गाड़ी ठीक की फिर उसकी गांद

हेलो सभी लंड और छूट को मेरा नमस्ते. मेरा नामे वियर है मे आहएमदाबाद गुजरात का रहने वाला हू. क्षाहनी पर मेरी पहली स्ट्रॉय को अक्च्छ रेस्पॉन्स मिला सभी का धन्यवाद करता हू.

सभी रीडर्स अपना लंड ओर छूट को पकड़ के बेत जाए. मई आपके लिए एक जबारजस्ट कहानी लेके आया हू.

तो चलो कहानी की सुरुवत करते है.

मुझे खाना खाने के बाद सुत्ता मरने की आदत है. अब मे घर पे तो कर नही सकता ईज़िली. मेरे नज़दीक मे एक पार्लर है वाहा पे जाता हू, बाजू मे ही एक बड़ा हाइवे तो सुत्ता मारते मारते मे थोड़ी जॉगिंग भी कर लेता हू.

मे डेली रुटीन की तरह सुत्ता मारते हुवे हाइवे पे जॉगिंग कर रहा था. रात को करीब 10 बजे के आस पास टहल रहा था. तभी मुझे एक ज़ोर्से पताका फूटने जेसी आवाज़ आई. जिस तरफ से आवाज़ आई मे वाहा पे डॉड के गया.

मैने वाहा जाके देखा तो एक कार का टाइयर फुट गया था. कार के नज़दीक जाके देखा तो एक बुद्धू अंकल थे कार मे और एक 30-35 साल की औरत. वो कार के टाइयर को खोलने की कोसिस कर रही थी.

मे वही खड़ा खड़ा 10 मिंट देखा बुत वो औरत नाकाम कोशिस कर रही थी. मुझे लगा उनकी हेल्प करनी चाहिए तो मे उनके पास गया. मैने उनसे पूछा आपको कोई हेल्प छाईए?

उन्होने पहले ना बोला, वो ट्राइ करने लगी फिर मैने बोला आप गबरये ना मई एक मेकॅनिक हू, मुझे ये अच्छी तरीके से आता है, आप कहो तो मे आपकी हेल्प कर डू? (दोस्तो मे पेशे से मेकॅनिक हू, सॉरी मे आपको बताना भूल गया.)

वो औरत ने पहले सोचा फिर बोला ठीक आप कर दीजिए. मई अब कार का टाइयर ओपने कर था. एक तरफ उसे देख रहा, वो भी यह नोटीस कर रही थी.

सॉरी मे आपको बताना तो भूल ही गया उसके बारे मे. उसकी हिगत 5.6 फीट जितनी होगी. बॉडी भी उसकी भारी थी. उसके चुचे भी बहुत अच्छे थे बुत मुझे उसकी गांद बहुत पसंद आई. यार क्या बतौ मई, अगर आप लोग यहा होते उसकी गांद को देख के मूठ मार लिए होते. गोल गोल फुटबॉल जैसी गांद. उपर से उसने टाइट जीन्स पहनी हुई थी जिससे उसके खुले बाहर आने को तरस रहे हो ऐसा लगा रहा था.

मेरा तो मॅन था की यही इसकी गाड़ी के बोनेट पे सुलके गांद छोड़ डू. ये सब मई टाइयर बदलते हुए उसने बताया की ये उसके दाद और वो दोनो फंक्षन मे से लॉट रहे. वो आहएमदाबाद की रहने वाली थी.

मैने उनकी कार का टाइयर चेंज कर दिया और उन्होने मुझे पैसे दिए. बुत मैने माना कर दिया और बोला की ये मैने मेकॅनिक हू इसलिए नही मैने इंसानियत के नाते आपकी हेल्प की.

फिर मई वाहा से निकालने लगा तभी अंकल ने मुझे आवाज़ लगाई. उन्होने उनकी बेटी को कहा बेटा अब से इनका नंबर लेलो तुम्हारा तो ये हाइवे आना जाने रहते है तो कभी काम आएगा. मैने अपना कार्ड दिया बोला की मेरा ये रोड पे ही गॅरेज है.

उस औरत का नाम रिया है.

मैने रिया के सामने देखते हुए कहा.. कभी ज़रूट हो तो आप कॉल कर लेना, 27×7 मई अवेलबल रहता हू. उसको हल्की स्माइल पास की तो उसने भी मुझे स्माइल पास की ओर मे निकल गया.

ऐसे ही थोड़े दिन बीट गये.

एक दिन किसी अंजन नंबर से मुझे रात को कॉल आया. मई नींद मे था तो कॉल नही उठया. 3-4 बार कॉल आई फिर मैने कॉल उठया तो कोई लड़की बोल रही थी. उसने अपना नामे रिया बताया, मुझे याद आ गया की वो वही है.

रिया : हेलो मे रिया बोल रही हू मेरी कार यहा रास्ते पे बंद होगयइ है

मे : मैने उसे अड्रेस पूछा.. (उसने मुझे अड्रेसस दिया वो आहएमदाबाद से 5ओकम् डोर था). मैने बोला यार यह बहुत डोर है मे नही ओँगा.

रिया: प्लीज़ आप अजाओ यह पे कोई है भी नही और अकेली मुझे दर लग रहा है. आपका जो चार्ज होगा मे पे करूँगी.

मे : ठीक मे आता हू. (मैने सोचा बिचारी अएक्ली है वेसए भी हाइवे पे कोई गर्गे नही थे पास मे).

एक गाँते के बाद मे रज़िया के पास चला गया वो मुझे देख के बहुत कुश हो गयी. उसने मुझे थॅंक्स बोला.

मैने अब उसकी कार देखा तो उसमे फ्युयेल ही नही था. मे नज़दीक के फ्युयेल पंप से फूले लेक डाला गाड़ी चालू हो गयी. रिया बहुत खुस हो गयी थी उसने मुझे पैसे दिए बुत मैने फिरसे माना कर दिया. (क्यू की मुझे कुछ और ही चाहिए था). रज़िया भी समझने लगी थी मुझे. फिर मे वाहा से निकल गया और रज़िया भी.

अब मेरी और रिया की छत होने लगी. ढरी ढरी अब हम दोनो फोन पे घंटो तक छतिंग करते. हम दोनो ढरी ढरी क्लोज़ आने लगे थे.

रिया : वियर तेरी कोई गफ़ नही है क्या?

मे : यार मुझसे कों दोस्ती करेगा पूरा दिन कम मे रहता आज कल गर्ल्स को मॉडर्न बाय्स पसंद है.

रिया : अच्छा कभी ट्राइ किया किसको पता ने का?

मे : नही यार मुझे लड़कियो मे इंटेरस्ट नही.

रिया :तो किसमे इंटेरेस्ट है तुझे? (नॉटी स्माइल देते हुए).

मे : मुझे तो भाभिस ओर आंटी पसंद है यार.

(हम दोनो अब पूरे खुल चुके थे).

रिया : अच्छ तो लड़कियो ओर भाभी मे क्या डिफरेंट है, होता तो सेम ही है.. (हेस्ट हुए).

मे : लड़की एक यार नौटंकी बहुत करती दूसरा उनके साथ वो फीलिंग नही आती है यार भाबीस की तो बात ही अल्ग है यरर..

रिया : अच्छा कोई भाभी मिल जाए तो क्या करेगा तू, तेरी कोई फॅंटेसी तो होगी ना?

मे : यार मेरी एक फॅंटेसी है बुत रहने दे तुझे नही बता सकता.

रिया : प्लीज़ बोलना यार प्लीज़..

मे : तू बोल रही इसलिए बता रहा. मुझे भाबीस की गांद मारनी है. मैने आज तक कभी किसी की गांद नही मारी.

रिया : अच्छा गांद के पीछे क्यू पड़ा है तू?

मे : बस मेरी फॅंटेसी है यार.

रिया : ओक तूने मेरी इतनी हेल्प की मे भी करती तेरी कुछ हेल्प (फिर उसने हेस्ट हुए बाइ बोला).

रिया ने मुझे दूसरे दिन कॉल करके होटेल पे बुलाया. जेसे मे होटेल के कमरे जाके डोर बेल बजाया किसी खूबसूरत बाला ने डोर ओपने किया. जेसे मे ढरी ढरी नीचे उपेर नज़र कर रहा था मेरा उस्ताद बे ढरी ढरी खड़ा होने लगा था.

सामने कोई जन्नत की एंजल हो ऐसा लग रहा था. ब्लॅक टाइट जीन्स उसके उपेर टाइट हाफ टशहिर्त. उसमे उसके बूब्स जेसे उछाल उछाल के बाहर आने को ट्राश रहे थे.

जेसे मैने उसके चेरे को देखा उसकी आँखो मे अजीब सी भूक दिख रही थी. उसके गुलाब के पंखुड़ी जेसे होत मे तो बस उसके ख्याल मे खो गया. उसने टोकते हुए कहा भैसाहब अंदर भी आना है या यहा ही सब…

मे होश मे आया, मे उसके साथ कमरे के अंदर जाके बेड पे हम दोनो बेत गये. वो और कोई नही बल्कि रिया थी..

रिया : वीरू कल क्या बात कर रहा था तू?

मे : तुमको भी पता तुम तो मेरी कुछ हेल्प कर करने वाली थी ना (उसके बूब्स की और देख थे हुए).

रिया : हेल्प हाँ ज़रूर..

रिया ढरी ढरी मुझसे सतक के बेत गयी. हम दोनो एक दूसरे की गरम साँसे महसूस करसकते थे. मुझे पता चल गया था की उसको क्या चाहिए बुत जब तक वो फेले ट्राइ नही करती तब मे भी अंजन बना रहा.

वो अब मेरी जंग पे हाथ रख के सहेलने लगी थी. ढरी ढरी उसने मेरे पेंट की उपेर से लंड को सहला रही थी. अब मे भी उसकी गार्डेन पे हाथ रख के उसको मेरे करीब किया. उसकी गरम साँसे मेरे मूह पे महसूस हो रही थी.

उसने आँके क्लोज़ की, मैने अब उसके होते पे अपने होत रख के उसे चूमने लगा. उसके होत इतने मुलायम थे की क्या मे बतौ यरर आप लोगो को. अब हम दोनो अपनी कामुक्त लीला मे व्यस्त हो गये थे.

रिया की गार्डेन को मे चूम रहा था और वो मदहोश हो रही थी. उसने मेरे पेंट की ज़िप खोल के मेरे हतियार को बाहर निकल दिया.

उसने अब मेरे लंड को हाथ मे लिया और सहलने लगी. अब उसने मेरा पेंट उतार दिया, अब मे उसके बूब्स प्रेस कर रहा था. उसका टॉप निकल दिया. साली लगता था पहले से प्लान बनके बेती थी बिना ब्रा के तरबूज़े थे.

जैसे टॉप निकाला उसके बूब्स उछाल उछाल के बाहर आ गये. मे तो पागलो की तरह बूब्स पे टूट पड़ा. मुझे बूब्स चूसना बहुत पसंद है. मे आधे घंटे तक सिर्फ़ उसके बड़े बड़े तरबूज़ो को कभी मूह मे लेता कभी उसको काटता. ऐसा कर रहा था. मे ढरी ढरी उसके पंत से होते हुए उसकी छूट पे हाथ लेके जाने लगा बुत उसने बार बार रोका मुझे फेले कुछ समाज न्ही आया.

रिया अब अपने गुलाब की पंखुदे जेसे होतो से मेरे लंड के टोपे को चूमने लगी. ढरी ढरी अपनी जीब से टोपे पे गुमाने लगी. मानो मे तो ऐसा फील हो रहा माने सातवे आसमान पे पॉच गया हू. इतनी ज़बारजस्ट तरीके से वो लंड के साथ खेल रही थी की बस टाइम रुक जाए और यह लम्हा रुक जाए.

अंधे गाँते तक ऐसे चूसने के बाद मेरा निकालने वाला था. मैने उसे पूछा कहा निकालु. उसने बोला मूह मे छ्चोड़ दो. मैने पूरा माल उसके मूह मे छोड़ दिया और मे जाध गया.

आज तक मैने काफ़ी सारी लेडी से लंड चुस्वाया बुत आज तक इतनी सफाई और इतने मज़े ना किसी ने मुझे दिया ना कोई इतना सॅटिस्फॅक्षन दे सकता है.

अब मे रिया क बूब्स को चूसने लगा. ढरी ढरी उसकी गांद को प्रेस करने लगा. उसकी गांद इतनी सॉफ्ट सॉफ्ट थी क्या बतौ यार मखमल जेसी. मैने उसका जीन्स उतरने की ट्राइ की बुत उसे मुझे नही उतरने दिया. मे उसकी छूट पे हाथ रखने जाता वो हाथ को हटा देती.

मुझसे रहा नही गया मैने उसको बेड पे पटका उसकी जीन्स का बटन खोल के उसकी पेट को एक ही जटाके मे नीचे कीच दिया. जेसे मैने उसका पेट नीचे किया मानो मेरे चेरे का होश उड़ गया. मानो मेरे पैर नीचे से धरती हिल गयी. आप लोग भी सोचा रहे होंगे ऐसा क्या था.

जेसे पेंट नीचे किया मैने देखा की उसका सॅप सलामी दे रहा था! मेरा मतल्ब वो कोई गर्ल नही शेमले थी. मुझे कुछ समझ मे नही आ रा था यार क्या हो रहा था!!

रिया : मैने इसलिय तुझे माना किया था यररर.. मैने तुझे बताया नही की मे गर्ल नही हू.

मे: यार तुझे शरम नही आती यार ऐसे आंधरे मे रखते हुए, मे स्ट्रेट हू मुझे ओन्ली लेडी मे इंटेरेस्ट है.

रिया : सॉरी बुत तूने जब बोला की तुझे आस मे इंटेरेस्ट है इसलिए मैने तुझसे सेक्स करने का प्लान बनाया. सॉरी बस तू एक बार मेरी गांद की प्यास बुजा दे.

मे : मुझे कुछ समाज नही आ रहा यार मे क्या करू.

रिया बेड से खड़ी होके मेरे पास आई मुझे किस करने लगी. एक हाथ से मेरे लंड को शालने लगी. अब ढरी ढरी मे भी जोश मे आ गया. मैने रिया लंड देखा उसका लंड करीब 7 इंच का था, मुझसे भी बड़ा था.

फिर रिया ने उसका लंड मुझे ब्लोवजोब करने को दिया. मैने उसे क्लियर बोल दिया मुझे इसमे इंटेरेस्ट नही. उसने मुझे फिर कोई फोर्स नही किया बुत मैने उसका लंड हाथ मे लेके हिलने लगा जिससे उसका जोश बढ़ गया.

उसके बाद मैने रिया को गोदी बनाया और उसकी गांद के च्छेद पे उंगली घूमने लगा. वो सिसकारी ले रही थी.. प्लीज़ मेरी गांद की प्यास बुझा दो प्लीज़.. अब मे उस मदारचोड़ को तड़पाना चाहता था.

मे उसकी गांद के च्छेद पे लंड रख के घिसने लगा. 10 मिंट तक ऐसा किया जिससे वो पागल हो गयी.

वो गली देने लगी साले माद्रचोड़ मेरी गांद मारने आया है मेरी मा छोड़ने भोसदिके छोड़ मुझे! अब मैने अब लंड पे अच्छे से क्रीम लगा के उसकी गांद की च्छेद पे लंड रख दिया

अब बंदूक मे से गोली निकलती है ऐसे एक ही झटके मे पूरा लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. मुझे भी दर्द होने लगा. रिया की तो जैसे मा ही चुड गयी हो ऐसे छीलाने लगी.

बोष्दीके आराम से गांद मे डाल मदारचोड़ रंडी नही हू मे! भद्वे माद्रचोड़ भोसदिके कुत्ते! जैसी गली देने लगी मुझे. मे उसके उपेर थोड़ी देर ऐसे लेता रहा. उसका पाईं कम हुआ.

अब मे ढरी ढरी उसकी मखमल की गांद मे अपना लंड आयेज पीछे करने लगा. मे उसकी गांद को स्लॅप कर रहा था और उसकी गांद छोड़ रहा था और वो जोर्र जोर्र से छिला रही थी..

फक मे मदारचोड़ गांद फाड़ दे मेरिइइ कितने टाइम से मेरी गांद सुनी पड़ी थी.. छोड़ दे अपणीी रंडी बना ले मुझे प्लीज़ फक भोसदिके फक मे हार्ड..!

मे उसकी के बूब्स पकड़ के उसकी गांद तेज़ी से छोड़ रहा जेसे गोडे स्वर गोदी चलता है वेसए मे उसकी स्वारी ले रहा. उसके बदन पे मैने हर जगह नाख़ून के गॅव कर दिए.

हम दोनो का सेक्स इतना वाइल्ड हो गया था की कोई होश मे ही नही था.

40 मिंट तक मैने उसकी गांद की चुदाई की पता नही लंड को क्या हुआ था शांत होने का नाम ही नही ले रहा था. अब मैने अपनी स्पीड बड़ा दी अब फिर 5 मिंट बाद मे उसकी गांद मे ही जाध गया.

ऐसे मे उसके उपेर लेट गया उसकी गांद मे से रस ऐसे तपाक रहा था की जेसे आम रस हो.

अब मेरे लंड को बाहर निकाला अब उसने मेरे लंड को मूह मे लेके चूस चूस के पूरा सॉफ कर दिया. हम दीनो लिपट कर ऐसे ही लेते रहे. मैने भी उसका लंड हिला के शांत किया, मुझे अब उसपे बहुत प्यार आया था.

रिया की मैने उस दिन 3 बार गांद की चुदाई की. मुझे बहुत मज़ा आया उस दिन. रिया ने बताया की उसे आज तक 2 बंडो से ही गांद मरवाई. उसको दर लगता एक्सपोज़ होने से.

थोड़े टाइम के मज़े के बाद रिया अपनी पढ़ाई के चाकर मे आउट ऑफ इंडिया चली गयी. यही रीज़न की वजह से वो चली गयी थी क्यू की उसको उसकी फॅमिली को दर था की उनकी समाज मे बदनामी होगी.

मई स्ट्रेट बॉय हू मुझे लेडी पसंद है ओन्ली बुत रिया मे कुछ बात अलग थी इसलिए मैने उसके साथ संभोग किया. यह कहानी थोड़ी लंबी हो गयी बुत मे चटा की आप कहानी को कहानी की तरह ना ले आपको भी स्टार्ट से लेके एंड तक महसूस हो इसलिए मैने तोड़ा डीप्ली लिखा है सब.

मेरे लंड ओर छूट वेल दोस्तो आप सभी को यह कहानी कैसी लगी प्लीज़ फीडबॅक ज़रूर देना मुझे मैल करके