बाप के लंड से चुदी बेटे की मस्त गांद

ही रीडर्स, मेरा नाम अभिषेक है. मेरे फ्रेंड्स मुझे प्यार से अभी बुलाते है. तो आप लोग भी मुझे अभी बुला सकते है. मैं राजस्थान से हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं कॉलेज में 1स्ट्रीट एअर का स्टूडेंट हू.

मेरी हाइट 5’6″ है, और रंग गोरा है. मेरा फिगर साइज़ 32-30-36 है. आप सोच रहे होंगे की मैं लड़का होके आप लोगों को अपना साइज़ क्यूँ बता रह हू. तो आप जान लीजिए की मैं एक गे हू. और मुझे देख कर सब को ये लगता है की मैं एक लड़की ही हू.

ये कहानी मेरी पहली चुदाई की है. इसमे मैं आपको बतौँगा की कैसे मेरे बेवड़े बाप मे मुझे रंडी बना कर छोड़ा. तो चलिए अब बिना ज़्यादा बात किए कहानी की तरफ चलते है.

ये बात 6 महीने पहले की है. मेरे घर में मेरे अलावा मेरे मम्मी-डॅडी ही रहते है. मैं काफ़ी सालों से रात को मम्मी-पापा की चुदाई की आवाज़े सुनता आ रहा था. पहले जब छ्होटा था तो चुदाई के बारे में कुछ पता नही था. फिर जब बड़ा होने पर पता चला, तो फिर समझ आई की उनके रूम में क्या चलता था.

6 महीने पहले मैं किसी दूसरे शहर में अपना एग्ज़ॅम देने के लिए गया था. घर आते-आते मुझे काफ़ी रात हो गयी. घर आके मैने बेल बजाई तो मम्मी ने दरवाज़ा खोला. मैने मम्मी को देखा, तो मुझे उनकी हालत कुछ बिगड़ी हुई लगी, ऐसे जैसे खील-कूद कर आ रही हो.

फिर मैने मम्मी से पूछा: मम्मी आप ठीक हो.

मम्मी: हा ठीक हू, क्यूँ?

मम्मी की साँसे तेज़ चल रही थी. फिर मम्मी ने मुझे पानी दिया, और फिर डिन्नर गरम करके ले आई. मैं डिन्नर करने लगा, तो मम्मी मेरे पास बैठ गयी. उन्होने मुझसे पेपर के बारे में पूछा.

तकरीबन 15 मिनिट बाद मैं खाना ख़तम करके अपने रूम में चला गया. रूम में जाके देखा तो मेरा फोन नही मिल रहा था. फिर मुझे ध्यान आया की मैं फोन डाइनिंग टेबल पर ही भूल गया था. मैं जल्दी से गया, और अपना फोन पकड़ के वापस रूम में आने लगा.

मम्मी-पापा का रूम रास्ते में था, तो जैसे ही मैं रूम के पास से गुज़रा, तो मुझे उनकी आवाज़े आने लगी. मैं समझ गया की मम्मी-पापा की चुदाई चल रही थी. मुझे ये भी समझ आ गया, की मेरे आने से पहले भी वो चुदाई कर रहे थे. और इसीलिए मम्मी की हालत ठीक नही लग रही थी.

उस दिन मुझे पता नही क्या हुआ, मेरा दिल उनकी चुदाई देखने का करने लगा. मैं उनके रूम के बाहर खड़ा हो गया, और दरवाज़ा तोड़ा खोल कर अंदर देखने लगा. अंदर पापा मम्मी पर चढ़े हुए थे, और उनकी छूट छोड़ रहे थे. पापा का लंड बहुत बड़ा और मोटा था.

उनका लंड देख कर मेरे मूह में पानी आने लग गया. कुछ देर चूत छोड़ने के बाद पापा ने मम्मी को घोड़ी बना लिया, और लंड गांद में डालने की कोशिश करने लगे. जब उन्होने लंड डालने की कोशिश की, तो मा को बहुत दर्द हुआ, और उन्होने गांद में लंड लेने से माना कर दिया. पापा उनको मानने की कोशिश करते रहे, लेकिन वो नही मानी.

इस बात पर उन दोनो में कहा-सुनी हुई, और पापा उठ कर रूम से बाहर आ गये. पापा को बाहर आता देख मैं साइड पर च्छूप गया. वो सीधे बातरूम में गये, और टाय्लेट सीट के सामने खड़े होके मूठ मारने लगे.

रात का टाइम था, तो उन्होने दरवाज़ा बंद करना ज़रूरी नही समझा. उनको ये बिल्कुल भी कबार नही थी, की मैं सामने खड़ा उनको देख रहा था. उनका खड़ा हुआ लंड देख कर मेरी गांद में खुजली होने लगी. मेरा दिल कर रहा था, की काश पापा मेरे उपर चढ़ कर मेरी गांद में लंड पेल दे.

तभी मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मैं पापा के पास चला गया. वो आँखें बंद करके मूठ मारने का मज़ा ले रहे थे. तभी मैने उनको पीछे से आवाज़ दी.

मेरी आवाज़ सुन कर वो घबरा गये, और पीछे मूड गये. मुझे देख कर वो हैरान हो गये. इससे पहले की वो कोई सफाई दे पाते, मैने घुटनो पर बैठ कर उनका लंड अपने मूह में डाल लिया. मेरी इस हरकत ने उनको चौंका दिया.

पहले कुछ सेकेंड्स तो वो मुझे अजीब नज़रो से देखते रहे. लेकिन जब उनको अपने लंड पर मेरे मूह की गर्माहट महसूस हुई, तो उन्होने अपनी आँखें बंद कर ली, और गांद आयेज-पीछे करने लगे.

2-3 मिनिट बाद उन्होने मेरे सर पर अपना हाथ रख लिया, और मेरे मूह में ज़ोर-ज़ोर के धक्के देके मेरा मूह छोड़ने लग गये. मुझे इस सब में बड़ा मज़ा आ रहा था. कुछ देर पापा मुझे ऐसे ही लंड चुस्वते रहे. मेरी आँखों से लंड चूस कर पानी आ गया था.

फिर पापा ने लंड बाहर निकाला, और बोले: गांद मरवाएगा?

मैने जैसे ही हा कहा, उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरे रूम में ले आए. मैने कुर्ता पाजामा पहना हुआ था. उन्होने जल्दी से मुझे नंगा किया, और घुटनो के बाल बेड पर बिता दिया. अब मेरी कोमल और सेक्सी गांद उनके सामने थी.

मेरी गोरी गांद देख कर वो बोले: क्या मस्त गोरी-गोरी गांद है तेरी. इतनी सेक्सी गांद तो तेरी मा की भी नही है.

फिर पापा ने मेरी गांद पर 2-3 थप्पड़ मारे, जिससे मेरी गांद लाल हो गयी. फिर उन्होने मेरी गांद के च्छेद पर थूका, और अपना लंड रगड़ने लगे. उनका लंड मेरी थूक से पहले से चिकना हुआ पड़ा था. मुझे दर्र लग रहा था.

तभी पापा ने ज़ोर का धक्का मारा, जिससे उनके लंड का टोपा मेरी गांद में चला गया. मेरी ज़ोर की चीख निकली. तभी पापा ने मेरे मूह पर हाथ रख लिया, ताकि मेरी आवाज़ बाहर ना जाए.

फिर उन्होने किसी जल्लाद की तरह बिना रहम किए मेरी गांद में धक्के देने शुरू किए. उनका लंड गांद फाड़ कर पूरा अंदर चला गया. मेरी दर्द के मारे जान निकल रही थी. गांद में से खून भी बाहर आ गया था.

फिर धीरे-धीरे मुझे मज़ा आने लगा, और मैं पापा को ज़ोर से छोड़ने के लिए बोलने लगा. पापा ने भी अपना पूरा ज़ोर लगा दिया. अब हम दोनो मज़े में थे. मैं आ आ करके अपने बाप से चुड रहा था.

तभी पापा ओह ओह करने लगे, और उन्होने अपने लंड का लावा मेरी गांद में ही निकाल दिया. फिर हम दोनो वैसे ही एक-दूसरे पर लेट गये.

दोस्तों आप सब को कहानी कैसी लगी, फीडबॅक में ज़रूर बताना.