डिन्नर के बाद रोशन की चुदाई की कहानी

तो जैसे की पहली स्टोरी में आपने पढ़ा की कैसे अब्दुल रोशन की छूट को देखता है, और फिर बबिता के बुलाने पर चला जाता है. अब आयेज की कहानी की तरफ बढ़ते है.

अब अब्दुल बबिता के घर जेया रहा होता है ब्रश लेके. फिर जैसे ही वो पहुँचता है, वो बेल बजता है. जैसे ही बबिता दरवाज़ा खोलती है, वो शॉक हो जाता है बबिता को देख कर. उस टाइम तो बबिता को देख कर कोई भी पागल हो जाता.

बबिता ने ट्रॅन्स्परेंट हाफ निघट्य पहने थी, जिसमे से उसकी ब्रा और पनटी आराम से देख सकते थे. और उसकी गांद तो इतनी उछालती है, की क्या बताए.

बबिता: शुक्रिया अब्दुल भाई.

अब्दुल: अर्रे कोई बात नही. लीजिए आपका ब्रश.

फिर अब्दुल जैसे ही ब्रश दे कर जाने वाला था. तो बबिता उसे रोकती है.

बबिता: अब्दुल भाई, वो हमारी फन पता नही क्यूँ घूम नही रही आचे से. क्या आप देख सकते हो?

अब्दुल: हा क्यूँ नही.

फिर अब्दुल बबिता के साथ फन चलाने में लग जाता है. हालात ऐसे थे, की बबिता उसकी चेर को पकड़े हुई थी, और वो जैसे चेर पर खड़ा था, ऐसे उसको बबिता की चूचियों के पुर दर्शन हो गये. अचानक जब वो बबिता को देखता है, तो अब्दुल का लंड बड़ा हो गया.

उधर बबिता जब उसके लंड को देखती है, तो वो सोचती है की अब्दुल का लंड कितना बड़ा है. फिर अब्दुल अपने लंड को च्छुपाने के लिए जल्दी से वो फन बना देता है, और नीचे आ जाता है. बबिता फिर उसके लिए पानी लाती है, और अब्दुल पी कर चला जाता है.

फिर बबिता भी अब्दुल को याद करके नहाते-नहाते छूट छूटी है. फिर नहाने के बाद वो सो जाती है

रोशन के घर:-

रोशन जैसे ही दरवाज़ा खोलती है, उसे बापू जी और जेथलाल दिखते है. फिर जेथलाल रोशन से कहता है-

जेथलाल: रोशन भाभी, सोढी नही है?

रोशन: नही वो कही काम से गया है.

जेथलाल: ऊ अछा, वो मुझे ज़रा काम से जाना था और बापू जी को अकेले घर छ्चोढना मुझे अछा नही लग रहा था. तो आप उनका कल और परसो ख़याल रख सकते है क्या? बबिता जी को भी मैने कहा था, पर उन्हे कल कही जाना है, इसलिए आपको मैने कहा है.

रोशन: अर्रे आप चिंता मुक्त हो जाओ, कल मैं बापू जी का ख़याल रखूँगी. डॉन’त वरी.

जेथलाल: ठीक है. चलिए फिर मैं चलता हू. थॅंक योउ.

ये सब बात के दौरान बापू जी तो रोशन के बूब्स और उसका शरीर देख रहे थे. फिर अचानक उसे जेथलाल ले जाता है.

रोशन फिर नहाने जाती है, और वो नहा लेती है. रात के समय रोशन को कॉल आती है सोढी से.

वो कहता है: मैं आज नही आ पौँगा. रात को मुझे कही डेलिवरी के लिए जाना है.

तो रोशन भी ठीक है बोल के फोन रख देती है. फिर रोशन सोचती है की इतना खाना वेस्ट हो जाएगा. गोगी उसे अब्दुल को बुलाने का आइडिया देती है, तो रोशन भी अब्दुल को कॉल करती है.

रोशन: हेलो अब्दुल भाई, क्या आज आप रात को हमारे घर खाना खाएँगे?

अब्दुल: ज़रूर, आपका रसगुल्ला मुझे वैसे भी खाने ही था (डबल मीनिंग).

रोशन: क्या (पर वो समझ गयी थी)?

अब्दुल: वो छ्चोढिए, ठीक है, मैं अभी आता हू.

फिर अब्दुल दुकान बंद करके उसके घर की तरफ जाने लगा. रोशन भी अपने कपड़े खोल के निघट्य पहन लेती है, जिसमे उसने ना ही ब्रा, और ना ही पनटी पहनी थी. उसकी निघट्य भी बहुत छ्होटी और हल्की-हल्की ट्रॅन्स्परेंट थी येल्लो में.

अब्दुल रोशन के घर पहुँच कर बेल बजता है. उस हालत में रोशन को देख कर वो शॉक हो जाता है. उसकी आँखें उससे हॅट नही रही थी. फिर थोड़ी देर में ही वो डिन्नर करने बैठ जाता है, और रोशन खाना लाने जाती है.

गोगी: क्यूँ अब्दुल भाई, मेरी मम्मी का खाना और खुद भी कितनी सेक्सी है ना? पापा कितने लकी है ना?

अब्दुल: तेरी मम्मी है.

तभी रोशन खाना लाती है, और गोगी को परोस देती है. अब्दुल को परोसते समय अब्दुल तो उसके बूब्स देख रहा था. फिर रोशन और सब लोग हस्सी खुशी खाना खा लेते है. खाना हो जाने के बाद गोगी रूम में जेया कर सो जाता है, और अब्दुल भी रोशन को कहता है की-

अब्दुल: तो ठीक है रोशन भाभी. मैं चलता हू. थॅंक योउ इतने स्वादिष्ट खाने के लिए.

रोशन: अर्रे थॅंक योउ तो ठीक है, पर आप इतनी बारिश में कहा जाएँगे? आप आज हमारे इधर ही सो जाओ.

अब्दुल तो यही चाहता था, और वो मान भी जाता है. फिर सब सो जाते है. रात के 12 बजे रोशन अपनी छूट की उंगली से प्यास बुझा रही होती है. अब्दुल भी सोया नही होता. फिर वो धीरे-धीरे रोशन के रूम के अंदर टांक-झाँक करता है.

वो देखता है की रोशन किस हालत में थी, और फिर वो धीरे से अंदर चला जाता है. उससे रुका नही जाता है, और फिर वो रोशन की लेग्स को चूमने लगता है. वो धीरे-धीरे उसकी क्लीवेज को काटने लगता है, पर जब वो चूम रहा था, तो रोशन होश में आती है, और उसे फिर कहती है-

रोशन: ये आप क्या कर रहे है अब्दुल भाई?

अब्दुल: आपकी प्यास बुझा रहा हू रोशन भाभी. एक चान्स तो दीजिए.

रोशन उससे डोर होती है, पर अब्दुल उसको खींच कर उसके लिप्स को चूमने लगता है. फिर धीरे-धीरे रोशन भी मान जाती है, और अब्दुल उसके होंठो से उसके बूब्स पर जाके काटने लगता है. इससे रोशन को तोड़ा दर्द और मज़ा भी आ रहा था.

फिर 15 मिनिट के बाद वो उसकी छूट पर टूट पड़ता है, और उसके सारे रस्स को पी लेता है. पुर 20 मिनिट के बाद वो अपने कपड़े खोल देता है, और अपना लंड निकाल कर उसकी चूत पर सेट करता है.

फिर वो अपना लंड उसकी छूट में डाल देता है. रोशन दर्द के मारे चिल्ला देती है, क्यूंकी अब्दुल 1 साल से अपने लंड पर डिक आयिल लगा कर अपने लंड को 10 इंच का कर देता है. पर सोढी का लंड 8 इंच का था, तो रोशन उसको से नही पाती, और चिल्ला कर अब्दुल की पीठ को पूरा स्क्रॅच करने लगती है दर्द के मारे.

फिर धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगता है. ये देख कर अब्दुल उसे जल्दी से घुमा कर बिना कुछ बोले उसकी गांद में लंड डाल देता है. इससे रोशन को बहुत दर्द होता है, और वो उछाल कर उसे डोर कर रही होती है.

पर अब्दुल नही मानता. अब्दुल अपनी रफ़्तार बढ़ा देता है, जिससे रोशन की गांद से तोड़ा खून निकलता है, और उसकी हालत बुरी हो जाती है. फिर वो झाड़ जाता है, पर रोशन चलने की हालत में भी नही थी.

फिर अब्दुल उसके होंठो को चूम के सो जाता है. पर गोगी रोशन की चीख से उठ जाता है.

इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. थॅंक योउ, और कोई ग़लती हुई हो तो माफ़ कर दीजिए.