भाइयों और भाभियों के बीच वासना का खेल

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राहुल है, उमर 32 साल है, और पेशे से मैं एक मंक में जॉब करता हू. जैसे की आप सब ने पढ़ा कैसे मेरी और रोशनी की सुहग्रात होती है, और जाम के चुदाई होती है. चुदाई करके हम दोनो ही सो जाते है.

मेरी नींद सुबह 10 बजे खुलती है, और मैं देखता हू रोशनी मेरे पास नही थी. मैं उठ कर बाहर जाता हू, और बाहर हॉल में से सबकी आवाज़े आती है. आप सब लोग जानते ही है शादी के बाद घर का माहौल कैसा होता है.

मैं जैसे ही हॉल में जाता हू, भाभी मुझे देख कर मुस्कुराती है. मैं भी उन्हे देख कर मुस्कुरा देता हू, और सब को जेया कर गुड मॉर्निंग कहता हू.

रोशनी किचन में छाई बना रही होती है. मैं बैठने के लिए सोफे पे जगह देखता हू, और प्रिया भाभी के पास में जगह होती है. फिर मैं जेया कर प्रिया भाभी के पास बैठ जाता हू, और सब आपस में हस्सी मज़ाक करने लगते है.

भाभी एक बार उठती और किचन में चली जाती है. उनके उठते ही उनकी मोटी रस्स भारी गांद मेरी आँखों के सामने आ जाती है. उसे देख कर मेरे लंड में हुलचूल होने लगती है. भाभी अपनी गांद मतकाते हुए किचन में चली जाती है, और कुछ देर बाद छाई लेकर हॉल में आती है, और सब को छाई देती है.

फिर मेरे पास छाई देने के लिए आई, और जैसे ही छाई देने को झुकी, मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. भाभी का पल्लू नीचे गिर चुका था, और मेरे सामने उनके मक्खन बूब्स और उनका डीप क्लीवेज था. उसे देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.

और दोस्तों यही वो वक़्त था जब प्रिया भाभी को छोड़ने का ख़याल मेरे दिल में पहली बार आया था. छाई दे कर भाभी मेरे से बिल्कुल सात कर बैठ गयी, और मेरे पैर और उनके पैर आपस में चिपक गये. फिर वो धीरे-धीरे अपने पैर उपर-नीचे करने लगी, और उनकी जांघों का दबाव मेरी जांघों पर पड़ने लगा. मुझे अब मेरे लंड में हुलचल महसूस होने लगी.

कुछ देर बाद सब अपने-अपने कामो में लग गये, और मैं बातरूम में जेया कर सोचने लगा भाभी ऐसा क्यूँ कर रही थी. फिर पास के बातरूम में मुझे पायल की आवाज़ आई, और फिर कुछ सेकेंड्स बाद मुझे भाभी के मूतने की धार की आवाज़ सुनाई दी. वो धार सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया दोस्तों.

फिर भाभी बोली: कों है?

मैं बोला: भाभी मैं हू.

भाभी: क्या कर रहे हो देवर जी?

मैं: बातरूम में कोई क्या ही करेगा भाभी.

भाभी: बातरूम में भी बहुत काम होते है देवेर जी (और ये कह कर भाभी हस्स दी).

फिर अचानक बातरूम की दीवार से भाभी की ब्रा गिरी, और भाभी ने बोला.

भाभी: देवर जी मेरा कुछ गिर गया है. आप इधर फेंक देंगे क्या?

मुझे दिख गया था पर मैने भी मज़ा लेने को सोची और बोला-

मैं: क्या गिर गया है भाभी? यहा तो कुछ नही है.

भाभी: अर्रे बाबा मेरे अंदर का कपड़ा गिर गया है उधर, डेडॉ.

मैं: कहा है भाभी? यहा तो कुछ भी नही है.

भाभी: अर्रे बाबा तंग मत करो, मेरी ब उधर गिर गयी है, देखो ज़रा.

मैं: ब क्या भाभी मुझे नही पता चल रहा?

भाभी: अछा बच्चू, मेरी ब्रा उधर गिर गयी है दे दो.

मैं: ओह, तो ऐसा बोलिए ना. कब से ब-ब कर रहे हो आप.

उनकी ब्रा मैने हाथ में ली, साइज़ देखा, और अपने लंड पे लगा कर उस तरफ फेंक दी. शायद उस ब्रा में प्रेकुं भी लग गया होगा. फिर मैं नहा धो कर बाहर आ गया, और फिर भैया बोले-

भैया: आज मोविए देखने चलते है.

मैने बोला: ठीक है, चलते है.

हम चारो मस्त रेडी हो कर मोविए हॉल पहुँचे. पहली सीट पर मैं बैठा, फिर रोशनी, फिर भैया, और फिर भाभी. मोविए का नामे तो मुझे याद नही आ रहा, पर कुछ सेक्स सीन्स थे उसमे. मोविए आधी हुई थी, और मुझे कुछ अजीब फील हुआ. भैया का हाथ रोशनी के बालों में था, और वो उसके बालों में हाथ फेर रहे थे.

ये मुझे बहुत अजीब लगा, पर मैने इग्नोर किया. फिर इंटर्वल हुआ और हम कुछ रेफ्रेशमेंट लिए, और वापस आए. इस बार फर्स्ट मैं बैठा, फिर भाभी बैठ गयी जल्दी से. तभी रोशनी बोली-

रोशनी: आप इधर आ जाओ ना दीदी.

भाभी: 1 अवर की मोविए बची है, 1 अवर भी अपने पति से डोर नही बैठ सकती क्या देवरानी जी?

रोशनी: अछा दीदी ठीक है.

और वो ये कह कर भाभी के नेक्स्ट बैठ गयी, और फिर भैया बैठ गये. यही वो टाइम था जब अंजाने में ही हम लोगों का एक्सचेंज हुआ दोस्तों. क्यूंकी मुझे भैया पे शक हो गया था, तो बार बार मेरी नज़र उधर जेया रही थी.

भाभी मुझसे छिपकने की कोशिश कर रही थी, और मेरा ध्यान भटकने की कोशिश कर रही थी. फिर कुछ देर बाद मेरी नज़र रोशनी पे गयी, और मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी दोस्तों. भैया का हाथ रोशनी के पीछे से होते हुए रोशनी के लेफ्ट साइड पेट पे था, या यू कहे शायद वो रोशनी का लेफ्ट बूब सहला रहे थे. और इधर भाभी मेरे थाइ पे हाथ घुमा रही थी.

इन सब के बीच मेरा लंड खड़ा हो गया. आप खुद इमॅजिन कीजिए दोस्तों एक तरफ बड़ा भाई मेरी बीवी के बूब्स दबा रहा था और दूसरी तरफ भाभी मेरा लंड खड़ा कर रही थी. फिर मोविए ख़तम हुई, और हम लोग बाहर निकले, और भैया बोले-

भैया: आज तो मोविए में मज़ा आ गया.

भैया के ये बोलते ही रोशनी मुस्कुरा दी. मैं समझ गया कुछ तो गड़बड़ थी. कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. एक दिन मैं हॉल में बैठा था सोफे पे. शाम का टाइम था. हमारे हॉल से किचन दिखता है, तो मैं सोफे पे बैठा था. भाभी रोटियाँ बेल रही थी, और रोशनी सब्ज़ी बना रही थी.

रोटिया बेलने की वजह से भाभी की मोटी गांद बाउन्स हो रही थी, जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैं अपने लंड पर लोवर के उपर से ही हाथ फेरने लगा. मुझे ये करते हुए भैया ने देख लिया. फिर वो मेरे पास आए और मुझसे बोले-

भैया: क्या देख रहा था राहुल?

मैं: कुछ नही भैया, ऐसे ही.

भैया: सॉफ बोल ना की अपनी भाभी की गांद देख रहा था.

मैं ये सुन कर शॉक हो गया.

भैया: मेरे से मत दर्र, उसकी गांद है ही इतनी बड़ी की किसी को भी अपना दीवाना बना दे, और लंड खड़ा कर दे.

ये कह कर भैया हस्स दिए, और फिर मेरे लंड में भी एक अजीब सी झुरजुरी आई.

मैं: आपको बुरा नही लग रहा भैया?

भैया: बुरा क्यूँ लगेगा, जो मेरा है वो तेरा है, और जो तेरा है वो मेरा है.

ये कह कर भैया रोशनी को देख कर अपने लंड पे हाथ फेरने लगे.

मैं: क्या देख रहे हो भैया?

भैया: जो तू मेरी बीवी की देख रहा था. मैं तेरी बीवी की देख रहा हू.

इस पार्ट में इतना ही. आयेज के पार्ट में भी आपको लोगों को ऐसे रोमॅन्स भरे किससे मिलेंगे. आयेज की कहानी को जानने के लिए जुड़े रहिए और पढ़ते रहिए. कहानी आप लोगों को कैसी लग रही है, और आप लोगों के कोई सुझाव है, तो मुझे ज़रूर मैल करे. मेरी मैल ईद है-

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थॅंक्स गाइस.