मालकिन ने नौकर से चुडवाई चूत

ही दोस्तो, मेरा नाम अवनी है. मैं 36 साल की हू. मैं मॅरीड हू, और महाराष्ट्रा में अपने हज़्बेंड के साथ रहती हू. मेरा फिगर 36″28″38″ है, और मैं बहुत खूबसूरत लगती हू. जवान लड़के मुझे देखते है, तो देखते ही रह जाते है.

लेकिन मेरे पति ने कभी मेरी कदर नही की. मेरे पति का नाम अजय मल्होत्रा है, और वो एक बिज़्नेसमॅन है. मुझे अजय के दादा जी ने उनके लिए पसंद किया था. उनके दादा जी हमारे गाओं में ही रहते थे, और मैं उनके सामने ही बड़ी हुई थी.

अजय शहर का रहने वाला था, तब भी अपने दादा के कहने पर उसने मुझसे शादी कर ली. शादी के बाद मैं नयी-नयी शहर आई थी. शुरू-शुरू में मैं शहर के तौर-तरीक़ो से अंजान थी, लेकिन मैने धीरे-धीरे सब कुछ सीख गयी.

शायद गाओं की होने की वजह से अजय ने कभी मेरी वो कदर नही की. उससे मुझे वो फिज़िकल लोवे भी नही मिला, जो हर औरत अपने हज़्बेंड से चाहती है. बस जब तक बच्चा नही हुआ, तब तक ही हमसे सेक्स किया था. जैसे ही मेरी कोख से एक बेटे ने जानम लिया, उस दिन से लेके सालो तक मेरी छूट में लंड नही गया.

हड्द तो तब हो गयी, जब अजय का किसी दूसरी औरत के साथ अफेर हो गया. वो खुले-आम उससे बाते करने लगा. उसको ये भी दर्र नही था, की मुझे बुरा लग सकता था. फिर मैने भी अपनी सीमा लाँघ दी. ये कहानी उसी के बारे में है. तो चलिए शुरू करती हू, अपनी सीमा लाँघने की कहानी.

जैसा की मैने बताया है, की अजय एक बिज़्नेसमॅन है. उनका बिज़्नेस काफ़ी बड़ा है, और हम एक बड़े घर में रहते है. मेरे घर में 1 नौकर और 1 नौकरानी है. वो दोनो मिया-बीवी है. हमारे नौकर का नाम राजू है, और उसकी बीवी का नाम पायल है. राजू हमारा ड्राइवर भी है. वो दोनो घर के साथ बने सर्वेंट क्वॉर्टर में रहते है.

मैने काई बार राजू और पायल को सेक्स करते देखा था. उन दोनो को देख कर मुझे हमेशा अपने लिए बुरा लगता था. उपर से अजय के अफेर के बारे में सोच कर तो मेरा दिल ही बैठ जाता था. एक दिन मैं और अजय एक पार्टी में गये.

वाहा वो हराम-ज़ादी भी थी, जिसने मेरे पति को मुझसे छीना था. वाहा हम काफ़ी लोगो से मिले. मैने ब्लॅक सारी पहनी हुई थी, और उसमे मैं काफ़ी खूबसूरत लग रही थी. जो भी हमसे मिला, उसने अजय के सामने मेरी तारीफ की. लेकिन मेरे पति को मेरी वॅल्यू फिर भी समझ नही आई.

फिर कुछ देर मेरे साथ खड़े होने के बाद अजय उस कुटिया के पास जाके खड़ा हो गया. अब मैं उस भीड़ में अकेली खड़ी थी. मैं बहुत दुखी हो गयी थी. और दुख में आके मैने 3 पेग शराब के पी लिए. इससे पहले मैने कभी शराब नही पी थी.

तभी एक वेटर आया, और बोला-

वेटर: मेडम आपके हज़्बेंड ने बोला है, की आप चले जाओ. वो कल घर आएँगे.

मैं ये सुन कर समझ गयी, की वो उस कुटिया के साथ रात गुज़ारने वाले थे. मेरा मॅन टूट चुका था, और मैं पार्टी से बाहर आ गयी. फिर मैं गाड़ी में बैठ गयी. राजू आया, और उसने गाड़ी स्टार्ट कर ली.

फिर हम घर की तरफ चल पड़े. मैं राजू के साथ वाली सीट पर बैठी थी. अभी 5 मिनिट ही हुए थे, की मैने रोना शुरू कर दिया. राजू ने उसी वक़्त गाड़ी रोक दी, और पूछा-

राजू: क्या हुआ मेडम? आप रो क्यू रही हो?

मैं कुछ नही बोली, और फूट-फूट कर रोटी रही. तभी उसने मुझे फिरसे रोने का कारण पूछा. फिर मैं रोते हुए बोली-

मैं: राजू, क्या मैं खूबसूरत नही हू.

राजू: नही मेडम, ऐसी कोई बात नही है. आप बहुत खूबसूरत हो.

मैं: तो फिर मेरे साथ ऐसा क्यू हो रहा है?

राजू भी जानता था अजय के उस अफेर के बारे में. फिर वो बोला-

राजू: मेडम जिन लोगो के पास हीरा होता है, उनको उसकी कदर नही होती.

मुझे शराब का नशा चढ़ा हुआ था, और मेरी फ्रस्ट्रेशन बढ़ती जेया रही थी. तभी मैने गुस्से में आके अपने आप को थप्पड़ मारने शुरू कर दिए. राजू ने मेरे हाथ पकड़ लिए, और मुझे रोकने के लिए अपनी बाहो में जाकड़ लिया.

फिर जब मैं थोड़ी शांत हुई, तो मैने उससे फिरसे रोते हुए पूछा-

मैं: क्यू, ऐसा क्यू हो रहा है?

इस वक़्त मेरा फेस राजू के फेस के एक-दूं करीब था. मेरे पल्लू शोल्डर से नीचे गिरा हुआ था, और मेरी क्लीवेज दिख रही थी. तभी राजू को पता नही क्या हुआ, और उसने अपने होंठ अपने होंठो के साथ चिपका दिए.

मैं एक-दूं से हैरान हो गयी. जब 5 सेकेंड के लिए मैने उसका साथ दिया, तो मुझे बड़ा मज़ा आया. और फिर मैने मज़े से उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए. वो भी समझ गया, की मुझे उसके ऐसा करने से कोई प्राब्लम नही थी.

फिर उसने अपना एक हाथ ब्लाउस के उपर से मेरे बूब पर रख लिया. जैसे ही उसने मेरे बूब को दबाया, मेरी तो आहह निकल गयी. मैं सोच रही थी, की उसको रोकू, लेकिन मेरे जिस्म को इतना मज़ा आ रहा था, की मैं आयेज बढ़ती गयी.

आधी रात का टाइम था, और हमारी गाड़ी एक सुनसान रास्ते पर खड़ी थी. फिर राजू ने मेरे होंठ छोढ़े, और मेरी क्लीवेज में मूह मारने लगा. उसने पीछे से मेरे ब्लाउस का हुक खोल दिया, और उसको उतार दिया. अब मेरी अप्पर बॉडी पर सिर्फ़ रेड कलर की ब्रा थी.

जब वो मेरी क्लीवेज चूम रहा था, तब मुझे बड़ा सुकून मिल रहा था. आज बरसो बाद मेरी क्लीवेज को किसी मर्द ने चूमा था. तभी मैं उससे अलग हुई, और मैने कहा-

मैं: घर चलो राजू.

ये सुनते ही उसने गाड़ी स्टार्ट की, और हम घर की तरफ चल पड़े. मुझे उसकी पंत में उसका खड़ा हुआ लंड नज़र आ रहा था. घर पहुँचने में टाइम था, तो मैने उसकी ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया.

उसका लंड तकरीबन 7 इंच का था, और एक-दूं काला था. मैने उसके लंड को अपने मूह में ले लिया, और उसको चूसने लग गयी. बड़ा मज़ा आ रहा था मुझे. वो भी गाड़ी चलते हुए आहह आहह कर रहा था.

फिर थोड़ी देर बाद उसने ज़ोर से आहह आ करना शुरू कर दिया. मैं समझ गयी थी, की वो झड़ने वाला था. तभी उसने मेरे सिर पर पीछे से हाथ रखा, और दबा दिया. इससे उसका लंड मेरे गले तक फ़ासस गया. फिर उसने मेरे गले में ही अपना सारा माल निकाल दिया.

मैं उसका सारा माल पी गयी, और सीधी होके बैठ गयी. अब हम घर आ गये. घर आते ही उसने मुझे उठाया, और मेरे बेडरूम में ले गया. वाहा जाके उसने मेरी ब्रा निकाल दी, और मुझे बेड पर लिटा दिया.

फिर वो पागलो की तरह मेरे निपल्स चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो मेरी कमर चूमता हुआ नीचे आया, और उसने मेरी सारी निकाल दी. फिर उसने मेरा पेटिकोट भी उतार दिया. अब मैं उसके सामने ब्लू पनटी में थी.

उसने मेरे पैर पकड़े, और पैर चाटना शुरू कर दिया. फिर वो मेरी टाँगो को किस करते हुए मेरी जाँघो तक आया. वो मेरी जाँघो को चूस्टे हुए काटने लगा. मेरी छूट पानी-पानी हो रही थी.

फिर उसने मेरी पनटी उतार दी, और मेरी छूट पर एक किस किया. उसने मेरी छूट पर अपना मूह लगाया, और छूट चाटनी शुरू कर दी. मुझे इतना सुकून मिल रहा था, की मैं बयान नही कर सकती.
मैने उसके सिर को अपनी छूट में दबाना शुरू कर दिया.

वो जीभ डाल-डाल कर मेरी छूट को चाट रहा था. ऐसा लग रहा था, की मेरी छूट को अंदर से खाना चाहता हो. अब मुझसे और रुका नही जेया रहा था. मैने उसके बाल पकड़े, और उसको अपने उपर ले आई. फिर मैने उसको बोला-

मैं: अब छोड़ मादरचोड़.

ये सुनते ही उसने अपना लंड मेरी छूट पर सेट किया. फिर उसने एक ज़ोर का धक्का मारा, और उसका आधा लंड मेरी छूट में चला गया. मेरी चीख निकली, लेकिन मुझे दर्द के साथ मज़ा भी आया.

फिर उसने मेरे होंठ अपने होंठ से बंद कर लिए, और धक्के मारने लगा. 6-7 धक्को में उसका लंड मेरी छूट की दीवार पर टकराने लगा. मेरी छूट बिल्कुल पानी-पानी हो गयी थी, और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

अब मैं गांद हिला-हिला कर उसका साथ दे रही थी. मैं कभी उसको अपने बूब्स चुस्वती, और कभी होंठ. मुझे इतना मज़ा कभी नही आया था, जितना उस दिन आ रहा था. फिर हमने पोज़िशन बदली, और मैं उसके उपर आ गयी.

अब मैं उसके लंड पर उछाल रही थी. वो मेरे बूब्स पर थप्पड़ मार रहा था, और उनको दबा रहा था. 15 मिनिट मैं उसी पोज़िशन में चुड्ती रही. इस बीच मेरा 2 बार पानी निकल गया.

फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया, और पीछे से मेरी छूट छोड़ने लगा. उसने मेरी गांद को थप्पड़ मार-मार कर लाल कर दिया. फाइनली उसने अपने माल से मेरी छूट को भर दिया.

उस दिन से लेके आज तक वो मेरी छूट का सुख भोग रहा है, और मैं उसके लंड का मज़ा ले रही हू.

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