मस्त चुदाई की वो नशीली रात

ही फ्रेंड्स, मई 36 साल की प्यारी सी खुश्बू हू. मेरे नाम के अनुरूप मेरे बदन की खुश्बू लोगो को मदहोश किए रहती है. मेरी काली गहरी ज़ूलफे, मदिरा छिड़कते मेरे ये मस्त-मस्त दो नैन, रस्स से भरे मेरे दो गुलाबी होंठ और मेरे गोरे-गोरे गालो के सब दीवाने है.

मेरे इस रूप के जाल मे जो भी फ़ससा, बस फ़ससा ही रह गया. संगेमरमर जैसे मेरे बदन का तो कहना ही क्या है. मेरे इस बदन पर जो बड़े-बड़े 36″ के चूचे है, उसकी तो दुनिया दीवानी है. हर कोई मेरे इन काससे हुए चूचो का मज़ा लेना चाहता है.

मेरी उभरी हुई मस्त गांद के तो कहने ही क्या है. जब मई मटक-मटक कर चलती हू, तो चाहे वो बच्चे हो, बुड्दे हो, या जवान हो, सबके लंड खड़े हो जाते है. मुझे देख-देख कर सब आहें भरते है और हाए-हाए करते है.

मई बस इसी तरह से अपने जवान और मादक जिस्म का प्रयोग करती हू और हमेशा जवान, स्मार्ट और हॅंडसम लड़को से अपनी छूट चुड़वाती हू और उनको अपने रूप का रस्स-पॅयन करवाती हू. अब मई अपनी कहानी पर आती हू-

मई जॉब की तलाश मे अकेली देल्ही की यात्रा पर थी. वाहा अपनी मर्ज़ी के होटेल मे रुकना, अपनी मर्ज़ी का खाना, अपनी मर्ज़ी का पीना, ये सब चीज़े मेरी वासना को जागृत कर रही थी.

गाड़ी पर बैठने के साथ ही मई प्लान करने लगी थी, की होटेल मे किसी से चुदाई ज़रूर करवानी है. लेकिन मुझे ये नही पता था, की मुझे कंपनी किसकी और कैसे मिलेगी. मई इसी बात पर विचार कर रही थी और सबसे पहले मई अपने रीडर को प्राथमिकता देना चाहती थी.

दूसरे विकल्प मे मई स्काउट पर विचार करती. फिर मई अपने रीडर्स मे से स्मार्ट आंड हॅंडसम बॉय को तलाश करने लगी. फोटोस पर नज़र दौड़ाते हुए मेरी नज़र एक लड़के पर पड़ी. वो लड़का 18 साल का था और फोटो मे वो एक-दूं स्मार्ट और हॅंडसम लग रहा था.

हाइट उसकी 5’10” की थी और नाम उसका अमन था. फिर मैने अमन को कॉल की और देखने लगी, की फोन लगता है या नही. मेरी किस्मत अची थी, जो उसने पहली बार मे ही मेरी कॉल पिक कर ली. फिर मैने उसको बताया-

मई: अमन मई क्षाहनी.कॉम वाली तुम्हारी खुश्बू बोल रही हू और मई देल्ही आ रही हू. तुम अगर कल फ्री हो, तो मुझे कल कंपनी दे सकते हो. मई होटेल मे रुकी हू, तो हम वाहा मस्ती करेंगे. और क्या बोलू मई? बस तुम आ जाओ यहा और हम चुदाई के सारे रेकॉर्ड तोड़ देंगे.

फिर अमन ने हा कर दी. मैने उसको बोला-

मई: मई कल 8 बजे देल्ही पहुँच रही हू. तुम स्टेशन पे ही आ जाना और हम वही मिल जाते है.

सारा प्लान बन चुका था. फिर जब मई देल्ही पहुँची, तो वाहा मेरी मुलाकात अमन से हुई. लेकिन अमन को देख कर मई निराश हो गयी. उसने अपनी प्रोफाइल मे अपनी आगे 18 साल लिखी थी, लेकिन वो तो एक टीनेज लड़का लग रहा था. उसको देख कर मेरे मॅन मे बात आई, की ये छ्होकरा क्या छोड़ पाएगा मुझे. फिर मई अमन को बोली-

मई: बेटा तू दूध-मुहा छ्होकरा है. तू मुझे छोड़ नही पाएगा. तू तो बस मेरा दूध ही पीटा रहेगा.

तभी अमन बोला: तुम चिंता मत करो. इसका फैंसला तो बेड पर जाके हो जाएगा.

मई बोली: चलो ठीक है.

मेरे पास कोई और ऑप्षन भी नही थी. फिर हम बाते करते-करते होटेल पहुँच गये. होटेल के कमरे मे जाते ही मई अपने आप को रोक ना पाई और मैने अमन को बेड पर धक्का दे दिया. फिर मैने उसकी पनटी और अंडरवेर दोनो उतार दिए.

जैसे ही मैने अमन का अंडरवेर उतारा, मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा. अमन का लंड 7 से 8 इंच लंबा था और 2.5 इंच मोटा था. उसके लंड का सुपाड़ा एक-दूं सुर्ख गुलाबी था और अंडरवेर से बाहर आते ही उसका लंड साँप की तरह फंफना रहा था.

उसका लंड उसकी नाभि से टकरा रहा था और ये देख कर मई फूले नही समा रही थी. मुझे पता चल गया था, की मुझे चुदाई का मस्त मज़ा मिलने वाला था. लंड के सुर्ख गुलाबी रंग ने मुझे झकझोड़ दिया और मई अपने आप को रोक नही पा रही थी.

फिर मैने उसके लंड को घर करके पूरा अपने मूह मे डाल लिया. मैने लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. मई मस्ती से अमन का लंड चूस रही थी और उसका लंड मेरे मूह मे फुकारे मार रहा था. मुझे अभी 5 मिनिट ही हुए थे उसके लंड को चूस्टे हुए, की उसने मेरी दोनो बाहे पकड़ी और मुझे अपनी आगोश मे ले लिया.

अब मई अमन की बाहो के घेरे मे कसमसा रही थी. अमन ने भी एक झटके मे मेरी सलवार, कुरती, ब्रा सब उतार दिया. ब्रा उतरते ही मेरी गोरी-गोरी चूचिया अमन के सामने आज़ादी से डोलने लग गयी.

फिर अमन का ध्यान मेरी गोरी, चिकनी और क्लीन शेव छूट पर गया और छूट देखते ही अमन मुझे बाहो मे भरे हुए उछाल पड़ा. अमन के फौलादी लंड की रग़ाद मेरी छूट को विचलित कर रही थी. तभी मई अमन को बोली-

मई: पहले लंड को एक बार छूट मे डाल कर छोड़ दो. इससे तोड़ा मॅन शांत हो जाएगा. उसके बाद मई तुम्हारे लंड के साथ और तुम मेरी चूचिए के साथ खेलना.

लेकिन अमन कहा मान-ने वाला था. वो नीचे झुका और उसने मेरी छूट पर अपना मूह लगा लिया. फिर वो अपनी जीभ को मेरी छूट पर रगड़ने लग गया, जिससे मई मदहोश हुई जेया रही थी. अमन मेरी बर को चाट-ते हुए धीरे-धीरे उपर की तरफ बढ़ रहा था.

अब उसकी जीभ मेरी नाभि को चाट रही थी. वो नीभि से पेट पर गया और अब उसका मूह मेरी दोनो चूचियो के बीच मे अटका पड़ा था. मई चूचियो को अपने दोनो हाथो से हिला-हिला कर अमन के दोनो गालो पर थपेड़े लगा रही थी.

उधर अमन का फौलादी लंड मेरी छूट पर रग़ाद मार रहा था और रगड़ते-रगड़ते पता नही कब उसके लंड का सुपाड़ा मेरी छूट के मूह पर सेट हो गया. अमन को भी इस बात की अनुभूति हो गयी थी और उसने अपने सख़्त लंड से खड़े-खड़े ही मेरी छूट मे ज़ोर का धक्का मारा.

उसके ज़ोर के धक्के से उसका लंड मेरी बर को दीवारो को चीरता हुआ, सनसानता हुआ, पूरा का पूरा मेरी बर मे चला गया. इस ज़ोर के प्रहार से मेरी चीख निकल गयी. लेकिन मुझे असीम आनंद की अनुभूति हुई.

उसका लोड्‍ा मेरी बर मे समा गया और मई जन्नत मे पहुँच गयी. फिर अमन ने धीरे से अपने लंड को मेरी छूट से बाहर निकाला और दोबारा से एक ज़ोर का धक्का दिया. छोड़ने की इस कला से, तो मानो मई अमन की फन हो गयी थी और उसकी गुलाम बन गयी थी.

अमन बार-बार अपने लंड को पूरा बाहर निकाल लेता और फिर ज़ोर के धक्के मे पूरा लंड छूट मे डाल देता. ये क्रिया लगभग 5 मिनिट तक चलती रही. वो अपना लंड बार-बार मेरी छूट मे धकेलटा रहा और मुझे पेलता रहा. मई बार-बार उसको तेज़ी से छोड़ने के लिए इशारे कर रही थी.

फिर अमन ने मुझे बेड पे लिटाया और मेरी टाँगो को अपने कंधो पर रख लिया. उसके बाद उसने अपने लोहे-नुमा लंड को मेरी बर के मुहाने पर सेट किया और घपप से धक्का मारा और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी छूट मे चला गया.

अब अमन दे दाना दान मेरी छूट को छोड़ रहा था और अपने लंड को मेरी छूट मे दौड़ा रहा था. मई मस्ती से गांद उछाल-उछाल कर छुड़वा रही थी. हमारी चुदाई की रफ़्तार लगभग 100 धक्के पेर सेकेंड की थी.

फिर 20 मिनिट की चुदाई के बाद मेरे जिस्म मे अकड़न होने लगी. मेरी छूट अमन के लंड को चुंबक की तरह जाकड़ रही थी. फिर अकड़ते-अकड़ते मेरी छूट से मदन-रस्स बहने लगा और शायद अमन का भी यही हाल था. अमन के लंड से भी गरम-गरम वीर्या की पिचकारी निकली और मेरी छूट को सराबोर कर गयी.

चुदाई का एक अध्याय पूरा हो चुका था और हम दोनो शिथिल और निष्क्रिया पड़े हुए थे. लेकिन ये ब्रेक सिर्फ़ आधे घंटे का था. फिर आधे घंटे के बाद छूट और लंड का घमासान फिरसे शुरू हो चुका था.

इस बार अमन मेरी छूट पर शराब डाल रहा था और मेरी छूट पर मूह लगा कर शराब और मेरे पानी का मज़ा ले रहा था. वो बड़ी मस्ती से दोनो रससो के संगम का मज़ा ले रहा था. अब हर घंटे के बाद चुदाई शुरू हो रही थी और आधे घंटे बाद समाप्त हो रही थी.

अमन मुझे रात भर छोड़ता रहा और मई चुड़वाती रही. रात के 3 बजे तक मेरी छूट का भड़ता बना हुआ था. फिर हम सो गये और सुबा के 10 बजे मेरी नींद खुली. अमन मेरे बगल मे लेता हुआ था और उसका गुलाबी लंड अभी भी दमक रहा था.

मैने सोचा फिरसे एक बार मज़ा ले लेती हू. फिर मैने अमन को उठाया और बोली-

मई: उठ जेया बेटा. चल अब एक बार और चुदाई का मज़ा लेते है. फिर हम अपने-अपने काम पर चले जाएँगे.

उसके बाद मैने अमन के लंड को टवर की तरह खड़ा किया और बोली-

मई: डाल दे अपने टवर को मेरी बर मे और हो जेया फारिघ् मेरी छूट मे.

फिर अमन दे दाना दान मुझे छोड़ने लगा और चुदाई पूरी होने के बाद हम अपने-अपने काम पर चले गये.

दोस्तो कैसी लगी मेरी कहानी, मुझे ज़रूर बताना. मुझे अपनी फीडबॅक मैल ज़रूर करिएगा.