चाची जी की हेल्प की परिवार के लिए-2

आप ने पढ़ा की कैसे चाची मुझसे डबल मीनिंग बताईं कर रही थी जो मैं समझ नही पा रहा था.

अब आयेज…

मैं बाहर दादा जी क पास गया और चाची किचन मे काम कर रही थी.

दादा जी- राजीव तुम खेतो मैं घूम कर फसल को देखो और ज़मीन भी देखलो.

मैं- ठीक है दादा जी चाची को साथ ले जाता हू.

दादा जी- ठीक है पुछले रानी से.

मैं- चाची के पास गया , चाची खेतो मैं घूमने चलो.

चाची- ठीक है बेटा बस 10 मिंट रुक या.

मैं बाहर चाची का इंतज़ार करने लगा जब चाची आए तो क्या माल लग रही थी.

चाची- चले राजीव.

मैं- चलो चाची खेत देख कर आते है.

हम बस गाओ से तोड़ा बाहर ही निकले थे की वाहा कुछ औरते चाची को देख हासणे लगी और बोली कैसे ओरात है यह अभी तक इसकी गोध खाली है. लेकिन चाची ने कुछ नही बोला और सीधी चलती रही पेर मुझे गुस्सा आ रहा था.

मैं- चाची आप को गुस्सा नही आ रहा यह औरते आप को क्या बोल रही है?

चाची- इनका कम ही है ऐसे बोलना अब मुझे आदत हो गये है पेर इनका कोई कसूर नही है इन्हे सच नही पता है.

मैं- चाची क्या बात है मुझे बताओ, मैं आप की हेल्प करता हू.

चाची- इस लिए तो तुझे यहा बोलाया है की तू मेरी हेल्प कर सके.

मैं- फिर बताओ मैं आप की क्या हेल्प करू?

चाची- टाइम आने पे बोल दूँगी तुझे.

मैं- ओक चाची जी.

चाची- एक बात बताओ राजीव टुमरी कोई गफ़ है क्या?

मैं- किओ चाची जी.

चाची- वैसे ही पुश रही हू तेरी शादी भी करनी है.

मैं- कोई गफ़ नही है मेरा पूरे टाइम तो पढ़े मैं ही निकल गया अब जॉब धोंद रहा हू. आप का कोई ब्फ है क्या?

चाची- नही बाबा कोई नही है , अब सोच रही हू तुझे ही ब्फ बनाः लू.

मैं- हेस्ट हुए तो चाचा का क्या होगा?

चाची- मैं देख लूँगी तुम बोलो मुझे गफ़ बनाओगे क्या?

मैं- नही चाची मुसीबत हो जाएगी.

चाची- कैसी मुसीबत राजीव तुम खुश मैं खुस.

मैं- नही चाची मैने आप को कभी ओस नज़र से नही देखा मैं कोई भी ऐसा कम नही करूँगा जिस से मुझे चाचा जी के सामने शर्मिंदा होना पढ़े आप को पता है चाचा जी मुझे कितना प्यार करते है.

चाची- इस लिए तो मैं तेरी गफ़ बनना चाहती हू.

मैं- नही चाची.

चाची- मैं समझ गये सूभ लोग मुझसे ही नफ़रत करते है गाओ वेल भी और अब तुम भी.

मैं- नही चाची मैं तो आप से बहुत प्यार करता हू.

चाची- तो फिर गफ़ किओ नही बनाते?

मैं- ओक चाची आप मेरी गफ़ हो अब से अभी तो स्माइल करो.

चाची हासणे लगी हम खेतो मैं पहुच गये वाहा कीचड़ था तो मेरे पैर और हाथ गंदे हो गये.

चाची- तुम नहा लो मैं मोटर चलती हू.

मैने नहाने के लिए अपने कपड़े उत्तर दिए बस एक बॉक्सर ही पहना था मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड बॉक्सर के अंदर से साफ साफ देख रहा था चाची बस मेरे लंड को ही देख रही थी , मैने जल्दी से नाहया और कपड़े पहने हम घर वापिस आस गये.

घर आ कर चाची ने खाना मुझे और दादा जी को खलाया. मैं रूम मैं या कर सू रहा था तभी चाची मेरे पास आ कर लेट गये. चाची ने पहले अपना हाथ मेरे सेर पेर रखा फिर धीरे धीरे मेरे पेट पे फेरना शुरू कर दिया. मैने कुछ नही बोला, फिर चाची मेरी झांग को सहलाने लगी तभी मुझे पूरा होश आस गया और मैं चाची का हाथ हटाया.

मैं- चाची यह आप क्या कर रही हो?

चाची- कुछ नही.

मैं- चाची मैने आप से पहले ही कहा है मैं कुछ भी ग़लत नही करूँगा आप से.

चाची- मैने कब कहा तुझे कुछ.

मैं- फिर आप यह क्या कर रहे हो?

चाची- वो ग़लती से हो गया बेटा.

मैं- आयेज से ध्यान रखना चाची.

चाची- ठीक है अब तुम आराम करो.

चाचिजी वाहा से बाहर आ गये और मैं भी सू गया. फिर चाची ने मम्मी को फोन क्या.

चाची- नमस्ते दीदी जी किसी हो आप?

मम्मी- मैं ठीक हू रानी तुम बोलो राजीव से कुछ किया या नही अब तक?

चाची- क्या क्रू ओस से वो तो मुझे हाथ भी नही लगाने देता कहता है की कुछ ग़लत नही करूँगा.

मम्मी- पहले उसे कुछ दिखा फिर छुड़वाना समझी ऐसे ही थोड़ी तुझे छोड़ देगा.

चाची- ठीक है दीदी जी आप को फोन पाए बताती रहूंगी क्या हुआ ओक बाइ.

मैं शाम को उठा तो देखा की चाची ने डीप नेक का ब्लाउस पहन रखा था जिसमे चाची का पूरा क्लीवेज दिख रहा था. मैं तो देखता ही रह गया क्या सेक्सी लग रही थी चाची गोरे गोरे बूब्स पेर से तोड़ा सा पसीना आ रहा था.

आब चाची ने नोटीस कर लया था की मैं उनके बूब्स को घूर रहा हू चाची ने और नीचे जुख कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन डेए मैं तो पागल सा हो रहा था तभी.

दादा जी- राजीव कहा हो बाहर आओ.

मैं- जी दादा जी.

दादा जी- मैं चाहता हू की जब तक तुझे जॉब नही मिलती तब तक तुम जाहि खेती का कम देखो.

मैं- नही दादा जी मुझ से नही होगा खेती का कम.

दादा जी- देखलो बाकी तेरी अपनी मर्ज़ी है.

मैं फिर से अंदर गया लेकिन आब चाची ने सारी के पालु से अपने बूब्स धक लिए थे मैं फिर रूम चला गया.

शाम को 5 बजे चाची मेरे लिए छाई ले कर आए और अब फिर से उनके बूब्स दिख रहे थे. चाची मेरे पास बिल्कुल मुझ से चिपक कर बेत गये और उन्होने अपने बूब्स मुझे टच किए. पेर मैं तोड़ा साइड हो गया तभी चाची गुस्से से बाहर चली गये.

मैं चाची से कोई ग़लत कम या उन्हे छोड़ना नही चाहता था, मेरा इस बारे मैं कोई भी ख्याल नही था. फिर मुझे चाची हर दिन सिड्यूस करती पेर मैं नही माना. हद तो ताभ हो गये जब मैं सू रहा था तो वो मेरे पूरे सरीर को सहलः रही थी और मैने कुछ भी रिक्ट नही किया. आज तो उन्होने मेरे लंड को भी टच कर लया था.

फिर सुबा मैं उठा फ्रेश हो कर बाहर चाचा जी के पास गया, चाची ने मुझे छाई दी मैं चाचा जी मैं आज वापिस या रहा हू.

चाचा- क्या हुआ तू किओ या रहा है?

मैं- वैसे ही चाचा जी.

चाची ने चाचा की तरफ देखा और कुछ इशारा किया और चाचा उठकर चाची के पास किचन मई गये.

चाची- मैं नही जानती कुछ उसे कैसे भी करके.

चाचा- मैं देखता हू और चाचा मेरे पास राजीव तुम कुछ दिन और रुक जाओ.

मैं- नही चाचा जी मुझे जॉब का भी कुछ देखना है.

फिर चाचा जी खेत चले गये मैं भी अपना बाग पॅक करने लगा तभी चाची मेरे पास आए.

चाची- तुम कुछ दिन और रुक जाओ.

मैं- नही चाची यदि मैं यहा रुका तो कुछ ग़लत हो जाएगा.

चाची- ठीक है मैं तुझे कुछ नही बोलूँगी और ना कोई हरकत करूँगी, अब खुश, रुक जाओ अब तो?

मैं- नही चाची जी.

तभी चाची गुस्से से एक थप्पड़ मेरे मूह पे मार दिया मैं तो हैरान हो गया.

चाची- कब से बोल रही हू लेकिन मान ही नही रहा, मेरी हालत को भी नही समझ रहा! ठीक है मैं तुम्हे कुछ ग़लत करने को नही बोलूँगी, मैं अपना आप देख लूँगी बस कुछ दिन रुक या फिर चले जाना.

मैं- नही आब मेरा समान पॅक है.

बाकी नेक्स्ट पार्ट मैं देखते है की रानी राजीव को रोक पाती है या नही. मुझे फीडबॅक्स के लिए और थ्रीसम या सेक्स के लिए मेरी मैल मे मेसेज करे