बेहन ने पॉर्न देखते हुए पकड़ लिया

हेलो दोस्तो, आपने मेरी पहली कहानी पढ़ी ही होगी ओर अगर नही पढ़ी है तो पढ़ो तभी इस कहानी को पढ़ने मे मज़ा आएगा.

किसी को कहानी से रिलेटेड या मुझसे रिलेटेड कुछ भी पूछना हो तो मुझे मैल कर सकते हो..

तो कहानी पेर आते है…

अब तक आपने पढ़ा के कैसे मैने रश्मि की गांद को बस मे खूब सहलाया था. लेकिन उसको लग रहा था के ज़्यादा भीड़ होने के कारण ये सब हुआ है.

अब जब हम दोनो बस स्टॉप पेर उतरे घर के लिए तो मैने पॉर्न की द्वड ली ओर घर के लिए निकल गया लेकिन रश्मि मुझसे ज़िद करने लगी के उसको भी गोविंदा की मोविए देखनी है. तो मैने उसको हन बोल दिया.

अब आयेज…

मई घर पेर आया तो देखा मम्मी पापा कही गये हुए है ओर दीदी नहा रही है. मैने फिर सीधा अपना कंप्यूटर खोला ओर द्वड लगाई ओर पॉर्न चला दी.

मई पॉर्न देखकर मूठ भी मारने लगा. गर्मिो का टाइम था तो मैने उपर वेस्ट ओर नीचे शॉर्ट्स पह्न रखे थे ओर मई शॉर्ट्स नीचे सरकाकर मूठ मार रहा था.

मई आज बोहोट ज़्यादा कामुक फील कर रहा था क्यूकी आज जो मैने किया था. वो मैने किसी लड़की के साथ भी नि किया था. मई उस पॉर्न मे ओर मूठ मारने मे इतना खो गया के मुझे खाना खाने का भी होश नि रहा.

दीदी को नहाने मे काफ़ी टाइम लगता था इसलिए मई उस बात से बेफिकर था. अक्षिता दी मुझसे 4 साल बड़ी थी ओर कॉलेज मे पढ़ती थी.

लेकिन वो पॉर्न काफ़ी लंबी थी ओर मई अपना होश खो चुका था. मैने देखा ही नही आस पास ओर दी मेरे बिल्कुल करीब आकेर खड़ी हो गयइ. ओर मुझसे बोली…

दीदी :- ये क्या देख रहा है तू ओर ये क्या कर रहा है..

मेरे एकद्ूम होश उड़ गये ओर मैने बिजली की रफ़्तार से अपना शॉर्ट्स उपर किया. लेकिन दीदी ने मुझे रंगे हाथो पकड़ लिया था. मुझे समझ नि आरहा था के मई क्या बोलू.. फिर मई शर्मिंदा होकर बोला..

मई :- सॉरी दीदी..

दीदी :- किसने दी ये तुझे…. आज तो मम्मी पापा को ब्टौँगी… तू ज़्यादा बिगड़ गया है…

मई :- नही दीदी प्लीज़ ऐसा मत करना मई आयेज से नि करूँगा प्लीज़ भगवान कसम…

दीदी :- तुझे ये सब सीखा कों रहा है.

मई :- दीदी वो मेरे दोस्त ने एक बार दिखाई थी उससे मुझे गंदी आदत लग गयइ.. सॉरी दीदी आयेज से नि करूँगा प्लीज़… मम्मी पापा को मत ब्ताना.

दीदी :- देखले पक्का आगे से ये सब नि करेगा..

मई :- हन दीदी पक्का..

दीदी :- चल मुझे दे ये द्वड निकाल कर ओर तू कंप्यूटर पेर बिल्कुल नि बैठेगा. खाना खा ओर फिर पढ़ने बैठ जेया.. समझा..

मई :- ओकक दीदी.. सॉरी दीदी …

मेरी बुरी तरह से फट गयइ थी. मैने दीदी के आयेज इतना भी बोल दिया वो भी बड़ी बात थी. क्यूकी मैने आज ऐसे ऐसे काम कर दिए थे के मुझसे अब कुछ बोल पाना बोहोट मुश्किल था.

मैने खाना कंप्लीट ही किया था के रश्मि मेरे घर आगयइ ओर मुझसे बोलने लगी के..

रश्मि :- चलो मोविए देखते है..

मैने उसको टालने की कोशिश की क्यूकी मैने वैसे ही इतना बड़ा कांड कार्डिया था तो अब मई किस मूह से दीदी से कंप्यूटर पेर जाने की इजाज़त लेता. लेकिन वो दीदी के पास पोुंच गयइ.

ओर दीदी से बोलने लगी…
रश्मि :- हेलो दीदी..

अक्षिता :- हे रश्मि.. आज यहा पेर कैसे कुछ काम है क्या..

रश्मि :- अरे नही दीदी आज तो कोई काम नि मिला है. आज तो मुझे अक्षय ने मोविए देखने पर इन्वाइट किया है..

दीदी मुझे घूर घूरकर देखने लगी. मई अपनी नज़रे चुराने लगा. फिर दीदी मुझे घूरते हुए ही बोली…

अक्षिता :- अछा बोहोट मूवीस दिखाने लग गया है ये पढ़ाई लिखाई मे मॅन नि रहा अब इसका..

फिर दीदी ने रश्मि की खातिर बोल दिया के चलो देखलो मोविए. अब और भी प्राब्लम थी क्यूकी मुझे अब ढूंडनी पड़ती कोई गोविंदा की मोविए की द्वड.

तो मैने देखनी स्टार्ट कर दी. तो रश्मि बोलने लगी..

रश्मि :- ढूंड क्या रहा है आज ही तो तू लाया था वो गोविंदा वाली मोविए..

दीदी फिर मेरी तरफ देखने लगी. क्यूकी उनको टा ही था सबकुछ फिर वो रश्मि से पूछने लगी..

अक्षिता :- कहा से लाया था ये द्वड.

रश्मि ने दुकान ब्ताई. तभी मुझे पुरानी डVड्स मे एक गोविंदा की मोविए वाली मिल गयइ. तो मैने वो लगाई ओर हम मोविए देखने लगे. मेरा फोकस मोविए पेर कम ओर दीदी पेर ज़्यादा था.

दीदी भी मुझे कभी कभी घुरती रहती थी. फिर मोविए पूरी हो गयइ ओर रश्मि अपने घर जाने लगी. मई नि चाहता था के वो जाए क्यूकी जब तक दीदी कंट्रोल मे थी..

वो चली गयइ तो दीदी मुझसे बोली..

अक्षिता :- तू इसको भी पॉर्न दिखाने वाला था.

मई :- नही दीदी साची मे मेरा ऐसा कोई इरादा नही था. उसने ज़िद की तो मैने उसको गोविंदा की मोविए के लिए बोल दिया था.

अक्षिता :- तू सच बोल रहा है ना..

मई :- दीदी भगवान कसम..
ओर मेरे आँसू निकालने लगे मई उस समय बोहोट दर्र गया था..

अक्षिता :- तू आज के बाद ये काम तो नि करेगा ना..

मई :- बिल्कुल नि दीदी.. कभी नही..

दीदी ने मुझे गले से लगा लिया. मई अपने आप को कोस रहा था क्यूकी उसको समय भी मेरे दिमघ मे सिर्फ़ सेक्स ही चल रहा था.

जैसे ही दीदी ने मुझे गले लगाया. तो उनके मोटे मोटे चुचे मेरी च्चती से टच हो गये जिससे मुझे फिरसे मज़ा आने लगा. ओर मेरे दिमघ मे फिर सेक्स भरने लगा.

मई सही मे बोहोट परेशन हो गया के ये क्या हो रहा है मेरे साथ. मई समाज नि पा रहा था. फिर दीदी उपर च्चत पेर जाकेर अपने कपड़े सूखने लगी. मई अपने काम मे लग गया.

मम्मी पापा का फोन आया के आज रात मे वो नि आएँगे. क्यूकी मौसा जी की ताब्यट बोहोट खराब थी. तो दीदी ने मुझे अपने कमरे मे सुला लिया. लेकिन मुझे आज नींद ही नि आराही थी. आज मेरे दिमघ मे बस रश्मि का बस वाला सीन ही चल रहा था.

मुझे समझ नि आरहा था मई क्या करू मेरे दिमघ मे पॉर्न का सीन चल रहा था ओर मई उसमे लड़के को अपने आपको इमॅजिन कर रहा था ओर लड़की को रश्मि.

मेरा इमॅजिनेशन इतना गहरा हो रहा था के सपने मे बस वोही सीन चल रहा था. मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पेर पोुंच गया ओर मई अपना लंड हिलने लगा सोच सोच कर.

मेरे तभी ध्यान आया के दीदी मेरे बराबर मे ही सो रही है. तो मैने फिर अपने आप को संभाला ओर मई दीदी को उठकर देखने लगा. दीदी ने त-शर्ट ओर शॉर्ट्स पह्न रखे थे.

दीदी गहरी नींद मे सो रही थी. मई उठकर कमरे से बाहर आगया. बाहर सोफे पेर दीदी के कपड़े पड़े हुए थे शायद वो उन्होने उतारे थे तो मैने देखा के दीदी की ब्रा ओर पॅंटीस उसमे पड़ी हुई है.

मेरा लंड एकद्ूम तंन गया. मई ब्रा पनटी की खुश्बू सूंघने लगा. मुझमे एक मदहोशी सी च्चाने लगी. अब मैने आव देखा ना ताआव ओर मैने अपना शॉर्ट्स उतार दिया.

ओर तेज़ तेज़ झत्तक्ो के साथ अपना लंड हिलाने लगा. मेरी दीदी की पनटी की खुश्बू इतनी मादक थी के मई फिरसे मदहोश हो गया. और ज़ोर ज़ोर से लंड हिलने लगा.

मेरा माल निकालने वाला वाला ही था के तभी दीदी की आवाज़ आई.. “अक्षय कहा है तू”. मई एकद्ूम सकपका गया ओर मैने अपना माल तभी दीदी की पनटी मे गिरा दिया.

मेरे बोहोट सारा माल निकला कुछ तो नीचे गिर गया ओर पनटी को पूरी तरह से गीली कर दिया था. मैने जैसे ही आवाज़ सुनी मई सीधा अपने लंड को सॉफ करके कमरे मे पोुंच गया.

ओर दीदी से बोला “दीदी वो पानी पीने गया था” .

दीदी ने सोने के लिए बोला ओर मई बेड पेर आकेर सो गया. अब मुझे चैन मिल गया था. क्यूकी मैने मूठ मार ली थी. मुझे बोहोट अची नींद आई.

लेकिन सुबह मे जब दीदी उठी उनको कॉलेज जाना था ओर मुझको स्कूल तो वो मुझसे पहले उठ गयइ. ओर उन्होने अपनी पनटी मेरे माल से भारी जैसे ही देखी तो मुझे घुस्से से उठाया.

ओर बोली :- आज मई मम्मी पापा को तेरे बारे मे सबकुछ ब्टौँगी…तू बोहोट बदतमीज़ हो गया है… तुझमे ज़रा भी शर्म बाकी नि रही है तूने अपने स्पर्म्ज़ मेरी पनटी मे ही गिरा दिए.

मैने जैसे ही स्पर्म्ज़ दीदी के होंठो से सुना तो फिरसे मेरा लंड खड़ा हो गया. मई समझ नि पारहा था के क्या बोलू ओर उपर से मेरा दिमघ टा नि क्या क्या सोचे जेया रहा था.

फिर मई परेशान होकर बोला :- दीदी प्लीज़….प्लीज़ मेरी हेल्प करदो मई बोहोट बदतमीज़ हो गया हू. मई ऐसा करना नि चाहता लेकिन मेरे दिमघ मे गंदे गंदे ख्याल आते रहते है.. प्लीज़ दीदी मई कंट्रोल नि कर पा रहा हू..

दीदी फिर थोड़ी शांत हो गयइ ओर मुझसे प्यार से बोली :- क्या हुआ है तुझे बीटीये…

मुझे उनकी आवाज़ मे एक अपनेपन का एहसास हुआ तो मैने उनको अपनी कल की कहानी सारी बीटीये दी कैसे बस मे च्छेदखनिओ की वजह से मई परेशान हो गया था ओर जल्दी जल्दी मे आकेर मैने दीदी की ही पनटी मे झाड़ दिया था.

सारी बाते सुनने के बाद दीदी मुझसे बोली…. :- इतना सबकुछ तूने रश्मि के साथ किया ओर उसने तुझे कुछ नि बोला.. झुत बोल रहा है तू.

मई :- नही दीदी भगवान कसम मई बिल्कुल सही बोल रहा हू.

दीदी :- अछा ऐसा है तो आज भी फिर ऐसा ही करना रश्मि के साथ जैसा कल किया था देखते है आज क्या रिक्षन मिलता है…

मई :- दीदी यर्र आप मुझे फंस्वावगी. कल के लिए तो मई इतना शर्मिंदा हू ओर आप मेरी परेशानी को ओर बढ़ाना चाहती हो..

दीदी :- तेरी परेशानी बढ़ा नही रही हू.. कम कर रही हू. ओर जो भी आज करे तो तू मुझे सबकुछ बताना..

मई :- दीदी आज नि आज वैसे भी फ्राइडे है आज वो स्कर्ट पह्न कर आएगी..

दीदी :- तब तो ओर भी बढ़िया है आज तू उसकी नंगी टाँगो पेर भी हाथ लगाना बहाने से ही…

मुझे दीदी ने इस तरह से रश्मि को फिरसे बस मे च्छेदने के लिए तय्यार किया. मुझे मजबूरन दीदी की बात माननी पड़ी वरना वो मेरी सारी बात मम्मी पापा को बीटीये सकती थी.

क्या मई रश्मि को फिरसे बस मे च्छेद पाया??? क्या दीदी का ओर मेरा रिश्ता कुछ चेंज हुआ??? जानने के लिए पढ़े मेरी अगली कहानी… तब तक के लिए.. धन्यवाद.