रंडी बनी मा लेबर वालो के सामने

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रकाश है, और मैं पुंजब से हू. मेरी उमर 22 साल है, और मैं एक स्टूडेंट हू. हाइट मेरी 5’9″ है, और लंड मेरा 7 इंच का है. अगर किसी भी औरत को अपनी छूट की प्यास मुझसे बुझवनी है, तो कॉमेंट करे. चलिए अब ज़्यादा इधर-उधर की बात किए बिना सीधे कहानी पर चलते है.

मेरी फॅमिली में मेरे अलावा, मम्मी और पापा रहते है. पापा का कुछ साल पहले आक्सिडेंट हो गया था, तो उनका एक हाथ और एक पावं काम करना बंद कर गया. अब वो घर पर ही रहते है, और बाहर का कोई काम नही कर सकते.

पापा की काफ़ी ज़मीन है, जिसका ख़याल मम्मी ही रखती है, क्यूंकी मैं तो कॉलेज और स्टडीस में बिज़ी रहता हू. मेरे घर वेल नही चाहते, की मैं भी खेती-बाड़ी करू.

अब मेरी मम्मी के बारे में बताता हू. मेरी मम्मी 45 साल की है. लेकिन देखने में 36-37 की लगती है. उनका फिगर किसी सेक्सी मिलफ से कम नही है. उनका साइज़ 38-34-40 के आस-पास होगा. रंग मम्मी का ठीक-ताक गोरा है.

जब मम्मी सलवार सूट पहन के निकलती है, तो सब अपनी आँखों से ही उनको छोड़ने लगते है. उन सब में से मैं भी हू. जब कभी वो लेगैंग्स पहन लेती है, तब तो क़यामत लगती है, और मुझे भी मूठ मारनी पड़ती है.

लेकिन क्यूंकी वो मेरी मम्मी है, तो कभी मैने हिम्मत ही नही की उन पर हाथ डालने की. मैं हमेशा सोचता था की पापा तो कुछ कर नही पाते होंगे, तो मा अपनी प्यास कैसे बुझती होंगी. क्यूंकी ये ऐसी प्यास है, जिसको कंट्रोल नही किया जेया सकता. लेकिन फिर एक दिन मेरा सच से सामना हुआ.

हमारे कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थी, तो मैं घर पर ही था. जैसा की मैने बताया की मों ही खेतो का काम देखती थी, तो वो रेग्युलर खेत जाती थी. और मुझे खेत पर नही जाने दिया जाता था.

एक दिन मैं ऐसे ही घर पर बैठा टाइम पास कर रहा था. तभी मों आई. मों के कपड़ों पर मिट्टी लगी हुई थी, और बॉडी पर पसीना था. मैने मों को इस हालत में देख कर पूछा-

मैं: मों आपकी ये हालत कैसे हो गयी?

मों: बेटा मैं खेत से आई हू, किसी पार्टी से नही.

मैं: हा वो तो ठीक है. लेकिन आपको इतनी मिट्टी कैसे लग गयी. काम तो लेबर वेल करते है.

मों: कुछ काम खुद को भी करना पड़ता है. सब लेबर नही करती.

ये बोल कर मम्मी ने मुझे चुप करा दिया. अगले दिन भी मम्मी उसी हालत में थी. मुझे मों पर कुछ शक होने लगा, तो मों के नहाने के बाद मैं बातरूम में गया.

मैने वाहा जाके मों के गंदे कपड़े चेक किए. मैने देखा, की मों के कपड़ों पर मिट्टी और पसीना तो थे ही, साथ में कुछ सफेद गीला-गीला लिक्विड भी लगा हुआ था. वो लिक्विड कुछ और नही स्पर्म था.

ये देख कर मेरा शक यकीन में बदल गया, की कुछ तो चल रहा था, जो मैं नही जानता था. फिर अगले दिन जब मों खेत के लिए घर से निकली अक्तिवा पर. उसके कुछ ही मिनिट बाद मैं मों के पीछे निकल गया. मुझे लगा मों खेत जाने से पहले किसी के पास जाएँगी, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. फिर वो खेत पहुँच गयी, और मोटर की तरफ निकल गयी.

मैने अपनी बिके थोड़ी डोर लगाई, और मों के पीछे-पीछे चला गया. मों ने आज वाइट सलवार और ब्राउन शर्ट पहना हुआ था, और साथ में दुपट्टा लिया हुआ था. वाहा जाके मों चेक करने लगी की फसल को पानी वग़ैरा ठीक से दिया गया था या नही.

तभी मैने डोर से दो आदमियों को मों की तरफ आते देखा. ये हमारे खेत में काम करने वाले मज़दूर थे. एक को काली बुलाते थे, और दूसरे को बिल्ला बोलते थे. दोनो काफ़ी पुराने हमारे खेतो में काम कर रहे थे.

वो दोनो मों के पास आके खड़े हो गये, और उनसे कुछ बात करने लगे. मैं डोर था, तो मुझे उनकी बातें सुनाई नही दे रही थी. फिर 3-4 मिनिट की बात के बाद वो तीनो मोटर के साथ आराम करने के लिए बने कमरे में चले गये.

उनके अंदर जाने के बाद मैं भी उस कमरे के पास गया, और पीछे से अंदर देखने लगा. उस कमरे की दीवार में से काई जगह से ईंटे निकली हुई थी. तो अंदर देखना मुश्किल नही था. अंदर ज़मीन पर 2 चटाईया बिछी हुई थी.

अंदर जाते ही उन दोनो ने अपने कपड़े उतार दिए, और मा के सामने नंगे खड़े हो गये. मैं ये देख कर हैरान हो गया. काली का लंड 7 इंच का था, और बिल्ला का 8 इंच का था. दोनो अपने-अपने लंड को हाथ में लेके मसालने लग गये, और मा उनकी तरफ देख कर खड़ी-खड़ी मुस्कुरा रही थी. फिर काली मा को बोला-

काली: क्या रंडी, अब किसका इंतेज़ार है. जो तुझे चाहिए, वो तेरे सामने है. चल टूट पद इस पर और खा जा इसको.

ये बोल कर उसने मेरी मा के दुपट्टे पर हाथ डाला, और उसको मा के बदन से अलग कर दिया. मा उसकी इस हरकत से मुस्कुराने लगी, और अपने घुटनो पर बैठ गयी. वो दोनो मा के पास आ गये, और अपने लंड हिलने लगे. फिर मा ने अपने दोनो हाथो में एक-एक लंड पकड़ा, और दोनो लंड को हिलने लग गयी.

उसके बाद मा ने काली के लंड की तरफ अपना मूह बढ़ाया, और उसको चाटना शुरू कर दिया. मुझे ये देख कर गुस्सा भी आ रहा था, और मज़ा भी. मैं सोच भी नही सकता था की मा किसी बाज़ारु रंडी की तरह ऐसे किसी गैर मर्द का लंड चूसेगी. फिर मा ने काली के लंड को अपने मूह में डाल लिया, और बिल्ला के लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी. काली ने मा के बाल पकड़े, और उसके मूह में धक्के देने शुरू कर दिए.

फिर बिल्ला ने काली को इशारा किया, और काली मा के सामने घुटनो के बाल बैठ गया. मा भी उसके सामने घोड़ी बन गयी, और उसका लंड मज़े से चूस्टी रही. घोड़ी बनी हुई मा के पीछे से बिल्ला ने उनकी कमर पर शर्ट के बीच हाथ डाला, और उनकी सलवार निकाल दी. अब मा नीचे सिर्फ़ पनटी में थी. फिर बिल्ला ने मा की पनटी भी खींच दी, और उनकी गांद में पीछे से अपना मूह डाल लिया.

अब काली मा को लंड चुस्वता जेया रहा था, और बिल्ला मा की छूट और गांद को चूस कर मज़ा ले रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी कुटिया को 2 कुत्ते छोड़ रहे हो. ये देख कर मेरा भी लंड काबू से बाहर हो रहा था, और मैने भी लंड पंत से बाहर निकाल कर हिलना शुरू कर दिया.

फिर बिल्ला ने पीछे से मा की छूट में लंड सेट किया, और ज़ोरदार धक्के के साथ लंड अंदर घुसा दिया. मा की चीख काली का लंड मूह में होने से मूह के अंदर ही रह गयी. अब बिल्ला मा की चूत चोद रहा था, और काली तो मा का मूह छोड़ ही रहा था.

10 मिनिट तक ऐसे ही चलता रहा. यहा मैं भी लंड हिला रहा था. फिर बिल्ला नीचे लेट गया, और मा को बोला-

बिल्ला: आजा रंडी.

मा ने काली का लंड मूह से निकाला, और अपने बाकी के कपड़े उतार कर नंगी हो गयी. क्या सेक्सी, काससे हुए, बड़े बूब्स थे मा के. फिर मा बिल्ला के उपर बैठी, और उसका लंड छूट में लेके उछालने लग गयी.

बिल्ला नीचे से मा की छूट छोड़ रहा था, और उपर से मा के सेक्सी बूब्स दबा रहा था. फिर उसने मा को अपने पास खींचा, और उसके होंठ चूस्टे हुए छोड़ने लगा. पीछे से काली मा के चूतड़ चाटने लगा.

फिर उसने अपना लंड मा की गांद के च्छेद पर सेट किया, और 3-4 ज़ोर के धक्के मार कर लंड पूरा अंदर घुसा दिया. मा ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी, लेकिन वो दोनो मा को छोड़े जेया रहे थे. मा के दोनो च्छेदो में लंड अंदर-बाहर हो रहे थे.

वो कुत्ते मेरी मा को नोच-नोच कर खा रहे थे. अब मा पुर मज़े में थी, और दोनो लंड पर मज़े से उछाल-उछाल कर चुड रही थी. फिर उन दोनो ने मा को अपने बीच में दबा लिया. वो तीनो सॅंडविच पोज़िशन में थे.

मा के दोनो च्छेदो से पानी बह रहा था. बिल्ला मा के निपल्स खींच-खींच कर काट रहा था. मा तो जैसे चुदाई के इस मज़े में पागल हो गयी थी.

फिर काली ने मा के बाल खींचे, और अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी. नीचे से बिल्ला भी अपने पुर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. तकरीबन आधा घंटा वो दोनो ऐसे ही मेरी मा को छोड़ते रहे. फिर दोनो ने अपने लंड बाहर निकाले, और खड़े हो गये.

मा वैसे ही नीचे ज़मीन पर लेती रही. वो दोनो अपना लंड हिलने लगे, और अपना माल मा के जिस्म पर डाल कर चले गये. इधर मेरा भी मा निकल चुका था.

दोस्तों . के लिए इतना ही. आयेज की कहानी अगले पार्ट में बतौँगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट ज़रूर करे.