2 बहनो के साथ सुहाग रात की सेक्सी स्टोरी

ही दोस्तों, मैं तेजस अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आपने पिछले पार्ट्स पढ़े होंगे, और आपको मज़ा भी आया होगा. अगर आपने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, तो प्लीज़ जाके पहले वो पढ़िए.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की मैने आरती के बाप को चुप करवाने के लिए कहा की मैं उसकी दोनो बेटियों से शादी करने को तैयार था. पर वो मान गया, और मेरी शादी आरती और सपना दोनो से हो गयी. फिर हमारी सुहग्रात शुरू हुई, और मैने दोनो के होंठो को जी भर कर चूसा. अब आयेज बढ़ते है.

सपना के होंठ चूसने के बाद मैं उसकी गर्दन चूमने लगा. फिर मैने उसकी पीछे हाथ डाला, और उसकी चोली की डोरी खोल दी. इससे उसकी चोली ढीली हो गयी. उसके बाद मैने सामने से उसकी चोली पकड़ी, और उसको उसके बदन से अलग कर दिया.

अब उसके ब्रा में काससे हुए दूध जैसे गोरे बूब्स मेरे सामने थे. मैने उसकी ब्रा को एक साइड से नीचे करके उसका एक बूब बाहर निकाला, और उसके निपल को मूह में डाल के चूसने लगा. वो मदहोश होने लगी, और आ आ करने लगी.

फिर मैने आरती की तरफ देखा, और उसको अपने पास बुलाया. आरती मेरे पास आई. मैने उसको घुमाया, और अपने मूह से उसकी चोली की डोरी भी खोल दी. बाकी काम उसने खुद कर दिया, और अपनी चोली और ब्रा निकाल कर अपने नंगे बूब्स मेरे सामने कर दिए.

अब मेरे सामने चार बूब्स थे. 2 सपना के, जो मेरे सामने लेती थी, और 2 आरती के, जो साइड में बैठी थी. फिर मैने आरती के रिघ्त बूब को अपने मूह में डाला, और उसको दबा कर चूसने लगा. मेरा दया हाथ सपना के बूब को दबा रहा था.

वो दोनो मदहोश हो रही थी. कुछ देर मैं ऐसे ही उन दोनो के बूब्स चूस्टा रहा. मैने उनके गोरे बूब्स के पिंक निपल्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया. फिर मैं लेती हुई सपना का पेट चूमने लग गया. वो मेरे सर को अपने पेट में दबाने लगी.

मैने सपना का घग्रा खींच कर निकाल दिया. अब वो खूबसूरत लड़की सिर्फ़ पनटी में थी. उसके बाद मैने आरती को अपनी बाहों में लिया, और उसके होंठ चूसने लगे. हम दोनो घुटनो पर खड़े किस कर रहे थे. किस करते-करते मैने उसकी गांद दबाई, और उसका भी घग्रा निकाल दिया.

अब दोनो बहने मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. मैं दोनो की छूट चाटना चाहता था, तो मैने दोनो को घुटनो के बाल आके घोड़ी बनने को कहा. अब वो दोनो बेड के कोने पर घोड़ियान बनी हुई थी, और मैं नीचे खड़ा था. अब मेरे सामने दो दूध जैसी लड़कियों की दूध जैसी गोरी गांद थी.

मैने दोनो हाथो को दोनो की गांद पर रखा, और उनके चूतड़ दबाए. दोनो की आ निकल गयी. फिर मैने दोनो की पनटी को निकाल दिया, और अब उनकी चिकनी छूट मेरे सामने थी. मैने सपना की गांद पर अपना हाथ रखा, और अंगूठे से उसकी छूट के दाने को सहलाने लगा.

दूसरी तरफ आरती की गांद में मैने अपना मूह डाल लिया, और उसकी छूट चाटने लग गया.

दोनो मस्त आहें ले रही थी, और मुझे उनकी छूटो के साथ खेल कर बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर में मैने अपनी पोज़िशन बदली, और सपना की छूट में अपना मूह लगा लिया. आरती की छूट को अब मैं अपने हाथ से सहला रहा था. दोनो की छूट पूरी गीली हो चुकी थी.

फिर मैने सपना का मूह अपनी तरफ घुमाया, और आरती का मूह दूसरी तरफ ही रहने दिया. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए. अब मेरा खड़ा लंड सपना के मूह के सामने था. मैने उसको इशारा किया, और उसने झट से मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया. आरती की छूट को मैं अभी भी सहला रहा था.

जब लंड सपना की थूक से गीला हो गया, तो मैने लंड निकाल कर आरती की छूट पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मारा. लंड उसकी सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया. तोड़ा खून भी निकालने लगा. लेकिन मैने परवाह ना करते हुए उसको छोड़ना शुरू कर दिया. आरती ज़ोर की आहें भर रही थी.

इधर सपना फिरसे घोड़ी बन कर बैठ गयी, और मैं उसकी छूट सहलाने लगा. अब मैं ज़ोर-ज़ोर से आरती की छूट में लंड अंदर-बाहर कर रहा था. कुछ देर में आरती की छूट से पानी निकल आया. मैने लंड उसकी छूट से निकाला, और जैसे ही लंड छूट से निकला, वो बेड पर तक कर गिर गयी.

अब बारी बड़ी बेहन की थी. मैने अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया, और एक ही धक्के में पूरा लंड छूट में उतार दिया. सपना ने ज़ोर की चीख मारी. उसकी छूट से भी खून निकालने लगा. आज मुझे 2 छूट की सील एक साथ तोड़ने का सौभाग्या मिला था.

फिर मैने अपने हाथ उसके सॉफ्ट-सॉफ्ट छूतदों पर रखे, और तेज़ी से धक्के मार कर उसको छोड़ने लग गया. वो आ आ कर रही थी, और मुझे उसकी छूट छोड़ कर बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर मैने ऐसे ही उसकी छूट छोड़ी, और उसका भी पानी निकल गया. फिर मैने उसको भी छ्चोढ़ दिया, और वो भी तक कर बेड पर गिर गयी.

अब मैं लंड हाथ में पकड़ कर मसालने लगा, और मैने बेड पर लेती हुई आरती को लंड को मूह में लेने का इशारा किया. वो झट दे बेड पर बैठ गयी, और मेरे लंड को मूह में लेके चूसने लग गयी. उसको अपनी और अपनी बेहन की छूट के पानी और खून का स्वाद आ रहा होगा.

मैने उसके सर के पीछे हाथ रखा, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ना शुरू कर दिया.

मैं अपना लंड उसके गले तक लेके जेया रहा था, और उसको चोक कर रहा था. उसके मूह से बहुत सारी थूक बह रही थी. फिर सपना भी अपना मूह खोल कर बैठ गयी, तो मैने लंड आरती के मूह से निकाला, और उसके मूह में डाल दिया. 10 मिनिट दोनो का मूह छोड़ने के बाद मैं अपने चरम पर पहुँच गया. फिर मैने अपने माल की पिचकारी उन दोनो के मूह पर निकाल दी.

उसके बाद मेरी हर रात सुहग्रात होने लगी, और हम तीनो खुशी-खुशी साथ रह रहे है.

दोस्तों कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेर करना ना भूले. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.