बबिता की चूत का बाघा ने मज़ा लिया

ही फ्रेंड्स मेरा नाम अरुण है. आप सब ने “तारक मेहता का ूलतः चश्मः” सीरियल तो देखा ही होगा. आज की जो मेरी कहानी है वो उसी के चरक्टेर्स बबिता िएर और बाघा के बारे में है.

आप सब तो जानते ही है की बबिता कितनी सेक्सी औरत हिए. जीन्स-टॉप में तो उसका फिगर ज़बरदस्त लगता है. उसकी गांड देख कर तो कोई भी मर्द उसकी गुलामी करने को तैयार हो जाये.

इस कहानी में आप सब पढ़ेंगे की कैसे बाघा ने बबिता को छोड़ा और अपने लुंड की प्यास बुझाई. और साथ ही उसने बबिता को भी संतुष्ट किया. तो चलिए बिना टाइम वास्ते किये कहानी पर चलते है.

सुबह का माहौल था. बबिता नाहा कर बाहर आयी थी. उसने वाइट कलौत का पजामी सूट पहना हुआ था. उसका शर्ट स्लीवलेस था और पजामी टाइट थी.

उसके दुपट्टा नहीं लिया था और उसके बाल गीले थे. क्या कमाल की तबाही लग रही थी बबिता की. बाहर आके बबिता कपडे सूखने के लिए डालने लग गयी. उन कपड़ो में उसकी ब्रा और पंतय भी थी.

जैसे ही बबिता पंतय सूखने डालने के लिए निकली तो वो हवा की वजह से उड़द कर नीचे चली गयी. वो पंतय गयी सीधा बाघा के सर पर. बाघा नीचे से जा रहा था और पंतय उसके ऊपर आ गयी.

पहले-पहले तो बहुत गुस्सा आया. लेकिन जब उसने देखा की वो किसी औरत की पंतय थी तो वो खुश हो गया. फिर उसने ऊपर देखा तो उसको बबिता दिखी.

बबिता तो पहले से ही बहुत हॉट दिख रही थी. उसको देख कर बाघा खुश हो गया और उसका लुंड खड़ा हो गया. तभी बबिता बोली-

बबिता: सॉरी वो हवा ज़्यादा थी तो पंतय नीचे गिर गयी.

बाघा: कोई बात नहीं मैं ऊपर आके दे देता हु.

फिर बाघा जल्दी से बबिता को पंतय देने गया. पंतय पकड़ाते हुए वो बोलै-

बाघा: कितनी लकी है ये.

बबिता: क्यों लकी क्यों?

बाघा: लकी ही है जो आप इसको पहनती हो. काश मैं इसकी जगह होता.

बबिता: इसकी जगह होते तो क्या करते?

बाघा: मैं सारा दिन प्यार करता आपकी उसको.

ये सुन कर बबिता हसने लग गयी. वो बाघा को हॉर्नी निगाहो से देख रही थी. तभी उसकी नज़र बाघा के लुंड पर पड़ी. बाघा का लुंड तन्ना हुआ था. फिर वो बोली-

बबिता: प्यार तो वैसे भी कर सकते हो.

बाघा: सच में?

बबिता: हां.

ये बोल कर बबिता घर के अंदर चली गयी. उसने बाघा को एक आँख मार दी. बाघा समझ गया था की बबिता छोड़ने के लिए तैयार थी. वो बबिता की मटकती गांड देख रहा था.

फिर वो उसके पीछे चला गया और रूम के अंदर जाते ही उसने बबिता को पकड़ लिया. वो ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा और अपना लुंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा. बबिता आहें भरने लगी.

फिर बाघा बबिता की पीठ चूमने लगा. उसने पीछे से उसके शर्ट की ज़िप खोल दी और शर्ट उतार दिया. फिर उनसे बबिता को अपनी तरफ घुमा लिया और उसके होंठ चूसने लगा. बबिता भी उसका पूरा साथ दे रही थी.
फिर वो उसकी क्लीवेज चूमने लगा और उसकी ब्रा उतार दी. बबिता के गोर-गोर बूब्स देख कर बाघा पागल हो गया. वो कुत्ते की तरह उसके बूब्स पर झपट पड़ा और उनको चूसने लगा.

बाघा बबिता के निप्पल्स काट-काट कर चूस रहा था. फिर उसने बबिता को बिस्तर पर लिटा लिया और उसको किश करने लगा. उसके बाद वो नीचे उसकी कमर चूमते हुए आया. फिर वो उसकी जांघो पर आया और उसने बबिता की पजामी फाड़ दी.

अब बबिता की मस्त जाँघे पंतय में उसके सामने थी. बाघा उसकी जांघो को चाटने लग गया. फिर उसने बबिता की पंतय उतार दी और उसकी छूट की खुशबु सूंघने लगा. बाघा ने अपना मुँह छूट पर लगाया और उसको चाटना शुरू कर दिया.

बबिता कामुक आहें भर रही थी और बाघा के सर को अपनी छूट में दबा रही थी. उसकी छूट बिलकुल गीली हो चुकी थी. फिर बाघा ने अपने कपडे उतार दिए और उसका फनफनाता हुआ लुंड अब बबिता के सामने था.

वो बबिता की जांघो के बीच आया और अपना लुंड उसकी छूट पर रगड़ने लग गया. बबिता कामुक आहें भर रही थी और तड़प भरी नज़रो को उसको देख रही थी. बाघा भी जान-बूझ कर उसको तड़पा रहा था.

फिर बबिता बोली: अब दाल भी दो ना.

बस बबिता के ये कहने भर की देर थी की बाघा ने एक ज़ोर का धक्का मारा. उसने एक ही धक्के में अपना लुंड बबिता की धड़कती छूट में उतार दिया. बबिता की आह निकल गयी और बाघा को जन्नत का एहसास होने लगा.

फिर बाघा ने फुल स्पीड पर बबिता को छोड़ना शुरू कर दिया. बबिता आह अहह कर रही थी और बाघा उसको चोदे जा रहा था. वो नीचे से धक्के मार रहा था और ऊपर से उसके होंठो और बूब्स का मज़ा ले रहा था.

बबिता भी बाघा को अपनी आगोश में लेके मज़ा ले रही थी. वो एक बार झाड़ भी चुकी थी. फिर बाघा ने बबिता की टाँगे मोड़ ली और उसको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा.

२० मिनट उसने इसी पोजीशन में बबिता को छोड़ा. फिर बाघा ने बबिता को घोड़ी बना लिया. बबिता की गांड को देखते ही बाघा ने उस पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा. इससे बबिता की आठ निकल गयी.

फिर उसने अपना लुंड पीछे से बबिता की छूट में दाल दिया. वो फुल स्पीड पर उसको छोड़ रहा था. पूरे रूम में थप-थप की आवाज़े आ रही थी और बबिता के बूब्स उछाल रहे थे.

१५ मिनट बाघा लगातार बबिता की छूट को बजता रहा. इस बीच उसने बबिता की गांड लाल कर दी थी. फिर उसने बबिता को सीधा किया और लुंड उसके मुँह में दाल दिया.

फिर बबिता संतुष्ट होक वही लेट गयी और बाघा कपडे पहन कर चला गया.

तो दोस्तों ये थी आज की कहानी. कहानी अछि लगी हो तो लिखे और कमेंट ज़रूर करे.