ही फ्रेंड्स, मैं हू कारण. आज मैं आप सब के लिए एक पुराना किस्सा लेके आया हू. उमीद है आपको मेरी कहानी पसंद आएगी. मैने पहले भी स्टोरीस लिखी है. अगर आपने वो नही पढ़ी तो उनको ज़रूर पढ़े. चलिए अब ज़्यादा बात ना करते हुए कहानी की तरफ बढ़ते है.
ये बात कुछ साल पहले की है. मैं उस वक़्त 20 साल का था, और मेरी बेहन 24 साल की थी. उस वक़्त मेरी बेहन की नयी-नयी शादी हुई थी. लड़के वाले काफ़ी रिच थे, तो हम सब बहुत खुश थे, की हमारी लड़की की शादी एक आचे घर में हो गयी थी.
पहले मेरी बेहन के बारे में जान लीजिए. उसका रंग गोरा है, और उस वक़्त उसका फिगर 34-29-36 था. नैन-नक्श ऐसे है की कोई भी मर्द देख के उसका दीवाना हो जाए.
शादी के कुछ दिन बाद बेहन हमारे घर रहने आई. जीजू उसको हमारे घर छ्चोढने आए थे. बहें ने लाल रंग की सारी पहनी हुई थी, जिसमे वो ग़ज़ब की खूबसूरत लग रही थी. इतनी सेक्सी तो बस सन्नी लीयोन ही लगती है, जितनी वो उस लाल सारी में लग रही थी.
जब वो आई तो मुझे उसके चेहरे पर वो खुशी नज़र नही आई, जो होनी चाहिए थी. मुझे लगा की कुछ तो गड़बड़ थी. जीजू भी उसको छ्चोढ़ कर कोई काम का बोल कर उसी दिन चले गये, तो मुझे और शक होने लगा. लेकिन मैं उससे सीधे-सीधे कैसे पूछता.
जीजू के जाने के बाद बेहन मम्मी के साथ एक रूम में बैठ गयी, और दरवाज़ा बंद कर लिया. मुझे लगा अंदर ज़रूर कोई खिचड़ी पाक रही थी, तो मैं दरवाज़े पर अपने कान लगा कर उनकी बातें सुनने लगा.
बेहन: मम्मी मैं इस आदमी के साथ नही रह सकती.
मम्मी: क्यूँ क्या हो गया बेटा?
बेहन: मम्मी ये एक लड़की को संतुष्ट नही कर सकता. ये सिर्फ़ अपना काम करके पीछे हॅट जाता है, और मैं वैसे की वैसे शरीर की आग में जलती रह जाती हू. आप बस इससे मेरा पीछा च्चूदवाओ. मैने वकील से बात कर ली है. उसने कहा है की इंपोटेंट का केस लगा कर डाइवोर्स मिल जाएगा.
मम्मी: बेटी इतना अछा और बड़ा घर तुझे दोबारा नही मिलेगा.
बेहन: मम्मी जब मैं फिज़िकली संतुष्ट नही हू, तो घर को क्या मैं चातु.
मम्मी कुछ बोल नही पाई उसकी बातों के सामने. फिर उन्होने कहा-
मम्मी: चल तेरे पापा परसो आएँगे तो मैं उनसे बात करके देखती हू.
मुझे इस बात की बड़ी टेन्षन सी हो गयी. मैं नही चाहता था की मेरी बेहन का डाइवोर्स हो, और वो इस तरह से घर पर बैठे. डाइवोर्स के बाद घर बैठी लड़की को सब रंडी समझ लेते है. मैं नही चाहता था की मेरी बेहन को भी सब रंडी समझे. इसलिए मैने सोचा की मैं दीदी से बात करूँगा.
हमारे घर में सब का सेपरेट रूम है. नीचे मम्मी-दादी का रूम, ड्रॉयिंग रूम, किचन और बातरूम है. और उपर मेरा और दीदी का सेपरेट रूम है. डिन्नर करने के बाद जब सब सोने के लिए अपने-अपने रूम में गये, तो मैने दीदी के रूम का दरवाज़ा नॉक किया.
मैं: दीदी मैं आ जौ?
बेहन: हा आ जाओ.
दीदी ने टाइट लेग लेगैंग्स और वाइट त-शर्ट पहनी थी, जो थोड़ी लूस थी. हाथो में चूड़ा था. हल्का मेकप था. वो बेड पर बैठी थी, और मस्त लग रही थी वो. फिर मैने पूछा-
मैं: और दीदी आप कैसे हो?
बेहन: मैं ठीक हू, तू बता कैसा है?
मैं: मैं भी ठीक हू. कितने दिन के लिए आए हो आप?
बेहन: क्यूँ अब मुझे यहा रहने के लिए पहले से दिन बताने पड़ेंगे?
मैं हस्सा और बोला: नही ऐसा कुछ नही है. लेकिन अगर आप अपना घर छ्चोढ़ कर आई हो, तो हा आपको बताना पड़ेगा.
बेहन मेरी बात सुन कर चौंक गयी और बोली: ये तुझसे किसने कहा?
मैं: मैने आपकी और मम्मी की बातें सुन ली थी.
बेहन: अब तू पर्सनल बातें भी सुनने लग गया है? मॅनर्स भूल गया है?
मैं: अगर बात बेहन का घर टूटने की हो, तो भाई को तो सुनना ही पड़ेगा ना.
बेहन: जिन बातों का पता नही, उनमे टाँग नही अद्ानी चाहिए.
मैं: दीदी मुझे सब पता है, की आपकी दिक्कत क्या है. बहुत से लोगों की यही दिक्कत होती है. इसका मतलब ये नही की आप डाइवोर्स लेलो.
बेहन: मुझे जो करना है वो करूँगी. तुझे क्या प्राब्लम है.
मैं: प्राब्लम है दीदी, आपके इस डिसिशन से फॅमिली की बदनामी होगी.
बेहन: बड़ा आई फॅमिली की इज़्ज़त बचाने वाला.
मैं: दीदी मैं बोलना तो नही चाहता, लेकिन बोलना पद रहा है. ऐसी डिवोर्स्ड लड़कियों को लोग रांड़ नाम से बुलाते है.
बेहन को ये शब्द सुन कर गुस्सा आ गया. वो गुस्से से बेड से खड़ी हुई, और मेरे पास आके बोली-
बेहन: कमीने, अपनी बेहन को रांड़ बोलता है.
और बेहन ने मेरे मूह पर तमाचा जद्द दिया. मुझे बहुत गुस्सा आया. मैने बेहन का हाथ पकड़ा, और खींच कर अपनी बाहों में भर लिया. वो मेरे ऐसा करने से हैरान हो गयी, और कुछ समझ नही पाई. फिर मैं बोला-
मैं: बड़ी आग लगी है ना तुझे? मैं बुझता हू तेरी आग.
बेहन: कारण ये क्या कर रहे हो?
मैने धक्का देके बेहन को बेड पर लिटाया, और उपर आ गया. इससे पहले वो कुछ बोलती, मैने अपने होंठ उसके होंठो से मिला दिए, और वाइल्ड किस करने लगा. बेहन कुछ समझ नही पाई, और मुझे धक्के देने लगी. लेकिन मैं भारी था, तो मुझे अपने उपर से हटता नही पा रही थी.
मैं किस करते हुए बेहन के बूब्स दबाने लगा. इससे वो ह्म ह्म करने लगी. 5 मिनिट झटपटाने के बाद बेहन शांत हो गयी, और मेरा साथ देने लगी. मैं समझ गया था, की वो अब गरम हो चुकी थी. फिर मैने उनके होंठ छ्चोढे, और उनकी आँखों में देखा.
उनकी आँखों में मुझे आयेज बढ़ने की रज़ामंदी दिखी. फिर मैने उनकी गर्दन चूमनि शुरू की, और उनकी क्लीवेज में मूह डाल कर किस करने लगा. दीदी आ आ कर रही थी. फिर मैं त-शर्ट के उपर से किस करते हुए नीचे गया, और पेट पे से त-शर्ट उठा कर किस करने लगा.
वो मेरे सर को अपने पेट पर दबाने लगी. फिर मैने उनकी लेगैंग्स नीचे की, और पनटी निकाल कर छूट पर मूह लगा लिया. उनकी छूट एक-दूं चिकनी और क्लीन-शेव्ड थी. छूट पर मूह लगते ही मेरी बेहन की सिसकी निकल गयी.
फिर मैने बेहन की छूट चाटनी शुरू की. क्या स्वाद आ रहा था छूट चाटने का मैं बता नही सकता. मेरी बेहन गरम होके बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी. बेहन ने अपनी त-शर्ट और ब्रा खुद निकाल दिए, और पूरी नंगी हो गयी. इतना सेक्सी जिस्म था मेरी बेहन का, की मेरी रूह खुश हो गयी.
फिर मैने भी अपने कपड़े उतार दिए, और मेरा 7 इंच का लंड देखते ही बेहन की आँखें चमक उठी. बेहन ने जल्दी से उठ कर मेरा लंड पकड़ा, और बोली-
बेहन: तू तो सच में बड़ा हो गया है.
और उसने झट से मेरे लंड को मूह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया. जिस तरह से वो मेरा लंड चूस रही थी, उससे उसकी चुदाई की भूख का पता चल रहा था. कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैने बेहन को फिरसे लिया दिया. उसने भी मेरे लंड के स्वागत के लिए अपनी टांगे खोल दी.
मैं उसके उपर गया, और अपने लंड उसकी छूट में डालने लगा. बहुत ही गरम और टाइट छूट थी उसकी. उसकी आहें सुनते हुए मैने पूरा लंड उसकी छूट में डाल दिया. बेहन के मूह पर दर्द और खुशी दोनो के एक्सप्रेशन्स थे. फिर जब मैं धक्के मारने लग, तो वो मुझे रोकते हुए बोलने लगी.
बेहन: बस एक मिनिट रुक जाओ, ज़रा दर्द कम होने दो.
फिर मैं वैसे ही लंड डाल कर रुका रहा और बेहन के बूब्स चूसने लग गया. बूब्स चूसने से वो गरम हो गयी, और उसने मेरी गांद पर थपकी मारी, जो की चुदाई शुरू करने का इशारा था.
फिर मैने अपना लंड बेहन की छूट से बाहर निकाला, और एक ज़ोर के झटके से फिरसे पूरा अंदर डाल दिया. इससे उसकी फिरसे चीख निकल गयी. उसके बाद मैने धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करके अपनी बेहन को छोड़ना शुरू कर दिया.
इतना मज़ा आ रहा था दोस्तों की मैं बता नही सकता. मैं अपनी बेहन को छोड़ रहा था, और साथ-साथ उसके रसीले होंठ और गोरे-गोरे बूब्स चूस रहा था. वो भी मज़े से अपने भाई के लंड से चूड़ने का मज़ा ले रही थी.
धीरे-धीरे मैने अपनी स्पीड बधाई, और तेज़ी से अपनी बेहन को छोड़ने लगा. अब वो मुझे और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने के लिए कहने लगी. मैने 15 मिनिट बेहन को उसी पोज़िशन में छोड़ा, और उसका पानी निकल गया. फिर मैने बेहन को घोड़ी बना लिया.
क्या मस्त लग रही थी वो घोड़ी बन के. मैने पीछे से उसकी छूट में लंड डाला, और गांद को टेबल की तरह बजाते हुए छूट छोड़ने लगा. 20 मिनिट अपनी बेहन को और मज़ा देने, और उसका पानी निकालने के बाद मैने अपने माल उसकी गांद पर लगा दिया. फिर हम दोनो लेट गये, और बेहन बोली-
बेहन: अब मुझे डाइवोर्स की ज़रूरत नही पड़ेगी. लेकिन तू मेरे घर और मैं यहा पर आते-जाते रहेंगे.
मैं समझ गया की अब वो हमेशा मुझसे चुडवाया करेगी.
तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी कहानी. पिछली कहानियों पर व्यूस बहुत कम थे. उमीद है इस पर नही होंगे, और आप सब इसको ज़्यादा से ज़्यादा शेर करेंगे. फीडबॅक देने के लिए गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर मेसेज करे.