माधवी का रंडी बन कर जेठा से चुदने का किस्सा

तो चलिए चलते है अपनी स्टोरी के पार्ट थ्री की तरफ. जैसे की आप सभी जानते हो की जेथलाल ने माधवी का बहुत फ़ायदा उठाया ऑटो में, और उससे दबा के मज़े लिए. और इन सब के बाद माधवी को भी जेथलाल से चूड़ना था. तो अब आयेज चलते है अपनी स्टोरी की तरफ.

उस दिन माधवी अपनी सारे आचार-पपद की डेलिवरी करके घर आ जाती है. फिर देखती है की भिड़े सोनू को छोड़ रहा होता है टेबल पे घोड़ी बना के. इससे माधवी बहुत गरम भी हो जाती है, और साथ में बहुत ज़्यादा गुस्सा भी हो जाती है. अब माधवी एक-दूं से घर के अंदर आती है. वो देखती है सोनू और भिड़े दोनो एक-दूं नंगे थे. माधवी को अंदर आता देख भिड़े बोला-

भिड़े: अर्रे माधवी तुम आ गयी?

और फिर सोनू को छोड़ने लगा.

माधवी बोली: हा मैं सब के घर जेया-जेया के आचार-पपद दे कर अओ, और तुम यहा पर अपनी बेटी को छोड़ो रंडी बना के. कभी मेरे को छोड़ो, कभी उसको छोड़ो. दिन भर बस छोड़ते रहो. कभी कुछ काम मत करना. रंडी बना दिया हम दोनो को. गांद मार-मार के तबला बना दिया है.

भिड़े समझ जाता है की माधवी का दिमाग़ बहुत खराब था. तो वो कुछ नही बोलता, और चुप रहता है. माधवी वही खड़े-खड़े अपनी सारी उतार देती है, और बोलती है-

माधवी: ले मदारचोड़, छोड़ ले मुझे भी. मार ले मेरी भी गांद. वैसे भी दिन भर घर में रह कर चुदाई ही करता है. देख मेरी गांद को कैसे तबला बना दिया. जब घर से निकलती हू लोग स्पॅंक करते है, रंडी छिनाल बोलते है. ले छोड़ ना.

ऐसा बोल कर माधवी अपना पेटिकोट, ब्लाउस, और ब्रा उतार के सिर्फ़ पनटी में आ जाती है, और अपनी गांद उछाल कर बोलती है-

माधवी: ले ना मदारचोड़, मार ना इसे, और छोड़.

फिर वो सोनू को खीच के बोलती है: चल हम दोनो को रंडी बना दे, और सबसे चुडवाया कर.

क्यूंकी माधवी आचार-पपद की वजह से चिढ़ि हुई थी, और बारिश भी थी. और साथ में भिड़े घर में सोनू को छोड़ रहा था. इस वजह से माधवी का गुस्सा बढ़ता जेया रहा था. क्यूंकी जेथलाल ने माधवी को गरम कर दिया था.

अब माधवी गुस्से में बोलती है: चल तू बाल्कनी में चल कर मुझे झुका के मेरी गांद मारना. सब देखेंगे.

तब सोनू चुप-छाप अंदर चली जाती है, और माधवी भिड़े का हाथ पकड़ के खींचते हुए बाल्कनी में. अब माधवी के दूध नीचे झूल रहे थे. बड़ी, मोटी, चौड़ी सी गांद सिर्फ़ पनटी में एक-दूं टाइट थी. भिड़े का लंड तो खड़ा था, और उसे माधवी को छोड़ना भी था.

लेकिन माधवी गुस्से में थी, इस वजह से उसने कुछ किया नही. अब भिड़े खड़ा था, और माधवी ने अपनी पनटी भी निकाल दी. बारिश बहुत तेज़ हो रही थी, और सोसाइटी में सब अपने घर में थे. कोई बाहर नही था. अब माधवी एक-दूं नंगी थी. बड़ी गांद, बड़े दूध, मिलफ जैसा शरीर था उसका. फिर माधवी ने घुटनो पे आ कर भिड़े का लंड बाहर निकाला, और उसमे तूल दिया और बोली-

माधवी: मदारचोड़ का अभी भी खड़ा है.

और ये बोल कर छ्चोढ़ दिया नीचे. भिड़े शरम से अंदर चला गया, और माधवी वही खड़ी थी. तभी जेथलाल भर आ गया और उसने ऐसा देख लिया. अब जेथलाल ने माधवी को आवाज़ मारी, और माधवी को वैसे भी उससे चूड़ना था.

तो उसने बोला: बाद में बात करते है.

फिर वो अंदर चली गयी. अंदर गयी तो भिड़े सोनू को बहुत गुस्से में रंडी की तरह घोड़ी बना के छोड़ रहा था. माधवी को गुस्सा आया और उसने भिड़े को बोला-

माधवी: सुन, तू और सोनू 10-15 दिन के लिए कही बाहर चले जाओ. दिन रात चुदाई करते रहना.

भिड़े को भी सही लगा, तो उसने अपना और सोनू का समान पॅक कर लिया, और अपने गाओं ले गया. वो सोनू को वाहा पे दिन-रात दरवाज़ा बंद करके छोड़ने लगा. इधर माधवी भी जेथलाल से चूड़ने के लिए तैयार हो गयी थी.

अब माधवी ने जेथलाल को फोन किया की घर आ जाओ. तो जेथलाल जल्दी से उसके घर चला गया. बाहर बारिश हो रही थी. इधर जेथलाल आया. माधवी सोफा में बैठी थी. जेथलाल आते ही माधवी को किस करने लगा, और माधवी भी उसका साथ देना लगी. अब जेथलाल का लंड एक-दूं खड़ा हो गया था लोहे की रोड की तरह.

फिर जेथलाल माधवी के ब्लाउस को उतार कर माधवी के दूध को ब्लाउस के उपर से दबाते गया, और अब उसकी ब्रा निकाल के उसको जनवरो की तरह चूसने लगा. माधवी उसका साथ देती जेया रही थी. अब माधवी और जेथलाल ने बिना टाइम वेस्ट किए अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगे हो गये.

जेथलाल ने अपने लंड पे थूक लगाई, और माधवी की गांद में डाल के छोड़ने लग गया. माधवी तो जैसे जन्नत की सैर कर रही हो. वो उछाल-उछाल के चुड रही थी. जेथलाल बाल खींच के गाली बक के छोड़ रहा था.

जेथलाल: मदारचोड़ रंडी साली, तेरी गांद बहुत बड़ी है. दिन भर भिड़े से चुड्ती है, और कितनो से पिल चुकी है? लगता है बहुत लोगों ने छोड़ा है तुझे.

माधवी बोलती है: सिर्फ़ इन्होने छोड़ा है मुझे.

फिर जेथलाल बोलता है: पता है तू भिड़े और सोनू कितना दूध के धुले हो. तू एक नंबर की छिनाल है, और सोनू एक नंबर की रंडी. उसको भी छोड़ूँगा, ले रंडी मेरे मोटे लंड का स्वाद.

और जेथलाल उसे घोड़ी बना के छोड़ते ही रहता है और मज़े करता रहता है. अब रात में 2 बाज जाते है. उसे छोड़ते हुए जेथलाल उसे घसीट के बाल्कनी में ले जाता है, और उसका एक पैर रेलिंग में रखता है. फिर वो उसकी गांद में अपना लंड डाल देता है और छोड़ने लगता है रंडी की तरह.

अब माधवी को अंदर लाता है और बिस्तर में पटक के जाम कर छोड़ता है, और गाली भी बकता रहता है.

जेथलाल: तुझे, दया, और सोनू तीनो को एक साथ छोड़ूँगा देखना रंडी.

ऐसे जेथलाल माधवी को छोड़ता रहता है. कभी बेड में, कभी सोफा में, कभी टेबल में, कभी बाल्कनी में, और रंडी छिनाल बना के छ्चोढ़ देता है.

अब भिड़े आता है और माधवी की गांद देख के समझ जाता है की माधवी किसी और से भी चूड़ी थी. वो कुछ नही बोलता, और अपना काम करने लगता है.

थे एंड.

अगर आप लोग चाहते है की ये स्टोरी को मैं और आयेज और आचे तरीके से कंटिन्यू करू, तो प्लीज़ आचे कॉमेंट्स कीजिएगा. ज़्यादा से ज़्यादा कॉमेंट्स करे, और मैं नया पार्ट लेकर अवँगा.