परी जैसी लड़की की चूत और मेरे लंड की किस्मत

हेलो फ्रेंड्स ! कैसे है आप लोग , मुझे आप लोगो ने मिस किया ,लो जी अब मैं बापस आ गया हू और फिर से एक नयी कहानी लेकर , उम्मीद करूँगा की मेरी ये कहानी आप लोगो को काफी पसंद आएगी

मेरा आप सभी से निवेदन है कि कहानी को सही से पढ़िये और पूर्ण ज्ञान के साथ आनन्द और अपना अनुभव साझा करके मेरे हौसले को बढ़ाते रहिये ताकि मै आपके लिए सच्ची कहानिया लेकर आओ

मेरा सभी लड़कियों , भाभियो से निवेदन है कि जिनकी गरम चूत भट्टी की तरह तप रही है उसको शांति दे मसल कर नहीं , चूत की भी अपनी भावनाये होती है उसका भी दिल होता है उसको समझे और जिंगदी के मज़े ले , उसके लिए मेरे जैसे मर्द की ज़रुरत है जो चूत की भावनाओ को समझते है और उनको शांत करना जानते है , तभी लोग मुझे कामदेव भी बोलते है , इसके लिए मै उनका शुक्रगुज़ार हो

मैं पिछली सेक्स कहानी में अपने बारे में बता चुका हूँ कि मैं नार्मल सा दिखने वाला इंसान हूँ.

लेकिन काम देवता की अनुकम्पा हमेशा मुझ पर बनी रही और मैंने कई लड़कियों और औरतों के साथ सम्भोग का सुख प्राप्त किया.

तो थोड़ा इंट्रो हो जाये I मेरा नाम रोहित है मैं उत्तर प्रदेश गाज़ियाबाद का रहने वाला हूँ.I मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है. बॉडी भी मस्त है I मेरा लंड इतना बड़ा है की मैं किसी भी लड़की की ज़रूरत को पूरा कर सकता हू I मैं जIनता हू की सभी लड़कियो को और भाभी जी को उत्सुकता होगी मेरे लंड के साइज़ को जानने की सो बता देता हू . मेरा लंड 8 इनचसे बड़ा है 3.5 इंच मोटा है I

आज की Xxx कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वो एकदम सच है. इसमें जरा सा भी झूठ नहीं है I

मेरा वादा है आपको ये कहानी बहुत ही पसंद आने वाली है ….लंड धारी लंड पकड़ ले और चूत वाली अपनी चूत , अब जो तूफानी होगा वो उसे पढ़ने के बाद आप रोक नहीं पाएंगे अपने आपको और …… आगे आप खुद ही जानते हैI

अब कहानी पर आते है ……………….

मेरे चाचाजी नॉएडा शिफ्ट हुए अपने परिवार के साथ , उनके परिवार मे मेरी चाची , उनकी बेटी और बेटा है I

उनको फ्लैट मे रहना था ताकि वो वहा रहकर अपने लिए कोई अच्छा फ्लैट ले सके और उनके बच्चे वहां रह कर पढ़ सके I उनको वहा रहते हुए ज़ादा टाइम नहीं हुआ था ,वही 10-15 दिन ही I

तभी इतफ़ाक़ से मेरे नाना जी की डेथ हो गई थी तो मम्मी को जाना पड़ा I मै और पापा जी घर पे अकेले रह गए I

हम दोनों ही खाना बनाना नहीं जानते अच्छे से ,सो हमने एक दो दिन गुज़ार लिए कैसे भी करके I फिर एक दिन चाचा जी का फ़ोन आया पापा जी के पास की भैया खाने पीने की प्रॉब्लम हो रही , मुझे पता नई था आप अकेले हो वरना लेने आ जाता।फिर चाचा जी ने पापा जी को मना लिया उनके यहाँ जाने के लिए I अगले दिन हम उनके घर पहुँच गए I

मैंने जैसे ही चाचा जी के फ्लैट की डोर बेल बजाई , सामने वाले फ्लैट से एक लड़की ने गेट ओपन करके देखा

क्या बताओ क्या बला की खूबसूरत थी, वो उसकी एक झलक ने मेरी लोअर मै तम्बो बना दिया I

यहाँ पे मै आपको ये बताना चाहूँगा की मेरा लंड मेरी लोअर मे साफ़ दीखता है , लड़किया आराम से देख सकती है की माल कितना बड़ा होगा पैंट के अंदर…………………

तभी चाचा जी ने गेट ओपन किया और हम घर के अंदर , हमने नाश्ता किया और बाते करने लगे हमें अभी एक घंटा ही हुआ था I

तभी हमारे फ्लैट की डोर बेल बजी ,और मेरे चाचा जी की लड़की ने गेट ओपन किया , तो वो लड़की अंदर आयी और मेरी चच्ची से बोली

लड़की : आंटी जी थोड़ा चाय पत्ती मिलेगी क्या ?

चाची : हा रिया क्यों नई बेटा

दिल थाम के बैठो लंड धारियों अब , उसके बारे मे बताता हू की वो कैसी थी और क्या पहना था हुआ

उसने I

एक छोटी सी स्कर्ट जो शायद 4-5 इंच उप्पर ही थी घुटनो से , डीप नैक वाला टॉप , चुचे चमक रे थे आधे आधे I

गोरा बदन , चिकनी जाँघे , गुलाबी रंगत , छूलो तो मैली हो जाये ऐसी काया थी उसकी ,परी जैसी थी वो I

पेट पर गोल गोल नाभि , कयामत थी वो , परी लोक से आयी थी शायद , ऐसी फीलिंग थी मेरे दिल मे

अगर वो थोड़ी सी झुक जाये तो शायद कुछ दिख जाये यही तम्मन्ना मेरे दिल मे जागने लगी,और फिर मैंने अपने इष्ट देव श्री कामदेव जी को याद किया मन ही मन,और मेरा लंड मेरी लोअर मे फिर से खड़ा हो गया।

मै उसे ही देख रहा था, वो भी मुझे ही देख रही थी अपनी कातिल निगाहो से , तभी उसने मेरी बहन के कान मे

कुछ पूंछा , तभी मेरी बहिन बोली की ये मेरे ताऊ जी और भाई जी है ,तब उसने मेरे पापा जी को नमस्ते बोला ही था की तभी उसको चाची जी ने चाय पत्ती देदी , वो जो कटोरी लेकर आयी थी वो गिर गयी I

तभी वो घुटनो के बल बैठी और चाय पट्टी को उठाने लगी

आज मेरी किस्मत मे कुछ और ही लिखा था

वो जैसे ही झुकी उसकी गांड दिखने लगी , और फिर थोड़ा और झुकी तो जन्नत के दर्शन हो गए (आप समझ गए होंगे मे किसकी बात कर रहा हू यारो , लड़को की करम भूमि की यानि की चूत , समझे अब ) एक दम छोटी सी बिना वालों की चिकनी चूत थी उसकी I मै मन ही मन पागल सा होने लगा

तभी मै भी उठा , और उसकी तरफ बड़ा

चाची : अरे बेटा रिया कोई बात नहीं , मै और देदेती हू

रिया : अरे आंटी कोई बात नहीं , हो गया जा रही हू मै अब

रिया : थैंक यू आंटी , स्माइल करते हुए


वो जैसे ही उठी उसकी गांड मेरे लण्ड से टच हो गई , और मै वहा से हट गया

तभी उसने मेरी बहन के कान मे फिर से कुछ बोला , इस बार मेरी बहन ने मेरी तरफ देखा और स्माइल करके बात करने लगी , उसके बाद वो 2 मिनट मे चली गयी

मौका देख के मैंने अपनी बहन से पूंछा

मै : क्यों बहन क्या देख के स्माइल कर रही थी , जब तू उस लड़की से बात कर रही थी

बहन: भाई वो बोल रही थी की तेरा भाई कितना स्मार्ट है , मेरी सेटिंग करा दे

मै : मै फिर हसने लगा , और बोला है करा दे बहन , जो तू बोलेगी वो कर दूंगा तेरे लिए

बहन : पार्टी देनी पड़ेगी भाई

मै : पक्का बहन

फिर हम हसने लगे I फिर हमने कुछ टाइम पास किया


२ बजे के आस पास फिर से हमारी डोर बेल बजी , मै सोचने लगा हे भगवन वो फिर से आ जाये

तभी वो आ गयी

मुझे देख के स्माइल दी और बैठ गयी


फिर वो मेरी बहन से कुछ बात करने लगी

फिर मै बोला की मे नाहा लेता हूँ।

बहन : भाई वो

मै : क्या वो

बहन : भाई वो बाथरूम मै लीकेज हो गया है ,प्लम्बर को भाई लेने गया है

मै : कोई नहीं मै बाद मे नाहा लूंगा

रिया : अरे कोई नहीं आप मेरे यहाँ नाहा लो


मै अपनी बहन की तरफ देखने लगा

बहन : है भाई आप चले जाओ रिया के यहाँ नाह लो

मै : कोई नहीं मै बाद मै नहालुंगा

रिया : आप नाहा लो , मेरा घर आज खाली है कोई नहीं है मै अकेली हू , आपको कोई प्रॉब्लम नई होगी


फिर मैंने भी मोके पे चौका मारने की सोची (मन ही मन कामदेव जी का सुक्रिया अदा किया )

फिर मैंने अपनी टॉवल निकाली बेग से और टी शर्ट एंड लोअर


मन ही मन मै सोचा आज अंदर नहीं पहनूंगा कुछ


और फिर

मै :मै रिया को बोलै चले क्या

रिया : जी


फिर उसने अपने फ्लैट का गेट ओपन किया

और मै उसके घर के अंदर आ गया

फिर उसने गेट बंद करने के लिए इस तरह से झूखी जिससे एक बार उसकी गांड फिर से बाहर की ओर निकल आयी और उसकी छोटी सी चूत बहार को झाकने लगी (मैंने ऐसा महसूस किया की वो ये सब जान के कर रही थी)

उसने भी घर बंद कर लिया ,

अब वो और मै थे

फिर उसने पूंछा आप पानी लोगे या चाय बनाऊ

मै : नहीं नहीं कुछ नहीं , मई तो बस नहाने के लिए आया हु जी

मै : बाथरूम बता दीजिये आप


रिया : आप मेरे पीछे आओ

मै : मै उसके पीछे जाना लगा ,


क्या मटक मटक के चल रही थी भेनचोद मज़ा आ राह था ,लंड एक बार फिर से अंगराई लेने लगा ,फिर उसने इशारा किया ये बाथरूम है और लाइट ऑन कर दी

मई बाथरूम मै आया और फिर मुझे लगा की वो चाय बनाने के लिए किचन मई चली गयी और फिर माने बाथरूम बंद करने के लिए जैसी ही चटकनी लगाई देखा वो ख़राब है , फिर एक बार मैंने अपना सार पकड़ लिया शायद आज कुछ अच्छा होने वाला है


फिर मैंने अपने कपडे उतरे और नंगा होकर नहाने की तयारी की पहले सुसु की जो बहुत ज़ोर से लगी थी और फिर मै गाना गुनगुनाने लगा (हम तुम

एक कमरे में बंद होंऔर चाबी ख़ो जाए), इधर उधर देखा तो पाया की मैडम जी की पैंटी बाथरूम मै ही टंगी है , फिर क्या भाइयो किस्मत की चाबी हाथ लग गई और फिर मैंने उसकी पैंटी सूंघी क्या बताओ क्या मस्त खुशबू थी

थोड़ी देर के बाद फुल मज़ा लेने के बाद मैंने टेप ऑन की,पानी डाला और नहाने लगा साबुन लगाने लगा


अब मन मै विचार आया की लैंड भी साफ़ कर लू , और साबुन लगाने लगा

, तभी लगा की कोई है , जो मुझे देख रहा है

मैंने भाऊ नई दिया ,मई जनता था की कोण है

मई नाहा के बाहर आया और उस रूम मई लगी ड्रेसिंग के सामने अपने आपको देखने लगा (मेरी टॉवल छोटी थी जिसमे से मेरी झांघे आधी दिख रही थी टॉवल थोड़ा तंग थी )


तभी रिया आयी और बोली


रिया : मैंने चाय बना ली है , काफी टाइम हो गया ठंडी हो रही है पहले पी लो फिर तैयार हो जाना आप

मै : जी

(मै टॉवल मे ही चल दिया )

वो मेरे सामने सोफे थी और मै दीवान बेड पर

वो चाय पीने लगी और मै भी

तभी उसने अपने पैरो को सोफे पर इस तरह से फैला कर रखा , जिससे उसकी टंगे सोफे के हैंडल से टच हो गयी और पैर छोड़े और उसकी चूत मेरे सामने साफ़ साफ़ दिख रही थी

और मुझसे कह रही थी


“ना सील टूटी है मेरी ना ही टूटा है हौंसला

आओ मेरी टांगो के बीच आकर बनाओ घौंसला”


फिर क्या था जनाब रोहित फिर से खड़े हो गए टॉवल मे ,और टॉवल की पकड़ भी ढीली पद गयी

मै अब आपको उसकी चूत की सुंदरता बताता हू दोस्तों , क्या चूत थी

एक छोटी सी मौसमी के २ पीस जैसी २ छोटी छोटी खापे , कस के आपस मे मे चिपकी हुई , गोरी गोरी , बिना वालो की , लग रहा था जन्नत का दरवाज़ा जैसे यही हो

इधर मेरे मन के अंदर अब एक उथल पुथल थी अब क्या करना है , आप सभी लड़किया और भाभी जी बहुत अच्छे से जानते है की कोई लड़की कभी भी पहल नई करती , सिवाय हिंट देने , वैसे भी जन्नत मेरे सामने थी और अब जो करना था मुझे करना था जन्नत बुला रही थी

मै सोच रहा था क्या करू , फिर मैंने पहले जल्दी से चाय पी और मेरे कदम अपने आप आगे बढ़ने लगे , पता ही नई टॉवल कहा रह गयी ,जल्दी से कप टेबल पे रखा और जमीन पे घुटनो के बल बैठ के उसको टैंगो को पकड़ा और अपना मुह उसकी चूत पे लगा दिया

इस समय वो बिल्कुल सहज नहीं थी पर मेरी कहानी पढ़ रही सभी लड़किया और भाभियां अच्छी तरह से जानती हैं कि जब चूत पर किसी मर्द की जीभ चलती है, तो औरत के शरीर में एक करंट सा दौड़ जाता है और वो चरम सुख के सागर में गोते खाने के अलावा और कुछ नहीं कर पाती.

इस समय ना चाहते हुए भी मेरे सिर को पकड़ कर सहलाने लगी और बीच बीच में वो ऐसे खुद में धकेलती, जैसे मुझे अपनी चूत में समां लेना चाहती हो.

मैंने रिया की चूत से अपना मुँह हटाया और जैसे उस पर अपने हाथ से हल्के हल्के अपनी उंगलिअ फिरने लगा अब उसकी चूत गीली हो चुकी थी और उसमें से एक बहुत मादक सुगंध आ रही थी.

मैं यूँ तो पागल हुआ जा रहा था पर मैंने रिया को देखा तो समझ आया कि सारा आनन्द आज उसके ही हिस्से में था.वो जैसे किसी मतवाली की तरह इस सबका मज़ा ले रही थी और उसका पूरा बदन कांपने लगा था.

रिया के मुह से ओहह … ओहह … की आवाज़े आ रही थी

तभी मैंने उसको गोदी मे उठा के , दीवान पे पटक दिया

अब उसे मैंने नंगा किया ताकि उसके बदन की सुंदरता को निहार सकू

क्या बताओ यारो आज तक का मेरी लाइफ का सबसे खूबसूरत’ बदन था उसका , जैसे जानदार गुड़िया , या परी कहो तो ज़ादा अच्छा होगा

मुझे उसको भोगने की लालसा ऐसे बढ़ रही थी जैसे आज कामदेव मै ही हू और वो मेरी रति

मैं उसके उप्पर आया और मैंने बिना किसी देरी के अपने होंठों को रिया के होंठों पर रख दिया और उनको चूसने लगा

मैं रिया के होंठों को बेदर्दी से चूसने लगा और बीच में तो एक बार मैंने उसके होंठों पर ज़ोर से काट भी लिया जिस पर वो तड़प कर रह गयी.

हमने करीब 10 मिनट तक एक दूसरे को चूसा होगा.

तभी हमारी डोर बेल बजी

मै और रिया घबरा गए, मै उठा और मैंने टॉवल लपेटी उसने कपडे पहने

फिर रिया ने गेट ओपन किया , देखा की कौन है

बहन : रिया भाई नाहा लिए क्या , वो ताऊजी बुला रहे थे


पीछे से मे बोला , आया बॉस २ मिनट मे

बहन : ओके , भाई

फिर मैंने जल्दी से कपडे पहने और उसको किश करके निकल आया जैसे ही घर मई घुसा , मेरे चाचा जी के साले अपने परिवार के साथ आ गए

शायद आज हामरी किस्मत मई कुछ और ही लिखा था , क्योकि उनके आने से फ्लैट मे सोने की समस्या होनी थी

ज़ादा बक़त बर्बाद नहीं करते और आगे बढ़ते है वरना स्टोरी ज़ादा बड़ी हो जाएगी

रात का समय आया , सबके बिस्तर लगने लगे

दिल और लन्ड प्यासे रह गए थे , कही दिल नहीं लग रहा था सब कुछ

होते हुए भी अकेला पन महसूस हो रहा था

तभी रिया ने गेट ओपन किया और चाची जी से कुछ बात करने लगी

थोड़ी देर के बाद , चाची जी ने चाचा जी से कुछ कहा और फिर उनमे बात होने लगी , मुझे कुछ समझ नई आ राह था क्या हो रहा है

इधर मै ,अपने इष्ट देव कामदेव जी से प्रार्थना कर रहा था की हे प्रभु जी कुछ तो कीजिये वरना मै आज प्यासा ही रह जाऊंगा

तभी मेरी प्रार्थना स्वीकार हुई, और चाचा जी पापा जी से बोले ,

भाईसाब अगर कोई समस्या न हो तो आप और रोहित रिया के यहाँ जेक सो सकते है क्या

पापाजी : राजेश मुझे कोई समस्या नहीं है , मई चला जाता हू

उसके बाद हम दोनों उसके घर मई आ गए

उसने हमारा बिस्तर दीवान बेड पे लगा दिया

हम सो गए , पर नींद काह थी भेनचोद और सोना भी कोण चाहता था मई तो पापा जी के सोने का इंतज़ार कर रहा था।

लगभग १ घंटा के बाद लगा की शायद पापाजी सो गए , फिर मै उठा और उसके कमरे मै आ गया जहा वो सो रही थी

मै उससे जा के चिपक के लेट गया

उसके बूब्स को दबाने लगा , उसकी स्कर्ट निकली फेंकी

वो जाग रही थी , उसको भी नींद काह थी उसको भी तो मेरा प्यार पाना था

फिर मैंने उसकी टॉप भी उतर दी

उसके बाद मैंने अपने कपडे भी उतर फेंके , अब इनको बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था

दिल मे तम्मन्ना थी जहा से छोरा था वही से फिर से स्टार्ट करू

मैंने धीरे से कान मे पूंछा लाइट का बटन किधर है , उसने बोलै सामने

मैंने लाइट ऑन कर दी

उसके उप्पर आगया

उसके बूब्स फिर से चूसे जो निब्बु की तरह छोटे छोटे थे , उसके पेट पे किश किया फिर एक बार उसकी चूत पे भी

अब मै इससे ज़ादा बर्दाश्त नहीं कर सकता था , मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पे रख दिया और अपने लंड को उसकी चूत पे रगड़ने लगा

वो इस एहसास को मेहसूस करने लगी और उसकी सिसकारी निकल गई.

बहुत प्यासा था मै सो ज़ादा वक़्त इंतज़ार नहीं कर सकता था , इसलिए मैंने उसको बेड के किनारे पे खींचा और खुद भी नीचे आ गया पिलो उसके चुत्तड़ो के नीचे लगा दिया

उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और लंड उसकी नन्ही सी चूत पे रखा जो शायद 1.5 इंच ही बड़ी थी

जैसे ही मैंने एक शॉट मारा , वो उछल पड़ी और ज़ोरो से चिल्लाई

शायद उसकी आवाज़ ५-६ किलोमीटर दूर तक गयी होगी

मुझे ऐसा लगा जैसे हमारे प्यार का शंकनाण्ड हुआ हो

वो मचलने लगी ,बोली मुझे छोड़ो प्लीज , मैंने उसको अनसुनी कर दिया और उसके बूब्स को अपने हाथो से कसके पकड़ा और दबाने लगा मई बही रुक गया था ताकि उसका दर्द कम हो और वो थोड़ा ईस्थर

मै उसको छोरना नहीं चाहता था

तभी हमारे रूम का दरवाज़ा खुला , मैंने उधर की तरफ देखा इतनी रात मे कौन आया ,देखा की पापा जी ने रूम खोला , और हमें उस पोजीशन मे उन्होंने देख लिया

मै बिलकुल भी हटने के मूड मे नहीं था , मै कुछ नहीं बोलै

और लंड का पुश बड़ा दिया , और रिया की एक सिसकारी फिर से निकल गयी

और पापाजी वहा से कहते हुए निकल गए की वो मुझे किसी के चीखने की आवाज़ आयी तो मै ये देखने आया की क्या हुआ , कोई बात नहीं आप लगे रहो बच्चो और मुस्कराते हुए निकल गए

तभी मैंने फिर से लंड का दबाब उसकी चूत पे बड़ा दिया , अब आधे से ज़ादा लंड चूत मे जा चूका था

और अब एक और शॉट मारा और पूरा लुंड उसकी चूत मे उतर दिया

वो एक बार फिर से चीखी , आज उसे बचाने वाला वहा कोई नहीं था

मैंने अपने लंड को बहार खींचा , और फिर से उतर दिया अंदर , मेरा लंड लहूलुहान हो गया था , आज मेरी ये १२ भी कुवार चूत थी जिसको चोद के मै कली से फूल बना रहा था

उसकी सिसकारियां बढ़ने लगीं

चूत की दीवारों से घर्षण करता हुआ मेरा लंड अब अन्दर बहार हो रहा था उसकी सिसकिया अब एक ख़ुशी आनंद मई परवर्तित हो रही थी

उसने नीचे से और मैंने ऊपर से धक्के लगाने शुरू किए.

और फिर वो समय आया जब मै अपने ऑर्गनिज़म की ओर बढ़ने लगा

उसकी चूत और मेरे लंड मे भीषड़ युद्ध छिड़ गया और युद्ध अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बड़ा और लंड ने अपनी पिचकारी चूत के अंदर ही छोड़ दी

हमारा यह खेल बहुत लंबा तो नहीं चला लेकिन दोनों संतुष्ट जरूर हुए.

इधर मै इत्र रहा था उधर मेरा लंड , फिर हम दोनों थोड़ी देर चिपक के लेट गए

और फिर द्वयंद छिड़ा , इस तरह मैंने उससे सारी रात ५ बार चोदा ये सोच के की आज के बाद ये चूत मुझे मिलेगी

मैंने उसकी चूत चोद चोद के सुजा दी

कहानी अब अपने अंतिम पड़ाव मे है


मै सभी भाइयो , दोस्तों , लड़कियों और भाभियो से कहूंगा की वो अपना कीमती समय निकल कर अपना अनुभव ज़रूर साझा करे ताकि मै भी जान सकू की मेरे पाठक मेरी कहानी पढ़ के कैसा महसूस करते है।

अगर आपके मेल मुझे मिले और आपने मेरी इस Xxx कहानी को पसंद किया तो आगे बहुत कुछ है मेरे पास जैसे


पहला : चूत वाली वाली ये बताये मेरी कहानी पढ़ के अपनी चूत मे मेरे नाम की ऊँगली की या नहीं ,और हा सच बताना


दूसरा : लंड वालो ने मुठ मरी या नहीं , और है थोड़ा थोड़ा जलन हुई या नहीं



तीसरा : मेरा अनुभव कुवारी काली को फूल बनने का ज़ादा है सो आप

शर्माए नहीं जिंदगी के मज़े करे खु लके

चौथा : आपके कीमती अनुभव के बाद ही बताऊंगा की पापाजी ने रिया को उस रात कैसे चोदा , उसके बाद हम बाप बेटे कैसे दोस्त बने. और पापा जी ने किसको चुदवाया मेरे से

आपके जवाब की प्रतीक्षा में आपका अपना रोहित

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