पेयिंग गेस्ट को दी अपनी चूत

किस करते करते उसके हाँथ मेरे बूब्स पर चले गए जो आधे बहार निकले हुए थे। मुझे किस करते हुए उसने बूब्स को बाहर निकाल दिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।

अब वो थोड़ा झुककर मेरे निप्पल के पास अपने जीभ से चांटने लगा। धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लगा। वो मेरे एक बूब को चांट रहा था और दूसरे बूब को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था। इतने में उसने अचानक मेरे निप्पल को मुंह में लेकर दांतो से ज़ोर से काट दिया। मैं दर्द से मचल गयी। अब वो ज़ोर ज़ोर से निप्पल को चूसने लगा। मेरी उत्तेजना से आहें निकलने लगी।

प्रशांत एक बार मेरे एक बूब को चूसता फिर दूसरे बूब को चूसता, ऐसे काफी देर तक वो चूसता रहा। मुझे मज़ा आ रहा था।

वो फिर उठकर मुझे चूमने लगा। मेरे बालों को ज़ोर से पकड़ के वो बहुत ही तेज़ी से मुझे किस करता रहा। बीच बीच में अपने जीभ को मेरे जीभ से मिला कर खेलता।
इतने में मुझे शरारत सूझी और मैंने उसके जीभ को ज़ोर से काट दिया। वो ज़ोर से चिल्लाया।

प्रशांत – ये क्या था?

मैं – मेरे निप्पल को ज़ोर से काटने की सज़ा।

हम दोनों हंस पड़े।

इतने में मैंने देखा की उसके फॉर्मल पैंट में एक उभार सा दिख रहा है।

मैं – तुम्हारे पैंट के अंदर क्या है?

प्रशांत – मुझे क्या पता।

मैं – मुझे देखना है।

प्रशांत – आप खुद देख लो।

उसके कहते ही मैं बिस्तर से उतरकर प्रशांत को खिंच के लायी, अपने घुटनो पे बैठ गयी। मैंने उसके बेल्ट को खोल कर उसके पैंट को निचे खिंचा। तो उसके अंडरवियर में बड़ा सा तम्बू बना हुआ था।

मैं – ये उभार तो और बड़ा हो गया।

प्रशांत – अंडरवियर के निचे उभार और बड़ा है।

जैसे ही मैंने उसके अंडरवियर को खिंचा उसका लौड़ा तनतना के खड़ा हो गया। मैं उसके लौड़े को देखकर मदहोश हो गयी। दोस्तों, प्रशांत का लौड़ा 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा था। उसका लौड़ा किसी भी कुंवारी की चुत अच्छे तरीके से फाड़ सकता है। मुझे पता है, ये पढ़ के मेरी महिला पाठकों की चुत ज़रूर गीली होगी।

उसके लौड़े को पकड़ कर मैंने अपने चेहरे से नापा तो वो मेरे चेहरे से भी बड़ा था। मेरे बॉयफ्रेंड का सिर्फ 5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है।

मैं उसके बड़े से लौड़े को पकड़ के चूमने लगी। कुछ देर चूमने के बाद मैंने सीधा उसके लौड़े को अपने मुंह में घुसा लिया। उसका बड़ा सा लौड़ा सिर्फ आधा ही मेरे अंदर जा रहा था।

मैंने उसके लौड़े को निकाल कर दोनों हांथो से पकड़ा, लौड़े से मेरे मुंह का पूरा लार टपक रहा था। मैंने उस लौड़े पे थूका और फिर मुंह में लेकर पागलों के तरह चूसने लगी। और 5 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से चूसते रही। जैसे एक छोटा बच्चा लोल्लिपोप को चूसता है, मैं भी प्रशांत के लौड़े को चूस रही थी।

जैसे मैं थोड़ा सा थकने लगी, प्रशांत समझ गया। वो मेरे चेहरे को पकड़ के अब मेरे मुंह को अपने बड़े लौड़े से चोदने लगा। उसका इतना बड़ा लौड़ा मेरे गले से टकरा रहा था।

आसपास से पूरा लार और थूक बाहर टपक रहा था। करीब 3-4 मिनट मेरे मुंह को चोदने के बाद प्रशांत झड़ने वाला था। उसने मुझे इशारो में ही पूछा और मैंने इशारो में ही कहा की मैं उसके वीर्य को पीना चाहती हूँ। प्रशांत मेरे मुंह के अंदर ही पूरा झड़ गया।

वीर्य का एक एक कतरा मेरे मुंह के अंदर गिरा और मैं पूरा पी गयी। फिर लौड़े को निकाल कर चांट चांट कर साफ़ करने लगी। उस वक़्त मैंने देखा की हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे। दोनों थक भी गए थे।

मैं सारे पाठकों को, विशेष कर महिला पाठकों को कहना चाहती हूँ की आपका पति / बॉयफ्रेंड / यार / आशिक़ / दोस्त या कोई भी जिससे आप चुदती है, वो थोड़ी देर में झड़ेंगे और फिर वापस उनका खड़ा होगा। कई लोग पोर्न को सच मान लेते हैं जहाँ लड़का घंटो तक बिना झड़े चोदते रहते हैं। वो एडिटिंग करते हैं, टेक्स लेते हैं, अपने लौड़े पे इंजेक्शन लेते हैं।

प्रशांत ने मुझे पकड़ के उठाया, मेरे होंटो पे किस करते हुए बिस्तर पे आके लेट गया। मैं भी उसके बगल में लेट गयी।

प्रशांत – आप बहुत गज़ब का ब्लोजॉब देती हैं।

मैं – प्रशांत, मुझे लगता है अब तुम मुझे ‘तुम’ कहकर बुला सकते हो। अब ये लखनवी अदब छोड़ सकते हो।

प्रशांत – ओके। तुम सच में गज़ब का ब्लोजॉब देती हो। श्रेया तो बस दो मिनट चूस के छोड़ देती है।

श्रेया प्रशांत की गर्लफ्रेंड का नाम है। इतने में मैं उसे चिढ़ाते हुए बोली –

मैं – अच्छा जी। तुम्हारी गर्लफ्रेंड भी है। और तुमने बताया भी नहीं। पहले पता होता तो ये सब करती ही नहीं।

प्रशांत – हाँ तो अब तुमने कभी पूछा ही नहीं। मैंने झूट तो नहीं कहा।

प्रशांत की ये बात मुझे काफी सेक्सी लगती थी। उसके पास हर बात का काफी सटीक, स्मार्ट और प्रैक्टिकल जवाब होता था।

मैं – इसका मतलब तुम अपनी गर्लफ्रेंड को चीट कर रहे हो।

प्रशांत – देखा जाए तो तुम भी अपने बॉयफ्रेंड को चीट कर रही हो।

ये सुन के हम दोनों ही हसने लगे। फिर हम बातें करने लगे, वो श्रेया के साथ अपने लव मेकिंग की बातें कर रहा था, मैं भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ के बातों को बता रही थी। इसी बीच वो बड़े ही रोमांटिक अंदाज़ में मेरे बूब्स को हलके हल्का दबा रहा था, बीच बीच में माथे पे किस करता, और बीच बीच में होंटो पे।

आपको बता दूँ की मैं अभी सिर्फ पैंटी में थी। बात करते करते प्रशांत का हाँथ अब धीरे से निचे की ओर बढ़ रहा था, वो मेरी नंगी पेट पे हाँथ फिरा रहा था, फिर धीरे धीरे उसने अपने हाँथ को मेरे पैंटी के अंदर घुसा के जैसे ही मेरे चुत को सहलाने की कोशिश की मैं अचानक उठ गयी। मैं बस उसे तंग करना चाहती थी।

मैं – चलो मैं अब जाती हूँ, तुम थक गए होगे। कल तुम्हे कॉलेज भी तो जाना होगा।

मैंने जैसे ही उठने की कोशिश की, उसने मुझे धक्का दिया, खींच के बिस्तर पे सीधा किया और फिर से लिटा दिया।

प्रशांत – मैं आधे अधूरे काम पे विश्वास नहीं रखता और कल संडे है।

ये कहते ही उसने मेरे टांगो को फैलाया, और मेरे पैंटी को खोल के फ़ेंक दिया। मेरी चुत से मानो कोई नदी बह रही हो। पैंटी निकालते ही मेरे चुत का ढेर सारा पानी उसके बिस्तर पर गिर पड़ा। उसने अपने उँगलियों से मेरे पानी को उठा कर अपने मुंह में डाल दिया। ये मुझे बहुत पसंद आया क्यूंकि मेरा बॉयफ्रेंड ना मेरी चुत चांटता और ना मेरे पानी को छूता या चांटता है।

प्रशांत – तुम्हारा चुत तो तुमसे भी ज़्यादा एक्साइटेड है।

ये कहते ही उसने अपने जीभ को मेरे चुत पे रख दिया, अपने हाँथ से मेरे चुत के दीवारों को अलग करके अपने जीभ को सीधा मेरे चुत के छेंद में अंदर बाहर करने लगा। मैं सच कह रही हूँ दोस्तों, मैं मचल गयी। मैंने उसके बालों को कसके पकड़ लिया। वो मेरे चुत को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा। अब मैं अपनी आवाज़ को रोक नहीं पा रही थी।

मैं – आह, ओह, ओह्ह, यस, यस, प्लीज़ लीक ईट स्लोली।

मेरे पहले बॉयफ्रेंड ने बस एक दो बार ही मेरे चुत को चांटा था लेकिन मुझे अब पता चल रहा था की चुत चंटवाने का सुख क्या होता है।

मैं एक हाँथ से उसके बालों को पकड़ी हुयी थी, और दूसरे हाँथ से बिस्तर पे लगी चादर को। क्यूंकि प्रशांत मेरी चुत को ज़बरदस्त चांट रहा था और मैं करहा रही थी।

अचानक प्रशांत ने चुत की चंटाई करते करते अपने उँगलियों को मेरे चुत में घुसा दिया। मैं चीख उठी। शुक्र है घर पे कोई नहीं था। शायद ऊपर वाले ने भी मेरे सुख का पहले से इंतज़ाम कर के रखा था। काफी देर चुत चटवाने के बाद मुझसे रहा नहीं गया।

मैं – बेबी, प्लीज़ फ़क मी नाउ। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा।

प्रशांत उठ के आया, उसके खड़े लौड़े को उसने मेरे मुंह के अंदर घुसाया ताकि में थूक से उसके लौड़े को लपेट दूँ।

लार टपकते लौड़े को उसने मेरे चुत के सिरहाने पर टिकाके सेट किया, हल्का हल्का सेहलाके एक बार में लौड़े को अंदर घुसा दिया। मैंने अपने हांथो को अपने मुंह में रखकर चिलाया वरना शायद पड़ोसी आ जाते।

मैं – बेबी, प्लीज़ शुरू शुरू में धीरे से करो, बाद में रगड़ देना।

मैंने अभी तक दो लंड से चुदाई करवाई है लेकिन मेरी छोटी सी चुत प्रशांत के इतने मुसल लौड़े के लिए तैयार नहीं थी। प्रशांत काफी समझदार भी था। वो मेरे कहने पैर बड़े प्यार से, धीरे धीरे अपने लौड़े को अंदर बाहर करना शुरू किया। लौड़ा अभी भी सिर्फ आधा ही अंदर जा पा रहा था।

अब मुझे मज़ा आने लगा, दर्द अब मीठा लगने लगा। अब मैं सिसकारियां लेने लगी, आहें भरने लगी। बीच बीच में प्रशांत मेरे माथे को खींच कर मेरे होंटो को चूमता और फिर चोदने लगता।

थोड़ी देर बाद, प्रशांत थक गया। उसने इशारा किया की वो लेटेगा। उसके लेटने पर मैं उसके ऊपर आ गयी, और उसके सीधे खड़े लौड़े पैर अपनी चुत टिका कर बैठ गयी।

प्रशांत – मैं थक गया हूँ, जान। प्लीज़ अब तुम करो।

मैं झुकी और उसके होंठो को किस करते हुए उसके लौड़े पैर उछलने लगी। वो मेरे उछलते बूब्स को पकड़ता और दबाता, मेरे बूब्स को पकड़ के खींचता और ज़ोर ज़ोर से चूसता। एक ऊँगली से वो मेरे चुत को ऊपर से रगड़ रहा था जिससे मुझे और ज़्यादा मज़ा आ रहा था।

प्रशांत ने इशारा किया की वो झड़ने वाला है। मैं झट से उसके लौड़े से उतर गयी और फिर से उसके लौड़े को अपने मुंह में ले लिया। उसके वीर्य की धार सीधे मेरे मुंह के अंदर गयी और सीधे मेरे गले से निचे उतर गयी।

मैंने घड़ी देखी तो रात के साढ़े बारह बज गए थे। मैंने सोचा की मुझे अब ऊपर जाना चाहिए।

मैं – प्रशांत, मुझे अब ऊपर जाना चाहिए। बहुत रात हो गयी है।

प्रशांत – आज यहीं रुक जाओ ना, आज रात भर सिर्फ तुम्हारे साथ ही रहने का मन कर रहा है।

मैं – लेकिन ऊपर सारे खिड़की दरवाज़े खुले हैं।

प्रशांत – चलो मैं बंद कर देता हूँ।

मैं – अच्छा तुम रुको बाबा, मैं बंद कर के आती हूँ। और सुसु भी कर आउंगी। तुमसे चुदवाते चुदवाते सुसु लग गयी।

मैं प्रशांत के रखे तौलिए को ओढ़ कर ऊपर गयी और 5 मिनट में जल्दी से खिड़की दरवाज़े बंद करके, मेन गेट में ताला लगाकर आ गयी।

मैं – अब खुश? लो आ गयी मैं वापस।

मैं उसके पास बिस्तर पे आके लेट गयी। वो मुझे अपने बाहों में कस के मुझे किस करने लगा। प्रशांत ने कहा

प्रशांत – तुम बहुत खूबसूरत हो।

मैं – श्रेया से ज़्यादा या कम?

प्रशांत – दोनों की अपनी खूबसूरती है, उसके कुछ फीचर्स अच्छे हैं तो तुम्हारे कुछ फीचर्स अच्छे हैं।

मैं – मिलना पड़ेगा इस श्रेया से, जिसका इतना जादू है की प्रशांत जी मुझे चोदते हुए भी श्रेया को नहीं भूल रहे।

प्रशांत – तुम बताओ, तुम्हारा बॉयफ्रेंड क्या भूलने लायक है?

मैं – नहीं, ऋषि मुझसे प्यार करता है लेकिन वो तुम्हारी तरह नहीं चोद पायेगा। मेरे आग को वो शांत नहीं कर पायेगा। उसका सिर्फ 5 इंच का है। तुमसे बहुत छोटा।

प्रशांत – ऐसी कोई बात नहीं है यार। 5 इंच भी ठीक ठाक साइज है। उसको इस्तेमाल करना और लड़की को कैसे सटिस्फायी करना होता है, ये आना चाहिए। बस।

मैं सोच में पड़ गयी की ये क्या लड़का है? ऐसे माहौल में भी सिर्फ पॉजिटिव बातें कर रहा है, अपने खूबी का कोई दिखावा नहीं कर रहा, ना ही किसी को छोटा दिखा रहा है।

इतने में मैंने उसके लौड़े को पकड़ के ज़ोर से दबा दी।

प्रशांत – ये क्या है ?

मैं – कुछ नहीं मिस्टर बिग डिक, तुम सिर्फ हॉट नहीं, क्यूट भी हो। सिर्फ चुदाई से नहीं, बातो से भी इम्प्रेस कर देते हो।

ऐसा कहते हुए मैं उसे किस करने लगी। और एक हाँथ से उसके लौड़े को सहलाने लगी। कुछ ही देर में उसका लौड़ा फिर से तन के खड़ा हो गया।

मैं – अगर तुम थके नहीं तो दूसरा राउंड हो जाए?

प्रशांत – नेकी और पूछ पूछ ? अब तुम बिच (कुतिया) बन जाओ।

मैं कुतिया बन गयी।

उसने मेरे चुत में अपने लौड़े को एडजस्ट कर के अब बिना किसी संकोच के सीधे अंदर घुसा दिया।

मैं – ओह्ह, आई लव योर डिक इनसाइड माय पुसी।

प्रशांत – यू लाईक ईट?

मैं – यस, यस, आई डु !

ओह्ह, आह, यस, प्लीज़, यस, फ़क मी, प्लीज़ फ़क मी फास्टर। मैं इन्ही शब्दों को दोहराये जा रही थी।

मेरे बाल खुले हुए थे। प्रशांत ने मेरे बालों को समेटा और मुठी में पकड़ लिया। अब वो मेरे बालों को पकड़ कर मेरे चुत को और ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था। पुरे कमरे में फच फच्च की आवाज़ गूँज रही थी।

मैं – और ज़ोर से, प्लीज़ और ज़ोर से।

ये सुनते ही प्रशांत ने अपनी तेज़ी और बढ़ा दी। अब वो मुझे सही तौर पे रगड़ रहा था। मैं सच कहूं तो मुझे लग रहा था मैं स्वर्ग में हूँ। लग रहा था मुझे स्वर्गीय सुख प्राप्त हो रहा है। फिर उसने मेरे बालों को छोड़ के मेरे पतली सी कमर को पकड़ के मेरी चुत को रगड़ने लगा।

अचानक मैंने महसूस किया की प्रशांत मेरी गांड के छेंद को सेहला रहा है और धीरे धीरे ऊँगली करने की कोशिश कर रहा है।

मैं – बेबी, मेरी गांड को आज छोड़ दो। आज बस मेरी चुत को फाड़ दो। मेरे चुत का भोसड़ा बना दो प्लीज़।

प्रशांत – ठीक है, जान। पर सिर्फ आज छोड़ रहा हूँ।

ये कहते हुए उसने मेरे चेहरे को घुमा कर किस किया और फिर से मेरे बालों को पकड़ के चोदने लगा। चुत के मीठे दर्द के सामने बालों के खींचने का दर्द कुछ नहीं लगता। और ज़्यादा मज़ा आता है।

काफी देर चुदने के बाद मैं झड़ गयी और करहाने लगी। मेरे झड़ने की वजह से मेरा चुत सिकुड़ सा गया था जिसकी वजह से और ज़्यादा रगड़न महसूस होने लगी। दो मिनट बाद प्रशांत ने भी कहा वो झड़ने वाला है, मैं झट से उसके सामने आके बैठ गयी। इस बार उसने अपना पूरा वीर्य मेरे चेहरे पर गिराया।

प्रशांत – मैं बस एक आखरी काम करना चाहता हूँ।

मैं – क्या ?

उसने मुझे फिर से बिस्तर पैर लिटा दिया, मेरे टांगो को फैलाया। इतने तेज़ रगड़न के कारण मेरा जी-स्पॉट फूल के बाहर दिखने लगा था। उसने मेरे जी-स्पॉट को जीभ से सहलाया। मैं फिर से करहाने लगी और 2 मिनट में फिर से झड़ गयी। प्रशांत मेरे पानी को चांट के पी गया।

वो मेरे पास आके लेट गया, फिर एक बार किस करने लगा।

मैं – थैंक यू, बेबी। ऐसा सुख मैंने कभी नहीं पाया।

प्रशांत – तुमको भी थैंक यू। मुझे भी बहुत मज़ा आया।

हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

अगले दिन संडे था, दोनों की छुट्टी थी और घर भी खाली रहने वाला था।

हमने एक गलती की, बिना कंडोम के दो बार चुदाई की। प्रशांत सुबह उठके सबसे पहले मार्किट से कंडोम का पैकेट खरीद लाया।

संडे को भी हमने खूब मज़े और चुदाई की।

दोस्तों, अगर आप चाहेंगे और मुझे मेरे ईमेल पर बताएँगे तो ही मैं संडे को हुयी अपने मस्ती के बारे में लिखूंगी।

प्रशांत के साथ कई दिनों तक मैंने खूब मज़े किये। उसने मुझे चुदाई से सुख प्राप्त करना सिखाया। ऊपर वाले की भी योजनाओं के क्या कहने। जिस लड़के से मेरी एक हफ्ते पहले तक कोई बात चित नहीं थी, उसके व्यव्हार, उसकी सोच, उसका रोमांटिक अंदाज़ और उसके बड़े लौड़े की मैं दीवानी हो गयी थी।

उसने मुझे अपने एक दोस्त के साथ चोदा, मैंने पहली बार दो लौड़े एक साथ लिए। उसने मुझे और श्रेया को भी साथ में चोदा।

मेरे पति मेरी चुदाई अच्छी करते हैं लेकिन कोई भी प्रशांत की जगह नहीं ले सकता। मुझे उसकी बहुत याद आती है।

दोस्तों, मैं जानती हूँ, आप लोगों के लंड या चुत ने पानी छोड़ दिया होगा। लेकिन आगे के कहानियों में और उत्तेजना है। संडे के मस्ती और बाकी घटनाओं को मैं तभी सांझा करुँगी जब मुझे आप लोग मेरे ऊपर दिए ईमेल पैर मुझसे आगे की घटनाओं को लिखने को कहेंगे।

धन्यवाद!