सीधी सादी लड़की बन गयी मेरी रंडी

हेलो दोस्तो, आपका यर्र आपके लिए एक ओर छूट चुदाई की कहानी लाया है. ये चुदाई स्टोरी मेरी पिछली सेक्सी कहानी “बस मे च्छेदखानी” का अगला भाग है. तो जिसने वो कहानी नही पढ़ी पहले वो पढ़ले उन्हे पढ़ने मे तभी मज़ा आएगा.

तो जैसा की आपने पढ़ा था के अक्षिता दीदी मुझे ओर रश्मि को छ्चोड़कर देल्ही चली गयइ थी पढ़ने. अब वो गाओं भी कम ही आती थी. अब मई ओर रश्मि **त क्लास मे आगये थे.

रश्मि की चुचिया अब फूलकर 36 की हो गयइ थी ओर गांद भी 36 की हो गयइ थी. रश्मि हमारे स्कूल की सबसे सेक्सी लड़की हो गयइ थी. अब हमारे क्लास के क्या दूसरी क्लास के क्या टीचर भी उसकी छूट मारना चाहते थे.

मई भी अब रेग्युलर जिम जाता था ओर मैने अपने आपको को अछा बिल्ट करलिया था. मई क्लास की लगभग हर लड़की से बात करता था. जिससे ओर लड़के मुझे अपना लोवे गुरु मानते थे.

रश्मि भी अब स्कूल मे छ्होटी सी छ्होटी स्कर्ट पहनकर आती थी. हमारा स्कूल एक छ्होटे शहेर मे था. तो वाहा पेर ज़्यादा कन्सर्वेटिव लोग रहते थे उन्होने स्कर्ट के उपर ऑब्जेक्षन्स उठाने स्टार्ट करडीए.

जिससे स्कूल के प्रिन्सिपल ने स्कर्ट के नीचे शॉर्ट्स पहनने को बोल दिया. लेकिन रश्मि सिर्फ़ पनटी ही पह्न कर आती थी. वो हमेशा अपनी गांद को लहराते हुए चलती थी.

अब उसके नंबर्स भी काफ़ी कम आने लगे थे. और उस यूषुयल मेरे भी. तो मैने ओर रश्मि ने अपने मम्मी पापा से बात की ओर एक स्कूटर ले लिया स्कूल तक जाने के लिए. ओर फिर उसके बाद हम टुटीओन्स के लिए जाते थे.

अब हम दोनो आज़ाद पंछी थे. और सबसे बड़ी बात ये की सारे स्कूल मे ये बात सबको टा थी के रश्मि मेरी बहें है तो कोई भी हम पर शक़ भी नि करता था.

हम दोनो रात रात भर सेक्स छत करते थे. और फिर सारा दिन हम साथ मे गुज़रते थे. हमे कही भी मौका मिलता था हम दोनो वही पेर किस ओर च्छेदखानिया शुरू कर देते थे.

रश्मि ने 12त मे आने पेर पढ़ाई को तोड़ा सीरियस्ली लेना स्टार्ट कार्डिया था. क्यूकी उसको घर से काफ़ी सुनने को मिल रही थी. और उसको मोबाइल वापस लेने की धमकिया भी मिलने लगी थी.

तो उसने मुझसे लगभग 1 महीने तक बस नॉर्मल बात की. नही मुझे अपने आपको च्छुने दिया. मैने अब मुट्ठी मारनी बंद कर दी थी क्यूकी रश्मि ने मुझे कसम दे रखी थी.

लेकिन इस एक महीना कुछ ना करने पेर मेरे अंदर आग लगने लगी ओर वोही हाल रश्मि का भी था लेकिन रश्मि अपने आपको कंट्रोल करके रखी हुई थी.

एक दिन रात मे हम दोनो ऐसे ही पढ़ाई की बात कर रहे थे छत पेर तभी मई बोला….

मई :- यर्र रश्मि अब कंट्रोल नि हो रहा है मुझे… मई जैसे ही तेरी गांद तेरी छ्होटी सी स्कर्ट मे देखता हू मेरा लंड खड़ा हो जाता है..

रश्मि :- यर्र मेरा भी वोही हाल है सही मे… कल तो तेरा लंड मेरे सपने मे आया था…

मई :- बेबी तो आजा ना अब क्यू तडपा रही है..

रश्मि :- यर्र एक बात सुन… कल कुछ लड़के मेरी पनटी देख रहे थे स्टेर्स के नीचे खड़े होकर… तबसे मई बोहोट गरम हो गयइ हू.. मुझे यर्र वोही वीडियो का ख्याल आया था जिसमे एक लड़की 10 लड़को से एक साथ चुड्ती है..

मई :- तुझे गंगबांग करना है क्या अपना..

रश्मि :- यर्र मॅन तो बोहोट कर रहा है अभी लेकिन दर्र लगता है… एक ने भी किसी को बीटीये दिया तो मई कही मूह दिखाने लायक नि रहूंगी.

मई :- अरे वो सब छ्चोड़ यर्र अभी… तू ये बीटीये कल करेगी सेक्स.

रश्मि :- कहा करेगा..

मई :- अरे कल छ्होटे बचो की च्छुतटी है. कल उनकी क्लासस खाली पड़ी रहेंगी. वाहा कोई आता जाता नि है. तो हम वाहा पेर कर सकते है..

रश्मि :- ठीक है कल मे सबसे छ्होटी स्कर्ट पहनकर अवँगी.. लेकिन यर्र पनटी पहनकर आनी पड़ेगी. वो च्छिच्चोरे लड़के मेरी नंगी टाँगो को हमेशा देखते ही रहते है..

मई :- आस योउ विश मी बेबी..

तो फिर हम अगले दिन स्कूल मे पोुनचे ओर फिर एक पीरियड फ्री हुआ तो हम दोनो एक छ्होटे बचो के क्लासरूम मे आगये. मैने अपनी पंत की चैन खोलकर अपना लंड बाहर निकाल लिया.

और रश्मि की स्कर्ट उपर उठाकर उसकी पनटी नीचे करदी ओर नीचे झुक कर मई रश्मि की छूट चाटने लगा. मेरी नाक रश्मि की गांद के छेड़ मे लग रही थी.

रश्मि को असीम आनंद की प्राप्ति हो रही थी. मुझे रश्मि को छोड़े हुए इतने दिन हो गये थे के मई वासना मे जलने लगा था ओर मई रश्मि की गांद भी चाटने लगा था.

मेरे दिमघ मे टा नि क्या आया ओर मई उसकी गांद मारने के लिए उतावला हो गया. मई तभी उठा ओर रश्मि की गांद के छेड़ पेर अपना लंड लगाने लगा..

रश्मि बोली :- ये क्या कर रहे हो तुम… सोचना भी नि वाहा करने की..

लेकिन कामवासना इतनी भर चुकी थी मैने अपने लंड पेर थूक लगाया ओर सीधा रश्मि की गांद मे डालने लगा. मेरा लंड फिसलकर छूट मे ही चला गया.

मई उसमे भी धक्के लगाने लगा. आज एक महीने बाद छोड़ रहा था. लेकिन रश्मि ने अपनी सांस मे सांस भारी के लंड उसकी गांद मे नि गया.

अब तो उसको आदत हो गयइ थी मेरा लंड लेने की छूट मे क्यूकी मई उसको इतनी बार छोड़ चुका था. इसलिए वो बस हल्के हल्के मोन कर रही थी.

फिर मैने तेज़ तेज़ झततक्े लगते हुए ही एक बार लंड निकाला ओर रश्मि की गांद मे अपना लंड उतार दिया. वो एकद्ूम हुए इस हमले से सहें गयइ ओर आयेज को बढ़ने लगी.

मैने उसको आचे से कंधे से जाकड़ लिया ओर पूरा लंड रश्मि की छूट मे घुसा दिया. रश्मि चिल्लाने लगी…

आहहाअ अक्षय प्लीज़ निकाल ले यर्र बोहोट दर्द हो रहा है. अहह सच मे सहें नि हो रहा है. आहहाअ… प्लीज़ मुझे छ्चोड़ दे आहह..

लेकिन मई आज पूरे जोश मे था ओर मई फिर हल्के हल्के उसमे धक्के भी लगाने लगा. रश्मि की चीकखे बाहर तक जाने लगी. रश्मि को दर्द के मारे ओर मुझे जोश के ध्यान ही नि रहा के हम स्कूल के अंदर है.

मई बुरी तरह रश्मि की गांद छोड़ रहा था. वही एक ब्लॉक आयेज बबिता माँ का भी कॅबिन था. जिसको नही याद आया के बबिता माँ कों है तो वो दोबारा “बस मे च्छेदखानिया” स्टोरी पढ़े.

तो जैसे ही मैने रश्मि की गांद मारनी स्टार्ट की तो उसने तेज़ तेज़ चिल्लाना स्टार्ट कार्डिया जिसकी वजह से बबिता माँ ने वो सब सुन लिया ओर हमे दोनो को चुदाई करते हुए देखने लगी च्छुपकर.

मई अभी भी रश्मि की गांद मार रहा था. रश्मि की मोटी गांद मे मेरा लॉडा समा गया था. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला तो देखा के मेरे लंड पेर खून लगा हुआ है.

रश्मि तभी नीचे गिर गयइ. मैने फिरसे देरी ना करते हुए रश्मि को घोड़ी बना लिया ओर उसकी गांद मे फिरसे अपना लंड डाल्डिया. आहह क्या गांद थी रश्मि की एकद्ूम टाइट.

रश्मि भी अब थोड़ी नॉर्मल हो गयइ थी. वो बस अपनी जगह घोड़ी बनकर मेरे लंड के प्रहार को झेल रही थी. और फिर बोल भी रही थी…

आअहह अक्षय मेरा पूरा शरीर तेरा है…..मई रंडी हू तेरी…. मुझे जैसे छोड़ना चाहे छोड़ ले… मुझे अपनी रंडी बनाकर रख ले… अहह क्या मस्त मोटा लंड है तेरा…

बबिता माँ ये सब सुन सकती थी. मई भी ओर जोश मे आया ओर रश्मि को बोलने लगा.. “बीटीये रश्मि कों है तू मेरी”….रश्मि बोली “मई आपकी रंडी हू सरकार आअप आअहह मुझे जब चाहे जहा चाहे छोड़ सकते हो..”..

रश्मि जब ऐसी बाते करती थी तो मई जोश से भर जाता था. फिर मई रश्मि को अपनी पूरी स्पीड मे छोड़ता था जो रश्मि को बोहोट अछा लगता था… मैने रश्मि को फुल स्पीड मे छोड़ना स्टार्ट कर दिया…

पत्त्त्त पत्त्त्त पत्त्त्त इस तरह की तेज़ तेज़ आवाज़ पूरे क्लासरूम मे गूँज रही थी. रश्मि की गांद झततक्े लग लगकर बिल्कुल टमाटर की तरह लाल हो गयइ थी.

फिर मैने अपना लंड निकाला रश्मि की गांद से ओर रश्मि को उठाया तो उससे उठा नि जेया रहा था. मैने फिर उसको अपनी बाहो मे भर कर उठाया ओर एक सीट की टेबल पेर उसको लिटा दिया.

जैसे ही रश्मि की गांद टेबल पेर रखी रश्मि एक दूं उछाल गयइ. बोलने लगी “मेरी गांद बोहोट जल रही है ओर दर्द भी कर रही है.

फिर मैने उसको अची तरह लिटा लिया ओर उसकी टांगे अपने कंधो पेर रख ली. ओर फिर उसकी कभी छूट मे तो कभी गांद मे अपना लंड पेलता रहता.

तभी रश्मि की नज़र बबिता माँ पेर पड़ी जो हमे सेक्स करते हुए खिड़की से देख रही थी. रश्मि कुछ भी नि बोली. वो देखना चाहती थी के ये क्या करेगी अब..

क्यूकी मेडम ने हमारी कॉंडम वाली बात भी छुपाई थी ओर तो ओर टॅब्लेट्स वाली बात भी छुपाई थी. प्रिन्सिपल को भनक तक लगने नि दी थी. और आज भी वो हमे सेक्स करते देख रोकने के बजाए हमे देख रही थी.

रश्मि ने मुझे किस करने के बहाने अपने करीब किया ओर हल्के से कान मे मुझे बीटीये दिया के बबिता माँ हमे देख रही है. और साथ मे ये भी बोलडिया के मई कोई रिक्षन ना डू.

क्या हमारी चुदाई पूरी हो पाई?? क्या बबिता माँ ने हमे रोका??

ऐसे सवालो के जवाब आपको अगली स्टोरी मे मिलेंगे. तब तक के लिए.. धन्यवाद!!
[email protected]