बेटे ने मा को हमेशा के लिए अपनी रंडी बनाया

ही रीडर्स, मैं युवक अपनी कहानी का अगला पार्ट आप सब के साथ शेर करने जेया रहा हू. अगर आप लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो ज़रूर पढ़िए. उसको पढ़ने के बाद इस पार्ट का मज़ा आएगा.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा, की गुआर्द ने अपने बड़े लंड से मा की ज़बरदस्त ठुकाई की थी. चूड़ने के बाद मा बेड पर तक कर गिर गयी. गुआर्द भी मा के साथ ही लेट गया. अब आयेज बढ़ते है.

अब वो दोनो हाँफ रहे थे. तभी मैं रूम में गया, और गुस्से से ताली बजाने लगा. ताली की आवाज़ सुनते ही वो दोनो जल्दी से उठ गये. मा ने मुझे देखा, और वो हैरान होके बोली-

मा: युवक, तू यहा क्या कर रहा है?

मैं: मैं तो जो कर रहा हू कर रहा हू, आप ये क्या कर रही है.

मा: ये वो…

मैं: मैने आपको देवी समझा था, लेकिन आप तो रांड़ निकली. मुझे लगता था की आपने बड़ी मेहनत से मुझे पाला है. ये है आपकी मेहनत.

मा: बेटा मेरी बात तो सुन.

मैं: अब सुनने को कुछ बचा ही नही है. अपनी आँखों से देखा है मैने सब कुछ. इस सब की उमीद नही थी मुझे आपसे.

और ये बोल कर मैं रूम से बाहर निकल आया. मा मुझे आवाज़े देती रही, लेकिन मैं नही रुका. फिर घर के बाहर आके मैने ऑटो पकड़ा, और अपने घर वापस आ गया. कुछ देर बाद घर का दरवाज़ा नॉक हुआ. मैने दरवाज़ा खोला तो मा थी. मैं दरवाज़ा खोल कर वापस अपने कमरे में चला गया. मा मेरे पीछे आई और बोली-

मा: बेटा मेरी बात तो सुन.

मैं: हा बोलो मा.

मा: बेटा तेरे पापा के जाने के बाद मैं अकेली पद गयी थी. मुझे भी किसी का सहारा चाहिए था. मैं अकेली सब कैसे संभालती?

मैं: आपको सहारा चाहिए था, तो आप किसी ठीक-ताक आदमी से शादी कर लेती. इस तरह हर किसी के साथ सेक्स करने का क्या मतलब है. आज मैने आपको दो बंडो के साथ चुदाई करते देखा. पता नही इतने सालों में आपने क्या-क्या किया होगा.

मेरी बात सुन कर मा को तोड़ा गुस्सा आ गया. फिर वो गुस्से में आके बोली-

मा: हा किया मैने. लेकिन तेरी परवरिश में कोई कमी नही छ्चोढी. मैं अपने सुख का भी तो सोच ही सकती हू. तेरा बाप नल्ला था, सिर्फ़ बच्चा पैदा किया उसने. मुझे कभी भी शारीरिक संतुष्टि नही दे पाया. तो मैं क्या करती. इस जिस्म की आग में जल्दी रहती.

उनकी ये बात सुन कर मुझे भी गुस्सा आ गया. फिर मैं बोला-

मैं: इसीलिए तू रंडी बन गयी, और हर एक का लंड लेने लगी. तुझे तो मा कहते हुए भी शरम आ रही है. बड़ी आग लगी है ना तेरे इस जिस्म में. आ मैं भी तो देखु की कितनी बड़ी रंडी है तू.

ये बोल कर मैं आयेज बढ़ा, और मा के होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. अचानक से मेरे ऐसा करने से मा बौखला गयी. वो कुछ समझ नही पाई. उसने मुझे धक्का दिया, और उठ कर जाने लगी. अभी वो दरवाज़े के पास पहुँची ही थी, की मैने उसको पीछे से पकड़ लिया, और दीवार के साथ लगा लिया.

अब मा आयेज से दीवार के साथ चिपकी थी, और उनके बूब्स दीवार में डाबब गये थे. मैं मा के पीछे चिपक गया, और उनके शोल्डर्स और बॅक पर किस करने लगा. तभी मा बोली-

मा: बेटा ये तू क्या कर रहा है? ये ग़लत है.

मैं: तू एक रंडी बन चुकी है, अब तेरे साथ कुछ भी करना ग़लत नही है. जो औरत घर की दहलीज़ से बाहर निकल जाए, उसके साथ कुछ भी करना ग़लत नही है.

ये बोलते हुए मैने मा का ब्लाउस फाड़ दिया, और ब्रा का हुक खोल कर ब्रा निकाल दी. फिर मैने पीछे से मा को हग करके उनके दोनो बूब्स पकड़ लिए और उनको दबाने लगा. मा की साँसे तेज़ होने लगी, और वो आ आ करने लगी. वो गरम हो रही थी, और मुझे माना कर रही थी.

मैने उनकी सारी भी निकाल दी. अब वो सिर्फ़ पेटिकोट में थी. उनकी पीठ को आचे से चाटने के बाद मैने उनको अपनी तरफ घुमाया. मा गरम हो चुकी थी, और तेज़ी से साँसे ले रही थी. वो मेरी आँखों में आँखें डाल कर देख रही थी. लेकिन अब वो मुझे रोक नही रही थी.

फिर मैने अपनी शर्ट उतरी, और मा के होंठो से अपने होंठ जोड़ दिए. अब मैं उनके होंठ चूसने लगा, और वो भी मेरा साथ देने लगी. वो मेरे बालों में हाथ फेर कर मुझे उत्तेजित कर रही थी.

साथ में मैं मा के बूब्स दबाने लगा. वो बस आहें भर रही थी. कुछ देर होंठ चूसने के बाद मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा. मैं उनके बूब्स को दबा-दबा कर उनका रस्स पीने लगा. बूब्स चूस्टे हुए ही मैने उनको बाहों में उठा लिया, और बेड पर पटक दिया. मा मुझे कामुक आँखों से देख रही थी.

मैने मा का पेटिकोट उतरा, और पनटी फाड़ दी. मा की छूट गीली हो चुकी थी. वो गुआर्द से चुड कर आई थी, तो मैं उनकी छूट नही चूसने वाला था. फिर मैं नंगा हो गया, और मेरा मोटा लंड देख कर मा खुश हो गयी. अब मैने उनकी छूट में लंड रगड़ना शुरू कर दिया.

मैं ज़ोर-ज़ोर से लंड रगड़ता गया, और उनकी छूट से पानी रिसने लगा. वो लंड अंदर लेने के लिए मछली की तरफ तड़प रही थी. फिर जैसे ही मेरा लंड छूट के मूह पर अटका, मैने ज़ोर का धक्का मार कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया. मा की चीख निकली, और मैने लंड अंदर-बाहर करके उनको छोड़ना शुरू कर दिया.

मैं तेज़ी से धक्के मार कर मा को अपने लंड की ताक़त दिखाने लगा. साथ-साथ मैं उसके होंठ और बूब्स चूस्टा रहा. जब फुल स्पीड तक लंबे टाइम तक छूट में लंड अंदर-बाहर होता है, तो किसी की भी छूट जवाब दे जाती है. मा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. 5 मिनिट के स्पीड वाले धक्को ने मा का पानी निकाल दिया.

अब चुदाई में छाप-छाप की आवाज़े आने लगी थी, और छूट के पानी से लंड चिकना हो चुका था. फिर मैने लंड छूट से निकाला, और मा को पूरा मोड़ कर गांद के च्छेद पर सेट किया. मा माना करने लगी, लेकिन मैने पूरा प्रेशर डाल कर लंड गांद में घुसा दिया.

मा चीखे मारने लगी, लेकिन मैं उनकी गांद फाड़ता रहा. कुछ देर में मा को मज़ा आने लगा, और वो आ आ करने लगी. ऐसे ही आधा घंटा मा को छोड़ने के बाद मैने अपना पानी उनकी गांद में निकाल दिया. फिर मैं मा के उपर ही लेट गया, और बोला-

मैं: आज से तू मेरी रंडी है, और बस मेरे लंड पर चढ़ेगी.

मा मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी, जो उसकी हा थी.

तो दोस्तों यहा पर कहानी ख़तम होती है. अगर आपको ये सीरीस पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी ज़रूर शेर करे. ताकि वो भी इसका मज़ा ले पाए.