सड़क के मज़दूरो के साथ चुदाई

मई एक राईज़ खानदान की लड़ली लड़की हंग. मेरी अच्छी परवरिश के वजह से मुझे लोग बहुत सुंदर मानते है और मुझे रीसेंट्ली मॉडेलिंग के लिए जॉब मिल गया है.

एक दिन जब मई फोटोशूट से बस स्टॅंड पर जेया रही थी. मैने बहुत ही छ्होटी मिनी स्कर्ट पहें रखी थी जिससे मेरी टांगे दिख रही थी.

इस समय रोड पेर कोई नही था. लेकिन साइड पर कुछ मज़दूर सड़क रिपेर कर रहे थे. मई इन जैसे लोगों को हमेशा अवाय्ड करती थी. क्यूंकी वो मुझे देखकर सिटी बजाते थे ओर वाहियात चीज़े बोलते थे. पर वो मेरी मिनी स्कर्ट देखकर मुझे घूर्ने लगे. मेरी बस स्टॅंड रोड के दूसरी तरफ थी इसलिए मई तेज़ चलने लगी.

अचानक से तेज़ हवा के झोके ने मेरी स्कर्ट उथली और मेरी पॅंटीस उन मज़दूरो को दिख गयी. वो लोग खुशी से चिल्लाने लगे ओर मुझे छेड़ने लगे. शर्म के कारण मेरा मूह लाल हो गया और मैने अपनी स्कर्ट जकड़कर रोड जल्दी से क्रॉस करली.

जब मई बस स्टॅंड के सीट पर बैठी, वो लोग मुझे तब भी घूर रहे थे. मई ठीक तरफ मूडी हुई थी इसलिए मैने अपने हाथो से अपनी स्कर्ट पकड़ रखी थी. मेरी बस पास के रेड लाइट पर रुकी हुई थी और पहुँचने वाली थी.

मुझे एक शरारती ख़याल आया. मैने उन मज़दूरो की आँखो मे देखकर अपने स्कर्ट के अंदर से अपनी पॅंटीस को धीरे धीरे निकाली. वो लोग अपना काम रोक कर खड़े हो गये. उनको पंत के अंडर ही उनके खड़े लंड दिख रहे थे. यह जानकार ही मई बहुत गीली महसूस करने लगी. मैने अपने पॅंटीस को उठाकर साइड मे रखड़ी.

जैसे ही मेरी बस चलने लगी, मैने अपने पैर खोल दिए और अपनी छुउट उन मज़दूरों को दिखाड़ी. वो लोग रोड क्रॉस करके मेरी तरफ आने लगे पर मेरी बस पहले आ गई और मई ऊपर चाड गई. जब मई टिकेट लेने के लिए कंडक्टर के पास गयी, वो मुझे घूर रहा था क्यूंकी उसने देख लिया था की मई बस स्टॅंड पर क्या कर रही थी. उसके पंत के अंदर खड़ा लंड दिख रहा था और मुझे यह जानकार बहुत अक्चा लगा.

मैने जल्दी से अपनी टिकेट ली और बस स्टॅंड की तरफ वाली सीट पर बैठ गई. जब मैने विंडो से नीचे देखा, तो वो मज़दूर बस स्टॅंड पर खड़े थे और एक के हाथ मे मेरी पॅंटीस थी. वो मज़दूर मेरी पॅंटीस सूंघने लगा और मई धीरे से अपनी छुउट को छ्छूने लगी. अगर उनके आने से पहले यह बस नही पहुँची होती तो क्या होता? यह सोचकर मई खुदको उंगली करती रही और बस चलने लगी.

मई हमेशा उस रोड से अपने फोटोशूटस के लिए जाती थी और मुझे नही पता था की अगली बार वो लोग होंगे या नही. इसके बाद मई हमेशा मिनी स्कर्ट पहेंकर उस रोड मे जाने लगी. लेकिन वो मुझे नही दिखे. ऐसे ही बहुत दिन गुज़र गये और मई बेताब रह गई. मुझे मेरे बाय्फ्रेंड ने ऑर्गॅज़म दिलाने की बहुत कोशिश करी पर मुझे मज़ा नही मिला.

कुछ दीनो बाद वो लोग मुझे फिरसे सड़क रिपेर करते हुए दिखे. वही चार लोग, वही पसीने से पीली बानयन, और वही हवस से भारी नज़र. इश्स बार मई ओव्युलेट कर रही थी जिसस कारण मई बहुत ही हॉर्नी थी. और इश्स बार मई कोई खेल नही खेलना चाहती थी. मेरा मान कर रहा थी की यही पर नंगी होकर उनका लंड अपने अंदर लेलुँग. और मैने वही किया.

मई सीधे उनकी तरफ गई और उनके आयेज खड़ी हो गई. मेरे अंदर की आग सिर्फ़ यही बुझा सकते थे. जो मई करने जेया रही थी, उसके बारे मे सोचकर मेरी साँसे तेज़ हुई और मेरी छ्चाटी ऊपर नीचे हो रही थी. मैने अपने टॉप के अंदर ब्रा भी नही पहना था जिसस कारण मेरे सख़्त निपल्स दिखाई दे रहे थे.

वो लोग मेरे पुर शरीर को देखने लगे और मुस्कुराने लगे. मई फिरसे अपने स्कर्ट के नीचे से अपनी पॅंटीस निकालकर एक मज़दूर की तरफ आयेज बड़ी. उसका हाथ अचानक से मेरी चुचि पर पड़ा और मैने उसको अपनी बाहो मे लेकर उसको किस काइया.

उसके मूह से गंध आ रही थी पर मुझे परवा नही थी. मुझे बस चूड़ना था. मई उसका मूह चाट्ती रही और उसका हाथ मेरे शरीर को चारो ओर छ्छूने लगा.

बेसब्री से मैने उसका हाथ अपनी छुउट पर रखे और वो मुझे अपने हाथ से छोड़ने लगा. उसके बड़े और लंबे उंगलिया अपने छुउट के अंदर महसूस करके मेरे मूउः से “आ आ” निकला और मेरी छुउट गीली होने लगी. बाकी के लोग मेरे कपड़े उतारने लगे और मुझे उठाकर पास के सुलभ टाय्लेट मे ले गये.

वाहा उन्होने मुझे टेबल पर लेटाया और एक बंदा मेरी छुउट चाटने लगा. मई अपनी आवाज़ अंदर नही रख पाई और मज़े मे चिल्लाने लगी. जल्द ही किसी का लंड मेरे अंदर गया और तभी मुझे ऑर्गॅज़म आया. वो मुझे और ज़ोर से छोड़ने लगा और मेरे अंदर ही झाड़ दिया. जब अगले आदमी ने मेरी छूट ली, ताभ दूसरे आदमी ने मेरे मूह मे अपना लंड डाल दिया और मेरे मूह को छोड़ने लगा.

इस तरह बहुत लोगों ने मुझे बारी बारी छोड़ा. मई शुरुआत मे सिर्फ़ चार मज़दूरों के साथ थी पर बाद मे और भी बहुत लोग आए मुझे छोड़ने के लिए. मुझे याद भी नही की कितने लोग थे. बस यही याद था की पास के कुछ दुकानदार, कुछ बुड्ढे और कुछ भिखारी भी थे.

आख़िर मे सभ ने मेरे अंदर डाला. मई टेबल पर पसीने से गीली लेती रही. मुझे मेरे कपड़े बिना वापस करे सभ लोग चले गये. आख़िर मे एक आदमी मुझे मेरे घर लाया और फिर मुझे छोड़ा.

कुछ हफ्ते बाद मुझे पता लगा की मई प्रेग्नेंट हो गई थी और मुझे अबॉर्षन करना पड़ा. वो आदमी हमेशा मेरे घर आता है और मुझे छोड़ता है पर मुझे उसका नाम भी नही पता.