जीजा ने तोड़ी प्यारी साली की चूत की सील

ही दोस्तों, मेरा नाम देव है, और मैं अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. पिछले पार्ट को आप सब ने बहुत प्यार दिया. उमीद करता हू, की आप सब इस पार्ट को भी प्यार देंगे. जिन लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो प्लीज़ पहले जाके पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरी साली कणिका मुझसे पट्ट गयी थी, और मैं समझ गया था की अब उसको छोड़ा जेया सकता था. फिर मैने उसको रात में गार्डेन में मेसेज करके बुलाया. जब वो आई तो हमारा रोमॅन्स शुरू हो गया. अब आयेज बढ़ते है.

मैं कणिका को किस कर रहा था, और उसकी क्लीवेज चाट रहा था. फिर मैने उसकी फ्रॉक निकाल दी, और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पनटी और ब्रा में थी. उसको ऐसे देख कर मेरा लंड उछालने लग गया. इतनी खूबसूरत साली भगवान सब को दे, और उसको छोड़ने का मौका भी दे.

फिर मैने भी अपने कपड़े उतारे, और सिर्फ़ अंडरवेर में आ गया. वो मेरे अंडरवेर में खड़े हुए लंड को देख रही थी. फिर मैने उसका हाथ पकड़ा, और उसको बीच की तरफ ले जाने लगा. तभी उसने कहा-

कणिका: जीजू हम बीच की तरफ क्यूँ जेया रहे है?

मैं: हम वही पर आज हनिमून मनाएँगे.

कणिका: वाहा हमे कोई देख लेगा.

मैं: अर्रे कोई नही देखेगा. ये गोआ है, यहा सभी रोमॅन्स ही करने आते है. अगर कोई देखेगा भी तो समझ जाएगा की हम कपल है, और हमको डिस्टर्ब नही करेगा.

फिर मैं उसको वाहा पड़े एक बड़े पत्थर के पीछे ले गया. दूसरी साइड पर पूरा समुंदर दिख रहा था. अब मैं और वो एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाल कर देख रहे थे. फिर मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया, और हम दोनो फिरसे लीप-किस करने लगे.

इस बार की किस पहले से ज़्यादा वाइल्ड थी. वो तो ऐसे किस कर रही थी, जैसे मेरे होंठो को काट कर खा जाएगी. मैं लीप-किस करते हुए कक़ची के उपर से उसकी गांद दबाने लगा. उसकी कक़ची में मैने हाथ डाल दिया, और उसको धीरे-धीरे नीचे खिसकने लगा.

अब मैने उसकी कच्ची उतार दी, और उसकी गांद के चियर में अपने दोनो हाथ डाल कर गांद सहलाने लगा. इस दौरान हमारी वाइल्ड किस चलती रही. गांद के चियर में हाथ जाते ही वो पागल सी हो गयी. फिर वो अपना एक हाथ नीचे लेके आई, और उसको मेरे लंड पर रख लिया. अब वो मेरा लंड मसालने लग गयी.

फिर मैने किस तोड़ी, और उसकी ब्रा खोल कर उसके रसीले गोरे-गोरे बूब्स बाहर निकाल लिए. उसके बूब्स देखते ही मैं उन पर टूट पड़ा. मैं उसके एक बूब को चूसने लगा, और दूसरे को हाथ में लेके मसालने लगा. मैं बड़ी ज़ोर से उसके बूब्स मसल रहा था. वो दर्द से आ आ तो कर रही थी, लेकिन माना नही कर रही थी.

फिर वो नीचे बैठ गयी, और उसने मेरा अंडरवेर उतार दिया. मेरा लंड उछाल कर बाहर निकला, जिसको देख कर उसकी आँखें चमक उठी. उसने लंड को हाथ में लिया, और उसको दबा कर मसालने लगी. फिर उसने उपर मेरी तरफ देखा, और मुस्कुराने लगी. मैने अपना हाथ उसके सर पर रखा, और उसके बाल माथे से सेट करते हुए उसको लंड को मूह में डालने का इशारा किया.

तभी उसने अपना मूह खोला, और जीभ बाहर निकाल कर लंड को चाटने लगी. कुछ देर चाटने के बाद उसने लंड मूह में लेके उसको चूसना शुरू कर दिया. वो पूरा लंड नही ले पा रही थी, तो मैने उसके सर के पीछे हाथ रखा, और कमर आयेज-पीछे करके उसके मूह में लंड अंदर तक डालने लगा.

धीरे-धीरे मैने अपनी स्पीड बधाई, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ने लग गया. अब वो चोक हो रही थी, और उसके मूह से बहुत सारी थूक बाहर आ रही थी. लेकिन मैं बेरेहमी से उसके मूह में धक्के मारता गया. कुछ देर ऐसे ही मैने उसके मूह को छोड़ा. फिर मैने उसको खड़ा किया.

अब मैं पूरा गरम हो चुका था. मैने उसको अपनी बाहों में उठाया, और उसकी टांगे अपनी कमर पर लपेट कर उसको पत्थर के साथ लगा लिया. तभी वो बोली-

कणिका: जीजू ई लोवे योउ. आज फाड़ दो मेरी चूत और लेलो मेरी वर्जिनिटी.

फिर मैने एक हाथ से लंड पकड़ा, और उसकी छूट पर सेट किया. जैसे ही लंड सेट हुआ, मैने उसका भार रिलीस किया, और नीचे से कमर उपर की. एक-दूं से इतना प्रेशर पड़ा छूट पे, की लंड पूरा अंदर चला गया. कणिका ज़ोर से चिल्लाई-

कणिका: आह जीजू….. मॅर गयी मैं आहह. रूको.

लेकिन अब रुकने का कोई फ़ायदा नही था. क्यूंकी सील टूट चुकी थी, और लंड पूरा छूट में चला गया था. फिर मैने उसके होंठो से अपने होंठ जोड़ दिए, और उसके होंठ चूस कर उसको गरम करने लगा. मैने धक्के मारने अभी स्टार्ट नही किए थे, क्यूंकी मैं उसके नॉर्मल होने की वेट कर रहा था.

फिर जब थोड़ी देर में उसने कमर हिलाई, तो मैं समझ गया अब उसका दर्द ठीक थे. तो मैने धीरे-धीरे उपर की तरफ धक्के लगते हुए लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया. वो आ जीजू श जीजू करने लग गयी. धीरे-धीरे मैं स्पीड बढ़ने लगा, और वो भी लंड पर उछालने लगी.

जब मैं उसको उठा कर तक गया, तो मैने उसको अपनी बाहों से उतरा, और नीचे रेत पर लेट गया. फिर उसने मेरे उपर आके लंड अपनी छूट में ले लिया, और लंड पर उछालने लगी. उसके उछलते हुए बूब्स कमाल के लग रहे थे, और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

मैने उसके बूब्स पकड़ लिए, और नीचे से भी उसकी छूट में धक्के देने लगा. कुछ देर में उसका पानी निकल आया, और वो हानफते हुए मेरे उपर लेट गयी. मेरा अभी हुआ नही था, तो मैने उसको घुमा कर मिशनरी पोज़िशन में किया, और तेज़-तेज़ छोड़ने लगा. अगले 10 मिनिट में मैने उसकी छूट को अपने माल से भर दिया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा हो, तो इसका लिंक जितना हो सके शेर करे, ताकि सब इसका मज़ा ले पाए. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.