खूबसूरत भाभी की कुंवारी चूत मैंने चोद दी

मेरा नाम प्रिंस है और मैं मुंबई में रहता हूँ. मैं 20 साल का हूँ और मैं आप सभी को आज अपने पहले सेक्स अनुभव के बारे में बताना चाहता हूँ।
कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सभी को अपनी भाभी के बारे में बताना चाहता हूँ. मेरी भाभी का नाम है साना. वो पुणे में रहती है. भाभी की फिगर 36-24-36 है और वो दिखने मैं भी काफी सेक्सी है.

ये बात 2 महीने पहले की है जब मैं अपनी इंजीनियरिंग के सेकण्ड ईयर में था. मेरी परीक्षा चल रही थी. तब मम्मी और पापा किसी काम से बाहर जाने वाले थे तो घर पर मैं अकेला रहने वाला था। मम्मी पापा के जाने के बाद फिर मुझे मम्मी का कॉल आया कि साना भाभी आ रही है.
माँ ने बोला कि तुम घर पर ही रहना, कहीं बाहर मत जाना.
माँ की बात सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई कि भाभी आ रही है.

फिर भाभीजी शाम को 6:00 बजे हमारे घर आ गई. मैंने दरवाजा खोला और देखा कि सामने साना भाभी थी. वो बहुत हॉट और सेक्सी दिखाई दे रही थी. भाभी ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी। दोस्तो, आप सबको पता ही होगा कि काले रंग की साड़ी में गोरा बदन कितना हॉट लगता है।

फिर भाभी अंदर आई तो भाभी ने मुझे देखते ही गले लगा लिया. भाभी के 36 के साइज के उभरे हुए बूब्स मुझसे सट गये। मैं तो आप सभी को बताना भूल ही गया कि मेरा और भाभी का रिश्ता बहुत ही अच्छा और हँसी-मजाक वाला है।
भाभी से मैंने कहा- भाभी, आप हाथ-मुंह धो लो तब तक मैं आपके लिए कॉफी बनाता हूँ.
उन्होंने मुझे गाल पर किस किया और रूम में चली गई।

मैंने हम दोनों के लिए कॉफी बनाई और भाभी को आवाज दी- आप जल्दी से आकर कॉफी पी लीजिये नहीं तो कॉफी ठंडी हो जायेगी।
भाभी बाहर आई और बोली कि उनके पति यानि कि मेरे भाई का कॉल आया था इसीलिए उनको देर हो गई.

हम दोनों ने साथ में बैठ कर कॉफी पी. भाभी ने मेरी बनाई कॉफी की तारीफ करते हुए कहा कि तुम कॉफी बहुत अच्छी बनाते हो. मैंने जवाब में कहा कि यह तो सब आपसे ही सीखा है. उसके बाद हमने थोड़ी देर यहां-वहां की बातें कीं तो तब तक शाम के आठ बज गये थे.

डिनर के लिए मैंने भाभी को कहा- कहीं बाहर चलते हैं.
भाभी बोली- ठीक है फिर किसी फाइव स्टार होटल में चलते हैं.
मैंने कहा- ओके.
हम तैयार होकर डिनर के लिए होटल में चले गये. वहाँ पर जाकर हमने खाना खाया और मैंने वेटर से एक वाइन भी मंगवा ली. भाभी ने वाइन के लिए मना कर दिया तो मैंने वाइन का ऑर्डर कैंसिल कर दिया.

हम बाहर आकर गाड़ी में बैठ गये. चलने लगा तो भाभी बोली- वोडका के शॉट्स ले आओ.
मैं जाकर वोडका के शॉट्स ले आया.
उसके बाद हम घर आ गये.

घर आकर कांच के गिलास में मैंने भाभी को वोडका सर्व की. पीने के बाद हम दोनों को नशा सा हो गया.
उसके बाद भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- अभी तक आपके जैसी कोई मिली ही नहीं.
भाभी बोली- तुम बहुत शरारती हो.

अचानक से बाहर बिजली कड़की और भाभी मेरी छाती से आकर लिपट गई. उसके चूचे मेरी छाती पर जा लगे. मैंने कहा- क्या हुआ भाभी?
वो बोली- मुझे डर लगा इसलिए तुमसे लिपट गई.

उसके बाद हम दोनों अपने-अपने कमरों में सोने के लिए चले गये. मैं कपड़े बदल रहा था कि फिर से बिजली कड़की. भाभी दौड़ती हुई मेरे कमरे में आई और पीछे से मुझे पकड़ लिया. मैंने टी-शर्ट उतार रखी थी और मेरी छाती बिल्कुल नंगी थी. भाभी के कोमल हाथों का स्पर्श मेरी छाती पर हुआ तो मेरे अंदर एक सरसरी सी दौड़ गई.
मैंने भाभी को अपने से अलग कर लिया.

भाभी बोली- क्या मैं आज रात को तुम्हारे कमरे में सो सकती हूँ? मुझे अपने रूम में बहुत डर लग रहा है.
मैंने कहा- ठीक है भाभी.
वो बोली- मुझे भाभी मत कहा करो. तुम्हारे मुंह से साना ही अच्छा लगता है.
मैंने कहा- ठीक है. मैं आपको भाभी नहीं बुलाऊंगा.

उसके बाद मैं शावर लेने के लिए बाथरूम में चला गया. जब मैं बाहर आया तो साना भी शावर लेने के लिए बाहर मेरा इंतजार कर रही थी. उसने अपने बदन पर एक तौलिया लपेटा हुआ था. जो उसके घुटनों से भी ऊपर तक पहुंचा हुआ था. उसके बाद वो बाथरूम में चली गई. जब वो बाहर आई तो उसके भीगे हुए चूचों की दरार दिख रही थी. उसके बाल उसके चूचों पर बिखरे हुए थे. उसके बाद वो अपने कमरे में चली गई.

मैंने अपनी नाइट ड्रेस पहन ली और अपने लैपटॉप पर कुछ काम करने लगा. कुछ ही देर के बाद साना मेरे कमरे में आई और उसने अपने बदन पर लॉन्ज़री डाली हुई थी. वह किसी पॉर्न फिल्म की हिरोइन के जैसे लग रही थी. मैं उसको देखता ही रह गया.
वो बोली- क्या देख रहे हो प्रिंस?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

उसके बाद मैंने लाइट ऑफ कर दी और हम दोनों सोने लगे. मुझे काफी देर के बाद नींद आई.

फिर रात को करीब 12 बजे मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे लंड को सहला रहा है. मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि साना मेरे लंड पर अपना हाथ फिरा रही थी. मेरा लंड तनाव में आना शुरू हो गया था.
इससे पहले मैं कुछ कहता, साना ने मेरे ऊपर आकर मेरे होंठों को चूस लिया और मुझे बेड पर लेकर लेट गई. वह मुझे गालों पर तो कभी गर्दन पर किस करने लगी. उसने एक हाथ से मेरे लंड को सहलाना और दबाना जारी रखा जिससे मेरा लौड़ा पूरा तन गया और मेरे अंदर की हवस का शैतान जाग गया. मैंने साना को नीचे पटका और उसको बेतहाशा चूमने लगा. मैंने उसकी लॉन्जरी को उतार दिया और उसने मेरी टी-शर्ट को उतार कर मेरी छाती को नंगी कर दिया.

बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
उसकी चूत पूरी गर्म हो गई थी. उसकी चूत बिल्कुल कसी हुई लग रही थी.
मैंने पूछा- तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई कैसे है?
वो बोली- तुम्हारे भाई ने मेरे साथ कुछ किया ही नहीं है. शादी के तीन दिन बाद ही वो लंदन चले गये थे काम के सिलसिले में. इसलिए मेरी चूत अभी तक ऐसी है. यह बहुत गर्म हो चुकी है प्रिंस … इसको तुम ही शांत कर सकते हो अब!

उसने मेरी लोअर के ऊपर से ही मेरे तने हुए लंड को किस करना शुरू कर दिया. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे लंड की बहुत दिनों से प्यासी है. वह उसको प्यार से किस कर रही थी. मेरा लंड पूरा का पूरा तन कर जैसे फटने ही वाला था. भाभी ने मेरी लोअर के ऊपर से मेरे लंड को किस करते हुए मेरी ग्रे रंग की लोअर को पूरी गीली कर दिया. लेकिन वह पागलों की तरह मेरे लंड को प्यार किये जा रही थी.

मैं पीछे से उसकी गांड को दबा रहा था. साथ ही उसके चूचों को भी भींच रहा था. फिर उसने मेरी लोअर को खींच दिया और मेरे शॉर्ट्स में से मेरे लंड को अपने दांतों में पकड़ लिया. वो उसको दांतों में लेकर काटने सा लगी. वह लंड की दिवानी सी लग रही थी मुझे. फिर उसने मेरे शॉर्ट्स को भी उतार दिया और मेरे लौड़े को नंगा कर दिया.

मेरा तना हुआ लौड़ा देख कर वो उस पर टूट पड़ी. उसने उसको मुंह में लेकर एक बार जोर से चूसा और अपनी आंखें बंद कर लीं. आह्ह … उसकी ऐसी हरकत से मेरी खुद की आंखें भी बंद हो गईं. फिर उसने मेरे लंड को पूरा का पूरा गले तक उतार लिया. मेरा लंड उसके थूक से लथ-पथ हो गया.

जब उसने लंड को बाहर निकाला तो लंड बुरी तरह से फड़क रहा था. फिर उसने मेरे टेस्टीज़ को भी अपने मुंह में भर लिया. मैं पागल सा होने लगा. वो उनको मुंह में लेकर यहाँ-वहाँ घुमाने लगी. भाभी के गर्म मुंह से मुझे गजब का मजा मिल रहा था.

कुछ देर तक मेरे लंड के साथ कामुक खेल खेलने के बाद साना ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको मुंह में लेकर चूसने लगी. वाह! क्या अहसास था वह … वो काफी देर तक मेरे लंड को मजे लेकर चूसती रही और मुझे भी मजे देती रही.
उसके बाद मैंने साना को नीचे लेटा दिया और उसकी चूत पर लंड को रख कर रगड़ने लगा.
मेरे ऐसा करने से वो पागल सी होने लगी और जोर जोर से आवाजें करती हुई कामुक सिसकारियाँ लेने लगी- आह … करो … अब रुके क्यों हो … प्रिंस चोद दो मेरी चूत को … उफ्फ.

मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को धीरे से सेट किया और एक धक्का दे दिया. मेरा लंड उसकी चूत में फंस गया. साना उचक गई. अभी लंड का टोपा ही अंदर गया था. फिर मैंने दूसरा धक्का लगाया तो साना ने मुझे वापस धकेला और लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने लंड को नहीं निकाला.
वो बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत दर्द हो रहा है प्रिंस, एक बार निकाल लो प्लीज.

मैंने फिर भी लंड को बाहर नहीं निकाला और एक आखिरी धक्का मारा तो पूरा का पूरा लंड साना की चूत में घुस गया. वो रोने लगी. मैंने उसको चुप करवाने के लिए उसके होंठों पर अपने होंठों को जोर से रखते हुए चूस लिया. साथ में मैं भाभी के तने हुए चूचे भी दबाता रहा.

थोड़ी देर के बाद वो चुप हो गई. फिर मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसको मजा आने लगा. मैंने फिर जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये. जब वो चुदाई का पूरा मजा लेने लगी तो मैंने उसकी टांगों को पकड़ कर ऊपर उठा लिया और उसकी चूत को गपागप चोदने लगा.

मैंने नीचे झांक कर देखा तो बिस्तर की चादर पर रक्त की बूंदें टपकी हुई थीं लेकिन मैंने उस वक्त भी चुदाई जारी रखी. कुछ देर के बाद साना जोर की आवाजें निकालते हुए झड़ गई. फिर मैं भी तीन-चार धक्कों के बाद झड़ गया. जब मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून और वीर्य दोनों साथ में बाहर आ रहे थे. मैंने भाभी की सील पैक चूत को खोल दिया था.
साना भाभी अभी तक कुंवारी चूत लिये ही घूम रही थी इसलिए उसको मेरे लंड से चुदने की ख्वाहिश हो रही थी. आज मैंने भाभी की वो ख्वाहिश पूरी कर दी थी और उसके चेहरे पर एक खुशी का भाव आ गया था.

उस रात मैंने साना की सुबह के चार बजे तक चुदाई की. मैंने उसकी गांड की सील भी तोड़ डाली. सुबह हम थक कर सो गये. सुबह उठा तो वह बेड पर नहीं थी. मैंने किचन में जाकर देखा तो उसने मेरी ही टी-शर्ट पहनी हुई थी. वह जांघों पर कुछ नहीं पहने हुए थी. उसकी जांघें बिल्कुल नंगी थी.

वहां का नजारा देख कर मैं तो फिर से उत्तेजित हो गया. मेरे टी-शर्ट और पैंटी में सेक्सी भाभी और भी खूबसूरत लग रही थी. टी-शर्ट के नीचे से उसकी पैंटी भी दिख रही थी. उसकी गोरी नंगी जांघें देख कर मेरा मन फिर से उसकी चूत चोदने का करने लगा और मैंने जाकर उसके चूचों को दबोच लिया.

फिर मैंने वहीं किचन में खड़े-खड़े उसकी चूत की चुदाई कर डाली. बहुत मजा आया वहाँ पर भी. वह 6 दिन तक हमारे घर पर रही और हम दोनों ने खूब मजे किये.

इस तरह से मैंने अपनी खूबसूरत साना भाभी की कुंवारी चूत को चोद कर उसको मजा दिया और खुद भी उसकी चूत के मजे लिये.

दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? अगर कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे मेल जरूर करना. मैं आपके मैसेज का इंतजार करूंगा. अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो तो मैं साना भाभी के साथ उसकी गांड की चुदाई भी जल्दी ही लिखूंगा.