पवितरा प्यार वाला टच चुदाई में बदल गया

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है. मैं लुक्कणोव का रहने वाला हू. बात उस समय की है जब मेरी उमर 22 की थी, और मेरी बेहन की उमर 19 की रही होगी. मेरी बेहन दिखने में किसी हेरोयिन जैसी लगती थी, और बिल्कुल खुले विचारों वाली थी. बेहन से मेरी बहुत पाट-ती थी.

मेरी फॅमिली में मेरे पापा, मम्मी, बेहन, और मैं हू. मैं यूनिवर्सिटी में था, और मेरी बेहन कॉलेज में पढ़ती थी. मैं अपनी बेहन से बहुत प्यार करता था, और बेहन भी मुझसे बहुत प्यार करती थी. कभी भी आ कर गले से लगा लेना, गोद में आ कर बैठ जाना, मैं लेता हू तो आ कर मेरे उपर आ कर लेट जाती थी.

मेरे ना चाहते हुए भी मुझे उसके बूब्स महसूस होते थे. जब भी गले लगती थी, मैं बेहन को ज़ोर से सीने में दबा लेता था. बेहन भी हस्स कर भाग जाती थी. गोद में आ कर बैठती, तो लंड खड़ा होने लगता, बुत अंडरवेर के पहनने के कारण उसे महसूस नही होता.

मैं भी दर्र के कारण च्छूपा लेता, जिससे बेहन को मेरा लंड महसूस ना हो. डरता था, की कही बेहन मुझसे डोर ना हो जाए. ऐसे ही बहुत दीनो तक चलता रहा.

एक दिन मेरी अंडरवेर सूखी ना होने के कारण मैं वैसे ही हाफ पंत में घर में घूमने लगा. बेहन आ कर मेरी गोद में बैठ गयी, और मेरे मोबाइल में फोटोस देखने लगी. गोद में बिताने के कारण उसकी गोल सी गांद सीधे मेरे लंड पर महसूस होने लगी. इससे मेरा लंड खड़ा होने लगा.

लंड बिल्कुल लोहे की रोड बन गया. मुझे दर्र लग रहा था की कही बेहन हो पता ना चल जाए और वो जेया कर मम्मी से ना बोल दे.

तो मैने बेहन से बोला: मोबाइल देदे और जेया कर छाई बना दे.

बुत बेहन उठने का नाम नही ले रही थी. तो मैं बेहन से मोबाइल चीन-ने लगा जिससे मेरा लंड पूरा पता चल रहा था, की उसकी गांद में चुभ रहा होगा. बेहन वैसे ही लंड पर कूद रही थी.

मुझे डरे भी रहा था और मज़ा भी बहुत आ रहा था, और लग रहा था बेहन को मज़ा आ रहा था. वो भी मुस्करा रही थी. थोड़ी देर बाद जब लंड अंदर ही ज़्यादा दर्द होने लगा, तो मैं शांत हो गया.

बेहन बोली: क्या हुआ?

तो मैने बोला: अब हॅट जेया, दर्द हो रहा है.

बेहन समझ गयी की मैं किस दर्द की बात कर रहा था. तो बेहन मुस्कुरा कर चली गयी और जाते हुए उसका ध्यान लंड पर ही था.

अगले दिन मैं जब कॉलेज से आया तो बिना अंडरवेर के ही हाफ पंत में बेहन की इंतेज़ार करने लगा. बेहन का कॉलेज तोड़ा लाते ऑफ होता था. जैसे ही बेहन कॉलेज से घर आई, मम्मी के सो जाने के कारण मैने ही दरवाज़ा खोला. बेहन अपना बाग पटक कर मेरी गोद में चढ़ गयी, और कहने लगी-

बेहन: मैं बहुत तक गयी हू. चल नही सकती. मुझे अंदर ले चलो.

मैने अपने दोनो हाथो को उसकी गांद पर रख कर कस्स के पकड़ लिया, और अंदर ले-जाने लगा.

तो बेहन बोली: मम्मी कहा है?

मैने बोला: सो रहे है अंदर.

रूम में ले-जेया कर उसको बिस्तर पर लिटा दिया. पर बेहन मुझे छ्चोढी ही नही, तो मैं उसके उपर लेट गया. थोड़ी देर वैसे ही बेहन के उपर लेता रहा, और कॉलेज के बारे में पूछने लगा. तो बेहन प्यार से मेरे बालों को सहला रही थी.

मेरा मूड तो बेहन को किस करने को हो रहा था. तो मैने बेहन के गालों को काट लिया. बेहन भी मेरे गाल पर काटने लगी. लड़ाई में मेरे होंठ बेहन के होंठो से टच कर रहे थे. इतना मज़ा आ रहा था की मैं बातों में बयान नही कर सकता.

बेहन बोली: भाई आप भारी लग रहे है.

तो मैने बेहन को उपर कर दिया. अब वो मेरे उपर आराम से लेट गयी. हमारी साँसे के-दूसरे से टकरा रही थी. मैं बेहन को एक तक देखता ही रहा. इतने में बेहन मुझे किस कर दी. मैं भी उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगा. हमारी किस 5 मिनिट तक चली होगी. बेहन की साँस बहुत तेज़ थी, और मेरी भी. तब तक मम्मी के उठने की आवाज़ आई, और हम एक-दूसरे से अलग हुए.

मम्मी ने बेहन को खाना दिया, और मुझसे बोली: मुझे दाँत वाले डॉक्टर के पास छ्चोढ़ दो (क्यूंकी मम्मी के दांतो में दर्द था).

मैं तुरंत मम्मी को डॉक्टर के पास ले गया, और छ्चोढ़ कर वापस घर आ गया. बेहन ने खाने को पूछा तो मैने बोला-

मैं: हा.

तो बेहन एक ही ताली ले कर आई, और मेरी गोद में बैठ गयी.

फिर वो बोली: आज मैं अपने प्यारे भाई को अपने हाथो से खिलौंगी.

वो मेरी तरफ अपना मूह करके बैठी थी, और मुझे खिला रही थी. नीचे मेरा लंड उसे देख कर हार्ड हो रहा था. बेहन अभी भी कॉलेज ड्रेस में ही थी, जिससे मेरा लंड सीधे उसकी चड्डी में टच हो रहा था. गर्मी सॉफ पता चल रही थी.

मैने ताली बगल की और बेहन को किस करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैने बेहन के बूब्स को उपर से ही दबाने लगा, जिससे बेहन मचलने लगी और ज़ोर से किस करने लगी. वो काटने भी लगी.

फिर मैने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए. अंदर ब्लॅक ब्रा में उसके दूध बहुत ही खूबसूरत दिख रहे थे. ब्रा को उपर कर मैं बेहन की चुचि को पीने लगा. बेहन पुर जोश में आ आ कर रही थी. उसकी चुचि ज़्यादा बड़ी नही थी, पर बहुत अची थी.

मैने उसकी चुचि को काट लिया, तो बेहन बोली: मैं भाग नही रही हू, आराम से करो.

तो मैने बोला: इतना प्यारा दूध पीने को मिल रहा है, तो कंट्रोल नही हो रहा.

बेहन बोली: सॅकी में?

तो मैं बोला: कब से मैं इसे पीना चाहता था.

वो बोली: बताना था ना.

फिर मैं तेज़ी से पीने लगा. बेहन आ आ आउच की आवाज़े निकाल रही थी. वो उपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी. तो मैने अपना लंड बाहर निकाल कर बेहन के मुलायम हाथो में दे दिया.

बेहन लंड देख कर कहने लगी: इतना बड़ा कहा च्छूपा कर रखते हो?

फिर मैने बेहन को चेर पर बैठा दिया, और उसकी पनटी निकालने लगा. तो बेहन ने निकालने में पूरी मदद की. उसकी छूट की स्मेल बहुत अची लग रही थी, तो मैं अपनी जीभ उसकी छूट पर रख कर चाटने लगा. बेहन पूरी मचले लगी, और गांद उठा कर अपनी छूट चटवाने लगी. थोड़ी देर में ही बेहन झाड़ गयी. मैं पूरा पानी पी गया. टेस्ट बहुत अछा था.

फिर बेहन को बोला: अब मेरा लंड चूसो.

तो बेहन बैठ कर लंड मूह में लेने लगी. पर मेरा लंड उसके मूह में सही से नही जेया रहा था. बहुत मोटा था, फिर भी बहुत आचे से चूस रही थी. मैने हिलने को बोला तो हिलने लगी. मैं थोड़ी देर में झाड़ गया, और सारा पानी बेहन के मूह में और उसके चेहरे पर निकाला. बेहन भाग कर बातरूम में गयी, और अपना चेहरा सॉफ कर आई.

फिर मैं बेहन से बोला: कैसा लगा?

तो बेहन बोली: बहुत अछा था.

थोड़ी देर बेहन को किस किया, और दूध पीने से मेरा फिर खड़ा हो गया. तो मैने बेहन को लिटा कर अपना लंड उसकी छूट में डालने कोशिश की. पर अंदर नही जेया रहा था. उसकी छूट बहुत टाइट थी. फिर बेहन ने हाथो से मेरा लंड अपने च्छेद पर सेट किया. मैने धक्का मारा तो तोड़ा सा ही अंदर गया.

बेहन चिल्लाने लगी तो मैं बेहन को किस करने लगा, जिससे आवाज़ बाहर ना जाए. उसकी आँखों में आँसू भी आ गये थोड़े. फिर और ज़ोर लगाया तो आधा लंड ही अंदर गया था. तभी बाहर मम्मी ने बेल बजाई. हम लोग दर्र गये. बेहन बातरूम भागी, और मैने जल्दी से कपड़े पहन कर दरवाज़ा खोला.

फिर बेहन बाहर आई तो बोली: भाई बहुत दर्द हो रहा है.

मैने उसको गरम पानी दिया और बोला: सेक लो.

अगले दिन यूनिवर्सिटी से आते ही बेहन का इंतेज़ार करने लगा. मम्मी को भी बेहन के आने के कुछ पहले ही डॉक्टर के पास छ्चोढ़ दिया था. बेहन के आते ही उसको बाहों में भर लिया. वो भी तैयार थी, और मेरा साथ दे रही थी.

बेहन बोली: मम्मी कहा है?

मैने बता दिया वो डॉक्टर के पास थी. फिर बेहन के सारे कपड़े निकाल दिए और दूध पर टूट पड़ा. उसके बाद मैं लंड अंदर डालने लगा. इस बार मेरा लंड अंदर आधा घुस गया. उसकी छूट पूरी गीली थी. फिर मैने ज़ोर लगाया और पूरा लंड अंदर तक घुसा दिया.

बेहन चिल्लाने लगी: भाई बहुत दर्द हो रहा है.

मैं वैसे ही लंड अंदर डाले पड़ा रहा और बेहन के शरीर से खेलता रहा. कुछ देर में बेहन अपनी गांद उठा कर अंदर लेने लगी, और मैं भी धक्के देने लगा. बेहन बहुत मज़े से छुड़वा रही थी.

वो बोल भी रही थी: भाई और तेज़, और तेज़.

मैं भी पूरी रफ़्तार से बेहन को छोड़ रहा था.

बेहन: भाई आप बहुत आचे है. आप मेरा इतना ख़याल रखते है. बहुत मज़ा आ रहा है.

और वो आ आ की आवाज़े निकाल रही थी. कुछ देर में बेहन झाड़ गयी. फिर भी मैं उसे छोड़ता रहा. फिर मेरा भी निकालने क्ल हुआ तो बेहन से बोला-

मैं: मेरा भी निकालने वाला है.

तो बेहन बोली: मेरा भी.

चुदाई चलती रही. हम दोनो का साथ में पानी निकला. पूरा पानी मैने बेहन की छूट में निकाल दिया. हम दोनो की साँसे बहुत तेज़ थी. फिर बेहन ने मुझे किस किया और बोली-

बेहन: भाई आपने तो आज स्वर्ग दिखा दिया. आपका जब मॅन करे मुझे छोड़ लीजिएगा. अब मैं आपकी हुई.

हमने कपड़े पहने और बैठ कर बातें करने लगे. बेहन की छूट में दर्द था, तो मैने गरम पानी से सिकाई की. फिर मम्मी आ गयी. शाम में उसे गोली खिलाई जिससे बच्चा ना हो.

रात में सब के सोने के बाद बेहन मेरे रूम में आ गयी. मैने उसे दो बार और छोड़ा. बेहन भी 4 बार पानी निकली. फिर वो अपने कमरे में जेया कर सो गयी. अब तो बेहन कॉलेज से आने के बाद अपनी पनटी निकाल कर उपर घग्रा पहन कर मेरा लंड अंदर डाल कर गोद में बैठ जाती है.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको फ्रेंड्स में शेर ज़रूर करे.