मेरी मस्तानी चूत के बाप बेटा दोनो गुलाम

ही फ्रेंड्स, मैं हू 36 साल की लंबी, गोरी, भरे बदन की, बेहद खूबसूरत और स्मार्ट रेखा. मेरे सीने पर बड़ी-बड़ी लेकिन बिल्कुल क़ास्सी हुई, गोरी, चमकदार और रस्स-भारी 38″ साइज़ की चूचिया है. मेरा जिस्म बेहद सेक्सी और आकर्षक है. जो इसको देखता है, बस देखता ही रह जाता है.

मेरी गोल-मटोल और उभरी हुई गांद को देख कर निसचीत रूप से लड़को के दिलों पर कहर बरसता है. मेरे तीखे नैन-नक्श की भाषा के हर उमर के लोग दीवाने है. मैं भी अपनी इस सुंदर सेक्सी काया का भरपूर उपयोग करती हू.

मैं शहर के नामी-गिरामी उद्योग-पति शिव बाबू के ऑफीस में काम करती थी. 5 साल पहले शिव बाबू की पत्नी गुज़र गयी थी, और अब शिव बाबू की नज़र मेरी सुंदर और सेक्सी काया पर गयी. फिर उन्होने मुझ पर डोरे डालने शुरू कर दिए.

मैं भी शिव बाबू की चमक-दमक में उलझती गयी. उस समय शिव बाबू के परिवार में दो ही लोग थे. पहले शिव बाबू, और दूसरा उनका 14 साल का बेटा विकी. फिर एक दिन शिव बाबू ने मुझे अपने घर बुलाया.

मैं जब शिव बाबू के घर पहुँची, तो बिना किसी भूमिका और बात-चीत के शिव बाबू ने सीधा मुझे अपनी आगोश में भर लिया. वो मेरे गुलाबी रस्स-भरे होंठो का रस्स चूसने लगे. इतने बड़े आदमी को देख कर मैं कोई विरोध नही कर पाई. और मैने बस शिव बाबू के आयेज समर्पण कर दिया.

धीरे-धीरे शिव बाबू ने पहले मेरा ब्लाउस और ब्रा उतारे. फिर उन्होने मेरी चूचियो को मसला और सहलाया. उसके बाद वो चूचियो पर मूह लगा कर चूसने लगे. उनके चूचियो को सहलाने, मसालने और चूसने के साथ-साथ मैं भी सी-सी की आवाज़े करती रही, और मज़े लेती रही.

कहने को तो मैं अनमॅरीड थी, पर उस समय तक मैं बहुत सारे लंड से छुड़वा चुकी थी. फिर शिव बाबू मेरे सुंदर नंगे जिस्म से खेलते रहे, और मैं उनका भरपूर साथ देती रही. शिव बाबू के फोरप्ले से मेरी छूट पासीज गयी, और छूट से मदन रस्स टपकने लगा.

शिव बाबू एक नंबर के बुरछट्‍टे थे. मेरी छूट से मदन रस्स टपकते देख कर शिव बाबू ने अपना मूह मेरी बर पर लगा दिया. अब शिव बाबू मेरी बर चाट रहे थे, और बर चाटने के साथ वो कभी-कभी अपनी जीभ बर में घुसेध देते.

जब उनकी जीभ ग-स्पॉट से टच करती, तो मैं चहक उठती. बर चत्वाते-चत्वाते मैं काफ़ी गरम हो गयी थी, और किसी भी हालत में अब मुझे बर में लोड्‍ा चाहिए था. फिर मैने झटक कर शिव बाबू को छूट पर से हटाया, और उनके लंड को अपने नाज़ुक हाथो में लेके अपनी बर पर रगड़ने लगी.

मैं लंड को अपनी बर पर रग़ाद रही थी, और शिव बाबू जन्नत के द्वार को तलाश रहे थे. फिर शिव बाबू की साधना पूरी हुई, और उनके लंड को जन्नत का द्वार मिल गया. फिर ज़रा भी देर ना करते हुए शिव बाबू ने लोड्‍ा मेरी बर में धकेल दिया.

महीनो से शिव बाबू के लोड को बर के डरसन नही हुए थे. सो बर में समाते ही वो घमा-घाम चोट देने लगे. मुझे काफ़ी मज़ा मिल रहा था. लेकिन शिव बाबू का लोड्‍ा बर में ज़्यादा देर टिक नही पाया, और एक गूगली बॉल पर आउट हो गया.

शिव बाबू ने बर में गरमा-गरम वीर्या की धार छोढ़ दी, और एक तरफ लूड़क गये. और मैं तड़पति रह गयी. मैने अपनी बर में उंगली डाली, बैंगन डाले, लेकिन लंड का मज़ा नही मिल पाया. घर आके मैने अपने यार को बुलाया, और छूट छुड़वा कर अपने तंन-मॅन को शांति दी.

इस तरह का वाक़या पिछले 5 सालों से चल रहा था. आज अब मेरे पास धन-दौलत की कोई कमी नही रह गयी थी. मैं शिव बाबू की रखैल की तरह जीवन गुज़ार रही थी. पिछले दीनो की बात है. रूम में शिव बाबू मुझे छोड़ रहे थे, और उनका बेटा विकी हम लोगो की चुदाई देख रहा था.

वो हमारी वीडियो भी बना रहा था. विकी अब जवान हो चुका था. जब मैं छुड़वा कर रूम से बाहर आई, तब अचानक से विकी ने मुझे बाहो में जाकड़ लिया. मैं हड़बड़ा कर बोली-

मैं: अर्रे ये क्या कर रहे हो विकी बेटा? मुझे छोढ़ो, मैं तुम्हारी मा के समान हू.

लेकिन विकी जो वासना की आग में जल रहा था, वो बोला-

विकी: तुम मेरे पापा से चुड़वति हो. देखो ये वीडियो देखो, इसमे तुम दोनो की चुदाई है. अब मैं भी तुम्हे छोड़ूँगा.

मैं बोली: ऐसा नही करते बेटा. तुम मुझसे आधी उमर के हो. अपनी आगे की लड़कियो को दोस्त बनाओ, और खूब मज़े करो. मेरे साथ ऐसा मत करो.

लेकिन विकी ने मेरी एक ना सुनी. उसके तनने हुए लंड को मैं अपनी गांद पर महसूस कर रही थी. साथ ही विकी लगातार मेरी चूचियो को दबा रहा था और मसल रहा था. मैं बिल्कुल फ्रेश लंड से छुड़वाने की कल्पना में डूबती चली गयी, और मेरे तंन-मॅन में भी गर्मी आने लगी.

फिर मैं बोली: तुम्हारी यही मर्ज़ी है तो चल आराम से छोड़ ले मुझे.

फिर मैं विकी के साथ उसके कमरे में आ गयी. मेरे मॅन में एक बात आ रही थी, की वो कमसिन छ्होरा अभी वर्जिन था या पहले से बर छोड़ चुका था. मैं अपनी शंका का समाधान चाह रही थी, तो उससे पूच ही बैठी-

मैं: विकी ये तो बताओ, की पहले तुमने बर छोड़ी है, या मुझे ही पहली बार छोड़ने वाले हो?

विकी ने बताया: नही मैने आज तक बर नही देखी है.

मैं तो ये सुन कर काफ़ी रोमांचित हो उठी. इस उमर में वर्जिन बॉय से छुड़वाने को मिल रहा था. फिर मैने जल्दी-जल्दी विकी की पंत को उतार दिया, और उसके लंड को अपनी हथेलियों में लेस लिया. अभी मैने लंड पकड़ा ही था, की इतने में ज़ोर से विकी मुझसे लिपट गया, और आ आ आ करते हुए उसका वीर्या-पतन हो गया.

उसके लंड से निकली फुहार इतनी तेज़ थी, की वीर्या की फुहार बेड को पार करके सामने दीवार को भिंगो गयी. अब विकी कुछ देर के लिए शांत हो गया था, और शर्मिंदा हो रहा था. फिर मैं उसको बोली-

मैं: डॉन’त वरी बेटा, मुझे टवर खड़ा करने की महारत हासिल है. तुम बिल्कुल भी घबराव मत. मैं एक मिनिट में तुम्हारे टवर को खड़ा कर देती हू.

फिर मैने अपनी नाज़ुक हथेलियों से उसके लंड में हरकत दी, और लोड्‍ा फिरसे खड़ा होने लगा. 2 मिनिट भी नही लगे, और उसका लोड्‍ा फुकारने लगा. विकी को दर्र सता रहा था, की बिना बर में गये कही फिरसे उसका लोड्‍ा मुरझा ना जाए. इसलिए वो लोड्‍ा बर में डालने के लिए उछालने लगा.

मैने विकी की बेसब्री को पहचान लिया, और लोड को बर के मूह पर लगा लिया. विकी ने आव देखा ना टॉ, और उसने उछाल कर धक्का मारा और पूरा का पूरा लोड्‍ा एक ही बार में बर में पेल दिया. अब वो दे दाना दान उछाल-उछाल कर मुझे छोड़ने लगा.

विकी का लोड्‍ा एक दूं रोड की तरह खड़ा था, और साथ ही गरम भी था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे याद नही था, की इस तरह के लंड से कब मैने चुडवाई थी. विकी के ताबाद-तोड़ धक्को ने मेरी बर में जैसे तूफान ला दिया था.

मैं ठीक से साँस भी नही ले पा रही थी. वो ऐसे मेरी छूट में लंड अंदर-बाहर कर रहा था, जैसे मेरी बर में राजधानी मैल दौड़ रही हो. वर्जिन लोड से मैं छुड़वा रही थी. इसका रोमांच और ताबाद-तोड़ चुदाई से मुझे इतना मज़ा मिल रहा था, की मैं बता नही सकती.

विकी की पकड़ बेहद सख़्त हो चुकी थी, और मैं समझ गयी थी की अब उसकी विकेट गिरने वाली थी. मेरी बर का भी पानी बस छूटने ही वाला था. विकी आ आ आ करता हुआ पस्त हो गया, और उसके लंड का गरमा-गरम लावा मेरी बर को तृप्त कर गया.

फिर विकी ने मुझे छोढ़ा और मेरी बर का स्वाद लिया और बन गया सला बुरछट्टा मेरी बर का गुलाम. अब मैं इठला-इठला कर कहती फिरती हू, की मेरी मस्तानी बर के बाप-बेटा दोनो गुलाम है.

आज की कहानी यही तक फ्रेंड्स. कहानी अची लगे तो अपनी फीडबॅक आवश्या देना. अची ना लगे, तो सुझाव देना, की आपको क्या चाहिए. थॅंक्स तो ऑल ऑफ योउ. मेरी मैल ईद है: