अंजान भाभी के साथ गंदा सेक्स करने की

मेरा नाम सचिन है, और मैं देल्ही का रहने वाला हू. थोड़े टाइम पहले ही मैने अपनी पढ़ाई कंप्लीट की है. अब मैं सीधा मेरी स्टोरी पर आता हू.

बात कुछ दीनो पहले की है. मुझे पैसों की बहुत ज़्यादा नीड थी, क्यूंकी मेरी ग्रॅजुयेशन कंप्लीट होने के बाद भी मेरी जॉब अभी तक नही लगी थी. तो मैं बहुत उदास रहने लगा. एक दिन शाम के टाइम मैं जब मार्केट से वापस रहा था, तो मुझे रास्ते मैं एक लेडी दिखी.

28 साल आगे होगी उसकी लगभग. मैं उसे देखता है रह गया. क्या बतौ दोस्तों क्या गांद थी उसकी. उसको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. वो मुझे कुछ परेशन सी दिखी. तो मैने जेया कर उससे पूछा-

मैं: क्या हुआ मेडम? क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हू?

उन्होने कहा: मुझे एक कॉल करना है. मेरे हज़्बेंड मुझे रिसीव करने आने वाले थे. मेरा फोन बंद होने की वजह से मेरी उनसे बात नही हो पाई.

मैने बोला: जी बिल्कुल.

फिर उन्होने बात करने के बाद मुझे थॅंक योउ बोला. कुछ ही देर में उनके हज़्बेंड उन्हे लेने के लिए आ गये.

उन्होने कहा: आपको कहा जाना है? चलिए हम आपको ड्रॉप कर देते ही.

ऐसे ही वो लोग मेरे घर तक मुझे छ्चोढने आए. सामने मेरे पापा और भाई खड़े थे.

उन्होने पूछा: कों है ये लोग?

तो मैने बताया: ये परेशन हो रहे थे, तो मैने इनकी मदद की.

फिर वो लोग जाने लगे तो मेरे पापा ने उन्हे छाई के लिए रोक लिया. बातों ही बातों में उन्होने पूछा-

वो लोग: तुम क्या करते हो?

फिर मैने बताया की मैं जॉब की तलाश में था.

उन्होने बोला: मेरा खुद का ऑफीस है. तुम चाहो तो आ कर काम सीख सकते हो.

मैं बहुत खुश हुआ. फिर उन्होने मेरा नाम पूछा, और मैने अपना नाम सचिन बताया. उन्होने अपना नाम सलोनी बताया. फिर उनके हज़्बेंड ने अपना नाम रवि बताया. मैने उनके हज़्बेंड के साथ मेरा नंबर शेर किया.

फिर अगले दिन मैं उनके बताए हुए पाते पर ऑफीस पहुँचा. उन्होने वाहा पर मेरी क्वालिफिकेशन देखी और मुझे जॉब पर रख लिया. कुछ दीनो बाद मेरी ऑफीस में सब से अची पाटने लगी. एक दिन उनकी वाइफ भी ऑफीस आई हुई थी. उन्होने मुझे बोला-

सलोनी: कल घर पर पूजा रखी हुई है. तुम अपने घर वालो को लेकर घर पर आना पूजा में.

उनके हज़्बेंड ने भी फोर्स किया की घर से पापा को भी लेकर आना. फिर अगले दिन मैं अकेला ही पूजा के लिए उनके घर पहुँचा.

तो उन्होने कहा: बाकी सब क्यूँ नही आए?

मैने बताया: घर पर आज सभी बिज़ी है. मा अकेली ही घर पर फ्री है, तो वो घर अकेला छ्चोढ़ कर नही आ सकती.

फिर पूजा स्टार्ट हुई. थोड़े टाइम बाद पूजा ख़तम होने के बाद सभी खाना खाने के लिए बैठने वाले थे. तभी उनके हज़्बेंड को ऑफीस से कॉल आया की अर्जेंट आपको ऑफीस आना पड़ेगा. कुछ इश्यू हुआ था ऑफीस में.

फिर वो वाहा से जाने लगे, और मुझे बोला की खाना खा कर ही जाना. उसके बाद सब ने खाना खाया, और सब अपने-अपने घर के लिए निकल गये.

फिर सलोनी ने कहा: रूको, मेरे हाथ की छाई पी कर जाना. मैं मस्त बनती हू छाई.

मैने कहा: ज़रूर.

फिर वो छाई बना कर लाई. मैने छाई की चुस्की ली, तो उन्होने कहा-

सलोनी: छाई की चुस्की तो बड़े मस्त अंदाज़ से लेते हो.

मैने कहा: सलोनी जी, कुछ चीज़े आचे से लेने में ही अछा लगता है.

वो मेरी बात का मतलब तो समझ गयी थी, और उसको देख देख कर मेरा लंड फटते जेया रहा था.

उन्होने कहा: तुम शादी कब कर रहे हो?

मैने कहा: जब घर वाले करवा दे. मैं तो राज़ी बैठा हू.

तो उन्होने इठलाते हुए कहा: अछा!

मैने कहा: जी, इसमे क्या बुराई है?

उन्होने कहा: हा शादी तो सब को एक ना एक दिन करनी ही है.

फिर बातों ही बातों में उन्होने अचानक आँख मारते हुए अलग ही अंदाज़ में कहा-

सलोनी: छाई के अलावा और कों सी चीज़ो की चुस्की पसंद है तुम्हे?

मैने बोला: जो सही टाइम पर मिल जाए.

फिर सलोनी ने अपने पर्स से 5000 रुपय निकले और बोली: तुम्हे मेरा एक काम करना है.

मैने बोला: बताइए मेडम.

उन्होने कहा: यी 5000 रुपय तुम्हारे. पर तुम्हे लगातार मैं जब तक माना ना करू, तब तक मेरी गांद चाटनी होगी, छूट भी चाटनी पड़ेगी, और मेरे आर्म्स को जीभ से चाटना पड़ेगा.

मेरी तो मानो किस्मत खुल गयी हो.

मैने कहा: सलोनी, 5000 रुपय में आज कल मोबाइल नही आता. मेरा क्या होगा इतने से?

वो अभी तक समझ गयी थी की मैं पैसों के लिए कुछ भी करूँगा.

उसने कहा: और मिल जाएँगे.

फिर मैने अपना काम स्टार्ट किया. मैं सलोनी को उसके बेडरूम में लेकर गया. फिर एक प्यारी सी छ्होटी सी किस की. उसने ब्टाया की उसके हज़्बेंड को छूट चाटना पसंद नही था, और वो उसके पास ज़्यादा आते भी नही थे. उसका कही बाहर ही चक्कर चल रहा था.

फिर मैने सलोनी से कहा: कोई बात नही, मैं तुम्हारी इक्चा पूरी करूँगा.

फिर धीरे-धीरे हम दोनो ने एक-दूसरे के कपड़े उतारने स्टार्ट किए. हम दोनो पूरी तरह से नंगे हो गये. फिर सलोनी बेड पर घोड़ी बन गयी और उसने मुझे बोला-

सलोनी: अपनी जीभ से मेरी गांद छातो.

मैं उसकी गांद की खुश्बू सूंघने लगा. ये मेरा पहला अनुभव था.

मैने उसे कहा: वाहा नही कर पौँगा.

फिर उसने कहा: छूट छातो.

मैं छूट पर जीभ लगा कर छूट चाटने लगा. मुझे भी नशा सा होने लगा. मज़ा आने लगा मुझे. फिर छूट चाटने के बाद पता नही मुझे क्या हुआ, की मैं खुद से उसकी गांद चाटने लगा. मैं उसके बूब्स को मसालने लगा, और चूसने लगा. वो तड़पने लगी, और बार-बार अपनी छूट को मेरे मूह पर रग़ाद रही थी.

फिर उसने मेरा मूह पकड़ कर मुझसे उसकी आर्म्स को अची तरह से चटवाया. उसके बाद सलोनी ने मुझे बोला की उसको मेरे मूह में मुतना था. उसको गंदा सेक्स पसंद था, पर उसका हज़्बेंड उसकी इक्चा कभी पूरी नही कर पाया, जो आज उसको मेरे साथ पूरी करनी थी.

मैने बोला: मैं सहन नही कर पौँगा.

उसने कहा: बस तुम अपना मूह खोल कर रखना.

फिर वो मेरे मूह कर उपर बैठ कर मूतने लगी. मुझे घिन आने लगी. उसने मेरा पूरा मूह उसके मूट से भर दिया. फिर मैने वॉशरूम जाके खुद को सॉफ किया. फिर आ कर मैं उसको चूमने-चाटने लगा. मेरा मॅन कर रहा था की उसकी सारी गर्मी निकाल डू और छूट फाड़ डू उसकी.

फिर मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसकी छूट पर टूट पड़ा. 15 मिनिट तक उसकी छूट चाटने के बाद उसने अपनी छूट का रस्स मेरे मूह में ही छ्चोढ़ दिया. मैने टेस्ट किया काफ़ी गंदा टेस्ट था उसका. पूरा मूह खराब कर दिया उसने. फिर मैने उसकी चुदाई चालू करी.

सलोनी बोलने लगी: धीरे से डालना. मेरे पति का तुमसे छ्होटा और तोड़ा पतला है.

फिर मैने उसकी छूट के मूह पर लंड को सेट करके एक धक्का लगाया. उसको तोड़ा दर्द महसूस हुआ. मैने उसको लीप किस करते हुए उसके दूध को प्रेस किया, और चुदाई जारी रखी. लगातार तबाद-तोड़ चुदाई के बीच वो 3 बार झाड़ चुकी थी.

फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, और 40 मिनिट तक छोड़ा. इस बार हम दोनो एक साथ झाड़ गये. फिर उसने इस बार मेरा लंड मूह में लिया और चूसने लगी. क्या बतौ दोस्तों, इतना मज़ा आ रहा था. मानो मैं जन्नत की सैर कर रहा था. फिर मैने उसका एक पैर अपने कंधे पर रखा, और ज़ोर का झटका दिया, और चुदाई करने लगा.

लंड उसकी छूट की जड़ तक जाने लगा, और वो चीकने लगी. उसको बहुत मज़ा आ रहा था. वो सिसकारिया भी ले रही थी, और बीच-बीच में चिल्लाते हुए बोल रही थी-

सलोनी: और तेज़ करो प्लीज़, और तेज़ करो. फाड़ दो मेरी छूट. ऐसे ही चुदाई 20 मिनिट चलती रही. फिर हम दोनो एक साथ शांत हो गये. मुझे याद आया की उसका हज़्बेंड ना आ जाए, वरना लेने के देने पद जाएँगे. फिर मैने उससे उसका नंबर लिया, और अब उसका जब भी मॅन होता था, वो उसकी छूट चटवाने के लिए मुझे बुला लिया करती थी.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो शेर ज़रूर करे.