चालू बीवी को मिला किरायेदार का लंड

मेरी चालू बीवी हद से ज्यादा चुदक्कड़ है यह आपने मेरी पिछली पोर्न स्टोरीज में पढ़ा. इस बार पढ़ें कि कैसे मेरी बीवी ने किरायेदार से खुल कर दिन रात अपनी चूत का बाजा बजवाया.

प्रिय मित्रो! मेरे पिछली पोर्न स्टोरीज
दौड़ पड़ी नीना की चुदाई एक्सप्रेस
में आपने देखा कि मेरी गैरहाजिरी में मेरी चालू बीवी … आजाद ख्याल पसंद स्वीट वाइफ नीना किस तरह से किराएदार प्रशांत को अपनी टांग के नीचे लाने में कामयाब रही।
मैं पूरे महीने भर गायब रहा और इधर नीना डार्लिंग ने अपने लिए एक बिंदास तगड़ा लंड का जुगाड़ कर लिया।

अब बारी मेरे वापस आने की थी। जानते हैं, अगले पड़ाव पर नीना अपनी चुदाई का खेल किस तरह आगे बढ़ा सकी। दरअसल अब प्रशांत मेरी नीना के लिए बोनस साबित होने वाला था. हालांकि रुटीन की चुदाई में पति होने के नाते मैं उसका सेक्स पार्टनर तो था ही, मगर चुपके-चुपके खेलने के लिए प्रशांत उसकी जिंदगी में बड़ी सौगात बनकर आया।
वास्तव में चुपके-चुपके चुदाई का मजा ही निराला होता है, जो पति-पत्नी के रिश्ते में नहीं है।

दोस्तो, अपनी इस सच्ची कहानी के धारावाहिक में आपको बताने की कोशिश करंगा कि जब कोई शादीशुदा महिला एक्सट्रा मेरिटल अफेयर बनाती है तो वह सब कुछ कर ले जाती है जो उसके जी में आता है।
लिहाजा मेरी चालू बीवी नीना ने मेरे वापस आने के पहले ही अपना पूरा रुटीन चार्ट कर लिया था कि उसे प्रशांत के साथ घर के किस हिस्से में और कितने बजे चुदाई करनी है।

उसके मास्टर प्लान में यह सब पहले से ही तय था ताकि उसके पकड़े जाने का कोई खतरा न रहे। इस तरह नीना को अपनी रास लीला हर किसी की नजर छिपाकर जारी रखनी थी, लिहाजा उसने प्रशांत को भी प्लान शेयर कर लिया।
तभी तो वह, चाहे प्रशांत की बीवी माधुरी या मैं, मेरे अलावा बच्चे, आने-जाने वाले रिश्तेदार और दूसरे किराएदारों से बचते-बचाते बिंदास चुदाई के खेल का पूरे तीन महीने मजा लेती रही और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई।

आखिरकार छह जून की रात साढ़े ग्यारह बजे नीना पकड़ में आई, वह भी अचानक …

मार्च के पहले सप्ताह में मेरी घर वापसी हुई थी यानि पूरे तीन महीने तक प्रशांत अपनी लैंड लेडी के साथ डे-नाइट और 400 गज में बनी कोठी के हर हिस्से में बिंदास चूत चुदाई का मजा लेता रहा। आंगन, जीना, बाशरूम, छत, लॉबी, प्लेटफार्म या फिर बेडरूम … शायद ही कोई जगह बची हो, जहां प्रशांत ने मेरी जानेमन की चूत का पानी न निकाला हो.

टाइमिंग की बात करें तो सुबह तीन बजे हों या दोपहर के ग्यारह या रात के एक बजे हों, मौके की नजाकत को देखकर प्रशांत और नीना अक्सर चुदाई-चुदाई खेल लिया करते थे।

उन दिनों प्रशांत और नीना के बीच में ऐसी अंडरस्टैंडिंग बन चुकी थी कि माधुरी या मेरे सामने ही दोनों चुदाई के लिए अपनी टाइमिंग सेट कर लिया करते थे। दरअसल वह किराया मांगने की बात करती, जिस पर कोई शक होने की गुंजाइश ही नहीं थी, मगर वास्तव में नीना के लिए किराए का मतलब लंड होता था।
तब नीना रौब के साथ लैंडलेडी की तरह कड़क आवाज में प्रशांत से कहा करती- तुमने अभी तक किराया नहीं दिया, आज रात में सोने से पहले जरूर दे देना।
इसका मतलब होता था कि आज रात में एक बजे चुदाई करनी है।

अगर वह उसमें यह जोड़ती- अगर नीचे न मिलें तो हम लोग खाने के बाद छत पर टहलते रहेंगे, वहीं दे देना, मगर भूलना मत।
इसका मतलब होता कि रात में एक से दो बजे के बीच छत पर चुदाई होगी।

इसी तरह जब मेरी चालू बीवी कहती कि रात में देर से वापस आये तो सुबह भी दे सकते हो।
इसका अर्थ होता कि भोर में चार बजे चुदाई होगी।

वह किसी बहाने से अगर वह बच्चों की बात करने लगती तो इसका अर्थ प्रशांत समझ जाता और जब बच्चे स्कूल गए हों, तब नीना जी लंड लेंगी।

इस समय माधुरी अपने आफिस होती और मैं भी रुटीन के काम से बाहर। ऐसे माहौल में मेरी चालू बीवी प्रशांत का इंतजार अपनी चूत खोलकर किया करती थी। यानि तब नीना केवल मैक्सी में होती और प्रशांत टॉयलेट के बहाने बदन पर बनियान और अंडरवियर में आंगन में पीछे की ओर आता।

बस दोनों को बाथरूम में घुसने भर की देरी होती और फिर दोनों बिना समय जाया किये गचागच वाले अंदाज में चुदाई करने लगते। उन दिनों नीना कभी खड़े-खड़े, कभी घोड़ी बनकर तो कभी बच्चे की तरह प्रशांत की गरदन में लटक कर नौ इंच वाले तगड़े लंड का मजा लिया करती थी।

दरअसल यह समय नीना की समझ से चुदाई सबसे सुरक्षित समय होता था। तब कोई आने-जाने वाला होता नहीं था। हां, दूध वाला जरूर आ जाता रहा, जो आवाज देने लगता।
तब नीना चूत चुदाई करवाती करवाती ही उसे रसोई से बर्तन निकालकर दूध देने का आदेश दिया करती थी।

एक दिन नीना ने दूध वाले को समझा दिया कि वे जब बाथरूम में हो तो रसोई से बर्तन निकालकर दूध रख दिया करे।
बस आगे से यह समस्या हल हो गई और नीना बिना किसी बाधा के अपनी चूत चुदाई का मजा लूटती रही।

एक दिन दूध वाले को भी मेरी मैडम की इस चोरी छुपे चुदाई का आभास हो गया।

फिर इसके बाद क्या हुआ, यह कभी बाद में आप दोस्तों से साझा करूंगा। फिलहाल तो नीना डार्लिंग की बेधड़क चुदाई के किस्से का आप पूरा मजा लें।

दोस्तो, मेरी पोर्न स्टोरीज का यह भाग केवल इंट्रोडक्ट्री था, जिससे आपको मैं मेरी चालू बीवी नीना के बारे में हालात बताने की कोशिश कर रहा था।

अब मैं आपको ले चलता हूं 6 जून से 13 जून के बीच, जिस दौर में नीना ने प्रशांत के साथ हुई अपनी चुदाई की अनगिनत सच्ची घटनाओं का अक्षरश: मुझसे व्योरा दिया।

लिहाजा कहानी के अगले भाग में मैं अपनी नीना के मुरझाए हुए चेहरे के हवाले से 7 मार्च के जिक्र की शुरुआत करुंगा, जब बदले हुए हाव भाव में नीना मेरे साथ हम बिस्तर हुई थी।

दोस्तो, आशा है, आप मेरी ग्रेट मेरी चालू बीवी नीना की चूत को सैल्युट करना नहीं भूलेंगे क्योंकि नीना के बारे में सब कुछ जान लेने के बाद मैंने जिस तरह तरह से उसे गले लगाया, वह अद्भुत है, बेमिसाल है और अनुकरणीय है।
कैसे? यह बताऊंगा अगली पोर्न स्टोरीज में.