कोठे की रंडिया बनेगी घर की बहू

मई बताना च्छूंगा पिछले अपडेट मे तौजी की उमर 59 की जगह 49 थी और ताइजी की 48 की जगह 46 – पिछला पार्ट यहा पढ़े

खैर ये सब हुई अलग बात, मई अपनी मा का ताइजी का डिस्क्रिप्षन देना भूल गया.

मा- आगे 45 है रंग ज़्यादा गोरा नही है थोड़ी सी मोटी इस उमर मे आ ही जाता है. पर छवि सनडर है, कुल मिलकर आम भारतिया ग्रहणी की तरह ठीक ताक लगती है, आस और बूब्स का साइज़ मे मीडियम है.

ताइजी- ये आगे 46 है बहोट गोरी है, आस मीडियम है पर बूब्स बड़े है. नॉर्मल से दिखने मे सनडर है मोटी है थोड़ी सी ज़्यादा मम्मी से मतलब 18-20 का अंतर है और हुमेशा किसी भी कारया मे खुद को सर्वासेस्थ बनाना चाहती है.

अब स्टोरी चालू करते है.

तो अब दोनो रूंो मे ये महॉल था की कैसे 1 हफ्ते के भीतेर शादी कराई जाए. खैर लड़की ढूंडना अल्ग था पर शादी की तैयारी भी करवानी थी. क्यूकी दादाजी ने कहा शादी धूम धड़ाका से होनी छाईए थी.

सब इसी टेन्षन मे सो गये.

सुबह पापा और तौजी शादी के लिए अल्ग अल्ग तैयारी करने लगे मा और ताइजी के कहने पर. यहा बहू मिल नही रही कों है पता नही पर शादी की तैयारी शुरू हो चुकी थी.

मा और ताइजी अभी एक दूसरे बात किए बिना खाना बना रही थी और दोनो यही सोच रही थी की कैसे 1 हफ्ते के भीतेर शादी कराई जाए. तभी दादाजी ने सब को ईतांत्रित किया और कहा-

दादा जी – देखो मुझे पता है इन दोनो को बहुए नही मिल रही. ऐसे मे मेरे भाई सारी प्रॉपर्टी हड़प लेगा ये भी मई जानता हू. और एक और बात जो भी लड़के की शादी होगी उसको प्रॉपर्टी तभी मिलेगी परंपरा अनुसार ज्ब उसकी बीवी गर्भ से होगी और रिपोर्ट करवाई जाईगी और देखा जाइगा की वो उसी का लड़का हो सिर्फ़ तभी उसको पूर्ण रूप से मुखिया माना जाएगा.

रिपोर्ट वाली बात इसलिए क्यूकी बगल के गाओं मे भी एक जैसी परंपरा है. वाहा एक लड़के की शादी किसी लड़की से कराई गयी पर वो लड़का बच्चा देने मे असमर्थ था. तो उस लड़की को किसी और ने बचा दिया.

ये सब परिवार वालो ने उस लड़के को मुखिया बनाने के लिए किया और वो लड़का जब पैदा हुआ तो उसकी छवि उसके बाप से बिल्कुल अल्ग थी. जब डीयेने चेक कराया गया तो वो लड़के का डीयेने गाओं के किसी और आदमी से मिलता था. नतीज़ा अनुसार उस आदमी को मुखिया से हटा दिया गया. तबसे रिपोर्ट का परिचालन परंपरा मे आ गया.

खैर तुम दोनो औरते होशियार हो. मई भी अपने उस छोटे भाई जैसे दारुबाज़ को प्रॉपर्टी नही देना चाहता. इसलिए जलदी से जलदी कोई कन्या ढुणडो इनके लिए.

फिर मा और ताइजी फिर से सोच मे पद गये. अब उन दोनो को कुछ नि सूझ रहा था. मा को ना जाने क्या सूझा वो बनारस निकल पड़ी 1 घंटे बाद. अगले घंटे ताइजी भी बनारस के लिए रवाना हो गयी.

हलकी की दोनो ने एक दूसरे को नही बताया था वो दोनो बनारस क्यू जेया रही है और ना ह्यूम. लेकिन मई और चालाक था और ताइजी के पीछे वाली बस से मई भी बनारस के लिए रवाना हो गया.

अब बनारस मे क्या हुआ, किसलिए दोनो बनारस गयी, क्या वजह थी? ये सब बातो का उत्तर बहोट जलद मुझे मिलने वाला था.

खैर बस स्टॉप पर बस फोची, मई वाहा से ताइजी का पीछा करने लगा था. मा तो खैर 1 घंटे पहले निकल ली थी तो वो तो दिख नही रही थी. ताइजी का पीछा करते करते देखा ताइजी शिवदासपुर फॉच गयी. ये तो यहा का रेड लाइट एरिया और इतना गंदी जगह पर ताइजी क्या कर रही है.

वाहा ताइजी एक कोठे पर फोची और मैने पीछा किया. तो देखा अंदर मम्मी पहले ही अंदर उस कोठे की मालकिन से कुछ बात कर रही. वही ताइजी
फोची-

ताइजी- ओह वा क्या देखने को मिल रहा है, अपने बेटे के लिए मेरी देवरानी जी रंडी को खरीदने आई है और उससे शादी करवैंगी!

मा- ऑश तो आप बतंगी आप किसलिए आई है यहा?

ताइजी- औकात मे रह समझी!

मा- आप भी!

और वो दोनो वाहा पर ही लड़ने लगी फिर उस मालकिन ने दोनो को चुप कराया और कहा-

मालकिन कोठे की – दोनो लड़कियाँ लेकर जाओ, एक का नाम है कजरी उमर 20 साल. एक का है गजरी, उमर 21 साल. दोनो के मिला कर 4 लाख लगेंगे 2-2 एक के.

मा- ये बहोट ज़्यादा है, 1 लाख मे बात फिक्स करो.

ताइजी – लो 2 लाख हम नंगे नही है जो 1 लाख के पीछे मोल भाव करे.. और ताइजी वाहा पे लड़की खरीद कर वापस जाने लगी. मतलब मुन्ना की शादी अब कजरी नमक रंडी से होनी थी.

मा- रूको ये लो 1 लाख हम भी कोई ग्रीबी नही झेल रहे.. और मा ने भी गजरी को खरीद लिया मेरी शादी मेरी मा एक रंडी से करने जेया रही थी.

खैर वो दोनो वाहा से एक दूसरे से मूह फुलाए निकल पड़ी. मतलब अब हम दोनो लड़को की शादी रंडियों से होगी! ये सोच कर दिमाग़ खराब हो रहा था.

फिर मई भी दूसरी बस से गाओं आ गया और वो दोनो उन लड़कियों को लेकर गाओं आई. और कहा ये दोनो अनाथ है और ये सिलाई वाली जगह पर काम करती थी, वाहा ह्यूम ये दोनो मिली और इनकी शादी हम अपने बिटो से करवाएँगे.

मैने भी सोचा ये दोनो झूठ कितना अछा बोलती है. फिर घर मे खुशी का महॉल हो गया क्यूकी अब दोनो लड़को की शादी होने जेया रही थी.

दादाजी ने कहा देखो शादी तो अब दोनो की एक साथ हो रही है. अब शर्त ये है जो पोटा पहले देगा प्रॉपर्टी उसकी. मैने ये चीज़ दोपहर मे भी कही थी की प्रॉपर्टी और मुखिया वो संपूर्ण रूप से तभी बनेगा जब गर्भ मे बच्चा ठहरा देगा वो. तो अब जो पहले ये करेगा मुखिया वो.

अब देखते है आयेज क्या होता, क्या करवट लेती है कहानी. क्या ये दोनो रंडियों से शादी होगी भी हुमारी या नही? क्यूकी कहानी का टाइटल तो कुछ और बताता है.