ससुराल की कामुक नौकरानी को चोदने की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रंजीत है, और मैं डपोदी, पुणे से हू. मेरी उमर 30 साल है, और मेरी अपनी दुकान है. मेरी शादी पिछले साल हुई है, और मेरा ससुराल लोकल है. हाइट मेरी 5’11” है, और लंड मेरा 8 इंच का है.

ये बात 2 महीने पहले की है. मेरी सास अचानक से बीमार पद गयी थी, जिसकी वजह से मेरी बीवी उनका ध्यान रखने के लिए अपने घर चली गयी. क्यूंकी मेरा ससुराल मेरे घर के पास ही था, और मैं वाहा रेग्युलर चला जाता था अपनी सास का हाल-चाल पूछने.

मेरे ससुराल में काम करने के लिए एक औरत रखी हुई थी उन्होने. वो कोई 35-36 साल की थी. वो सुबा आ जाती थी, और शाम को सारा काम करके चली जाती थी. उसका नाम नीलम था. मैने उसको पहली बार तब देखा, जब वो फर्श पर बैठ कर पोछा लगा रही थी.

जिस दिन मैने उसको देखा, मैं तो उसका दीवाना हो गया. हुआ कुछ ऐसा था की मैं सुबा-सुबा अपने ससुराल गया अपनी बीवी से मिलने. जब मैं वाहा पहुँचा, तो उनके घर का दरवाज़ा खुला था. मैं अभी अंदर एंटर हुआ ही था, की मेरी नज़र नीलम पर पड़ी.

वो नीचे बैठ कर पोछा लगा रही थी. और उसके जिस्म का नज़ारा क्या कमाल का था. उसकी बॉडी हेवी थी, लेकिन जो भी थी बवाल थी. उसने लेगैंग्स और शर्ट पहना हुआ था. उसके चूचे कम से कम 36″ के थे, कमर 30″ की, और गांद 38″ की होगी. वो कुछ इस तरह की लग रही थी:-

अब तो आप समझ ही गये होंगे की कितनी सेक्सी थी वो. मैं तो बस गाते पर ही खड़ा रह गया, और उसके शर्ट से बाहर आते हुए चूचे देखने लग गया. तभी उसने मुझे उसके चूचे निहारते हुए देख लिया. वो मुस्कुराने लग गयी.

उसकी मुस्कान देख कर मैं समझ गया की वो चालू टाइप थी. उस दिन मैं जब भी उसको देखता, तो मेरी नज़र उस पर ही टिक जाती. वो भी मुझे नोटीस कर रही थी. बीच-बीच में वो जान-बूझ कर भी मेरे सामने झुक कर मुझे अपनी गांद दिखा रही थी.

फिर सबकी नज़रों से बचते हुए मैने उसको किस का इशारा किया. उसने भी स्माइल की, और मुझे वापस से किस का इशारा किया. मैं समझ गया की काम सेट था.

मेरा ससुराल घर 2 फ्लोर का था. सब नीचे वाले रूम्स में सोते थे. उपर वाला कमरा मेहमआनो के लिए था, और उपर कोई कम ही जाता था. लेकिन नीचे का काम ख़तम करके नीलम उपर सफाई करने जाती थी.

मैने फिर जैसे ही उसको उपर जाते देखा, तो मैने फोन अपने कान पर लगा लिया. मैने घर वालो को ये शो किया, की मुझे आवाज़ नही आ रही थी, और इसकी वजह नेटवर्क था. फिर मैं बात करने का ड्रामा करता हुआ च्चत पर चला गया.

उपर जाके देखा, तो नीलम रूम में फर्निचर सॉफ कर रही थी. वो झुक कर टेबल पर कपड़ा मार रही थी. मैने पीछे से जाके ही उसको पकड़ लिया. मेरे ऐसे पकड़ने से वो दर्र गयी, और उसके मूह से आ निकल गयी.

अब मैं पीछे से उसके साथ चिपका हुआ था. मेरा लंड उसकी सॉफ्ट गांद पर टच हो रहा था, और मेरे हाथ उसकी कमर में थे. फिर मैं अपने हाथ उपर ले गया, और उसके चूचों पर रख कर उसके चूचे दबा दिए. इससे उसकी साँस तेज़ होने लग गयी.

उसने मुझे एक बार भी उसको छ्चोढने के लिए नही कहा. मैं ऐसे ही उसके मोटे चूचों को दबाता रहा, और उसकी साँसे तेज़ होती गयी. फिर मैने उसको अपनी तरफ घुमाया, और अपनी बाहों में लेके अपने होंठ उसके होंठो से मिला दिए.

वाह! क्या मज़ा आ रहा था उसके रसीले होंठो को चूमने का. मेरे होंठ उसके होंठो का मज़ा ले रहे थे. उसके चूचे मेरी छाती के साथ डाबब रहे थे, और मेरा लंड उसकी कोमल और मोटी जांघों को महसूस कर पा रहा था.

मुझे तो जन्नत जैसा मज़ा आ रहा था. तभी मुझे नीचे से मेरी बीवी ने आवाज़ डेडी. हम दोनो दर्र कर अलग हो गये. फिर मैने जल्दी से उसको अपना नंबर दिया, और कॉल करने का बोल कर मैं नीचे आ गया.

फिर मैने नाश्ता किया, और अपनी दुकान पर चला गया. 2 घंटे तक मैं उसकी कॉल की वेट करता रहा, लेकिन उसकी कॉल नही आई. फिर 2 घंटे के बाद एक अननोन नंबर से मुझे कॉल आई. वो बोली-

नीलम: हेलो.

मैं: हंजी हेलो.

नीलम: जमाई जी मैं नीलम बोल रही हू.

मैं: हा नीलम हो गयी फ्री?

नीलम: जी.

मैं: मेरी दुकान पर आ जाओ. जो अधूरा रह गया है उसको पूरा कर लेते है.

नीलम: ठीक है जी. मैं थोड़ी देर में आती हू.

फिर आधे घंटे बाद वो मेरी दुकान पर आ गयी. उसने कपड़े बदल लिए थे. अब उसने रेड शर्ट और ब्लॅक लेगैंग्स डाली हुई थी. मा कसम पूरी क़यामत लग रही थी साली. मैने उसको अंदर बुलाया, और दुकान का शटर नीचे करके अंदर से बंद कर लिया.

फिर मैं उसको दुकान के अंदर बने रूम में ले गया. अंदर जाते ही मैने उसको अपनी बाहों में लिया, और हम दोनो ने एक-दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए. हम पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूम रहे थे.

फिर मैं अपने हाथ उसकी गांद पर लेके गया, और होंठ चूसने के साथ उसकी गांद दबाने लग गया. दोस्तों उसकी गांद का तो एक अलग ही मज़ेदार फील था. फिर मैने ऐसे ही किस करते हुए उसकी लेगैंग्स नीचे कर दी.

अब उसकी लेगैंग्स उसके घुटनो पर थी, और मेरे हाथ पनटी के उपर से उसकी गांद मसल रहे थे, और मेरे होंठ उसके होंठो का मज़ा ले रहे थे. फिर मैं एक हाथ आयेज लेके आया, और पनटी के उपर से उसकी छूट को टच किया. उसकी पनटी छूट के पानी से गीली हुई पड़ी थी.

मैने उसकी छूट को सहलाना शुरू किया, जिससे उसकी किस और वाइल्ड हो गयी. फिर मैने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किया, और उसके शर्ट को शोल्डर्स से खींच कर गर्दन को आचे से छाता. उसके बाद मैने उसका शर्ट उतार दिया. अब वो सेक्सी औरत मेरे सामने ब्रा और पनटी में थी.

फिर मैने उसको कहा: तू तो बड़ी सेक्सी है रे. तेरे पति के तो मज़े ही मज़े है.

नीलम: उसको दारू पीने से फ़ुर्सत मिले, तो वो मुझे देखे ना. मैं तो कब से प्यासी हू. मेरी प्यास बुझा दो जमाई जी.

फिर मैने उसको बेड पर धक्का दे दिया, और अपने कपड़े उतारने लग गया. अपने सारे कपड़े उतार कर मैं उसके सामने नंगा हो गया.

अब मेरा मोटा तगड़ा लंड उसकी तरफ इशारा कर रहा था, और वो बिस्तर पर मचल रही थी. फिर मैने उसको नीचे से चूमना शुरू किया, और उसकी जांघें चाटने लग गया. मैने उसकी पनटी उतारी, और उसकी छूट में अपना मूह लगा कर उसकी छूट को चूसने और चाटने लग गया.

क्या बतौ दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था. मैने उसकी टांगे पूरी खोल दी, और उसकी चूत के माज़ के हर टुकड़े को दांतो से खींच-खींच कर चूस रहा था. वो मदहोश होके तड़प रही थी, और उसकी छूट पानी-पानी हो रही थी.

फिर मैं उपर गया, और उसकी नाभि चूसने लग गया. मैने उसकी ब्रा में हाथ डाला, और ब्रा फाड़ कर डोर फेंक दी. अब उसके मोटे-मोटे रस्स के प्याले मेरे सामने थे. मैं उसके चूचों पर टूट पड़ा, और पागलों की तरह उनको चूसने लग गया.

वो मुझे अपनी आगोश में लेके मुझे अपने चूचों का रस्स पीला रही थी. मेरा लंड नीचे से उसकी गीली छूट के साथ रग़ाद खा रहा था. फिर मैने चूचे चूस्टे हुए अपने हाथ से लंड पकड़ा, और उसकी छूट पर सेट किया. उसने भी अपनी टांगे खोल कर मेरे लंड का स्वागत किया.

लंड जैसे ही छूट के मूह पर टीका, तो मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और लंड उसकी छूट में घुस गया. लंड घुसते ही उसने गांद हिलनी शुरू कर दी, और मैने भी फुल स्पीड पर धक्के लगाने शुरू किए. हमारी चुदाई शुरू होते ही फुल स्पीड पर चल पड़ी.

छाप-छाप और फटत-फटत की आवाज़े आने लगी, और हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूसने लग गये. नीलम ने अपनी टांगे मेरी कमर पर लपेट ली, और मुझे अपनी तरफ खींच रही थी. मैने भी कोई कमी नही रखी, और पुर ज़ोर से उसको छोड़ने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. 30 मिनिट लगातार मैं उसकी छूट छोड़ता रहा. इस बीच वो 2 बार झाड़ चुकी थी.

फिर जब मेरा निकालने वाला हुआ, तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसने झट से मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया, और मैं मूह में धक्के देने लगा. 15-20 धक्कों के बाद मैने अपना पानी उसके मूह में निकाल दिया. वो मेरा सारा पानी पी गयी.

उस दिन के बाद से जब भी मेरा दिल करता है, मैं उसको दुकान पर बुला कर छोड़ लेता हू.

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