पुणे में हुआ एक मा का थ्रीसम

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रणव है. मैं पुणे का रहने वाला हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं कॉलेज में फर्स्ट एअर का स्टूडेंट हू. ये कहानी मेरे घर में हुए मेरी मम्मी के थ्रीसम की है. तो चलिए बिना वक़्त ज़ाया किए मैं कहानी पर आता हू.

एक शाम मैं कमरे में पढ़ाई कर रहा था. तभी मुझे कमरे के बाहर से निकलते मम्मी-पापा की आवाज़ सुनाई देने लगी. वो दोनो ऐसे बात कर रहे थे जैसे लड़ रहे हो. फिर मैं उठा, और देखने लगा की उनकी बहस किस बात को लेके चल रही थी.

वो बहस करते हुए अपने रूम में चले गये. फिर मैं अपने रूम से बाहर आया, और उनके रूम के दरवाज़े के बाहर जाके खड़ा हो गया. उनकी बातें कुछ इस प्रकार थी.

मा: नही प्रकाश (मेरे पापा), मैं ऐसा नही कर सकती. मैने उसको हमेशा अपने छ्होटे भाई की नज़र से देखा है.

पापा: मंजू (मेरी मा) ये उसी की मर्ज़ी है. अगर तुमने ऐसा नही किया, तो ये घर उसका कर्ज़ा चुकाने में बिक जाएगा, और हम लोग सड़क पर आ जाएँगे.

ये सुन कर मम्मी चुप हो गयी. असल में बात ये थी, की बिज़्नेस चलाने के लिए पापा ने रंजीत चाचू से काफ़ी कर्ज़ा ले रखा था. लेकिन बिज़्नेस में लॉस होने की वजह से पापा वो कर्ज़ा चुका नही पाए. जब पापा ने चाचू से रिक्वेस्ट की तो चाचू ने कहा की अगर पापा पैसे नही दे सकते तो वो मा को उनसे छुड़वा दे.

पापा ने जब नही बोला तो चाचू ने कहा की उनको उनके पैसे अरेंज करके दे जैसे भी. अब पापा के पास पैसे वापस करने के लिए घर बेचने के अलावा कोई ऑप्षन नही था, इसलिए वो मा को माना रहे थे, की मा चाचू से चुड कर घर बचा ले. फिर मा बोली-

मा: चलो ठीक है. लेकिन एक शर्त है मेरी.

पापा: क्या शर्त?

मा: तुम भी साथ में रहोगे.

पापा: ये तो मुझे पूछना पड़ेगा उससे.

फिर पापा ने चाचा को फोन लगाया, और चाचा ने पापा के साथ में रहने की शर्त मान ली. अब अगली रात मेरे सोने के बाद चुदाई का प्लान बन गया. ये सब बातें सुन कर मैं अपने कमरे में आके वापस बैठ गया. मैने मम्मी-पापा की चुदाई तो काई बार देखी थी. लेकिन मम्मी का थ्रीसम देखने के लिए मैं एग्ज़ाइटेड था.

अब मैं मम्मी के बारे में बता देता हू. मम्मी का रंग ज़्यादा गोरा नही है. लेकिन फिगर सेक्सी है. उनका साइज़ 38-32-40 है. उनको देख कर किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो सकता है. इसीलिए तो चाचू उनको छोड़ना चाहते थे. और पापा को रेग्युलर्ली मम्मी को छोड़ते ही थे.

फिर अगला दिन आया, और टाइम निकलते-निकलते शाम भी हो गयी. हम सब ने डिन्नर किया, और मैं अपने कमरे में चला गया. मैं ऐसा दिखा रहा था जैसे आज मैं बहुत तक गया था. फिर कुछ देर बाद पापा चेक करने आए तो मैं सोने का नाटक करने लगा.

मुझे सोता देख पापा ने चाचू को फोन किया, और आधे घंटे बाद चाचू आ गये. मेरे पापा और चाचू दोनो का लंड 7 इंच का है. इससे ज़्यादा डीटेल्स कहानी के लिए ज़रूरी नही है. फिर वो तीनो मम्मी-पापा के रूम में चले गये.

मम्मी ने आज पिंक कलर की निघट्य पहन रखी थी. उस निघट्य में वो कमाल की लग रही थी. उनके बड़े-बड़े बूब्स और मोटी गांद की शेप निघट्य में सॉफ दिख रही थी. चाचा ने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी, और पापा ने पाजामा-कुर्ता.

रूम में जाते ही चाचा ने मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया, और उनके होंठ चूसने लगे. वो ऐसे उनके होंठ चूस रहे थे, जैसे बरसों से तरस रहे थे. फिर पापा पीछे से आए, और आयेज की तरफ हाथ डाल कर मम्मी की निघट्य खोल दी.

उन्होने मम्मी की निघट्य उतार कर फेंक दी, और अब मम्मी उन दोनो के बीच ब्रा और पनटी में थी. मम्मी ने ब्लॅक ब्रा और पनटी पहनी हुई थी, और इसमे वो किसी पॉर्न वीडियो की रंडी से कम नही लग रही थी.

फिर चाचू ने मम्मी के लिप्स छ्चोढे, और उनकी गर्दन और क्लीवेज चूमते हुए उनकी ब्रा खोल दी. अब चाचू मम्मी के बूब्स चूसने लगे, और पापा मम्मी की पीठ चूम रहे थे. मम्मी उन दोनो के बीच मदहोश हो रही थी.

फिर वो दोनो नीचे बैठ गये, और मम्मी की पनटी उतार दी. अब मम्मी पूरी नंगी थी. पापा ने मम्मी की गांद में अपना मूह डाल लिया, और चाचा ने उनकी छूट में. दोनो भाई अब मेरी मम्मी की गांद और छूट चाट रहे थे. मम्मी तो जैसे अब स्वर्ग में थी, उनको इतना मज़ा आ रहा था.

वो दोनो के सर पर हाथ रख कर उनके सर सहला रही थी, और अपनी छूट और गांद में दबा रही थी. कुछ देर ऐसे ही चाटने के बाद वो दोनो खड़े हुए, और मम्मी घुटनो पर आ गयी. वो दोनो नंगे हो गये. अब मम्मी के सामने 2 लंड थे. मम्मी चाचा का लंड मूह में लेके चूसने लगी, और पापा के लंड को हाथ से सहलाने लगी. फिर उन्होने उल्टा किया.

दोनो के लंड जब पूरी तरह से चिकने हो गये, तो उन्होने मम्मी को उठाया, और बेड पर ले गये. फिर पापा ने चाचा से पूछा-

पापा: गांद मारेगा या छूट?

चाचा: गांद.

फिर पापा बेड पर लेट गये, और मम्मी उनके उपर आ गयी. मम्मी ने पापा का लंड अपनी छूट पर रखा, और आहह आ करते हुए उपर बैठ गयी. फिर वो लंड पर उछालने लगी. कोई 1-2 मिनिट बाद पापा ने मम्मी को अपनी बाहों में भरा, और चाचा को इशारा किया.

चाची मम्मी के पीछे गये, थूक से गांद का च्छेद गीला किया, और लगाया ज़ोर का धक्का. उनका पूरा लंड एक ही बार में मा की गांद में चला गया, और मा की ज़ोरदार चीख निकली.

फिर दोनो मा की छूट और गांद में धक्के देने लगे. मा आ आ करके मज़े से दोनो से चुड रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे मेरी मा कोई रंडी हो, जीतने मज़े वो ले रही थी. दोनो भाई तबाद-तोड़ मेरी मा की छूट और गांद में लंड पेलते रहे, और मा भी मज़े से पागल हो चुकी थी.

2 घंटे उन तीनो की चुदाई चलती रही. इस बीच मम्मी की छूट और गांद लाल हो चुके थे, होंठो से खून बह रहा था, बूब्स लाल हुए पड़े थे, और चूतड़ पर ठप्पड़ो के निशान थे. फिर दोनो ने अपना माल मम्मी के मूह पर डाल दिया. अब पापा का कर्ज़ा माफ़ हो चुका था. फिर चाचू चले गये, और मैं अपने रूम में आ गया.

कहानी को दोस्तों के साथ शेर ज़रूर करे.