडा कर दिया।”

मैं भी झड़ रहा था। फिर भी धक्का लगाता रहा।

मैं: थैंक्यू वेरी मच रेखा। तुमने जो ख़ुशी मुझे दी है। उस के बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था। तुमने कहा कि मैंने तुम्हें स्वर्ग की सैर करवायी, लेकिन रेखा, मेरी जन्नत तो तुम ही हो। यह अमित हर समय तुम्हारी सेवा में हाज़िर है। कभी भी आज़मा लेना।

रेखा के चेहरे पर भी ख़ुशी थी मुस्कुराहट थी लेकिन मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। “बिन मांगे मोती मिले”, ये कहावत सैकड़ों बार सुनी होगी। लेकिन उस दिन सच में मुझे बिन मांगे ही मोतियों का ख़ज़ाना मिल गया था। मैंने रेखा को खड़ा किया और हम दोनों ने एक-दूसरे को बेतहाशा जहां-तहां चूमा।

मैं: रेखा, मैं नहीं पुछूंगा कि तुम मुझे फिर कब बुलाओगी। लेकिन मैं हर समय तुम्हारे संदेश का इंतज़ार करता रहूंगा। तुमने मुझे एक नई ज़िंदगी दी है। अब मैं जाता हूं, गार्ड इंतज़ार कर रहा होगा।

गार्ड का नाम सुनते ही रेखा को शायद ग़ुस्सा आ गया। उसने लंड को ज़ोर से पकड़ कर मरोड़ा।