सहेली ने दिया फिंगरिंग का अद्भुत अनुभव

हेलो फ्रेंड्स, मैं फिरसे आपके सामने अपनी कहानी का नेक्स्ट पार्ट लेकर आ गयी हू. मेरी लास्ट कहानी ज़रूर पड़े. पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरी फ्रेंड श्रेया ने मुझे उसके और उसके ब्फ के किस की सेल्फिे दिखाई थी अपने फोन पर.

श्रेया: अर्रे बस कर, पूरा अंदर ही घुस जाएगी क्या? हिहीही.

मैं तोड़ा हड़बड़ा गयी, और मेरा चेहरा पूरी तरह लाल हो चुका था. मेरी साँसे कंट्रोल से बाहर हो रही थी. ये मेरे लिए फर्स्ट टाइम था, जब मैने इस तरह से किसी की किस करते हुए फोटो देखी थी.

लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे मैं वाहा खुद प्रेज़ेंट थी. वैसे फ़िल्मो में मैने किस देखे थे. लेकिन वो आक्टर आक्ट्रेस के बीच किस देखने से वो उत्तेजना नही होती, जितनी किसी अपने को देख कर होती है.

पूरा दिन मेरी आँखों के सामने वही फोटो घूमती रही की कैसे उन दोनो ने एक-दूसरे को पकड़ा था, और कैसे वो दोनो चिपके हुए थे, और कैसे उनके होंठ एक-दूसरे से मिले हुए थे. मेरे लिए अब पढ़ाई में ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा था, और समझ नही आ रहा था की क्या करू.

रात को सोने के लिए बेड पर तो थी मैं. मगर नींद तो डोर-डोर तक नही थी. मेरा बदन बहुत ताप रहा था, जैसे की मुझे बुखार हो. ये मेरे लिए भी पहली बार था, की मुझे खुद समझ नही आ रहा था की मुझे ये सब क्या हो रहा था.

मुझे अपने बदन पर कपड़े बिल्कुल भी आचे नही लग रहे थे. ऐसा लग रहा था की ये नरम से कपड़े भी कांतो की तरह चुभ रहे थे. वैसे मैं नॉर्मली अपने रूम का गाते बंद रखती हू सोते टाइम, लेकिन कभी लॉक नही करती.

आज मुझे ना जाने क्या हुआ की रात के 12 बजने को आए, फिर भी नींद का नामो-निशान नही था. मैं वाहा से उठी, और रूम का गाते अंदर से लॉक कर लिया. फिर बेड पर आती हुई अपना त-शर्ट उतरा और बेड पर ही फेंक दिया.

अब मैं बेड पर बिना त-शर्ट के बस पिजामा और पनटी पहने हुए लेट गयी. तभी मेरे फोन में एक वाइब्रेशन हुआ. जब मैने फोन देखा तो श्रेया का मेसेज था.

श्रेया: सो गयी हो या अभी भी जागी हुई हो?

मैं श्रेया का मेसेज देख कर खुद को मुस्कुराने से रोक नही पाई: नही यार, नींद ही नही आ रही है

श्रेया: क्यूँ क्या हुआ?

गरिमा: पता नही यार, लेकिन कुछ अछा नही लग रहा. बॉडी गरम है काफ़ी, और ऐसे लग रहा है जैसे बुखार हो.

श्रेया: ऑश, अर्रे पागल मुझे लगता है तुझे कोई बुखार नही है.

गरिमा: क्यूँ? तुमको ऐसा क्यूँ लगता है?

श्रेया: अछा फेले एक बात बता? तूने ये तो बता दिया की तेरी बॉडी गरम है. लेकिन क्या तुझे अकेला-अकेला लग रहा है? क्या तुझे खुल्ला-खुल्ला रहने के मॅन कर रहा है?

गरिमा: हा यार, ऐसा लग रहा है की किसी से चिपक जौ. तभी तो तेरे से बार करते हुए भी तकिये (पिल्लो) से पूरी तरह से चिपकी हुई हू. और ये जो कपड़े मुझे सबसे कंफर्टबल लगते थे, वही आज मुझे काटने लगे है.

श्रेया: तभी मैं बोली ना की ये फीवर नही है. ये प्यार की गर्मी है. ये बदन की गर्मी है जो ठंडा होना चाहती है.

गरिमा: तो अब मैं क्या करू? कुछ समझ नही आ रहा.

श्रेया: चल ठीक है. मैं जैसे बोलती हू वैसे करती जा, ठीक है?

श्रेया ने ये बोल तो दिया था, की जैसे मैं बोलती जौ वो करती जेया. लेकिन मेरी उस टाइम पूछने की बिल्कुल भी ना तो हिम्मत थी, और ना ही मॅन था, की उसको कोई सवाल पूचु की क्या बोल रही थी करने को. मैने बस उसकी हा में हा मिलनी ठीक समझी.

गरिमा: ठीक है, बता क्या करू?

श्रेया: पहले ये कर की अपनी त-शर्ट और पिजामा उतार. या फिर पहले से ही उतरा हुआ है? लॉल.

गरिमा: हा यार, गर्मी लग रही थी, तो मैने त-शर्ट उतार दी थी. लेकिन पिजामा पहना हुआ है.

श्रेया: हिहिहीही, कमीनी, तेरी प्यार की गर्मी ने तुझे आधा नंगा तो पहले से ही कर दिया है.

अब मैने अपना पिजामा भी उतार कर साइड में फेंक दिया, और अब मैं पनटी में आ गयी. फिर वापस हाथ में फोन उठाया. तब तक उसका कॉल आ चुका था वो भी वीडियो कॉल.

मेरा दिल बहुत तेज़ धक-धक कर रहा था, और मुझे समझ नही आ रही थी की कॉल उतोऊ या ना उतोऊ. एक तरफ मेरे बदन की गर्मी मुझे कॉल उठाने के लिए उकसा रही थी, और वही दूसरी तरफ मेरी शरम थी की मुझे रोक रही थी, और चिल्ला कर बोल रही थी की रुक जेया.

एक तरफ मेरा दिमाग़ मुझे रोक रहा था. वही दूसरी तरफ मेरी छूट रो-रो कर मुझसे दुहाई माँग रही थी. फिर मैने सोचा की लाइट तो ऑफ थी तो शायद दिख नही पौँगी. इसलिए उठा लेती हू. और मैने काँपते हाथो से कॉल उठा ली.

तभी मैने जो देखा, मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, और मेरी छूट में जो सनसनाहट हुई, मैं वो बता नही सकती थी. मेरे सामने श्रेया बेड पर लेती हुई थी, और अपने बूब्स से खेल रही थी. मैने ये कभी नही सोचा था की मेरी बेस्ट मेरे सामने बिना ब्रा के अपने बूब्स से खेल रही होगी, और मैं उसको देख रही होंगी.

श्रेया: ऐसे क्या देख रही है? तेरे पास भी तो है ना. और ये लाइट क्यूँ ऑफ है तेरी? ओं कर जल्दी से.

श्रेया की इस बात से मुझे समझ नही आया की मैं क्या करती. बस ना-जाने क्यूँ मैं उसकी बात मानती चली गयी, और मैने रूम की लाइट ओं कर दी. मेरे बूब्स उसको दिख रहे थे, लेकिन मैं पूरी तरह से दिखना नही चाह रही थी उसको, तो बस उपर-उपर से दिख रहे थे.

श्रेया: चल अब मुझे देख, और मैं जैसे करती हू मेरे पीछे वैसे ही करती जाना.

मेरे पास उसकी बात मानने के अलावा कोई और रास्ता नज़र नही आ रहा था. मुझे नही समझ आ रहा था, की क्या ग़लत था, और क्या सही. बस मैं अपने होश खो चुकी थी.

श्रेया ने अपने बूब्स को मुझे दिखा कर मसलना शुरू कर दिया, और मैं भी बस किसी बेखुदी में खोई हुई उसके बूब्स को देखते हुए दबाने लग गयी. वो मुझे अपने बूब्स को दिखा-दिखा कर दबा रही थी, कभी ज़ोर से, तो कभी धीरे. और फिर कुछ सेकेंड्स रुक कर मुझे देखती. मानो कह रही हो की मैं भी उसी की तरह करू.

अब मेरे दिमाग़ में शरम और हवस का मिला-जुला रूप चल रहा था. मेरी धड़कन रॉकेट से भी तेज़ भाग रही थी, साथ ही पेट में गुदगुदी से मच रही थी.

जैसे ही मैने मोबाइल अपने बूब्स की तरफ घुमाया, और अपने बूब्स को ठीक वैसे ही दबाने की कोशिश करने लगी जैसे श्रेया ने किया था. वैसे ही मेरे पुर बदन में सिरहन सी करेंट की तरह फैल गयी, और मेरी छूट से मानो कुछ तेज़ी से बाहर आने को हो रहा था. लेकिन समझ नही आ रहा था की क्या.

मैने मोबाइल की तरफ फिरसे देखा जिसमे श्रेया फिरसे अपने बूब्स को दबा रही थी, और अपने बूब्स को उपर की तरफ ला कर किस कर रही है. ये सब कुछ मेरे लिए बहुत नया था. लेकिन साथ सी साथ बहुत ही एग्ज़ाइटेड भी. और मैं पूरी तरह से उसमे डूबी हुई थी.

श्रेया के बूब्स का साइज़ मुझसे बड़ा था, और इस बात से मुझे अजीब सी जलन होने लगी. क्यूंकी उसके बूब्स बड़े होने से वो अपने पुर हाथ से दबा रही थी, और वो उसके हाथ के बराबर थे. लेकिन मेरे साथ ऐसा नही था. मेरे बूब्स उससे छ्होटे होने से, वो मेरे हाथ से पूरी तरह दबा रहे थे, लेकिन अगर थोड़े और बड़े होते तो मेरा पूरा हाथ भर जाता.

यू ही हम एक-दूसरे को देखते हुए अपने बूब्स दबा रहे थे, और मेरे कानो में लगातार श्रेया की आवाज़ आ रही थी, जो उत्तेजना के साथ-साथ बाद रही थी.

श्रेया: आहह ज़ोर से दब्ाओ एयाया एस उफफफ्फ़.

मुझे नही पता था की ये आवाज़ मेरे कानो में इतनी मनमोहक लगेगी. लेकिन मैं भी जब-जब ये आवाज़ सुनती, और अपने बूब्स को तोड़ा ज़ोर से दबाती, तो बहुत अछा लगता. मेरे मूह से सिसकारी निकल जाती, जो शायद मैं नही चाहती थी. लेकिन मेरे मूह से खुद ही निकालने लगी, और मेरा उस पर कोई कंट्रोल नही था.

तभी श्रेया ने अपने फ्रंट कॅमरा को बॅक कॅमरा कर दिया. मैं समझ नही पाई की वो क्या करना चाह रही थी. लेकिन अगले ही पल मेरा पूरा शरीर सन्न सा रह गया, जब मैने नज़ारा देखा तो.

श्रेया ने मोबाइल अपने बूब्स पर रख दिया, जहा से मुझे उसका सपाट पेट सॉफ दिखाई दे रहा था, और उसके नीचे उसने एक रेड पनटी पहनी हुई थी. श्रेया ने अपनी टांगे थोड़ी फैला रखी थी हल्की सी, और फिर मुझे उसका हाथ पेट पर जाता हुआ नज़र आया. मेरे कानो में आवाज़ पड़ी.

श्रेया: तुम भी इसी तरह से कर लो अपना मोबाइल.

मैं भी बिना सोचे-समझे उसकी बात मान गयी और सीधा लेट गयी. इससे उसको भी मेरी ब्लू पनटी सॉफ दिखनी शुरू हो गयी. मेरी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी, जिससे मेरा सीना उपर-नीचे और मेरा पेट अंदर बाहर हो रहा था. अब मैने जब श्रेया की तरफ देखा, तो उसने अपना एक हाथ अपनी पनटी के अंदर घुसा दिया, और हल्के से घूमने लगी. फिर मुझसे भी ऐसे ही करने को बोला.

मैने भी जब पनटी के अंदर हाथ डाला, तो मेरा हाथ मानो की पानी के बर्तन में डाला हो, उतना भीग गया. मैं समझ नही पाई की इतना सारा पानी कहा से आ गया. कही मैने यही पर सस्यू तो नही कर दिया. मुझे फिर श्रेया ना बताया-

श्रेया: भीगी हुई है ना? चिंता मत कर, ये कोई सस्यू नही बल्कि तेरी जवानी का रस्स है. सब का आता है, ये देख.

ये बोलते हुए उसने मुझे अपनी पनटी की तरफ दिखाया. उसकी भी उंगलियाँ ऐसे ही भीगी हुई थी. मुझे अपनी छूट पर इस तरह से हाथ रखना बहुत अछा लग रहा था.

श्रेया: अब धीरे-धीरे इसे ऐसे घुसा, जैसे मैं घुसा रही हू. सबसे उपर वाले एरिया में. धीरे से गोल-गोल.

उसकी बातों ने जैसे मुझे खींच लिया हो. मैं भी वैसे ही करने लगी, जैसे वो बोल रही थी. ये मेरे लिए बहुत ही नया था, लेकिन जैसे ही मैने फर्स्ट टाइम मेरी छूट पर हाथ रखा, मेरी पूरी बॉडी में सिरहन दौड़ गयी. अब मैं वैसे ही करने लगी, जैसे मुझे श्रेया बोल रही थी, और मेरे आनंद की कोई सीमा ही नही हो.

धीरे-धीरे हाथ घूमते हुए मुझे 5-7 मिनिट्स ही हुए थे, की एक तरफ तो ये मेरे हाथ से उत्तेजना, और दूसरी तरफ से श्रेया की वो सिसकारियाँ मुझे पूरी तरह से घायल कर रही थी. फिर मेरी छूट से फावरा निकला जो मेरे पुर बेड और उछाल गया.

मेरी आँखों के सामने एक अंधेरा फैल गया और शायद अगले 1 मिनिट तक मेरी आँख भी नही खुली. मैं आनंद के समंदर में गोते लगा रही थी, और उसी की लहरें मुझे मज़ा दे रही थी. मेरे लिए ये ऐसा पहला अनुभव था.

जब मुझे होश आया तो मैने आँखें खोली. सामने श्रेया मुझे देख कर हस्स रही थी, और मैं उसे देख के शरम से पानी-पानी हो रही थी. मैं कुछ बोलती, उससे पहले ही उसने बोला-

श्रेया: सॉफ कर ले ये सब. और इस बारे में कल आराम से बात करेंगे. गुड नाइट मेरी जान.

इतना बोल कर उसने फोन कट कर दिया. मैने भी सोचा की चलो जल्दी से ये सब सॉफ कर लेती हू, और सो जाती हू.

जब मैने उठ कर देखा तो मेरी पूरी बेडशीट भीगी हुई थी, और मुझे ज़रा भी होश नही था. मैने जल्दी से बेडशीट को हटाया, और बातरूम में रख दिया. मैने सोचा सुबा वॉशिंग मशीन में डाल दूँगी. फिर जल्दी बातरूम जेया कर अपनी बॉडी सॉफ की.

मेरी पनटी मेरी छूट के रस्स से पूरी तरह भीगी हुई थी, जैसे कोई गुलाब-जामुन चाशनी से भीगा हुआ होता है. अब मैने ऐसे ही बिना कपड़ो में सोने का सोचा, और गहरी नींद में सो गयी.

मैं चाहती हू की आपके पास मेरे लिए कोई सजेशन या कोई मेसेज हो. या फिर मेरी तारीफ, चाहे किसी बहाने से भी मुझसे बात करनी हो, तो मुझे ज़रूर मेसेज करे गरिमएक्शपलोर्ेस@गमाल.कॉम.

नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए की कैसे मैं इस नये अनुभव के साथ आयेज बढ़ी, और आयेज क्या-क्या हुआ. मेरी टाइपिंग में या कुछ लिखने में ग़लती हुई हो, तो मुझे माफ़ करे.