आंटी ने उपर आके लड़के को चोदा

निशा: अब कों सी वाली में करोगे. आप भी ना बड़े ग़ज़ब हो, कहा-कहा से सीखा ये सब? आप जो छोड़ते हो वो सबसे अलग होता है. आपके साथ तभी मुझे मज़ा आ रहा है. थॅंक्स बेबी.

मैं: मेरी जान, अभी तू देखती जेया किस तरह से छोड़ता हू. रोज़ अलग-अलग पोज़िशन में तेरी छूट और गांद मारूँगा.

निशा: कर लेना आप, सब कुछ आपका ही है. मुझे तो आपके साथ हर चीज़ में मज़ा आ रहा है.

निशा: अब जल्दी से करो ना. प्लीज़ अब नही रहा जेया रहा है. देखो आपका ये काला सांड़ कैसे घूर रहा है मेरी छूट को.

मैं: निशा बेबी इस बार तू मुझे छोड़ेगी.

निशा: ये कैसे हो सकता है? आप छोड़ते हो मुझे. मैं कैसे करूँगी?

मैं: अर्रे मेरी रानी, मैं देख सीधा लेता हुआ हू. तू मेरे लंड पर बैठ.

निशा: ओक. लो बैठ गयी.

मैं: अब लंड को पकड़ और छूट में घुसा.

निशा ने झुक कर मेरे 7 इंच के लोड को पकड़ा, और उसे अपनी गुलाबी छूट के च्छेद में घुसने लगी. मैने कहा-

मैं: अब धीरे-धीरे लंड पर अपनी छूट का दबाव बना, और लंड को पूरा अंदर ले.

निशा ने वैसे ही किया. जब लंड 6 इंच अंदर चला गया, इससे उसकी मीठी सी सिसकी निकल गयी-

निशा: ह श बाबा. आपका लंड जब भी अंदर जाता है, मेरी चीख निकाल देता है.

मैं: तेरे छूट को मैं रोज़ छोड़ूँगा ना, तब जाके इसे लंड की आदत पड़ेगी. वैसे भी तेरी छूट ही इतनी टाइट है, जब अंदर जाता है इसे नया अनुभव होता है.

निशा: चुप करो बदमाश कही के. आपको शरम नही आती है? बहुत बिगड़ रहे हो.

मैं: तेरे जैसे दूध, और तेरे जैसी औरत हो, तो साला कों नही बिगड़ेगा? चल अब तू धीरे-धीरे उपर-नीचे होके चुदाई कर.

निशा: हा बाबा आह, कर रही हू.

निशा अपनी आँखें बंद करके होंठो को दांतो में दबा के लंड के उपर उछाल रही थी. दोस्तों ये क्या नज़ारा था. मेरा लंड और टाइट हो गया था छूट में. निशा पुर मज़े से लंड को छूट में लेके मुझे छोड़ने लगी. मैने उससे कहा-

मैं: मेरी जान. मज़ा आ रहा है ना अपने पति को छोड़ने में?

निशा: उम्म्म आह श हा बहुत. ये तो मेरे लिए सबसे नया अनुभव है. इसका मैं पूरा मज़ा ले रही हू.

निशा: आपका लंड मेरी गरम छूट में घुसा जेया रहा है. आज इसे मैं पूरा अंदर दबा लूँगी.

निशा: आअहह आअहह श अफ हा आह.

निशा मेरे लंड को उछाल-उछाल कर छूट में अंदर तक ले रही थी. उसकी 34″ की गांद मेरी जांघों पर ठप ठप ठप फॅट फॅट फॅट की आवाज़ कर रही थी.

जब वो उछाल रही थी, तो उसके 34″ के बूब्स भी साथ में उपर-नीचे होने लगे थे. निशा की मस्ती भारी चुदाई में बड़ा मज़ा रहा था. ऐसे उछाल रही थी, जैसे वो मुझे आज छोड़ के ही रहेगी. मुझे भी इसमे बड़ा मज़ा आ रहा था.

निशा की गांद को मैं दोनो हाथो से ज़ोर-ज़ोर से मसालने लगा था. एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा था. निशा के उछालने से उसके लंबे काले बाल उसके बूब्स के सामने आ गये थे. उन्हे मैं पकड़ कर पीछे करने लगा था. वो बस गरम चुदाई की सिसकियाँ ले रही थी.

निशा: उउंम्म ह्म ष्ह ग्लोप-ग्लोप आह उम्म्म्म स्पार स्पार. आ मेरी जान, बहुत मज़ा आ रहा है आ.

निशा अपनी आँखें बंद करके बस मुझे छोड़ने में लगी हुई थी. उसने थोड़ी स्पीड तेज़ कर दी. उसे अब उछाल कर छोड़ने में मज़ा आ रहा था. वो पूरा खुल के मज़े ले-ले कर लंड को पूरा अंदर लेके छोड़े जेया रही थी. मेरा 7 इंच का सांड़ उसकी छूट में अंदर तक जेया रहा था. मैने फिर कहा-

मैं: उहह एस मेरे रानी. क्या मज़ा आ रहा है तेरे साथ. और ज़ोर से उछाल मेरे रानी. क्या छूट है तेरी, एक-दूं मक्खन जैसी.

निशा: हा बाबा, आपका लंड मेरे बच्चे-दानी तक जेया रहा है. आज आपके लंड से प्रेगञेन्ट होना है. ये लो अब और ज़ोर से आह ह माआ उईईइ ष्ह.

निशा मेरे सीने पर दोनो हाथ रख कर अपनी गांद उछाल-उछाल कर लंड अंदर लेने लगी. छूट का भोंसड़ा बने जेया रहा था. निशा दर्द और आनंद की सिसकियाँ लेते हुए उछाल रही थी. बेड का गद्दा भी थोड़ी-थोड़ी आवाज़ करे जेया रहा था. इधर निशा की सिसकियाँ और साथ में बेड की हल्की आवाज़ चुदाई के मज़े को और मज़ेदार और कामुक बना रही थी.

मैने अपना मूह उसके बूब्स में घुसा दिया. फिर दोनो बूब्स को बारी-बारी से चूसने लगा. अब वो मेरे बालों को पकड़ के छूट को लंड पर उपर-नीचे करने लगी. लंड बिना रुके उसकी छूट का भोंसड़ा बना रहा था. निशा बस उउंम ई लोवे योउ मेरी जान. आआहह मेरी जान आहह हा हा हा हा हा आहह आहुह.

मैं: आह उहह एस एस बेबी और उछाल. मेरे जान क्या छूट है तेरे साली, पूरा लंड खा गयी. और उछाल मेरी जान.

निशा मेरी बात मानते हुए पुर जोश के साथ गांद उछाल रही थी. पूरी स्पीड के साथ लंड अंदर-बाहर होने लगा. निशा पूरी मेहनत से उछाल रही थी, और उसकी गांद फॅट फॅट फॅट की आवाज़ कर रही थी.

लगभग 25 मिनिट की चुदाई के बाद उसकी छूट और उसके बदन ने दूं तोड़ दिया. उसके थकने के साथ छूट ने भी अपना रस्स निकाल दिया. फिर निशा मुझे बोली-

निशा: ह बाबा आपके लंड ने मुझे मेरी छूट की गर्मी निकाल दी. मैं अब बहुत तक गयी हू. प्लीज़ अब आप करो जो करना है. आप भी झाड़ जाओ ना.

मैं: अभी कहा मेरी जान. अभी तो तुझे इस लंड का पानी पिलाना है. तेरी छूट में लंड रस्स जाएगा, तभी चुदाई पूरी होगी ना.

निशा: आप तो वैसे भी कहा थकते हो. ठीक है कर लो ना आप अब. अब आपको ही छोड़ना होगा, मेरी तो जान निकल गयी आज.

मैं: मेरी जान तूने आज चुदाई का पूरा मज़ा भी तो लिया है ना. कैसे तू मज़े ले-ले कर उछाल रही थी. पूरा बेड हिला दिया था आज तूने.

अब नेक्स्ट पार्ट में मिलेंगे. मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पेर अपना फीडबॅक ज़रूर दे.

थॅंक्स.