सेक्सी मा ने वॉशरूम में लगाई आग

ही फ्रेंड्स, मैं वरुण अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट को आप सब ने पढ़ा और पसंद किया, उसके लिए आप सब का धन्यवाद करता हू. जिन लोगों ने पिछला पार्ट अभी तक नही पढ़ा है, वो पहले उसको ज़रूर पढ़ ले.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरी मा हवस की आग में जल रही थी. और उसी आग को बुझाने के लिए वो मुझसे मिलना चाहती थी. लेकिन मुझे कुछ सूझ नही रहा था की मैं उनसे मिलने कैसे जौ.

फिर मेरे दोस्त से मुझे एक नाइट क्लब का आइडिया मिला, जहा आँखों पर मास्क लगा कर मिल सकते थे. तो मैने मा को उसी क्लब में आने को कहा. मा ने भी घर पर पापा से बहाना बना कर पर्मिशन लेली. अब आयेज बढ़ते है.

आज वो दिन आ गया था जिस दिन मैं अपनी मम्मी से कोई और बन कर मिलने जेया रहा था. मा घर से निकल चुकी थी. मा ने सिंपल से कपड़े पहने हुए थे. मैं सोच रहा था की मम्मी उन कपड़ों में तो क्लब जेया नही सकती थी. फिर मैने उनके हाथ में एक बाग देखा. मैने सोचा मा ने ज़रूर दूसरे कपड़े उस बाग में रखे होंगे.

फिर मा ने ऑटो किया, और घर से निकल गयी. मैं भी पापा को सोने का बोल कर अपने रूम में चला गया, और रूम अंदर से बंद करके खिड़की से पीछे की रोड पर चला गया. मैने बिके पहले से ही पीछे खड़ी कर रखी थी.

फिर मैं बिके पर बैठा, और मा के पीछे चल पड़ा. जल्दी ही मैने मा का ऑटो देख लिया, और उसको फॉलो करने लगा. मा क्लब वाली डाइरेक्षन में नही जेया रही थी, किसी और ही डाइरेक्षन में जेया रही थी. फिर मैने देखा मा का ऑटो एक माल के बाहर जाके रुका.

मा जल्दी से ऑटो से उतरी, और माल के अंदर चली गयी. मैने भी बिके साइड में लगाई, और मा के पीछे-पीछे माल के अंदर चला गया. मा सीधे अपना बाग लेके वॉशरूम की तरफ चली गयी. अब मैं अंदर कैसे जाता लॅडीस वॉशरूम के. लेकिन फिर भी मैने हिम्मत की, और दरवाज़ा खोल कर अंदर चला गया.

मेरी अची किस्मत की वाहा मा के अलावा कोई नही था. मा वाहा शीशे के सामने खड़ी होके खुले में अपने कपड़े उतारने लगी. वो मुझे देख ना ले, तो मैं जल्दी से एक कॅबिन में घुस गया, और अंदर से मा का नज़ारा देखने लगा. मा ने झट से अपने सारे कपड़े उतार दिए, और अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी.

क्या सेक्सी जिस्म था मा का. वो शीशे में खुद को उपर से नीचे देख रही थी, और मैं कॅबिन के अंदर से उनका उपर से नीचे देख रहा था. मैं ये सोच रहा था, की पता नही कैसे मम्मी खुले में नंगी होके खड़ी थी. फिर मैने सोचा ये लॅडीस वॉशरूम था. यहा कों सा जेंट्स ने आना था जो देखे जाने का दर्र होता उनको.

फिर मा घूम गयी, और मूड कर पीछे अपनी पीठ और गांद शीशे में देखने लगी. मुझे उनका फ्रंट दिख रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था, की जाके उनके बूब्स मसल कर खा जौ. फिर उन्होने बाग खोला, और अपने कपड़े निकालने लगी.

मा ने रेड कलर के कपड़े निकाले बीच में से. जब ड्रेस खोली, तो वो एक वन-पीस ड्रेस थी. फिर वो दोबारा झुकी, और उनके बूब्स लटकने लगे. उन्होने बाग में से ब्लॅक कलर की ब्रा और पनटी निकली. मैने नोटीस किया की उनकी ब्रा और पनटी नेट वाली थी.

पहले मा ने अपनी पनटी पहनी. वो पनटी पूरी टाइट थी, और पीछे से उनके छूतदों में घुस गयी. फिर उन्होने ब्रा पहनी, और पीछे हाथ करके उसका हुक लगाने लगी. मैं देख रहा था की मा की ब्रा इतनी टाइट थी की हुक नही लग रहा था. मा ने पीछे हाथ किए, और हुक लगाने की कोशिश करने लगी. इससे उसके बूब्स उभर कर दिख रहे थे.

क्या सेक्सी नज़ारा था दोस्तों मैं शब्दों में बयान नही कर सकता. हा कोशिश ज़रूर करूँगा. फिर मा ने अपनी रेड ड्रेस पकड़ी, और उपर से पहनने ली. ड्रेस टाइट थी, तो बॉडी पर मुश्किल से चढ़ रही थी. फिर खींच-खूंछ कर मा ने ड्रेस नीचे कर ली. और जब मा सीधी हुई, तो उनका मस्त फिगर ज़बरदस्त लग रहा था.

वो इतनी सेक्सी लग रही थी, की अची ख़ासी जवान लड़कियों को मॅट देदे. यहा पर मा सन्नी लीयोन जैसी लग रही थी. बस उनका शरीर उससे तोड़ा और भारी था. फिर वो अपने आप को दोबारा शीशे में देखने लगी. उन्होने अपने बाल ठीक किए, और होंठो पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाई.

इस टाइम मा एक हाइ क्लास सेक्सी रंडी लग रही थी. अगर वो धंधा करने लग जाती, तो एक ही रात में लखो कमा लेती. उसके बाद मा ने तोड़ा मेकप किया, और फिर बाहर चली गयी.

तभी मैं भी कॅबिन से बाहर आया, और गाते पर खड़ा होके इधर-उधर देखा की कही कोई लड़की या औरत वॉशरूम की तरफ आ तो नही रही थी.

वाहा कोई नही था, तो मैं जल्दी से बाहर आ गया. मा नीचे वाले फ्लोर तक पहुँच चुकी, और मुझे उपर से दिख रही थी. वो गांद मटक-मटक कर चल रही थी, और उन्होने हाइ हील्स संडले पहने थे. माल में घूम रहे सारे लड़के मा को मूड-मूड कर देख रहे थे.

फिर मैं भी जल्दी से नीचे आया, और मा के पीछे थोड़ी दूरी बना कर चलने लगा. मा माल से बाहर आ रही थी. वाहा पर वो ऑटो वाला अभी भी खड़ा था. शायद मा अंदर जाते वक़्त उसको बोल के गयी थी रुकने के लिए. मा फिर उस ऑटो में जाके बैठ गयी. ऑटो वाला उसको बोला-

ऑटो वाला: मेडम ऑटो खाली नही है. मैं किसी का इंतेज़ार कर रहा हू.

मा: अर्रे मैं ही तो बोल कर गयी थी तुम्हे, वेट करने के लिए.

ये सुन कर ऑटो वाले ने मम्मी को ध्यान से देखा. वो हैरान हो गया मम्मी का बदला हुआ रूप देख के. अब आप ही सोचिए की मम्मी क्या बन कर घर से निकली थी, और माल से क्या बन कर ऑटो में वापस बैठी थी.

फिर वो चल पड़े क्लब की तरफ, और मैं उनके पीछे बिके पर चल पड़ा.

इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.