ड्राइवर बना घर का दामाद

ही दोस्तों, मैं हू अनुज. अब तक तो आप मुझे जान ही गये होंगे. आशा करता हू की आपको मेरी ये कहानी ” मेरे बॉस की बेटी” पसंद आ रही होगी. ये इस कहानी का लास्ट पार्ट है. तो चलिए अब सीधा कहानी पर चलते है.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे श्रुति(मेरे बॉस की बेटी) को मैने कार में रग़ाद कर छोड़ा, और एंड में अपने माल की पिचकारी उसके मूह पर छ्चोढ़ दी. अब आयेज चलते है.

श्रुति बहुत खुश और संतुष्ट लग रही थी. उसके जिस्म पर जगह-जगह काटने और खरोंछने के निशान पड़े हुए थे. उसकी छूट ने पहले कभी इतना बड़ा लंड नही लिया था, तो उसको दर्द भी हो रहा था.

लेकिन एक बहुत बड़ी चीज़, जो उसको अपने बाय्फ्रेंड से नही मिलता था, वो था मज़ा. और वो मज़ा उसको मेरे लंड से चुड कर ही मिला.

फिर हम दोनो ने अपने आप को सेट किया, और हम घर की तरफ निकल गये. उस दिन के बाद अगले दिन श्रुति ने मुझे अपने कमरे में किसी काम के बहाने से बुलाया.

उस दिन पहली बार मैं अपने बॉस के घर में एंट्री कर रहा था. उनका घर इतना शानदार था, की जूते बाहर उतार कर अंदर जाने को जी कर रहा था. लेकिन ऐसी कोई रिक्वाइर्मेंट नही थी.

फिर जब मैं श्रुति के रूम में पहुँचा, तो मैने जाके दरवाज़ा नॉक किया. श्रुति अंदर से बोली-

श्रुति: कम इन.

मैने गाते ओपन किया, और अंदर चला गया. अंदर जाके क्या देखता हू, श्रुति ने एक रेड कलर की ट्रॅन्स्परेंट जाली वाली निघट्य पहनी हुई थी, और उसके नीचे बिकिनी पहनी हुई थी.

उसको देखते ही मैं समझ गया की उसने मुझे क्यूँ बुलाया था. मैं उस पर कूद पड़ा, और उसकी छूट का फिरसे भोंसड़ा बना दिया.

अब ये रोज़ का काम हो गया था. शुर्ती कभी घर पर, और कभी बाहर जाके, हर जगह मुझसे चूड़ने लगी थी. अब मैं बॉस के लिए कम, और उसके लिए ज़्यादा ड्राइविंग करता था.

फिर एक दिन कुछ प्राब्लम हो गयी. मैं और श्रुति उसके रूम में सेक्स कर रहे थे. हम दोनो पुर मदहोश थे, की हमे किसी का ख़याल नही था. तभी पीछे से घर की केर्टेकर आंटी पूनम आ गयी. वो सालों से उन्ही के घर में थी, और बॉस उसको अपनी फॅमिली की तरह मानते थे.

पूनम 48 साल की एक औरत थी, जो विडो थी. उसने सारी लाइफ इनकी सेवा करी थी, और उसकी इज़्ज़त बहुत थी. उसका फिगर मस्त 36-33-37 का था. जब वो रूम में आई, तो उसने ब्राउन कलर की लोंग फ्रॉक पहनी थी.

वो बोली: ओये ड्राइवर, ये तुम बिटिया के साथ क्या कर रहे हो?

श्रुति की तो सिट्टी-बिट्टी गुल हो गयी.

मैं बोला: कुछ नही पूनम जी, आप मेरी बात सुनिए. मैं आपको सब बताता हू.

पूनम: बताना क्या है अब, अब तो सिर ही बताएँगे.

और ये बोल कर वो रूम से जाने लगी. मुझे कुछ सूझ नही रहा था, और श्रुति भी पूरी तरह से दर्र गयी. तभी मैं पूनम की तरफ गया, और उसको खींच कर बेड पर धक्का दे दिया.

जैसे ही वो बेड पर गिरी, उसकी फ्रॉक उपर की तरफ हो गयी, और उसकी गोरी जांघें और ब्लू पनटी दिखने लगी. उसकी बॉडी इतनी आगे में भी काफ़ी सेक्सी थी. और होती भी क्यूँ ना. इतने सालों तक एक राईस घर में ऐसा कर रही थी.

उसको देख कर मेरा पहले से खड़ा लंड और सख़्त हो गया. मैने कुछ नही सोचा, और उसके उपर कूद पड़ा.

पूनम: क्या कर रहे हो अनुज. बॉस तुम्हे ज़िंदा नही छ्चोधेंगे.

मैं: चलो मारना तो है की. लेकिन उससे पहले तुम्हारी छूट तो मार लू.

पूनम: नही अनुज, छ्चोढो मुझे.

मैने तभी उसके होंठ अपने होंठो से बंद कर लिए, और उसके होंठ चूसने लग गया. नीचे से मेरा लंड उसकी छूट पर टच हो रहा था. मैं पनटी के उपर से ही अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ता रहा, और किस करता रहा.

कुछ मिनिट तक कोशिश करने के बाद उसने रेज़िस्ट करना छ्चोढ़ दिया, और किस में मेरा साथ देने लगी. फिर मैने अपने होंठ अलग किए. उसकी साँसे तेज़ हो चुकी थी. वो कामुक निगाहों से मेरी तरफ देख रही थी, लेकिन बोल कुछ नही रही थी.

मैं समझ गया था, की अब वो मेरे काबू में थी. मैने उसकी फ्रॉक की क्नॉड खोली, और फ्रॉक उसके बदन से अलग कर दी. अब वो सेक्सी मिलफ मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी.

क्या मोटे-मोटे बूब्स और मोटी गांद थी उसकी. मैने जल्दी से उसकी ब्रा निकली, और उसके निपल्स पर अटॅक कर दिया. जब मैं उसके निपल्स चूसने लगा, तो वो मेरा सर अपने बूब्स में दबाने लग गयी.

फिर मैं किस करते हुए नीचे आया, और उसकी छूट पर किस किया. उसकी पनटी पूरी भीगी हुई थी. शायद वो एक बार झाड़ भी चुकी थी. मैने उसकी पनटी उतरी, और मेरे सामने एक बालों से भारी छूट थी.

मैं समझ गया था, की गार्डेन में कोई आता-जाता नही था, तो गार्डेन जंगल बन चुका था. फिर मैने उसकी टांगे मोदी, और अपना लंड उसकी गीली छूट पर सेट किया.

फिर मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. उसकी ज़ोर की चीख निकली, लेकिन मैने उसका मूह बंद कर दिया. फिर मैं धीरे-धीरे अपना लंड बाहर करने लगा.

सालों से सूनी पड़ी उसकी छूट काफ़ी टाइट हो चुकी थी. अब उसको बड़ा मज़ा आ रहा था, और वो मुझे ज़ोर से छोड़ने को बोलने लग गयी.

कुछ देर बाद मैने उसको डॉगी पोज़िशन में किया, और पीछे से छोड़ने लगा. मैने उसकी गांद पर थप्पड़ मार-मार कर लाल कर दी. उसके बड़े-बड़े बूब्स हवा में उछाल रहे थे.

हम दोनो को चुदाई करते देख श्रुति से रहा नही गया, और उसने भी हमे जाय्न कर लिया. वो मुझे किस करने लगी, और अपनी छूट में उंगली करती रही. मैने पूनम के बाल पकड़े, और उस पर सवार हो गया.

मैं पीछे से धक्के लगता गया, और वो कामुक आहें भारती गयी. 30 मिनिट बाद मैने अपना पानी उसकी छूट में ही निकाल दिया. फिर हम तीनो हानफते हुए एक साथ लेट गये.

फिर पूनम बोली: मैं किसी को नही बतौँगी जो मैने देखा. लेकिन इसके लिए तुम्हे मुझे भी संतुष्ट करना होगा.

मैं: मैं तो बना ही छूट को संतुष्ट करने के लिए हू.

फिर हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही. एक दिन श्रुति ने मुझे बताया की वो प्रेग्नेंट हो गयी थी. हालाकी हम प्रोटेक्षन उसे करते थे. जब ये बात मेरे बॉस को पता चली, तो उन्होने हमारी शादी करवा दी.

तो अब मैं एक क्रोरेपति हू, और अपनी बीवी के साथ-साथ और भी बहुत सी औरतों को छोड़ता हू. दोस्तों किस्मत जब बदलती है, तो ड्राइवर को मालिक की सीट पर बिता देती है.

तो यहा कहानी ख़तम होती है. अगर मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताए.