गार्डेन की बेसमेंट में ग्रूप चुदाई की मस्त कहानी

ये कहानी टीन साल पुरानी है.

मेरा नाम अंजलि है. उस समय मैं 23 साल की थी, और मेरे पति विनोद 25 साल के. हमने 2 साल पहले शादी की थी. उस समय तक हमारा कोई बच्चा नही था.

मैं स्कूल में टीचर हू, और विनोद सिटी कॉलेज में लेक्चरर है. एक लोंग वीकेंड में गुरुवार की सुबा हम देल्ही पहुँचे. टीन घंटे बाद हम दोनो गार्डेन के गाते के अंदर थे.

हमारी खुशकिस्मती थी या बाद लक, की एक तो वीक दे था, उपर से हल्की-हल्की बारिश भी हो रही थी. गार्डेन में बहुत ही कम लोग थे. हम दोनो आराम से घूम फिर रहे थे.

हर एक कृति को ध्यान से देख रहे थे. करीब 2 घंटे गुज़र गये. हम दोनो छाई पी रहे थे. तभी आवाज़ सुनी,

“तुम विनोद शर्मा हो ना!“

हम दोनो ने घूम कर देखा. मैने बोलने वाले या उसके साथ जो औरत थी उसको नही पहचाना. लेकिन विनोद छाई का कप टेबल पर रख कर उनके पास गया, और पावं छूने के लिए झुका. लेकिन उस आदमी ने उसको उठा कर गले लगाया.

वो आदमी: थॅंक गोद, तुमने मुझे पहचान लिया.

विनोद: सिर, आप दोनो को कैसे भूल सकता हू?

विनोद ने मेरी तरफ देखते हुए कहा: सिर, ये मेरी पत्नी अंजलि है. और अंजलि, ये हमारे स्कूल के हेडमास्टर विनायक शर्मा, और ये इनकी पत्नी दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत मेडम केतकी है.

विनोद: जानती हो, ज़्यादा समय नही हुआ 6-7 साल पहले तक मैं मेडम की एक झलक देखने के लिए अपनी क्लास छ्चोढ़ कर इनके घर के आस-पास चक्कर लगता रहता था.

मैं: सिर, इनकी वो आदत अभी तक नही गयी है. अभी भी इधर-उधर ताक-झाँक करते रहते है. सिर, मेडम आप दोनो से मिल कर बहुत खुशी हुई.

मैं भी सिर के फीट छूने झुकी. लेकिन सिर ने मुझे भी बीच में पकड़ लिया. मेरी पीठ के पीछे हाथ रखा, और पीठ सहलाते हुए मेरे एक चूतड़ को कस्स कर दबाया.

मुझे कोई शक नही हुआ उस 60-62 साल के आदमी ने इंटेन्षनली मेरा चूतड़ दबाया. मैने उसकी आँखों में देखा और उसने मुझे विंक किया, मानो पूच रहा हो, “मज़ा आया की नही?“

मुझे क्या, मेरी उमर की किसी भी लड़की को मज़ा आता, जब कोई 6 फीट लंबा, बढ़िया डील-डौल का अट्रॅक्टिव आदमी उस औरत में इंटेरेस्ट दिखता. मैने विनायक से कुछ नही कहा.

फिर केतकी मेडम के फीट छूने झुकी, तो उसने भी बीच में ही मुझे पकड़ लिया, और अपनी बाहों में बाँध कर मुझे गले लगाया. उसकी बड़ी साइज़ की कड़क चूचियों ने मेरी नॉर्मल साइज़ की चूचियों को धक्का दिया. केतकी ने मेरे गालो को चूमा, और बहुत धीरे से बोली-

केतकी: बहुत ही मस्त माल हो अंजलि.

पिच्छले 7-8 सालों से मैं बहुत से लड़कों, मर्दों से यही बात सुन चुकी थी. लेकिन ये पहला मौका था, जब किसी मेट्यूर्ड उमर की औरत ने डाइरेक्ट्ली मुझसे ये कहा हो की “तुम बहुत मस्त माल हो“.

इन दोनो पति-पत्नी के आक्षन और बातों से मेरी छूट गीली हो गयी. लेकिन पब्लिक प्लेस में कैसे कुछ कर सकती थी?

फिर उन्होने भी छाई पी, और फिर हम चारो साथ ही घूमने लगे. जैसा नॅचुरल था, हम दोनो लॅडीस एक साथ हो लिए, और वी दोनो मर्द अलग बातें करते रहे.

मैं केतकी से बातें करते हुए बार-बार उनकी तताफ देखती थी, और हर बार मुझे 62 साल का विनायक 25 साल के विनोद से ज़्यादा स्ट्रॉंग और अट्रॅक्टिव लगता था. मैं उन दोनो को देख रही थी, की केतकी की आवाज़ सुनी.

केतकी: तुम मॉडर्न टाइप की लड़की दिख रही हो. विनोद के अलावा भी किसी के साथ सेक्स किया है?

ये स्टेट्मेंट था या क्वेस्चन मैं समझ नही पाई.

मैं: आपने खुद ही आन्सर दे दिया. फिर क्यूँ पूच रही है? मॅरेज के पहले एक बड़ी उमर के आदमी के साथ रेग्युलर्ली सेक्स करती थी. आप को कों छोड़ता है?

हम दोनो पहली ही बार मिल रहे थे, और आधे घंटे के मुलाक़ात के बाद ही हम सेक्स की बातें करने लगे.

केतकी: जब मैं तुम्हारे जैसी जवान थी, मैं भी बड़ी उमर के आदमियो से चुड़वति थी. लेकिन पिछले 8-10 सालों से मैं विनोद जैसे कम उमर के मर्द को पटाने की कोशिश करती हू. 6 महीने से ज़्यादा हो गये, कोई नया केला ( लोड्‍ा ) नही मिला. वैसे विनोद के अलावा अभी किससे छुड़वा रही हो?

उस औरत ने मानो मुझे हाइप्नटिज़ कर दिया था. मैं अपने सारे सीक्रेट्स उसको बताती जेया रही थी.

मैं: हमारी शादी को 2 साल ही हुए है. बहुत मुश्किल से विनोद के एक बॉस को पटाया है. है तो विनायक साहब से 8-10 साल छ्होटा, लेकिन बेटीचोड़ ठीक से छोड़ ही नही पता है. बर चुस्वा चटवा कर ही अपने को ठंडी करती हू. जिस दिन उसके पास रहती हू, घर वापस आ कर विनोद से 3-4 बार चुड़वति हू. और जो भी हो, आपका स्टूडेंट चुदाई बहुत ही बढ़िया से करता है. विनोद ने कभी आपको छोड़ने की कोशिश की नही?

केतकी: नही कभी नही, वो कभी घर के अंदर आया ही नही. घर के अंदर आता, तब ना उसको अपनी बर के अंदर रखती. मेरी किस्मत बढ़िया है. अब तक जीतने मर्द मिले है, सब ने मुझे पूरा सॅटिस्फाइ किया है.

केतकी: मैने विनोद की आँखों में देखा, वो मुझे छोड़ना चाहता है, और ये भी देखा की विनायक ने कैसे तेरा चूतड़ दबाया. चुडवाएगी विनायक से? पतियों की अदला-बदली करेगी?

केतकी ने वही कहा जो मैं चाहती थी. फिर भी मैं चुप रही.

केतकी: तू विनायक की उमर या उसके सफेद बालों पर मत जेया. उसका लोड्‍ा तो लंबा और मोटा है ही, लंबी चुदाई भी करता है. ये गार्डेन प्यार का प्रतीक है. मैं यहा छुड़वाने आई हू. विनोद नही तो किसी और से चुडवाए बिना नही जौंगी.

मैं: ये पब्लिक प्लेस है, हर जगह खुला है. यहा चुदाई कैसे हो सकती है?

केतकी की बातों ने मुझे भी बहुत गरम कर दिया था. मैं किसी से भी चूड़ने को तैयार थी. वो 56-57 साल की, लेकिन स्लिम-ट्रिम पर्सनॅलिटी वाली औरत बहुत ही चुदसी हो गयी थी.

घूमते-घूमते हम एक ऐसे हॉल में घुसे, जहा हम दोनो कपल्स के अलावा और कोई नही था. दोनो मर्द भी हमारे पास आ गये.

विनायक: अंजलि, मुझे बहुत खुशी होगी, अगर तुम मेरी दोस्त बन जाओ.

हम दोनो औरते सेक्स की बातें कर रहे थी. लेकिन इन मर्दो ने क्या बात की मलूओं नही. मैने एक बार केतकी की तरफ देखा, और फिर दोनो हाथो से विनायक का हाथ पकड़ लिया.

केतकी: तुम लोग दोस्ती आयेज बाधाओ, मैं आती हू.

केतकी हॉल से बाहर निकल गयी. मालूम नही क्यूँ विनोद भी उसले पीछे गया. जैसे ही विनोद आँखों से ओझल हुआ, विनायक ने मुझे अपने दोनो हाथो से बाँध कर खूब चूमा, होंठो को चूसा, और चूचियों को भी मसला. मैने उसको धक्का दिया.

मैं: विनायक, ये क्या पागलपन है?

विनायक: रानी, मैने विनोद से तुम्हे प्यार करने की पर्मिशन लेली है.

मैं उसकी मज़बूत बाहों में कसमसने लगी. मानना पड़ेगा, बुड्ढे में बहुत ताक़त थी.

मैं: अपनी घरवाली कितनी भी सुंदर हो, तुम सभी मर्दो को दूसरो की पत्नी बहुत पसंद आती है ना?

विनायक ने मुझे बाहों में बाँध रखा था, और आराम से मेरे छूतदों को मसल रहा था.

विनायक: अंजलि, तुम्हे देखते ही मेरा खून खौलने लगा था. अफ कितनी मस्त माल हो तुम. मैने ही विनोद से पत्नी की अदला-बदली की बात की, और वो तुरंत मान गया. 6-7 सालो से विनोद मेरी पत्नी को छोड़ने का सपना देख रहा है. कितनी सुंदर हो तुम.

उसने मुझे घुमाया. मैं उसके लोड का कड़क-पन्न अपने चोत्तदों पर महसूस कर रही थी. वो अब आराम से मेरी 34 इंच साइज़ की चूचियों को मसल रहा था.

विनायक: बहुत ही कड़क चूचियाँ है.

मैं: अभी 24 साल की ही तो हू. केतकी के लिए बढ़िया सौदा है, उसको जवान आदमी मिलेगा, और मुझे एक बुद्धा.

उसको अपने उपर बहुत भरोसा था.

विनायक: एक बार छोड़ने दो, अगर तुम खुद मुझसे दोबारा छोड़ने को नही कहोगी, तो मेरा लोड्‍ा काट देना.

“साहब, खुले आम ये सब नही करते, पोलीस देखेगी तो दोनो को जैल जाना पड़ेगा. चलिए मैं आपको सही जगह दिखता हू.“

एक नयी आवाज़ सुन कर हम दोनो अलग हो गये. देखा की केतकी और विनोद एक सेक्यूरिटी गुआर्द के साथ हमारे सामने थे.

हम चारो में से कोई कुछ नही बोला. गुआर्द हमे इधर-उधर घुमाते हुए बेसमेंट में एक लॉक्ड रूम के सामने ले गया. उसने लॉक खोला, और हम सभी अंदर घुस गये.

रूम का साइज़ नॉर्मल बेडरूम के साइज़ से बड़ा था. रूम में ना कोई विंडो थी, ना ही कोई फर्निचर. सिर्फ़ एक वेंटिलेटर था. बाहर का मौसम गरम था, लेकिन रूम काफ़ी ठंडा था. रूम में एक वॉल तो वॉक थिक कार्पेट बिछा हुआ था, और कार्पेट पर बहुत पिल्लो थे

गुआर्द: आप लोगों को टाय्लेट जाना है तो जल्दी से हो कर आइए. आप लोगों को कोई डिस्टर्ब नही करेगा. अभी एक बाज रहा है. मैं 5 बजे आ कर लॉक खोल दूँगा.

गुआर्द की उमर 35-40 के बीच की होगी. कसरती जवान था वो. 5-7 मिनिट में हम सभी टाय्लेट से आ गये.

गुआर्द: आप दोनो औरते मा-बेटी लगती है. झूठ नही कहता, आप दोनो बहुत ही मस्त माल हो.

इतना बोल कर वो चला गया, और डोर को टाइट्ली पुल किया. हमे डोर को लॉक करने की आवाज़ आई. शायद सब ने देखा होगा की कमरे में अंदर से कोई कुण्डी नही थी, लेकिन किसी ने कोई कॉमेंट नही किया. हम सभी बहुत चुदसे थे.

फिर विनायक ने ही पहल की. हम दोनो एक-दूसरे को खूब चूमने दबाने लगे, और साथ ही एक-दूसरे के कपड़े भी खोलने लगे.

विनोद: अफ केतकी मेडम, मेरा 7 साल पुराना सपना आज पूरा होगा.

केतकी: मैं तुम्हे रोज़ देखती थी और वेट करती थी तुम कब घर के अंदर आओगे, और कब तुम्हे अपनी छूट के अंदर लूँगी.

जल्दी ही हम चारो नंगे थे. हम दोनो औरते चुदाई के लिए तैयार थी ही, दोनो मर्दो का लोड्‍ा हमे सलामी दे रहा था.

अंजलि: गुआर्द ने कहा की हम दोनो मा-बेटी लग रहे है. असल में ये दोनो बाप-बेटे लग रहे है. चेहरा अलग है, लेकिन बॉडी और लोड्‍ा भी एक जैसा है. विनोद पहले जाम कर छोड़ो, तब लोड्‍ा चूसूंगई.

मैने भी देखा, दोनो का लोड्‍ा 7 इंच से ज़्यादा लंबा, और करीब-करीब एक जैसा ही मोटा था. मैं केतकी से ज़्यादा गोरी थी. उसकी चूचियाँ मुझसे बड़ी तो थी, लेकिन ढिलकी हुई नही थी. 36सी साइज़ की टाइट चूचियाँ थी.

उसकी कमर 28 इंच और चूतड़ भी 36 इंच के होंगे. मेरी कमर 24 इंच और चूतड़ भी केतकी से छ्होटे थे. हम दोनो की छूट बिल्कुल चिकनी थी.

केतकी: आह विनोद, मज़ा आ गया, और अंदर और ज़ोर से.

केतकी की आवाज़ रूम में गूँजी. विनोद हेडमास्टर की घरवाली को दाना-दान पेल रहा था और विनायक मेरे उपर 69 पोज़ में होकर मेरी छूट को चूस-चाट कर पागल कर रहा था.

मैं भी लोड को चूसने लगी. विनोद ही नही, दूसरे सभी जिनके साथ मैने चुदाई की, ऐसी . मस्ती देते थे. विनोद और केतकी ने चुदाई शुरू की. उसके करीब 15 मिनिट बाद विनायक भी मुझे छोड़ने लगा.

मैं: वाह विनायक, इसको कहते है लोड का धक्का, मज़ा आ गया.

अब दोनो . बिना किसी . शरम के चुदाई कर रहे थे. दोनो मर्द अपनी-अपनी छुड़वा रही माल की . कर रहे थे, और हम दोनो चुदसी औरते मस्ती की . . हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी.

दोनो औरते जैसी चुदाई चाहती थी, . अपने पसंद के मर्दो के साथ मज़ा मिल रहा था. . में थी तभी मैने अपने से 30-32 साल बड़े मर्द के साथ चुदाई की मस्ती ली थी, और उसने मुझे पूरा खुश किया था. उस समय भी मैं बहुत खुश थी.

हमे उस रूम में आए 30-35 मिनिट ही हुए होंगे, की वही गुआर्द अंदर घुसा और हमारी चुदाई देखते हुए नंगा हो गया.

“बाप रे, कितना मोटा है!“

हम दोनो औरतो ने एक साथ कहा. हमारी आवाज़ सुन हमे छोड़ रहे दोनो मर्दो ने नज़र घुमाया. एक 34-35 साल का कसरती, चौड़े गातीले बदन वाला आदमी खड़ा था. उसका लोड्‍ा तो हमारे दोनो मर्दो के लोड से करीब डेढ़ इंच छ्होटा था. लेकिन बहुत ही मोटा था.

गुआर्द: बड़े-बड़े साहब, मंत्री अपनी औरतो, ख़ास कर विदेशी औरतो के साथ यहा मस्ती करते है. 10 साल की नौकरी में पहला मौका है की इस कमरे में चुदाई देखने का मौका मिला है.

हम इस कंडीशन में नही थे की उसको रोक सकते. गुआर्द चुड रही दोनो औरतो के बीच बैठ गया, और एक-एक हाथ से हमारी चूचियों को दबाने लगा.

गुआर्द: बहुत ही मस्त माल हो आप दोनो मा-बेटी.

विनोद करीब 35 मिनिट से चुदाई कर रहा था, और वो झाड़ गया.

विनोद: केतकी मेडम, जितना सोचा था उससे ज़्यादा मज़ा आया.

केतकी: मुझे भी बहुत मज़ा आया. यहा एक बार और लूँगी और होटेल में पूरी रात तुम मेरे साथ रहोगे.

गुआर्द को कोई जल्दी नही थी. वो बढ़िया से जानता था की हम चारो उसके जाल में फ़ासस गये थे. हम एक-दूसरे की बीवी को, वो भी पब्लिक प्लेस पर चुदाई कर रहे थे. हम चुप रहे.

दोनो ने थोड़ी देर चुम्मा-छाती की, और विनोद खड़ा हो गया. गुआर्द ने मेरे दुपट्टे को केतकी की बर के अंदर घुसा कर सॉफ किया, और फिर हमारे सामने उसको छोड़ने लगा.

केतकी: अंजलि, मैं 35 -36 साल से छुड़वा रही हू. इसलिए इस मोटे लंड को संभाल लूँगी. लेकिन तेरी छूट फटत जाएगी.

गुआर्द अपनी पूरी ताक़त से पेल रहा था.

गुआर्द: मेडम, करीब 12-13 साल पहले मेरे छ्होटे भाई की पत्नी अपनी सुहग्रात के तीसरे ही दिन से मेरे लोड को अपनी बर में लेने लगी. फिर तो ये मेडम 2-3 साल से छुड़वा ही रही है.

गुआर्द ने केतकी को छोड़ना शुरू किया. उसके करीब 15 मिनिट बाद विनायक ने रस्स मेरी बर में गिराया, और खड़ा हो गया.

गुआर्द: विनोद साहब, आपका लोडा अपनी मेडम की बर में घुसने के लिए तैयार है. आप अपनी मेडम को संभालिए, मैं आपकी वाइफ की छूट का माप लेता हू.

गुआर्द केतकी के उपर से उछाल कर मेरे उपर आया, और मोटा लोड्‍ा छूट में पेल दिया. उधर विनोद फिर केतकी को छोड़ने लगा.

गुआर्द में अपना बहुत दूं था या कोई ताक़त की गोली लेकर आया था, की शाम के साढ़े पाँच बजे तक उसने हम दोनो को 2-2 बार छोड़ा.