भाई ने बहन को उसकी फ्रेंड के साथ सेक्स करते देखा

ही दोस्तों मेरा नाम अंकुर है. मैं मुंबई से हु. मेरी फॅमिली में मैं मेरी बहिन मेरी मम्मी और पापा है. मैं २० साल का हु और मेरा लुंड ६ इंच का है. अभी मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हु.

ये कहानी मेरी बहिन के बारे में है. मेरी बहिन मुझसे २ साल बड़ी है. वो मास्टर्स कर रही है और बहुत सेक्सी है. उसका रंग हल्का सावला है और फिगर ३६″ ३२″ ३८″ है. सीधे-सीधे बताऊ तो हमारे एरिया के सारे लड़के दीदी पर मरते है.

यहाँ तक की मैंने भी कई बार दीदी के बारे में सोच कर मुठ मारी है. जब वो जीन्स या लेग्गिंग्स पहनती है तो उसकी मोती गांड केहर ढाती है. पूजा हेगड़े” जैसी लगती है.

अब ऐसी सेक्सी गांड देख कर भला किसका मैं नहीं करेगा उसको छोड़ने का. मैंने भी कई बार सोचा की कोई का कोई तिकड़म लगा कर अपनी दीदी को सेक्स के लिए कन्विंस करू. लेकिन मेरे सारे सपने तब टूट गए जब मुझे पता चला की मेरी बहिन लेस्बियन है.

तो बात ३ महीने पहले की है. दीदी के एक्साम्स चल रहे थे. एक्साम्स के दूरिंग उनकी फ्रेंड पूजा घर आती थी और वो साथ बैठ कर पढ़ाई करते थे. पूजा का फिगर भी ाचा था.

उसका साइज ३४″ २८″ ३४″ था. हम तीनो स्टडी रूम में साथ में बैठते थे. वो दोनों अपना काम करती थी और मैं अपना काम करता था. जिसका काम ख़तम हो जाता था वो अपने रूम में सोने चला जाता था.

एक दिन मैंने अपना काम ख़तम किया और अपने रूम में सोने के लिए चला गया. रूम में गए मुझे १५ मिनट हो गए थे. तभी मैंने देखा की मेरा मोबाइल फ़ोन स्टडी रूम में छूट गया था.

फिर मैं स्टडी रूम की तरफ अपना फ़ोन लेने चला गया. रूम के पास पहुँचते ही मुझे कुछ आवाज़े सुनाई देने लगी. वो आवाज़े स्टडी रूम में से आ रही थी.

आवाज़े सुनते ही मैंने अपनी स्पीड धीमी की और मैं दबे पाऊँ आगे बढ़ने लगा. फिर मैं स्टडी रूम के दरवाज़े के पास पहुंचा. जब मैंने अंदर झाँका तो मेरी आँखें फटती की फटती रह गयी.

अंदर दीदी और पूजा किश कर रहे थे. दोनों ने लेग्गिंग्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी. दोनों की गांड कमाल की टाइट लग रही थी. फिर मैं वही खड़ा रहा.

वो दोनों बड़े मज़े से एक-दुसरे के होंठ चूस रहे थे. फिर दीदी ने अपने दोनों हाथ पूजा की गांड पर रखे और उसको डालने लग गयी. इससे पूजा और उत्तेजित हो गयी और उसने दीदी पर अपनी पकड़ कस ली.

पूजा की गांड दबते देख कर मेरा लुंड भी तन्न गया था. मेरा तो दिल कर रहा था की उनको रेंज हाथ पकड़ लू और खुद दोनों को छोड़ू. लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया.

फिर पूजा नीचे बैठी जिससे दीदी मुझे सामने से दिखने लग गयी. पूजा ने दीदी की छूट पर लेग्गिंग्स के ऊपर से किश करना शुरू कर दिया और दीदी उसके सर को अपनी छूट में दबाने लग गयी.

फिर दीदी नीचे झुकी और उसने पूजा की टी-शर्ट उतार दी. उधर पूजा ने भी दीदी की लेग्गिंग्स नीचे कर दी. अब पूजा ऊपर से नंगी थी और दीदी नीचे से. पंतय में दीदी की जाँघे किसी भी मर्द को अपना गुलाम बना सकती थी.

फिर पूजा ने दीदी की पंतय नीचे की और उसकी छूट चाटने लगी. दीदी की छूट एक-दम साफ़ थी. ऐसी छूट देख कर तो कोई भी उसको चाटने को तैयार हो जाये.

मेरा तो बुरा हाल हो रहा था. एक तरफ दीदी की छूट मेरे सामने थी जिसको पूजा चाट रही थी. और दूसरी तरफ पूजा के नीचे बैठने की वजह से उसकी गांड क्या कमाल लग रही थी.

मेरा तो लुंड पर हाथ अपने आप ही चला गया. थोड़ी देर में पूजा कड़ी हो गयी. दीदी की छूट तो पानी-पानी हो रही थी. फिर वो दोनों बीएड पर लेट गयी. लेटने से पहले दीदी ने अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार दी और पूजा ने अपनी लेग्गिंग्स और पंतय उतार दी.

फिर वो दोनों ६९ पोजीशन में आ गए. अब दीदी पूजा की छूट को चूस रही थी और पूजा दीदी की छूट का मज़ा ले रही थी. वो दोनों प्रोफेशनल्स की तरह एक-दुसरे की छूट का मज़ा ले रही थी.

मैंने भी अपना लुंड पजामा से बाहर निकाल लिया था और उसको हिला रहा था. कुछ देर उन दोनों का छूट चूसै का काम चलता रहा. फिर वो दोनों सीढ़ी हुई और एक-दुसरे को फिरसे किश करने लगी.

दीदी ज़ोर-ज़ोर से पूजा के बूब्स दबाने लग गयी जिससे वो ज़ोर-ज़ोर की आहें भरने लग गयी. फिर दीदी ने पूजा के निप्पल्स चूसने शुरू कर दिए. पूजा दीदी के बूब्स को सेहला रही थी और एक हाथ से उनका सर अपनी ब्रैस्ट में दबा रही थी.

अब बारी पूजा की थी. वो दीदी के ऊपर आ गयी और उसने दीदी के बूब्स चूसने शुरू कर दिए. वो इतनी उत्तेजित थी की दीदी के बूब्स को काट-काट कर चूस रही थी. और इसका पता दीदी के मोअन्स से लग रहा था.

फिर पूजे नीचे आयी और उसने दीदी की फिंगरिंग करनी शुरू कर दी. दीदी मज़े से पागल हो रही थी. पूजा फिंगरिंग करते हुए दीदी की छूट के बीच में भी ऊँगली दाल रही थी.

कुछ देर बाद दीदी की छूट ने अपना माल छोड़ दिया. पूजा ने छूट को मुँह लगाया और सारा पानी पी गयी. अब दीदी की बारी थी छूट छोड़ने की.

दीदी पूजा की टांगो के बीच आयी और उसकी छूट को सहलाना शुरू कर दिया. पूजा आहें भर रही थी और मज़े में अपने होंठ काट रही थी. उसकी छूट धड़ा-धड़ पानी छोड़ रही थी.

फिर दीदी ने पास ड्रावर से ७ इंच लम्बा डिलडो निकला और पूजा की छूट पर रगड़ने लग गयी. पूजा अब उसको अंदर लेने के लिए तड़प रही थी लेकिन दीदी उसको तड़पा रही थी.

फिर दीदी ने एक ही बार में पूरा डिलडो पूजा की छूट में उतार दिया. पूजा की चीख निकल गयी और दीदी ने ज़ोर-ज़ोर से डिलडो को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

अब दीदी पूजा की छूट चोद रही थी. उस सन को देखने कर जो मज़ा था वो मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता. दीदी वैसे ही फुल स्पीड पर डिलडो अंदर-बाहर करती रही.

कुछ १० मिनट बाद जैसे ही दीदी की छूट से डिलडो निकला तो पूजा की छूट से एक ज़ोर की पिचकारी निकली. दीदी ने जल्दी से उसकी छूट को मुँह लगाया और उसका सारा पानी पी गयी.

इधर मेरा भी पानी निकल गया था. उस चुदाई को देखने का मज़ा तो बहुत आया लेकिन अफ़सोस भी था. अफ़सोस इस बात का था की इतनी जबरात लड़कियों को लड़को में इंटरेस्ट नहीं था.

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