गैर मर्द का लोडा अपनी चूत मे घुस्वाया

हेलो दोस्तो में स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.
इश्स स्टोरी का 9त पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े लिए ही होंगे और अगर नही लिए.

तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी पे आते है.

अब आयेज..

लेकिन वो मेरी छूट से हटे नही और मेरी छूट को चाटते रहे लेकिन कुछ हे देर मे मेरा जिस्म उनकी हरकटो को झेल नही पाया और मेरे छूट रास की एक तेज़ धाअर बह निकली. वो निकलते हे में निढाल हो कर वही सोफे पे लेट गयी.

पर मेरा पानी निकल के बाद भी सलमांजी मेरी छूट से हटे नही इसलिए मेने उनके बाल पकड़ कर उनके सिर को ज़बरदस्ती से मेरी छूट से हटाया.

साहिबा:- क्या करते हो??? ची-ची अब इसको भी चतेगो क्या??

मेने उनको अपनी छूट रास का स्वाद लेने से रोका और कहा

साहिबा:- मेरी छूट अब तड़प रही है… इसमे अपने मोटे हत्यार से छोड़ कर शांत कर दीजिए.

मेने भूखी शेरनी की तरह उन्हे खिच कर अपने उपेर लेता लिया और उनके लंड को पकड़ कर सहलाने लगी. उनको सोफा पे धक्का दे कर में खुद नीचे हो गयी और उनके लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपने चेहरे के पास कर लिया.

मेने पहले कभी किसी मर्द के लंड को मूह मे लेना तो दूर कभी अपने होतो से भी नही चूहा था. अज़हर हमेशा भौत ज़िद करते थे की में उनके लंड को मूह मे दल कर चुसू लेकिन में हर बार उनको माना कर देती थी. मूज़े हमेशा लंड चूसना एक गंदा काम हे लगता था.

लेकिन आज ना जाने क्यूँ ऐसा क्या हुआ की में इतनी गरम हो गयी और भौत ज़्यादा नशे मे भी थी की खुद हे सलमांजी के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर कुछ टाइम तक किस करती रही.

जब सलमांजी ने मूज़े उनके लंड को अपने मूह मे लेने का इशारा करते हुए मेरे सिर को नीचे झुकाया अपने लंड की तरफ हल्के से दबाया तो में किसी भी तरह का विरोध नही कर पाई और अपने होतो को खोल कर अपने सिर को नीचे की और झुका दिया. लंड को कुछ देर ऐसे हे मूह मे भरे रहने के बाद में उनके लंड को हल्के से चूसने लगी. मूज़े उनके लंड से एक अजीब तरह की खुश्बू आ रही थी.

अब सारा दार और सारी शरम को में पीछे चोर दी थी. ज़िंदगी मे मूज़े अब किसी की चिंता नही थी. बस एक जुनून था एक गर्मी थी जो मूज़े झुलसाए दे रही थी.

में अब भी उनके लंड को मूह मे भर के चूस रही थी. मूज़े अब कोई चिंता नही थी की सलमांजी मेरी ऐसी सब हरकटो के बारे मे क्या सोचेंगे. बस यूयेसेस वक़्त मूज़े एक भूक परेशन कर रही थी जो हर हालत मे मूज़े मिटानी थी.

वो मेरे सर को अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर को उछा करने लगे. कुछ देर ऐसे करते रहने के बाद उन्होने मेरे सिर को पूरी ताक़त से अपने लंड पर दबा दिया.

यूयेसेस वक़्त मेरा दूं घुटने लगा था. पर तभी उनके लंड से वीर्या (कम/स्पर्म्ज़) की एक तेज़ धार सीधे मेरे गले के नीचे गिरने लगी.

उनके लंड के आस पास के बाल मेरे नाक मे जेया रहे थे. उनका पूरा लंड रास मेरे पेट मे चले जाने के बाद हे उन्होने मूज़े छोरा. में भी सीधा ज़मीन पे लेट गयी क्यूकी मेरी भौत सासे तेज़ चलने लगी थी.

सलमांजी भी अभी भी सोफा पर अपनी टाँगो को फैला कर बैठे थे.. और में उनके सामने नीचे लेटकर अपने गले को सहलाते हुए ज़ोर ज़ोर से सासे ले रही थी.

तभी उन्होने अपने पैर के अंगूठे को आगे कर के मेरी छूट मे दल दिया और अपने पैर को आगे पीछे चला कर मेरी छूट मे अपने अंगूठे को अंदर बाहर करने लग गये.

मूज़े ऐसे अंगूठे से छोड़ते हुए उनके लंड मे फिर से ताक़त आ गयी थी और वो गरम भी हो गये थे. मूज़े उठाने के लिए. वो नीचे झुके और मेरी निपल्स को पकड़ अपनी और उपेर खिचने लगे. तो में दर्द से बचने के लिए खुद हे उठ कर उनके पास चली गयी.

उसके बाद उन्होने मूज़े सोफा पर हाथो के बाल झुका दिया जैसे डॉगी पोज़िशन होती है वैसे. मेरे पैर कार्पेट पे हे थे और उन्होने मेरे पैरो को फैला कर के पीछे से मेरी छूट पर अपना लंड लगा कर एक जोरदार का धक्का मारा और उनका मोटा लंड मेरी छूट के अंदर रास्ता बनता हुआ घुस गया.

यूयेसेस वक़्त छूट पूरी तरह गीली होने के कारण इतनी कुछ ज़्यादा परेशानी नही हुई. बस मेरी मूह से हल्की हल्की अहहहहाः अहहहः की सिसकारी निकली.

पर लंड पूरा अंदर घुसने के बाद हे मूज़े उनके मोटे लंबे लंड का साइज़ का पता चला जिससे मूज़े लगा की लंड मेरे जिस्म को चीरता हुआ मेरे गले तक पॉच गया हो.

वो पीछे से अब मेरी छूट मे अपने मोटे लंबे लंड से धक्के मरने लगे. उनके हर धक्के से मेरे मोटे चुचिया उछाल रहे थी. मूज़े पेलते हुए उन्होने मेरी गर्दन को टेढ़ा करके मेरे होतो को चूमने लगे.. और अपने हाथो से मेरे दोनो चुचियो को मसालने लगे.

भौत देर तक इसी तरह मूज़े छोड़ने के बाद उन्होने मूज़े सोफा पे लेता दिया और उपेर की तरफ से छोढ़ने लगे. मेरी छूट मे सिहरन होने लगी. और दुबारा मेरी छूट का रास निकल कर सलमांजी के लंड को भिगोने लगी. कुछ हे देर मे जोरदार चुदाई के बाद उनका भी वीर्या पूरा मेरी छूट के अंदर निकल गया.

हम दोनो तक कर वही लेट कर ज़ोर ज़ोर से अपनी सासे संभाल ने लगे और सलमांजी मेरे जिस्म पर हे लेट गये. फिर हम दोनो एक दूसरे के होतो को चूमने लगे पर तभी हे एक गजब हो गया…….

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.