भाई की बीवी बनने के लिए बहन की तलब की कहानी

अगला दिन से मैं बच्चे को संभालने लगी. घर पे सब लोग बहुत उदास था. भैया तो बिल्कुल टूट चुके थे. ठीक से ज़मीन में खेती करने भी नही जाते थे. घर पे अब पैसों की दिक्कत होना लगी थी. ऐसे करके 6 मंत बीट गये.

कुछ दिन बाद मम्मी फिरसे भैया से शादी की बात करने लगी. पर मुझे अछा नही लगा. क्यूंकी मैं मेरे भैया को और किसी की हाथ में नही देना चाहती थी. मुझे भैया से पहले से प्यार था, और अभी मैं ही भैया से शादी करूँगी जैसे भी हो.

इसलिए मैने जैसे भी हो भैया को सिड्यूस करना शुरू कर दिया. मैं भैया के सामने ज़्यादातर चुननी नही पहनती थी. और मैने ज़्यादातर छ्होटे कपड़े पहनना शुरू कर दिया उनके सामने.

एक दिन क्या हुआ, बच्चा बहुत रो रहा था. तो मैं बॉटल से दूध पीला रही थी भैया के घर में. पर बच्चा फिर भी रो रहा था. तो मैने मेरा छ्होटा सा दूध बाहर निकाल के उसके मूह में दिया. मेरे बूब्स में तो दूध नही था, पर बच्चा मेरे बूब्स चूसने लगा. मुझे बिल्कुल मम्मी वाली फीलिंग हो रही थी.

तभी अचानक भैया घर पे घुसे, और मुझे इस हालत में देख लिया. भैया कुछ टाइम मेरे छ्होटे से बूब्स को देखते रहे. मैं सर नीचे करके शर्मा गयी. मुझे लगा था भैया ये सब देख के बाहर निकल जाएँगे. बुत वो नही निकले. फिर कुछ टाइम मुझे ताड़ते रहे, और उसके बाद बोले-

भैया: बेहन ये क्या कर रही हो.

मे: सॉरी भैया, रियाज़ ( बच्चे का नामे) बहुत रो रहा था, इसलिए.

भैया: बॉटल में से दूध पीला देती. ऐसा क्यूँ कर रहा है तू?

मे: मैने ऐसा क्या कर दिया?

भैया: तेरे बूब्स क्यूँ उसको चूसा रही है?

मे: अर्रे बॉटल से मैं दूध पीला रहा थी. पर वो फिर भी बहुत रो रही थी. इसलिए मैने अपना दूध पिलाया.

भैया: दूध है इतनी छ्होटी सी में?

मे: भैया देखो मेरे बूब्स की गर्माहट से रियाज़ शांत हो गया.

भैया: ह्म, अभी मम्मी की बात माननी पड़ेगी. मुझे दूसरी शादी कर लेना चाहिए मेरे बच्चे के लिए.

मुझे भैया की ये बात सुन कर बहुत बुरा लगा. मैने मॅन में बोला-

मे: मुझसे शादी कर लो.

फिर मैं भैया को मेरी पूरी बॉडी कैसे दिखौ ये सोचने लगी. फिर मैने एक प्लान किया. एक दिन मैं भैया को आते देख जल्दी बाथरूम चली गयी. भैया को भी तब नहाने जाना था. और मैं उसके पहले बाथरूम जाके अपने सारे कपड़े उतार के नहाने लगी.

मैने जान-बूझ के बातरूम का दरवाज़ा लॉक नही किया. भैया ने अपने सारे कपड़े उतार के, सिर्फ़ हाफ पंत पहन कर, बॉडी पे तेल लगा के, नहाने को अंदर आने के लिए दरवाज़ा खींचा. और तब उन्होने मेरी भीगी हुई न्यूड बॉडी देख ली.

मैं नाटक करके अपने बूब्स और छूट धक रही थी. पर भैया आँखें फाड़ के मुझे देख रहे थे उपर से नीचे तक. मेरी वाइट सेक्सी बॉडी भीगी हुई और भी हॉट लग रही थी. कोई भी मर्द इसको देखने के लालच नही छ्चोढ़ सकता. फिर भैया दरवाज़ा बंद करके चले गये. उस वक्त घर पे कोई नही था.

फिर मैं टवल लपेट के बाहर आई. मैने देखा भैया की ब्लॅक बॉडी तेल और पसीने में पूरी भीगी हुई थी. इतनी हॉट बॉडी थी उफ़फ्फ़. काश उस टाइम मैं उसको लिपट जाती, और नीचे देखा उसकी पंत में पूरा तंबू बन चुका था. फिर भैया बोले-

भैया: तू दरवाज़ा लॉक क्यूँ नही की?

मे: लॉक की थी, बुत कब लॉक खुल गया मुझे पता नही चला.

भैया: ये सब बात मम्मी को मत बताना.

मे: ठीक है. भैया आप से कुछ बात करनी थी.

भैया: क्या?

मे: आप दूसरी शादी मत कीजिए.

भैया: क्यूँ?

मे: भाभी ने जाने के टाइम मुझे ये बच्चा देके वादा लिया था, की मैं इस बच्चे का ख़याल रखूँगी. और रियाज़ को किसी और सौतेली मा के हाथ नही दूँगी. इसलिए आप दूसरी शादी मत कीजिए.

भैया: तेरी भाभी ने ऐसा बोला है? जाने के टाइम ये नही सोचा मेरा क्या होगा? और मैं कैसे जियूंगा? क्यूँ चली गयी? ठीक है अगर उसकी मर्ज़ी है तो मैं किसी और से शादी नही करूँगा.

मे: आपको भी मुझे संभालने को बोला था.

भैया: तू तेरी भाभी की तरह मुझे नही संभाल पाएगी.

मे: क्यूँ?

भैया: तू नही समझेगी. अभी तू छ्होटी है.

मे: मैं बड़ी हो चुकी हू भैया.

भैया: कितनी बड़ी है ये मैने देखा अभी. छ्चोढ़ मम्मी से माना कर दूँगा दूसरी लड़की ढूँढने के लिए.

फिर भैया चले गये. फिर मैने देखा मेरे बूब्स तो छ्होटे थे. मुझे बहुत खुशी हुई की भैया मुझे आचे से देखे, और दुख हुआ की मेरे बूब्स क्यूँ छ्होटे थे. फिर भैया मम्मी से माना कर दिए. तब मम्मी ने मुझसे पूछा-

मम्मी: सूफ़िया क्या हुआ तेरे भैया को अचानक?

मैने पूरी बात बता दी कैसे भाभी ने मुझसे वादा लिया था. मम्मी 7 दिन बाद अचानक एक दिन मुझसे बोली-

मम्मी: सूफ़िया एक बात बोलू बेटी? तू गुस्सा मत करना.

मे: ह्म बोलो, गुस्सा क्यूँ करूँगी.

मम्मी: देख तेरी भाभी ने तुझे उसके बच्चे की ज़िम्मेदारी दी है. तो उस हिसाब से तुझे उसके पति को भी संभालना पड़ेगा.

मे: मैं कुछ समझी नही.

मम्मी: मतलब तेरे भैया का भी तुझे ख़याल रखना है.

मे: ये तो मैं रखती हू.

मम्मी: वैसा नही, देखा तेरा भैया अभी बहुत यंग है. इस उमर में उसे भी एक जीवन साथी चाहिए. तू समझी ना मैं का बोलना चाहती हू?

मैं बहुत कुश हुई. मैं ना समझने का बहाना करके बोली-

मे: नही मम्मी कुछ नही समझी.

मम्मी: तू अपने भैया से शादी कर ले.

मे: क्या बोल राहु हो मम्मी? लोग क्या कहेंगे? भैया क्या मानेंगे?

मम्मी: वो सब मुझ पे छ्चोढ़ दे. तू राज़ी है ना?

मैं तो मॅन ही मॅन बहुत खुश थी, पर खुद को कंट्रोल करके बोली-

मे: ओक मम्मी रियाज़ मतलब बच्चे की खुशी के लिए मैं भैया से शादी कर लूँगी. तभी मैं रियाज़ की असली मम्मी बन पौँगी.

फिर आयेज क्या हुआ, वो अगले पार्ट में आएगा. अगर कहानी अची लगी, तो कॉमेंट ज़रूर करना. मेरी गमाल ईद है-