एक दूसरे की बीवियो की चुदाई आमने सामने

दर्जी के दुकान का रास्ता 35-40 मिनिट का ही था लेकिन रोड पर बहुत ही ज़्यादा ट्रॅफिक था. हुमे एक घंटा से ज़्यादा समय लग गया. यूयेसेस रात भी शटर आधा ही खुला था. कार एक किनारे पार्क कर हम दोनो अंदर घुसे. पीच्छली बार जैसा ही विनोद ने शटर पूरा नीचे गिरा कर हॅंडल भी लगा दिया.

हम दोनो अंदर की ऑर घुसे तो मुझे देख कर दर्जी के चेहरे पर मुस्कुराहट नही आई. उसका चेहरा सफेद पर गया. मैने विनोद की ऑर देखा, वो भी घबराया हुआ लग रहा था. एक पल के लिए तो मई भी दर्र गयी लेकिन पति के सामने दूसरे से छुड़वा कर रंडी से भी घटिया औरत हो गयी थी. अपने को तुरंत संभाल लिया.

मई मुस्कुराते हुए आयेज बढ़ी. दर्जी के बगल मे एक औरत नीचे बैठ कपड़ो मे बटन्स लगा रही थी. मैने सही अंजना लगाया की ये औरत दर्जी की घरवाली ही होगी. मुझे अपनी ऑर आते देख वो औरत खड़ी हो गयी. मैने झुक कर दोनो हाथो से औरत के फीट को च्छू कर प्रान्नम किया.

मई – शालु दीदी, अपनी इश्स छ्होटी बहन, आपके पति की छ्होटी साली शालु का प्रान्नम स्वीकार कीजिए.

वो औरत 24-25 साल की दिख रही थी. गोरा रंग, मेरे जैसी च्चारहरी बदन वाली नही, गड्राया हुआ बदन था. लंबाई मे मुझसे 2-3 इंच छ्होटी थी. उसने सारी पहना था. सारी के उपर से उसकी चुचिया मेरी चुचीॉ से छ्होटी ही दीख रही थी.

कमर करीब 28 इंच की होगी लेकिन जांघे बहुत मोटी दीख रही थी. चुटटर 34 इंच साइज़ का ही होगा. रंग गोरा था. आँखे बहुत नशीली थी, काजल लगाए बिना कजरारी दीख रही थी. ओवरॉल, देखने मे आकर्षक थी.

हम उससे शालु दीदी कह कर अड्रेस करेंगे.

शालु दीदी ने मेरे कंधो को पकड़ कर उपर उठाया. पहले मेरी ऑर देखा और यूयेसेस के बाद विनोद की ऑर देखा.

शालु दीदी – मेरी प्यारी छ्होटी बहन, त्योहार का दिन है झूठ मूत बोलना. तुम पीच्छले शनिवार और पीच्छली रात भी आई थी?

मैने दर्जी की ऑर देखा. वो आँखे नीचे किए हुए खड़ा था. अब कुछ छुपाने से कोई फाइयदा नही था.

मई – दीदी, हा हम शनिवार और कल रात भी यान्हा आए थे. दीदी आप चाहो तो अभी मेरी जान ले लो, लेकिन मुझे जीजाजी, आप के पति बहुत पसंद है, आप खुद ही सोचो की आप के पति मुझे कितने पसंद आए की मैने अपने पति के सामने आपके पति के साथ प्यार किया. आज भी मई प्यार करने ही आई हू.

शालु दीदी — सॉफ सॉफ बोल ना रंडी, तू मेरे पति से छुड़वा रही है. जब ये आदमी शनिवार की रात घर वापस नही आया तभी मेरा माता तनका. अगली रात घर आया तो मैने इश्स से बहुत पुचछा लेकिन इश्स बहँचोड़ ने तेरे बारे मे कुछ नही कहा.

यही कहा की बहुत काम था. और जब कल रात भी नही आया तो मुझे बिसवास हो गया की ये मातेरचोड़ किसी रंडी की बर के अंदर फँस गया है. इश्स लिए आज शाम को यान्हा आ गयी और मेरी किस्मत देखो, रंडी भी हाथ आ गयी.

मई – दीदी, पहली बात की मई रंडी नही हू, आप के घरवाला से एक रुपया भी नही लिया है और दूसरी बात हम आज नही कल (नेक्स्ट नाइट) आने वाले थे. लेकिन अच्च्छा हुआ की आज आ गयी और अपनी दीदी से मुलाक़ात हो गयी. दीदी, भगवान आप को हमेशा खुश रखे, आप जितना बेटा चाहे बेटा देगा, मुझे जीजा जी से प्यार करने दीजिए.

शालु दीदी – तूने ठीक कहा, तू रंडी नही है, रंडी से भी घटिया औरत है जो अपने घरवाला के सामने दूसरे का लवदा छूट मे लेती है, तेरा घरवाला नामार्द है क्या?

मई – मुझसे क्या पुच्छ रही हो, सामने खड़ा है, खुद ही देख लो की ये आदमी (विनोद) नमार्द है की नही.

मई चाहती थी की ये औरत, दर्जी की घरवाली मेरे पति से अपने पति के सामने चुडवाए.

शालु दीदी – भूपेश (दर्जी), अब मूह लटकाए क्यो खड़ा है, मुझे तो 7-8 साल मे कभी ठंडा नही किया, दिखाओ की इश्स खूबसूरत माल को कैसे ठंडा करते हो. लड़की अपने कपड़े उतार. देखु, उपर से जितनी सुंदर दीखती हो, असल मे कैसी हो?

मई क्यो नखड़ा करती. मैने खुद अपना सलवार कुर्ता निकाला और नंगी हो गयी. शालु दीदी ने दोनो हाथो से मेरी चुचि को मसला.

“अफ, बहुत ही मस्त माल हो शालु, भूपेश की कोई ग़लती नही, तेरा बाप भी तुझे एसा देखेगा तो तुझे छोड़ेगा. लेकिन तुम लोगो ने चुदाई शुरू कैसे की?”

मई लास्ट शनिवार की कहानी सुनाने लगी और शालु दीदी ने फ्लोर पर ही एक बिस्तर लगाया.

शालु दीदी – भूपेश, माल सामने नंगी खड़ी है, दिखा मुझे की तुम मेरी छ्होटी बहन को कैसे छोड़ते हो की ये बार बार तुमसे छुड़वाने आती है.

लेकिन दर्जी अपनी जगह से हिला नही. 2 रात मेी मई यूयेसेस से 5 बार छुड़वा चुकी थी. बहुत बात भी किया लेकिन हुँने उसका नाम नही पुचछा था. उसकी पत्नी ने उससे नाम से बुलाया तो हुमे मालूम हुआ की दर्जी का नाम भूपेश है.

शालु दीदी के कहने पर भी दर्जी नंगा नही हुआ लेकिन मेरे पति विनोद ने सारे कपड़े उतार दिए. वो मुझसे भी ज़्यादा बेशरम निकला. एक एईसी औरत के सामने जिससे पहली बार देख रहा था विनोद नंगा हो गया. मुझे यह देख बहुत खुशी हुई की उसका लवदा पुर फॉर्म मे था.

शालु दीदी ने हम दोनो को थोड़ी देर देखा. वो आयेज बढ़ी और मेरे पति के लवदा को पकड़ मसालने लगी.

शालु दीदी – मेरी प्यारी छ्होटी बहन, तू सच मे रंडी ही है. इतना खूबसूरत घरवाला है, बढ़िया मजबूत बदन भी है और ये लवदा भी कितना प्यारा है? और तू एसे बढ़िया मर्द की औरत होकर भी दूसरे से चुड़वति है.

शादी के 2 साल पहले मेरे गाओ मे एक शहरी बाबू आया था. मुझे वो बहुत पसंद आ गया. हम चुप चुप कर मिलने लगे. एक दूसरे को खूब चूमते थे, यूयेसेस ने मेरे अंग अंग को खूब दबाया. एक दिन मेरे बाबूजी ने मुझे यूयेसेस के साथ देख लिया और इश्स से पहले की हम चुदाई करते वो गाओ से चला गया. तब से मई किसी खूबसूरत शहरी मर्द से प्यार करने के लिए तरस रही हू.

शालु दीदी की बात ख़त्म हुई. और मेरे पति ने अपने ही उमरा की औरत को, यूयेसेस के पति के सामने अपने आगोश मे लिया. अपनी बाँहो मे बाँध यूयेसेस के गालो और होंठो को चूमने लगा. देख कर भी बिसवास नही हुआ की मेरे पति मेी भी इतनी हिम्मत है की पति के सामने उसकी पत्नी को नंगा करेंगे. देखते देखते शालु दीदी भी नंगी हो गयी. विनोद का हाथ उसकी छूट और चुचीॉ पर थिरकने लगा.

जैसे यूयेसेस रात विनोद ने दर्जी को मुझे नंगा करने से नही रोका वैसे ही दर्जी भी अपनी पत्नी को नंगा होते देखता रफ़ा. विनोद ने शालु दीदी को नीचे लगाए गये बेड पर लिटाया. और जैसा उसका आदत विनोद यूयेसेस के उपर 69 पोज़ मे हो गया. विनोद शालु दीदी की बर को चूसने चाटने लगा.

शालु दीदी – अफ शालु, तेरे पति ने मेरा 10 साल का सपना पूरा कर दिया. करीब 10 साल पहले एक सहेली ने हुमे चुदाई की एक सिनिमा दिखाई थी जिसमे हर मर्द अपनी औरत की छूट को चूसने चाटने के बाद ही छोड़ता था.

हमारी शादी को 8 साल हो गया. करीब करीब रोज चुदाई करते है लेकिन तेरे जीजा जी ने अब तक एक बार भी मेरी छूट को चूमा भी नही, चाटने की बात तो बहुत दूर है. आह विनोद साहब बहुत बढ़िया लगा, फिर से करो..

मई – छूट चूसने चाटने का मज़ा तब और भी ज़्यादा आएगा जब तुम साथ मे लवदा भी चूसो. मालूम नही आज क्या हो गया? पीच्छली रात दोनो ने मुझे 3-3 बार छोड़ा था लेकिन आज जीजाजी मेरी ऑर देख ही नही रहे है.

लेकिन शालु दीदी अब मेरी बात नही सुन्न रही थी. वो लवदा को अपने मौत के अंदर लाती थी लेकिन विनोद एसा कुछ करता था की मौत से लवदा निकाल लाउड्ली सिसकारी मार्टी थी दर्जी की पत्नी और मेरे पति एक दूसरे मे खो गये थे. उन्हे इसकी फ़िकरा नही थी की यूयेसेस छ्होटे से रूम मे कोई और भी है.

मई दर्जी के पास गयी और उसके सामने अपने घुटनो के सपोर्ट पर बैठ कर मैने यूयेसेस के सारे कपड़े खोले. लेकिन जिस लवदा ने पीच्छली 2 रात मुझे बहुत मस्त किया था वो यूयेसेस समय बिल्कुल ढीला था. मई ढीले लवदा को सहलाते हुए उससे अपनी ऑर खींचने लगी.

मई – राजा, तुम्हारी घरवाली को मेरा आदमी छोड़ रहा है इश्स लिए तुम दुखी हो रहे हो. तुम्हे तो खुश होना चाहिए की यूयेसेस बेबकूफ़ आदमी ने अपनी 18 साल की घरवाली का मज़ा लेने दिया.

मेरी शादी को 4 महीना ही हुआ है और सब मिलकर यूयेसेस ने मुझे 40-45 बार ही छोड़ा होगा जब की तुम अपनी घरवाली को पीच्छले 8 साल मे कम से कम 2500 बार पेल चुके होगे.

तुम्हे लगता है की तुम्हारी घरवाली सती-सावित्री है लेकिन देखते रहो वो खुद बोलेगी की शादी के पहले भी और शादी के बाद भी दूसरो से चुड चुकी है. यार मई सिर्फ़ तुमसे छुड़वाने आई हू, प्यार करो मुझे.

एक तो मई बहुत धीरे धीरे बोल रही थी दूसरा पता नही विनोद क्या कर रहा था शालु लाउड्ली सिसकारी मार रही थी. करीब 15 मिनिट की ओरल हुई होगी, शालु दीदी लाउड्ली बोली,

“बस विनोद, अब बर्दाश्त नही कर सकती, छोड़ो मुझे..”

और देखते देखते विनोद ने दर्जी के सामने उसकी घरवाली की छूट मे लवदा पेल दिया, दाना-दान छोड़ने लगा.