जवान भतीजे के हाथ ने चाची की चुचियाँ

नमस्ते, अगर अपने चाचा और चाची की चुदाई का पहला पार्ट न्ही पढ़ा तो प्लीज़ पढ़ लीजिए.

दोस्तों, एक बार की बात है. जन्वरी के महीने मे, मैं अपने घर देल्ही से 15 दिन के लिया गया था. उस टाइम ठंड बहुत पद रही थी. मैं अपने घर पे समान रख के सीधा चाची के पास गया, उनके पायर च्छुए और आशीर्वाद लिया. चाची बहुत खुश तीन. रात होने पे मुझे चाचा नही दिखाई दिए.

मैने चाची से पूछा- चाचा, कहाँ है?

चाची- तुम्हारे चाचा अपने दोस्त के साथ किसी काम से भोपाल, एंपी गये है.

मैं – चाची, फिर मैं आपके साथ ही खाना खा लेता हूँ.

चाची- सुनील, जब तक तुम्हारे चाचा नही आ जाते. तुम यहीं मेरे साथ रहना.

मैं- चाची आपके लिए ही तो मैं घर आया हूँ, तोड़ा टाइम आपके साथ बिता के अक्च्छा लगेगा.

चाची के साथ मैने रात का खाना खाया और फिर चाची मुझसे हाल-चाल पूछने लगीं. देर रात होने पे मैने चाची से बोला- मैं, अपने कमरे मे सोने जा रहा हूँ, मुझे नीड आ रही है.

चाची- कैसे बातें कर रहे हो, तुम्हारे चाचा नहीं है. मेरे साथ ही सो जाओ. पहले भी तो मेरे साथ ही सोते थे.

मैं- ठीक है, चाची. जैसे आपको अक्चा लगे.

दोस्तों, चाची के कमरे मे डबल बेड लगा हुआ था. डबल बेड के कंबल मे, मैं, चाची से दूरी बना के सोने की कोशिश कर रहा था.

चाची- करीब आ जाओ, उतनी दूर क्यों सो रहे हो. मैं, तुम्हे कुछ बोल रहीं हूँ, क्या.

मैं चाची से सात के लेट गया.चाची मुझसे बात करते- करते सो गयीं. लेकिन मैं अभी भी जाग रहा था.

मैने,चाची को ध्यान से देखा. चाची ने नाइटी पहनी हुई थी, उनकी आधी चूंचियाँ उनकी निहगती से निकल कर बाहर आ रही तीन. चाची को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था. मैं उस रात अपने आप पे कंट्रोल नही कर पाया, मैं चाची की कमर पे हाथ रख के चिपक गया. चाची का मूह मेरी तरफ था. उनकी चूंचियों के बीच की दरारें देख कर मेरी नियत डोलने लगी.

मैने चाची के गाल पे अपना गाल रख दिया, थोड़ी देर मैं वैसे ही रहा लेकिन उन्होने कुछ नही बोला. मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैने उनकी निघट्य के उपर से उनकी चूंचियों पे हाथ रख दिया. चाची ने फिर भी कुछ नही बोला, मैने धीरे-धीरे उनके निघट्य के अंदर अपना हाथ दल के उनकी चूंचियो को अपने हाथो मे ले लिया, उनकी चूंचियाँ बहुत ही मूल्याँ तीन, धीरे –धीरे उनके चूंचियो के निपल और उनकी चूंचियों को सहलाने लगा.

मैने महस्सोस किया, चाची कुछ भी नही बोल रही है. मैने उनकी चूंचियों को मसलना शुरू कर दिया और उनके निपल को भी पकड़ के अंगुलियों से खींच लेता. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मुझे अब चाची की छूट पेलने के लिए चाहिए थी. लेकिन, ये सब कुछ मैं अपनी मा जैसे चाची के साथ नही कर सकता था. बहुत सोच-समझकर मैं उस रात शांत हो गया. थोड़ी देर मे, चाची ने खुद से ही मेरे हाथ अपने बूब्स पे रख दिया. मुझे लगा चाची भी चाहती है की मैं उनके मम्मो को दबौं.

चाची के कोई बाचे पैदा ना होने से उनके माममे बिल्कुल कसे-कसे थे, उनके चुच्च्ो को मसालने मे मुझे मज़ा आ रहा था. मैं, थोड़ी देर उनकी चूंचियो को मसला और नीचे से उनके चूत पे अपना हाथ रख दिया.

जैसा की मैने पहले ही बताया की चाची रात को सोते टाइम ब्रा और पनटी नही पहनती थी. सिर्फ़,निघट्य या मॅक्सी पहनती थी.

जब मैने चाची के छूट पे हाथ रखा, उनकी छूट बिल्कुल गरम हो चुकी थी, उनकी छूट से पानी रिश रहा था. मुझे लगा, चाची नाटक कर रही है. लेकिन, जब चाची कुछ नही बोल रही थी,तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. मैने उनकी कमर के आस-पास और छूट के फहाँको के किनारे-किनारे अपने हाथो से सहलाना शुरू कर दिया. मैने महसूस किया की चाची ने अपनी झाँते को सवे कर रखा है. चूत बिल्कुल सॉफ-सुथरी है.

जब मैने उनके चूत पे हाथ रखा, मेरा हाथ गीला हो गया. उनके छूट से गरम-गरम पानी निकल रहा था. मैं, उपर चाची की चूंचियों को मसल रहा था. नीचे उनके छूट पे अपना हाथ धीरे-धीरे फहेर रहा था. चाची कुछ बोल रही तीन.

“चौधरी! कब तक मेरी इस जलती चूत मे अंगुली करते रहोगे, जल्दी अपना लंड मेरे चूत मे पेलो. तुम्हारी कुटिया गरम हो चुकी है.”

मैं तो दर गया. चाची, चाचा से नीड मे अपनी छूट छोड़ने की लिए बोल रहीं तीन. मैने उनकी छूट मे से अपनी अंगुली निकल ली. इधर मेरा लंड तो खड़ा हो चक्का था. मैं,
बेड से उठा और वॉशरूम मे जाके मुट्त् मार के अपना लंड का माल निकाला और चुप-छाप आकर सो गया.

दूसरे दिन, जब मैं जगा और चाची के सामने गया तो चाची नास्टा बना रही तीन.

चाची- लग रहा है, कल रात को नीड नहीं पूरी हुई?

मैं- नहीं चाची, कल रात आप जल्दी सो गयीं. मैं जागता रह गया.

चाची मुझे अजीब नज़रों से देख रही थी. मैने, ज़्यादा ध्यान नही दिया. दिन भर मैं इधर-उधर बिज़ी रहा. रात को चाची के घर पहुँच गया.

चाची के साथ डिन्नर किया. फिर, मैं चाची के बेड पे सोने चला गया. थोड़ी देर बाद चाची भी आ गयी.

चाची से बात चीत होने लगी. धीरे-धीरे चाची पिछली रात वाली बात पे आ गयीं.

चाची- अब तू बड़ा हो गये है. तेरी शादी करनी पड़ेगी.

मैं- नही चाची, अभी मेरी उमर क्या है. अभी तो मुझे 4-5 साल शादी नही क्रना है.

चाची- ह्म, फिर तो तेरा ध्यान चाची को ही रखना पड़ेगा.

मैं- जी चाची समझा नही.

चाची- कल रात तूने मेरे साथ क्या किया है?

मैं- चाची, जी कुछ नही. बस गल्लती हो गयी.मुझे तोड़ा जोश आ गया था. आप चाचा को ये सब मत बताना.

चाची- मैं किशी को नही बतौँगी. तुझे मैं अपने बाकछे की तरह मनती हूँ और चाची तुझे बहुत प्यार करतीं है. मुझे पता है, तेरी आगे मे बाकचो को जोश बहुत आता है. कोई बात नही.

मुझे तेरी हरकटो से कल रात ही पता लग गया था. मैं कल रात को जाग रही थी, जब तू मेरी चूंचियाँ को पकड़-पकड़ के मसल रहा था और मेरी छूट को गरम करके अंगुली कर रहा था और तेरा ताना हुआ लंड मैं महसूस कर रही थी. लेकिन,मैं जान-बुुझह कर कुछ नही बोल रही थी.

मैं- चाची आप कल ही मुझे रोक देतीं तो मैं आयेज नही बढ़ता.

चाची- मैने जब तेरे चाचा का नाम लिया, तो तू दर गया फिर कुछ नही किया. जाके मुट्त् मार के, करवट करके सो गया.

मैं- चाची, बस अब ग़लती हो गयी.

चाची- मैने तुझे पाल-पॉश के अपने बाकछे की तरह बड़ा किया है, अब मुझे लग रहा है की तू बिल्कुल जवान हो चुका है और इधर –उधर जाने की ज़रूरत नही. मैं चाहती हूँ की जब तक तेरी शादी नही हो जाती, तू अपने चाची को संत्ुस्त करे.

मैं- चाची, मैने आपको अपनी मा की तरह माना है, मैं आपके साथ ये सब कैसे कर सकता हूँ.

चाची- तू मुझसे अब आक्ची आक्ची बातें कर रहा है, जब तूने कल रात मेरी चूंचियों को मसाला और अपनी चाची को गरम करके छूट मे अंगुली किया . तब सब कुछ भूल गया था, क्या?

मैं- वो, चाची जी, सब कुछ जोश-जोश मे हो गया था. मैं, अब आपके साथ कुछ ग़लत नही करूँगा.

चाची- अब जोश-जोश मे अपनी चाची की बात मान के उनके बदन के साथ खेल और मेरी छूट की आग को ठंडा कर. ये बात किसी को नही पता चलेगी. पूरी जिंदगी सिर्फ़ मेरे और तेरे बीच रहेगी. किसी को मेरे और तेरे रिस्ते पे शक भी नही होगा.

मैं- चाची लेकिन कैसे होगा, सब कुछ.

चाची- तू किसी बात के लिए परेशान मत हो. तेरी चाची तेरे साथ हैं.

दोस्तों, चाची की बात मैं मान गया. अब मुझे सारी बातें याद आ रहीं तीन की कैसे चाचा मेरी चाची की छूट को ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड से छोड़ते है और उनकी छूट मे कितनी गर्मी है. मेरी चाची कितनी मादक बदन की मालकिन हैं. मैं, अपने मान से चाची को छोड़ने के लिए तैयार हो गया. मैने, सोच लिया आज चाची को ऐसे छोड़ूँगा की एँकी चूत की सारी गर्मी निकाल दूँगा.

तो बे कंटिन्यूड..