भाभी को मेरे लंड से प्यार हो गया

ही दोस्तो, मेरा नाम अरुण है. मैं हिमाचल का रहने वाला हू. मेरी उमर 22 साल है, और हाइट 5’8″ इंच है. मैं दिखने में स्मार्ट हू, और मेरा लंड 6.5 इंच का है.

मेरी फॅमिली में मैं, पापा, मम्मी, भैया और भाभी है. मेरे भैया मुझसे 5 साल बड़े है. उनका नाम विजय है, और उनकी शादी पिछले साल हुई थी. मेरी भाभी का नाम अनु है, और वो मुझसे 3 साल बड़ी है.

भाभी बड़ी ही हॉट है. उनका फिगर 36″28″37″ है. आज की बात करू, तो भाभी को भैया ने तो छोड़ा ही हुआ है. लेकिन भैया के अलावा भाभी मुझसे और पापा से भी चुड्ती है. और इस बात से भैया को कोई प्राब्लम नही है.

आप हैरान हो रहे होंगे, की ऐसा कैसा हो सकता है. लेकिन ये सब जो हुआ है, वो मेरी भाभी की ही मेहरबानी है. तो चलिए मैं आपको बताता हू, की ये सब कैसे हुआ.

जब भैया भाभी की नयी-नयी शादी हुई थी, तो मेरे मॅन में भाभी के लिए ऐसा कोई ख़याल नही था. फिर एक दिन मैं रात में उनके कमरे के बाहर से गुज़र रहा था. तभी मुझे उनकी सेक्स करने की आवाज़े सुनाई दी.

उनकी आवाज़े सुन कर मुझसे रहा नही गया, और मैं दरवाज़े के लॉक से अंदर देखने लगा. अंदर देखा, तो मेरा लंड पूरा लंड तंन गया. भाभी घोड़ी बनी हुई थी, और भैया उनको पीछे से छोड़ रहे थे.

भाभी का फेस दरवाज़े की तरफ ही था, और उनके बूब्स ज़ोर-ज़ोर से हिल रहे थे. ये सब देखते हुए मेरा हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर चला गया. तभी अचानक भाभी ने दरवाज़े की तरफ देखा. मुझे लगा की इतने से होल में से तो वो क्या देख पा रही होंगी मुझे.

लेकिन तभी उन्होने स्माइल की, और मेरी तरफ देखते हुए आँख मार दी. इससे मेरी गांद फटत गयी, और मैं जल्दी से अपने रूम में चला गया.

अब मुझे नींद नही आ रही थी. फिर मैने वही सीन सोच कर मूठ मारी. अब मेरा भी भाभी को छोड़ने का दिल कर रहा था. लेकिन मुझे नही पता था, की मेरा ये सपना इतनी जल्दी सच हो जाएगा.

उस रात के बाद भाभी बार-बार मुझे देख कर मुस्कुराने लगी. कुछ दिन बाद घर पर कोई नही था, और मैं और भाभी अकेले ही थे. वो छाई बना रही थी, और मैं टीवी देख रहा था.

जब भाभी मेरी छाई मेरे सामने रखने के लिए झुकी, तो उनके मस्त बूब्स मुझे दिख गये. भाभी के मिल्की बूब्स तो कहर ढा रहे थे.
तभी भाभी ने मुझे उनके बूब्स देखते हुए देख लिया. फिर वो मेरे पास आई और बोली-

भाभी: क्या हुआ अरुण?

मैं: कुछ नही भाभी

भाभी: तू मेरे बूब्स को देख रहा था. तुझे पसंद है ये?

मैं ये सुन कर शर्मा गया. फिर वो बोली-

भाभी: कभी किसी के बूब्स टच किए हो?

मैं: नही भाभी.

भाभी: लो इस पर हाथ रखो.

ये बोल कर उन्होने अपने बूब्स आयेज कर दिए. उनकी बात सुन कर मेरी आँखें चमक उठी. लेकिन मैं घबरा भी गया. मुझे लगा जैसे भाभी मेरी टाँग खींच रही हो. जब मैने हाथ नही उठाया, तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा, और अपने बूब पर रख दिया.

ओह मी गोद! इतना ज़बरदस्त एहसास था, की मैं बता नही सकता. अब मैं कंट्रोल से बाहर हो गया, और दोनो बूब्स दबाने लगा. भाभी भी गरम हो रही थी, और आहें भरने लगी थी. फिर मैने बिना पूछे भाभी की क्लीवेज में मूह डाल दिया, और उसको चूमने लगा.

भाभी ने भी मुझे रोकने की बजाए, मुझे अपनी आगोश में ले लिया. अब मैं समझ गया था, की भाभी को छोड़ा जेया सकता था. फिर मैने किस करते हुए भाभी की गांद दबानी शुरू कर दी.

बहुत मज़ा आ रहा था मुझे. पहली बार मुझे किसी औरत के साथ ऐसा करने का मौका मिला था. अब मैं भाभी के होंठ चूसना चाहता था, तो मैने उनके चेहरे की तरफ देखा. तभी भाभी बोली-

भाभी: बड़ी गर्मी है तुझमे. इतनी देर कंट्रोल कैसे किया. सेक्स ही करना था, तो पहले बता देता.

फिर मैने भाभी के होंठ चूसने शुरू कर दिए. उन्होने भी मेरा पूरा साथ दिया. मैने भाभी को उठाया, और रूम में ले गया. फिर मैने पनटी छोढ़ कर भाभी के सारे कपड़े उतार दिए.

भाभी ने पिंक निपल्स ने मुझे दीवाना बना दिया, और मैं उनको चूसने लगा. फिर निपल्स चूस्टे हुए मैं नीचे गया, और उनकी पनटी उतार दी. भाभी की छूट बड़ी सेक्सी थी.

मैने छूट पर मूह लगाया, और उसको चाटने लगा. भाभी लंड लेने के लिए मॅर रही थी. फिर मैने अपने कपड़े उतारे, और मेरा 7 इंच का लंड उछाल कर भाभी के सामने आ गया. लंड देख कर भाभी खुश हो गयी, और बोली-

भाभी: ये तो बिल्कुल तुम्हारे भैया क्व लंड जितना साइज़ है.

उन्होने झपट्टा मार कर मेरा लंड पकड़ा, और चूसने लग गयी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैने ज़्यादा देर लंड नही चुस्वाया, और उनकी टांगे खोल कर लंड छूट पर सेट कर लिया.

फिर मैने एक ज़ोर का धक्का दिया, और पूरा लंड भाभी की छूट में चला गया. भाभी की आहह निकल गयी, और मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. अब हम दोनो मज़े से चुदाई कर रहे थे.

अभी हमे सेक्स करते हुए 10 मिनिट ही हुए थे, की भैया अंदर आ गये. उनको देखते ही मेरी जान निकल गयी, और मैं भाभी के उपर से हॅट गया. मैं भैया से नज़रे नही मिला पा रहा था. तभी भैया भाभी से बोले-

भैया: इसको भी चखा दिया अपना स्वाद?

भाभी: हा, ये भी तड़प रहा था. तो मैने सोचा की इसको भी ठंडा कर डू.

भैया: करो-करो.

और ये बोल कर भैया चले गये. मैं ये सब देख कर हैरान हो गया, और सोच में पद गया. फिर मैने भाभी से पूछा-

मैं : ये क्या था?

भाभी ने मुझे फिरसे अपने उपर बुलाया, और मेरा लंड अपनी छूट में ले लिया. फिर वो बोली-

भाभी: मैने तुम्हारे भैया को समझा दिया है, की सेक्स कितना ज़रूरी है. कोई भी मर्द घर से बाहर जाके तभी मूह मारता है, जब घर पर उसको मज़ा नही मिलता. और छूट तो लंड देखती है, रिश्ता नही. तो जितना मज़ा करना हो कर लेना चाहिए. तुम्हारे भैया ये बात समझ गये थे, इसलिए उनको इससे कोई प्राब्लम नही है.

मैं: मतलब मैं कभी भी आपके साथ सेक्स कर सकता हू.

भाभी: जब तुम्हारा दिल चाहे तब करो. मुझे इससे कोई प्राब्लम नही होगी. यही तो जवानी के दिन है. अगर चाहो तो तुम मुझे और भैया को जाय्न भी कर सकते हो.

मैं: आप दोनो को कैसे?

भाभी: अपने ही घरवालो के सामने कैसी शरम. तुम तो बहुत शर्मीले हो. तुम्हारे पापा तो काफ़ी बोल्ड है. उन्होने तो पहले ही हफ्ते मुझे छोड़ डाला था. कितनी बार तो मैं, तुम्हारे भैया, और तुम्हारे पापा साथ में सेक्स कर चुके है. बस तुम ही बचे थे.

मैं समझ गया था, की भाभी एक छिनाल है. फिर मैने अपना माल भाभी के अंदर ही निकाल दिया. उस दिन से मैने भाभी को बार-बार छोड़ना शुरू किया. मैं पापा और भैया के साथ मिल कर भी भाभी को छोड़ा.

भाभी ने भी किसी को माना नही किया कभी, और उनकी छूट की गर्मी बस बढ़ती ही जेया रही है.

तो इस तरह से मेरी दिलदार भाभी ने अपनी छूट का लंगर लगाया हुआ है, जिसका मज़ा हम रोज़ लेते है.

कहानी अची लगे तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.