बीवी की बुआ ने लंड की प्यास बुझाई

मेरा नाम सूरज है. मैं कोल्हापुर का रहने वाला हू. मेरी आगे 33 है. मेरी शादी हो चुकी है. लेकिन मैं अपनी सेक्स लाइफ से ना-खुश था. क्यूंकी मेरी बीवी को सेक्स ज़्यादा पसंद नही है, और वो ज़्यादातर अपने छ्होटे बेटे के साथ रहती है, क्यूंकी मेरे बेटे की उमर 3 साल की है.

मेरी बीवी से ज़्यादा हार्ड सेक्स नही होता था. पर मैं तो हमेशा सेक्स का भूखा रहता था. मैं तो सेक्स के लिए तड़प्ता था. मुझे ज़्यादातर कॉलेज के दिन से ही बड़ी औरतें बहुत अची लगती है. ख़ास करके जो 45 तो 60 के बीच की उमर वाली औरत, जो सेक्सी और थोड़ी आचे फिगर वाली हो.

उसे देख कर सेक्स के लिए तड़प होती है. एक दिन ऐसा आ गया, की मेरी बीवी की बुआ हमारे घर में मेरे बेटे को देखने के लिए आई. वो नासिक की रहने वाली थी. उनका नाम लीलावती जोशी था. उनकी उमर 48 से 50 की होगी. रंग से थोड़ी सावली थी वो.

उनका फिगर 38-40-36 था. वो एक गवर्नमेंट हाइ स्कूल में टीचर थी. वो हमेशा सारी पहनती थी, और सारी ऑल्वेज़ नाभि के नीचे पहनती थी. उनकी नाभि बहुत खूबसूरत थी. नाभि ऐसी जिसको देख कर सब का खड़ा हो जाएगा. अब थोड़े दिन में वो रिटाइर होने वाली थी. पैसे की कोई कमी नही थी.

बुआ को 1 लड़का और 1 लड़की थी. दोनो आउट ऑफ नेशन थे, और मॅरीड थे. कभी-कभी वो इंडिया आते थे. बुआ के साथ उसका पति था जिनकी उमर करीब 65 साल की थी. वो एक रिटाइर्ड ऑफीसर थे. उमर के कारण वो ज़्यादातर बीमार रहते थे. अब मैं स्टोरी पे आता हू.

एक दिन वो हमारे घर स्विफ्ट गाड़ी लेकर आ गयी. मैं हॉल में छाई पी रहा था. वो गाड़ी से उतार कर आ गयी. गाड़ी से उतरते ही उनका पल्लू गिर गया, और मैं देखता रह गया. फिर थोड़ी हवा के कारण उनकी सारी उडद रही थी, तब मुझे उनकी नाभि दिख गयी.

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था. उन्होने अपना नाम बता के पहचान बताई, तब मेरी बीवी भी आ गयी. “बुआ” कह कर वो उनके गले मिल गयी. मैं तो बहुत खुश हो गया. वो बीवी की बुआ थी, जो हमारी शादी में नही आ पाई थी, इसलिए हमे मिलने के लिए वो 10 तो 15 दिन के लिए आई थी.

उनके पति भी उनकी लड़की के यहा आउट ऑफ इंडिया गये थे. उन्होने मुझे देख कर बहुत अची स्माइल दी. पर मेरा ध्यान उनकी नाभि पर था. उनको समझ आ गया मैं उनकी नाभि को देख रहा था. फिर उन्होने अपने पल्लू से नाभि को धक लिया. तब हड़बड़ा करके मैने उनके पैर च्छुए.

उन्होने मुझे आशीर्वाद दिया. ट्रॅवेल के कारण वो थोड़ी तक गयी थी. फिर वो फ्रेश होने के लिए चली गयी. मेरी बीवी बहुत खुश थी. उसने आज खाना भी बुआ की पसंद का बनाया था. हम सब खाना खा रहे थे. मेरा तो ध्यान उनसे हॅट नही रहा था.

मैं तिरछी नज़र से उनको देख रहा था. उनको पता चल गया की मैं उनको देख रहा था. उसके बाद मैं मौका देख कर कभी-कभी किसी बहाने उनको सिड्यूस भी करने लगा. ऐसे ही 5-6 दिन चले गये. उनको पता चल गया की मेरी बीवी और मैं ज़्यादा सेक्स नही करते थे.

तभी अचानक मेरी बीवी किचन में गिर गयी, और उसका 1 पावं प्लास्टर कर दिया डॉक्टर ने, और ज़्यादातर बेड रेस्ट बताया. तो घर का सब काम अब बुआ ही कर रही थी. खाना भी बुआ ही बनती थी. मैं तो उनके खाने की बहुत तारीफ करता था. तब वो मुझे बोली-

बुआ: खाने के साथ-साथ आप हमारी भी तारीफ करे तो अछा होता.

मैं समझ गया और बोला-

मैं: आप तो बहुत सुंदर है. आपकी सारी, और सारी में दिखने वाली नाभि…

तब अचानक मेरी बीवी की बेडरूम से आवाज़ आई, और मुझे जाना पड़ा. बुआ को स्माइल करके मैं बीवी के पास गया. बुआ आज बहुत खुश थी. रात का खाना हो गया, और मैं घर के टेरेस पर घूमने के लिए गया. मेरी बीवी और बेटा दोनो भी सो गये. बुआ कित्चान का काम कर रही थी. उनका काम होने के बाद वो भी टेरेस पर आ गयी और बोली-

बुआ: आज मूड तो बहुत अछा है आपका.

मैं: आप है इसलिए. वरना कहा का मूड? और?

बुआ: हहा, मैं समझ गयी. लेकिन आप इतनी बॉडी-षोदी वाले हो कर भी रुचिता आपसे सेक्स क्यूँ नही करती?

मैं: क्यूंकी उसको बस 1 बेटा ही चाहिए. और उसको सेक्स…?

बुआ: बोलिए-बोलिए, आप मुझसे सब शेर कर सकते है.

मैं: कैसे बतौ आपको? वो मुझे जैसा सेक्स चाहिए वैसे वो मुझे सॅटिस्फाइ नही करती.

बुआ (शॉक्ड): क्या! कैसी लड़की है? इतना अछा नसीब वाला पति मिल के भी?

मैं: हा इसलिए मैं आपको.

बुआ: घूर रहे थे मुझे. पहले दिन से पता चल गया था, की आप हमारे दीवाने हो गये थे.

मैं: क्या करू, सॉरी. लेकिन मैं तोड़ा स्ट्रेट फॉर्वर्ड हू, इसलिए आपको बोला.

बुआ: मुझे ऐसे मर्द बहुत पसंद है, जो डाइरेक्ट बोलते है.

मैं अब उनके करीब गया, और उनकी कमर को पकड़ कर पास खींच लिया. बुआ ने मुझे किस करना स्टार्ट किया.

मैं: उपर आपके बेडरूम में चलते है.

रुचिता सो गयी थी. उसके बेडरूम को मैने बाहर से लॉक किया, और मैं बुआ के कमरे में गया. पहले उनकी नाभि को देखा, और फिर जल्दी से जेया कर उनके उपर टूट पड़ा.

बुआ: अर्रे-अर्रे तोड़ा धीरे करो.

मैं: नही, अब मैं रुक नही सकता.

बुआ: अछा बाबा करो तुम्हे जो करना है. करो, मैं भी बहुत सालों से तरस रही हू. मुझे भी आनंद दो.

मैने उनकी पूरी सारी निकली, और फिर उनकी नाभि में जीभ डाल के चूस रहा था. बुआ पागल हो रही थी, और सिसकारियाँ भर रही थी. फिर मैने अपने सब कपड़े निकाले, और नंगा हो गया. मेरा तनने हुए 7.5 इंच के लंड को देख के बुआ चौंक गयी. वो बोली-

बुआ: अर्रे बाप रे, जमाई बाबू आपका लंड कितना बड़ा है. जल्दी से आप मेरे अंदर डाल दो.

ऐसा कह के बुआ ने सारे कपड़े निकाले, और वो भी मेरे सामने नंगी खड़ी हो गयी.

मेरी आँखें भी बंद नही हो रही थी. क्या बड़े-बड़े स्टअंन थे उनके. गोरा-गोरा बदन, और उनकी पुसी बहुत क्लीन थी. मैं उनकी छूट को चाटने लगा.

बुआ बोली: ये क्या कर रहे हो?

फिर उनको अछा लगने लगा. वो तड़प रही थी. झट से मेरा लंड भी उसने मूह में लिया. फिर ज़्यादा देर ना करके मैने उनकी छूट के अंदर अपना लंड डाला. वो चिल्लाई.

बुआ: आहह, फाड़ दो मेरी छूट को.

मैने और एक झटका लगा के अंदर तक डाल दिया. फिर करीब 15 से 20 मिनिट तक हमने किया, और हम दोनो का पानी एक साथ में झाड़ गया. फिर रात भर मैने उनके साथ 3 बार सेक्स किया.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको आयेज भी शेर करे.