बॉटम क्रॉसड्रेसर की सेक्स स्टोरी- 2

गे क्रॉसड्रेसर सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे दूकान वाले लड़के ने मेरी क्रॉसड्रेस वाले शौक को जानकर मुझे गे सेक्स के लिए आमन्त्रण दिया. मैं भी उसे पसंद तो करती थी लेकिन .

दोस्तो, मैंने अपनी पिछली गे क्रॉसड्रेसर सेक्स स्टोरी
बॉटम क्रॉसड्रेसर की सेक्स स्टोरी
में आपको बताया था कि कैसे दुकानदार नीरव से मेरी मित्रता बढ़ती गई. मैं अपने बॉयफ्रेंड मानव के साथ बिताए हुए क्षण की डिटेल्स नीरव के साथ शेयर करने लगी।
मेरे शरीर की बनावट में जो लड़कियों की तरह परिवर्तन हो रहे थे उसकी तारीफ अक्सर नीरव मुझसे करता रहता था।

आज मैं आपको बताऊंगी कि कैसे नीरव ने मुझे पटाया मुझे अपने साथ गे क्रॉसड्रेसर सेक्स के लिए।

एक दिन नीरव का मेल मेरे पास आया जिसमें उसने बताया कि मेरे लिए एक बहुत सेक्सी ड्रेस उसने चुन कर रखी है।
मैं हमेशा की तरह शाम को उसके दुकान पर पहुंच गई। उसने दुकान बंद करके मुझे वह ड्रेस थमा दी।

यह हल्के गुलाबी रंग की एक स्लीवलैस वेस्टर्न ड्रेस थी जो कि सिर्फ मेरे नितंब तक लंबी थी। मैंने ट्रायल रूम में जाकर ड्रेस को पहनकर अच्छी तरह से ट्रायल ली और बाहर आई।
ड्रेस मुझे भी बहुत पसंद आई।

बाहर आने पर नीरव ने भी मुझे प्रशंसा भरी नजरों से देखा।
मैंने उसे ड्रेस पसंद करने के लिए धन्यवाद दिया और ड्रेस को पैक करने के लिए कहा।

तब नीरव ने मुझसे आंख मार कर कहा- यार थोड़ी देर बाद चली जाना! इतनी जल्दी क्या है जाने की। थोड़ा अपने बॉयफ्रेंड को भी इंतजार करने दो. या तुम्हें ही चुदाई की जल्दी हो रही है?
नीरव की बात सुनकर मैं भी हंसने लगी और उसकी दुकान में रुक गई।

अब नीरव ने मुझसे धीरे से कहा- तुम्हारे लिए मैंने एक गिफ्ट भी लिया है। चलो दिखाता हूं।
यह बोलकर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे दुकान के पीछे की तरफ बने हुए हिस्से में ले गया।

वहां मैंने देखा कि उसका एक छोटा सा पर्सनल कमरा भी है और एक सोफा कम बेड भी है. जो शायद कभी कभार रात को रुकने के लिए वह इस जगह का इस्तेमाल करता होगा।

उसने मुझे सोफा पर बैठा दिया और मुझे एक गिफ्ट पैक ला कर दिया और खोलने के लिए कहा।

मैंने जब गिफ्ट पैक खोला तो उसमें एक लड़कियों का परफ्यूम, मेरे लिए कुछ अच्छी वाली लिपस्टिक, आई लाइनर और लिप लाइनर जैसा मेकअप का सामान था।
लेटेस्ट फैशन की बिंदिया भी थी।

मैं तो खुशी के मारे झूम उठी लेकिन मैंने उससे कहा- यार, यह सामान तुम मुझे क्यों गिफ्ट कर रहे हो? यह तो तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट करना चाहिए।
यह सुनकर वह हंसने लगा और बोला- यार, आजकल तो हर लड़की के एक से ज्यादा बॉयफ्रेंड होते हैं। क्यों नहीं तुम ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ और मेरे साथ भी वह सब करो जो तुम अपने बॉयफ्रेंड के साथ करती हो। हां अगर मैं तुम्हें पसंद नहीं तो अलग बात है।

मुझे उसकी बात सुनकर आश्चर्य नहीं हुआ. क्योंकि मैं खुद भी यह महसूस कर रही थी कि यह क्षण कभी भी आ सकता है जब वह मुझे प्रपोज करेगा।
वैसे मैं भी उसे मन ही मन लाइक करने लगी थी।

मैंने उससे कहा- नहीं नहीं, तुम मुझे बहुत पसंद हो. लेकिन पहले जरा मानव से भी पूछ लें। अगर मानव से छुपकर तुम्हें अपना बॉयफ्रेंड बना लूंगी तो उसे ठीक नहीं लगेगा। पहले मानव की रजामंदी ले लेते हैं उसके बाद तुम भी मेरे ब्वायफ्रेंड बन जाना।

अब नीरव मेरे पास में बैठ गया और उसने मेरी नंगी जांघ पर अपना हाथ रख दिया।
नीरव के स्पर्श से मुझे भी रोमांच होने लगा। मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज चलने लगी।

मैंने भी उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया।
नीरव ने पूछा- नीता अगर मानव को एतराज हुआ तो?
मैंने कहा- अगर मानव तैयार नहीं हुआ तो फिर मैं छुप कर तुम्हें कभी कभार खुश कर दिया करूंगी। पर मुझे लगता है मानव को एतराज नहीं होगा. क्योंकि मैं तुम्हारे बारे में अक्सर उसे बता देती हूं। और अगर हम लोग मानव के सहमति के साथ संभोग करेंगे तो खुलकर कर सकेंगे और ज्यादा मजा कर सकेंगे।

मेरे कथन से नीरव को भी ठीक लगा।
मैंने उसे अगले दिन मानव से पूछ कर बताने का वादा किया और चली आई।

रात को मैंने मानव को अपने अंतरंग क्षणों में इस घटना की जानकारी दी और उसकी राय पूछी।
मानव कुछ सोच कर बोला- तुम क्या चाहती हो?
मैंने बिना हिचकिचाहट के कहा- मुझे कोई एतराज नहीं है मानव. पर मैं तुम्हारी सहमति के बगैर कुछ भी नहीं करूंगी। अगर तुम्हें पसंद नहीं तो मैं नीरव को मना कर दूंगी।

मानव ने कुछ सोचकर कहा- मेरी समझ से तो नीरव का प्रस्ताव स्वीकार कर सकती हो। हो सकता है कि इससे हम लोगों की सेक्स लाइफ ज्यादा शिक्षित और ज्यादा अच्छी हो जाए।
उसकी बातें सुनकर मेरा तनाव दूर हो गया और मैं भी उत्सुक हो गई. क्योंकि मैं समझ गई कि अब बहुत जल्दी मैं नीरव की बांहों में भी समाने वाली हूं।

हम दोनों ने अगले दिन शाम को जाकर नीरव से मिलने का प्लान किया इसकी जानकारी मैंने नीरव को सवेरे मेल से दे दी।

प्लान के अनुसार हम लोग नीरव की दुकान पर शाम को गए। हमें देखकर नीरव ने अपनी सेल्स गर्ल्स को छुट्टी दे दी और दुकान का शटर डाउन कर लिया।
नीरव और मानव के साथ मैं दुकान के पीछे वाले हिस्से में गयी. उसने मुझे पिछले दिन पहले जो ड्रेस दिखाई थी वह गिफ्ट के साथ दे दी. और मेकअप के साथ तैयार होकर आने के लिए कहा।

मैं अच्छी तरह से तैयार होकर और मेकअप करके दुकान के पीछे वाले हिस्से में चली गई. जहां दोनों मेरा इंतजार कर रहे थे।

मुझे अच्छी तरह से तैयार हुआ देखकर दोनों के चेहरे खिल गए।
मैं भी हंसते हुए सोफा पर नीरव के बगल में बैठ गई।

अब हम लोगों ने चर्चा शुरू की और नीरव ने मानव से मेरे सानिध्य के लिए अनुरोध किया।
मानव ने उनकी बात मान ली.

लेकिन मैंने बोला कि मैं नीरव के यहां मानव के साथ जाऊंगी, अकेली नहीं जाऊंगी।
तब नीरव ने मेरे साथ मानव से भी अनुरोध किया साथ चलने के लिए।

नीरव ने बताया कि उसका एक नया मकान है जो कि फिलहाल खाली ही है तथा काफी दूर है। क्रिसमस के तीन दिन पहले से नीरव का दुकान सात-आठ दिनों के लिए बंद करने का इरादा था जिससे कि दुकान का फेस लिफ्टिंग अच्छी तरह किया जा सके। इसके लिए वे अपना सारा सामान गोडाउन में ट्रांसफर कर रहे थे।

उस दौरान नीरव ने हम दोनों से उसके घर में रहने का अनुरोध किया।

क्योंकि उन दिनों हमारे कॉलेज की भी छुट्टियां रहती थी इसलिए हम लोगों ने नीरव का प्रस्ताव मान लिया। अब नीरव ने मुझसे पूरी तरह लड़की बन कर साथ चलने के लिए कहा जो मैंने मान लिया।
नीरव ने मुझसे नई विग और एक हाई हील की सैंडल खरीदने को कहा जिससे कि मेरी चाल भी लड़कियों जैसी हो जाए।

उसने मेरे पैर का नाप भी ले लिया और मेरे लिए हाई हील की सैंडल खरीदने का वादा भी किया। उसने मानव के सामने मेरा मेजरमेंट भी लिया ताकि मेरे लिए ब्लाउज की सिलाई की जा सके।

ठंड के दिन थे और हम लोग काफी देर तक बातचीत करते रहे।
जब वापस चलने का समय आया तो मैंने मानव से कहा- मैं पुनः अपने कपड़े पहन कर आती हूं।
तब नीरव ने मुझसे बोला- अगर तुम मेरे साथ कार से लड़कियों के कपड़ों में घर तक अगर चलोगी तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और मैं तुम्हारा घर देख लूंगा।

फिर क्या था . मैं तुरंत नीरव के साथ कार में बैठ गई और मानव अपनी मोटरसाइकिल से घर को चला।
रास्ते में नीरव ने मुझसे पूछा- कैसा फील कर रही हो?
मैंने मुस्कुरा कर बोला- मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है. क्योंकि मानव हमारी बात मान गया। अब हम लोग निसंकोच संभोग कर सकेंगे।

नीरव ने मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और एक हाथ से ड्राइव करता रहा।
उसने मेरी फिगर की तारीफ़ की और कहा- नीता, तुम्हारे नितंब धीरे-धीरे लड़कियों की तरह होते जा रहे हैं। इसके लिए क्या तुम कोई मेडिसिन ले रही हो?
मैंने कहा- मैं कोई मेडिसिन तो नहीं ले रही हूं, पर मानव मेरे साथ रोज संभोग करता है। कदाचित इसी वजह से मेरे नितंब भारी हो रहे हैं।

इस पर उसने बोला- अगर तुम गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करोगी तो तुम्हारे नितंब और भी भारी हो जाएंगे और चूचियां भी थोड़ी बड़ी हो जाएंगी।

नीरव की बात सुनकर तो मैं खुशी से उछल पड़ी और मैंने गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल अगले दिन से ही शुरू करने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी।

आखिर मुझे घर छोड़कर नीरव चला गया। जाने के पहले नीरव ने मेरे लिपस्टिक लगे अधरों को चूमा।

उस रात को मेरा शरीर मानव की बांहों में था लेकिन मन ही मन मैं खुद को नीरव से चुदते हुए महसूस कर रही थी।
मैं मन ही मन गे क्रॉसड्रेसर सेक्स की घड़ी का बैचेनी से इंतजार करने लगी।

अभी प्लान के मुताबिक पांच दिनों का टाइम हमारे पास था जो कि काटे नहीं कट रहा था मुझसे।

मैंने अगले दिन दोपहर को नीरव को फोन लगा कर पूछा- जानू कैसे हो?
मेरी आवाज सुनकर नीरव हंसने लगा और बोला- क्या बात है जानेमन! क्या तुमसे टाइम पास नहीं हो रहा है? अभी तो पूरे 120 घंटे बाकी हैं हमारे मिलन में।
मैंने जवाब दिया- मैं भी तो चुदाई की घड़ी का इंतजार कर रही हूं. जब तुम मुझे अपनी बांहों में लोगे। तुम्हारी सलाह मान कर मैंने आज से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन शुरू कर दिया है।

हम लोग काफी देर इधर-उधर की बातें करते रहे.
फिर अचानक नीरव ने कहा- डार्लिंग, कल तुम कॉलेज बंक कर सकती हो क्या मेरे लिए?
मैंने कहा- यार, कल तो मेरा टेस्ट है. पर सेकंड पीरियड के बाद कॉलेज में बंक कर सकती हूं। बताओ क्या काम है?

नीरव- अगर तुम चाहो तो कल मैं तुम्हारा पार्लर से अपॉइंटमेंट ले लेता हूं। तुम्हारी वैक्सिंग थ्रेडिंग और सारी तैयारियां वे लोग कर देंगे।
मैं- यार, मुझे पार्लर में जाकर यह सब करवाने में बहुत शर्म आती है. मानव मुझे यह सब घर पर ही करवा देगा।
नीरव- तुम शर्म की फ़िक्र मत करो। तुम बस मेरे साथ चली जाना। बाकी हर चीज आराम से हो जाएगी। मुझे काफी लोग पहचानते भी हैं वहाँ।
नीरव के जोर देने पर पर मैंने उसकी बात मान ली।

सही समय पर नीरव मुझे लेने कॉलेज आ गया।
मैंने उससे पहले अपने घर चलने का अनुरोध किया ताकि मैं पैंटी की जगह लड़कों की अंडरवियर पहन सकूं।

नीरव ने हंसकर कहा- तुम फिक्र मत करो जानेमन! अगर पार्लर वाले तुम्हें पैंटी में देख भी लेंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन लोगों को मालूम रहता है कि वे तुम्हें किस उद्देश्य से तैयार कर रहे हैं।

मैंने नीरव को समझाने की कोशिश की पर उस ने मेरी एक न चलने दी।
हार कर मैंने उसकी बात मान ली और उसके साथ पार्लर चली गई।

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धन्यवाद.

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