पड़ोसन आंटी को चुड़वते देखा

ही फ्रेंड्स, मी नामे इस रॉकी (नामे चेंज्ड). मेरे नेबर मे एक आंटी है, जिनका नाम प्रिया है. लेकिन मई उनको मामी ही बुलाता हू. सो मामी के डीटेल बता डू. वो थोड़ी सी सावली है और उनकी उमर लगभग 40 है. इनके 2 बच्चे है, और वो आचे जॉब पे है.

उनके पति की दूध की दुकान है और वो हर रोज़ पी कर टल्ली रहता है. इसी बात का मैने भी पूरा फ़ायदा उठाया था. सो लेट उस स्टार्ट थे स्टोरी-

ये बात तब की है, जब लॉक्कडोवन् जस्ट स्टार्ट ही हुआ था और मेरा और मामी का सिलसिला चालू हो गया था. मामी के साथ पहले आप को कुछ ओल्ड मेमोरीस बताता हू, की मामी के बारे मे मेरा मॅन कब बदला.

ये बात तब की है, जब मई कोहिनूर बॅंक्वेट्स मे काम करता था. पहले-पहले मई सिर्फ़ लड़कियो पे मरता था, लेकिन जब से मैने मामी और मामा का सेक्स देखा था, तब से मई औंतियो का भी दीवाना हो गया.

मई जब बॅंक्वेट मे काम करता था, तो मेरा छुट्टी का टाइम बहुत लाते था. सो ऐसे ही, उस दिन भी मई तोड़ा और ज़्यादा लाते हुआ था रोज़ की तरह. मई घर जेया रहा था. मेरा घर मेरे बॅंक्वेट के थोड़ी ही दूरी पर था. लेकिन मई चल कर जाता था, तो तोड़ा टाइम लग जाता था.

फिर मई अपने घर के बाहर पहुँच गया. उस वक़्त रात के कुछ 2:30 बजे थे. मई घर के बाहर खड़ा ही था, की अचानक मुझे कुछ आवाज़े सुनाई दी. आवाज़े सुन कर मैने घर के दरवाज़े पर नॉक नही किया और चेक करने लगा, की वो छपक-छपक की आवाज़े कहा से आ रही थी.

फिर मुझे ध्यान मे आया, की वो आवाज़े बाजू के घर से आ रही होंगी. हम लोग चाव्ल मे रहते है. एक डोर से रात को बाहर आवाज़े आ रही थी, तो मैने उनके घर मे झाँकने की कोशिश की. मई यहा वाहा देखने लगा, की अंदर कहा से देखु.

तभी मुझे याद आया, की बाजू मे खिड़की थी. लेकिन वो भी बंद थी, तो मई दरवाज़े पे ही कान लगा कर बैठा और आवाज़ सुन कर ही वही पे मूठ मारने लगा. थोड़ी देर मे अंदर की आवाज़े बंद हो गयी और मेरा भी वही पर पानी निकल गया.

मई शांत होके घर मे चला गया और मामी की छोड़ने के सपने धेखने लगा और सो गया. अगली सुबा मई तोड़ा जल्दी उठा. मुझे पता था, की मामी झाड़ू मारने बाहर ज़रूर आएँगी और झाड़ू मारते हुए उसके बूब्स दिखते थे.

पहले मई ऐसा नही सोचता था, लेकिन रात के सीन के बाद मेरा मॅन मामी के लिए बदल गया था. मामी के वो मॅजी टाइप के बाल, बूब्स इतने बड़े नही थे और 30″ के साइज़ के थे. गांद उनकी कमाल की थी और फुल भारी हुई थी और मस्त गोल-मटोल थी.

मई ये सब सोच कर रेडी था. फिर मामी झाड़ू मारने बाहर आई और उसने मुझे देखा और गुड मॉर्निंग कहा. मैने भी उनको गुड मॉर्निंग कहा. वो अपना झाड़ू मार रही थी और मई उनके बूब्स के दर्शन के लिए बेकाबू हो रहा था.

तभी उनका ध्यान मेरे पर गया और उसने मुझे देख कर स्माइल दी. फिर फाइनली मुझे उसके बूब्स के दर्शन हो गये. रात को सोते समय मामी ब्रा पनटी नही पहनती थी, तो सुबा मुझे उनके बूब्स सॉफ दिख रहे थे.

जब उसका झाड़ू मारना हो गया, तब वो अंदर चली गयी और मई अपना नहाने चला गया. उसके बूब्स और उसको सोच कर मैने मूठ मारी, नाश्ता किया और अपने काम पे निकल गया.

दिन भर मेरे मॅन मे यही ख़याल आ रहा था, की मई क्या करू और क्या नही. यही सोच कर मैने पूरा दिन निकाल दिया. फिर रात को मई घर जेया रहा था. आज तोड़ा जल्दी काम हो गया था, तो जल्दी घर जेया रहा था. मई जाते हुए सोच रहा था, की आज कुछ आवाज़े सुनाई देंगी या नही.

ये सब सोच कर मेरा मॅन मररा जेया रहा था. तभी मई अपने एरिया मे पहुँच गया. बाहर देखा, तो कोई आवाज़ नही आ रही थी. मामी के घर की लाइट जाली हुई थी, तो मई शांति से अपने घर मे चला गया.

मेरा सोने का मॅन नही हो रहा था, तो मुझे बाहर जाके देखना था. लेकिन बाहर जौ कैसे, वो सोचना था. फिर मैने दिमाग़ लगाया और अपने घरवालो को बोला-

मई: आज मई घर बाहर ही सो रहा हू, मुझे बहुत गर्मी लग रही है.

फिर मई बाहर गया और घर को बाहर से लॉक कर दिया और अपने दरवाज़े के सामने सो गया. उसी वक़्त मुझे वापस आवाज़ आनी चालू हो गयी. मई फटत से उठा और दरवाज़े पे कान लगा कर सुन रहा था.

मामा बहुत ज़ोर से मामी को छोड़ रहे थे. आवाज़ इतनी ज़ोर से आ रही थी, की मुझे देखना था, की अंदर क्या चल रहा था. फिर मई खिड़की की तरफ गया, की कोई चान्स था क्या वाहा. वाहा जाके मैने खिड़की खोलने की कोशिश की, लेकिन वो नही खुली.

फिर थोड़ी देर बाद अचानक खिड़की खुल गयी. मैने अंदर देखा, तो मामा स्टूल पर खड़े होके और मामी को सामने की दीवार हाथ रखवा कर, उसकी गांद की चुदाई कर रहा था. और इसीलिए आवाज़ मे ज़ोर आया था.

मामा पीने के बाद शैतान बन जाता था, लेकिन जब मैने उसका लंड देखा, तो वो बहुत छ्होटा था और मेरा कुछ 9.2 इंच का था. उसका लंड 5 इंच भी नही रहेगा. फिर मामा मामी को छोड़ते-छोड़ते झाड़ गये और बातरूम की तरफ चले गये.

तभी मामी घूमी और वाउ! वो क्या पारी की तरह लग रही थी. वो खुले बाल, वो छ्होटे-छ्होटे बूब्स और मोटी गांद, तो सच मे जन्नत थे यार. तभी मामी ने मामा से कहा-

मामी: बस हो गया. तुम ना दारू पीना बंद करो. तुममे स्टॅमिना नही रहा अब.

मामा: ये तू मुझे मत सीखा. तुझे मज़ा नही आया तो मुझे क्या. बस हो गया मेरा, अब तू सो जेया.

मामा टाय्लेट करके आया और सो गया. मामी कैसे शांत हो सकती थी, तो मामी कुछ मोबाइल पर देख रही थी और फिगेरइंग कर रही थी. मैने सोचा मामी की वीडियो बना के रखता हू, जो बाद मे काम आ जाएगी.

तो मैने वीडियो रेकॉर्डिंग स्टार्ट की. वो मस्त होके फिगेरइंग करने लगी. 10 मिनिट बाद उसका भी पानी निकल गया. फिर वो भी बातरूम गयी और आके सो गयी. मैने खिड़की को वैसे ही रखा और वाहा से उतार कर अपने बिस्तर पे आ गया और मेरा बाहर सोने मॅन ख़तम हो गया.

फिर मैने घर खोला, अंदर आया और बातरूम मे जाके वीडियो देख कर मूठ मारी. क्या लग रही थी मामी. मेरी तो जन्नत की सैर हो गयी. मई ऐसे ही मामी के ख्वाब लेता रहा और ख्वाब देखते-देखते कब सो गया, मुझे पता नही चला.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. स्टोरी पसंद आई हो तो थॅंक्स. और ग्रॅमर मिस्टेक्स के लिए सॉरी. ये मेरी रियल स्टोरी है.